जींद जिले के किसानों को कीट ज्ञान का पाठ पढ़ाएंगे कीट कमांडो किसान

जिले के पांच ब्लॉकों में चलेंगी किसान खेत पाठशालाएं
कृषि विभाग और कीट कमांडो किसान चलाएंगे पाठशालाएं

नरेंद्र कुंडू 
जींद। थाली को जहरमुक्त बनाने के लिए जिले के लगभग एक दर्जन गांवों में चल रही कीट ज्ञान की मुहिम अब जिले के दूसरे गांवों में भी फैलेगी। कीट ज्ञान की इस मुहिम से जुड़े कीट कमांडो किसान कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर जिले के दूसरे गांवों के किसानों को भी कीटों का ज्ञान देंगे। इसके लिए इस बार कृषि विभाग ने जिले के कॉटन बैल्ट के पांच ब्लॉकों का चयन किया है। कृषि विभाग द्वारा इन पांचों ब्लॉकों में सप्ताह में एक दिन किसान खेत पाठशाला का आयोजन किया जाएगा। सभी पाठशालाओं के लिए अलग-अलग दिन निर्धारित किए जाएंगे। कीट कमांडो किसान इन पाठशालाओं में मास्टर ट्रेनर के तौर पर शिरकत कर किसानों को कीटों की पहचान तथा उनके क्रियाकलापों के बारे में बारिकी से जानकारी देंगे। इन पाठशालाओं की एक खास बात यह भी होगी कि इन पांच पाठशालाओं में एक पाठशाला महिला किसानों की भी होगी।
फसलों में अंधाधुंध प्रयोग हो रहे कीटनाशकों के कारण दूषित हो रहे वातावरण तथा खान-पान को दूषित होने से बचाने के लिए वर्ष 2008  में जिले के निडाना गांव में डॉ. सुरेंद्र दलाल के नेतृत्व में निडाना तथा आस-पास के गांवों के किसानों ने कीट ज्ञान की मुहिम की शुरूआत की थी। यहां के किसानों ने फसलों में पाए जाने वाले शाकाहारी तथा मांसाहारी कीटों की पहचान कर फसल पर पडऩे वाले उनके प्रभाव पर भी बारिकी से शोध किया। किसानों द्वारा पिछले 5 -6  वर्षों से कीटों पर किये जा रहे शोध में एक मुख्य बात यह निकलकर सामने आई की किसानों द्वारा कीटनाशकों का प्रयोग कर बिना वजह बेजुबान कीटों को मारा जा रहा है। जबकि इन कीटों को मारने की कोई जरूरत ही नहीं है। क्योंकि पौधे समय-समय पर अपनी जरूरत के अनुसार भिन्न-भिन्न किस्म की सुगंध छोड़कर अपनी सुरक्षा के लिए कीटों को बुलाते हैं और कीट तो फसल का उत्पादन बढ़ाने में मुख्य सहायक की भूमिका निभाते हैं। ऐसे में किसान बिना जानकारी के इन बेजुबान कीटों की हत्या कर पाप के भागी बन रहे हैं और साथ की साथ वातावरण तथा खान-पान को भी जहरीला बना रहे हैं। अब इन किसानों ने इसी मुहिम के साथ जिले के अन्य किसानों को भी जोडऩे का निर्णय लिया है। इस मुहिम को जिले के अन्य किसानों तक पहुंचाने में कृषि विभाग इनका माध्यम बना है। कृषि विभाग द्वारा जिले के पांच ऐसे ब्लॉकों का चयन किया गया है जहां कपास का उत्पादन होता है। कृषि विभाग इन पांचों ब्लॉकों में सप्ताह में एक-एक दिन किसाना पाठशालाओं का आयोजन करेगा और यह पाठशालाएं लगभग 18 से 20 सप्ताह तक चलेंगी। सभी पाठशालाओं के लिए अलग-अलग दिन निर्धारित किये जाएंगे। इसकी एक खास बात यह भी रहेगी कि इन पांच पाठशालाओं में एक पाठशाला महिलाओं की भी चलाई जाएगी। इसके लिए कृषि विभाग ने पूरी योजना तैयार कर उच्च अधिकारियों से भी इसकी मंजूरी ले ली है जल्द ही इस योजना को अमलीजामा पहना दिया जाएगा।

किसानों के साथ सांझा करेंगे अपने अनुभव

किसान खेत पाठशालाओं में कीट कमांडो किसान मास्टर ट्रेनर के तौर पर शिरकत करेंगे। इस दौरान उनके साथ उस ब्लॉक के दो कृषि अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। पाठशाला में मास्टर ट्रेनर किसान अन्य किसानों के साथ अपने अनुभव सांझा करेंगे और किसानों को फसल में पाए जाने वाले मांसाहारी तथा शाकाहारी कीटों की पहचान तथा उनके क्रियाकलापों के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। इस दौरान कीट कमांडो किसान अन्य किसानों को यह भी बताएंगे कि कीट आखिर हमारी फसल में क्यों आते हैं और यह किस तरह से उत्पादन बढ़ाने में सहायक हैं।

कहां-कहां चलेंगे किसान खेत पाठशालाएं
ब्लॉक का      नाम गांव का नाम

जींद निडाना (महिला पाठशाला)
जुलाना किनाना
अलेवा अलेवा
उचाना बड़ौदा
सफीदों मुआना

 किसान खेत पाठशाला का फाइल फोटो। 



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