सोमवार, 26 मई 2014

सावधान ! सस्ते के नाम पर परोसा जा रहा है जहर

बेलगिरी तथा शिकंजी के नाम पर पिलाया जा रहा कैमिकलयुक्त जूस
पाऊडर से तैयार किया जाता है बेलगिरी तथा आम का जूस
प्रवासी मजदूरों ने डाला शहर में डेरा, जगह-जगह लगाई जूस की रेहडिय़ां
स्मेक में प्रयोग होने वाले केमिकल से तैयार होता है बेलगिरी का जूस

नरेंद्र कुंडू 
जींद। सावधान! यदि आप गर्मी के मौसम में बेलगिरी, शिकंजी, मैंगोशेक से गला तर करने की सोच रहे हैं तो आपको सतर्क रहने की जरूरत है। जूस के नाम पर आपको खुले में जहर पिलाया जा रहा है। इन दिनों शहर में खुलेआम लोगों को केमिकल युक्त जूस पिलाकर लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है लेकिन स्वास्थ्य विभाग इस तरफ कोई कदम नहीं उठा रहा है। शहर में भारी संख्या में प्रवासी मजदूरों ने डेरा
डाला हुआ है जो खुलेआम इस काम को अंजाम दे रहे हैं। यह प्रवासी मजदूर लोगों को यह जहर पिलाकर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं।

फलों की कीमत ज्यादा लेकिन जूस की कीमत कम

दुकानदार द्वारा केमिकल से तैयार करके दिखाया गया केमिकलयुक्त जूस।
बाजार में इन दिनों बेलगिरी 60  रुपये किलो तथा आमों की कीमत 80 से 100 रुपये किलो बिक रहे हैं। ऐसे में शहर में महज 10 रुपये में बेलगिरी का जूस या मैंगो शेक पिलाना कई तरह के सवालों को जन्म देता है। घरों में एक किलो बेलगिरी तथा आम में मुश्किल से तीन या चार गिलास जूस बनता है। ऐसे में इतने तामझाम के साथ यह रेहड़ी चालक कैसे दुकान चला रहे हैं। ऐसे में सवाल यह खड़ा हो रहा है कि यह रेहड़ी चालक ज्यादा कीमत पर फल खरीदकर कम कीमत में लोगों को कैसा जूस पिला रहे हैं।

खुद देखा केमिकल से जूस तैयार करने का लाइव

खुद अपनी आंखों से केमिकल से जूस तैयार करने का लाइव देखा।
एक रेहड़ी चालक ने पॉलीथिन से एक सफेद पाऊडर नूमा केमिकल निकाला और थोड़ा सा पाऊडर संवाददाता के हाथ पर रखकर पाऊडर पर थोड़ा सा पानी डालकर पाऊडर को उंगली से रगडऩे को कहा, जैसे-जैसे संवाददाता ने पाऊडर को उंगली से रंगड़ा तो पाऊडर ने चिपचिपे तरल पदार्थ का रूप धारण कर लिया। इसके बाद इसको बेलगिरी व मेंगोशेक का रूप देने के लिए इसमें थोड़ा सा पीला कलर डाला गया। महज पांच मिनट की प्रक्रिया के बाद बेलगिरी का जूस तैयार था।

स्मैक में प्रयोग होने वाले पाऊडर से तैयार होता है जूस

बेलगिरी तथा मैंगोशेक तैयार करने में प्रयोग होने वाला यह कैमिकल ज्यादातर साहरनपुर (यूपी) से सप्लाई होता है। सूत्रों की मानें तो इस केमिकल से स्मैक पर पॉलिस चढ़ाई जाती है लेकिन यहां पर इस पाऊडर का इस्तेमाल बेलगिरी का जूस तथा मेंगो शेक तैयार करने में किया जाता है। इस पाऊडर को पानी के बर्तन में घोला जाता है। इससे यह जूस तैयार हो जाता है और इस जूस को बेलगिरी या मेंगो शेक का रंग देने के लिए इसमें पीले रंग का पाऊडर मिलाया जाता है। इतना ही नहीं जूस को मीठा करने के लिए चीनी का प्रयोग नहीं किया जाता। चीनी के स्थान पर जूस को स्क्रीन नामक केमिकल का प्रयोग किया जाता है। यह केमिकल सेहत के लिए बेहद खतरनाक माना जाता है। यहां एक खास बात यह भी है कि इस समय सड़क के किनारे जूस की रेहडिय़ां लगाने वालों में सबसे ज्यादा संख्या यूपी के प्रवासी मजदूरों की है।
वह केमिकल जिससे बेलगिरी का जूस तथा मेंगो शेक तैयार किया जाता है।

केमिकल का जूस पिलाकर ले रहे हैं मोटा मुनाफा

एक किलो पाऊडर से 80 लीटर केमिकल युक्त जूस तैयार हो जाता है और एक किलो केमिकल की कीमत महज 200 से 400 रुपये होती है। 80 लीटर जूस में बर्फ इत्यादि मिलाकर यह रेहडी चालक 150 ग्राम के लगभग 550  गिलास जूस तैयार कर लेते हैं। एक गिलास जूस की कीमत 10 रुपये होती है। इस प्रकार यह रेहड़ी चालक महज 200 से 400 रुपये खर्च कर 5500 रुपये की आमदनी करते हैं। जूस को मीठा करने के लिए इसमें चीनी के स्थान पर स्क्रीन नामक केमिकल मिलाया जाता है। एक किलो स्क्रीन की कीमत महज 150 रुपये है और एक किलो स्क्रीन से लगभग 40 लीटर पानी मीठा हो जाता है। इस प्रकार यह रेहड़ी चालक लोगों को खुलेआम जहर पिलाकर मोटा मुनाफा कमाते हैं।

फूड सेफ्टी इंस्पेक्टर एनडी शर्मा से सीधे सवाल

सवाल : शहर में खुलेआम जूस की आड़ में लोगों को जहर परोसा जा रहा है आप कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे।
जवाब : अभी मैं बाहर गया हूं। वापिस लौटने के बाद टीम के अन्य सदस्यों से इस बारे में बातचीत कर आगामी कार्रवाई की जाएगी।
सवाल : अभी तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई।
जवाब : इस बारे में अभी तक किसी ने उन्हें शिकायत नहीं की थी।
सवाल : कुछ दुकानदारों का कहना है कि उन्होंने कई बार इस मामले में शिकायत की है।
जवाब : अभी तक मेरे नोटिस में मामला नहीं आया अगर शिकायत आई है तो इसके बारे में टीम के दूसरे सदस्यों से पूछा जाएगा।
सवाल : तो अब क्या कार्रवाई होगी।
जवाब : कल से टीम के दूसरे सदस्यों के साथ प्लानिंग तैयार कर चेकिंग अभियन चलाया जाएगा।


शहर में सड़क किनारे लगी बेलगिरी के जूस की रेहडिय़ां। 

शहर में सड़क किनारे लगी बेलगिरी के जूस की रेहडिय़ां। 

शहर के रानी तालाब पर लगी शिकंजी की रेहड़ी। 






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