शनिवार, 21 जून 2014

अर्जुन स्टेडियम पर आज भी लगी हुई है आचार संहिता

राष्ट्र स्तरीय शूटिंग प्रतियोगिता के लिए प्रशासन नहीं दे रहा अनुमति

प्रशासन के नकारात्मक रवैये से आयोजकों में छाई निराशा
आचार संहिता खत्म होने के बाद भी स्टेडियम की बिल्डिंग पर कब्जा जमाए हुए है प्रशासन
खिलाड़ी भी नहीं कर पा रहे हैं अभ्यास
नरेंद्र कुंडू  
जींद। चुनाव आचार संहिता खत्म हुए एक माह से भी ज्यादा का समय बीत चुका है लेकिन शहर के अर्जुन स्टेडियम में आज भी आचार संहिता लगी हुई है। पिछले तीन माह से अर्जुन स्टेडियम के हॉलों पर आज भी प्रशासन कब्जा जमाए बैठा है, जिस कारण खेल गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं और खिलाड़ी अच्छे तरीके से अभ्यास नहीं कर पा रहे हैं। वहीं अर्जुन स्टेडियम पर प्रशासन का कब्जा होने के चलते प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा एक प्रतिष्ठित संस्था को स्टेडियम में शुटिंग प्रतियोगिता के आयोजन के लिए अनुमति भी नहीं दी जा रही है। प्रतियोगिता के आयोजन के लिए अनुमति देना तो दूर प्रशासनिक अधिकारी संस्था के पदाधिकारियों से ठीक से बात भी नहीं कर रहे हैं। संस्था के पदाधिकारी कई दिनों से स्टेडियम में राष्ट्र स्तरीय 10 मीटर ओपन एयर पिस्टल व राईफल शूटिंग प्रतियोगिता के आयोजन के लिए अनुमति लेने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों के कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं लेकिन संस्था के पदाधिकारियों का आरोप है कि प्रशासनिक अधिकारी उनसे सीधे मुंह बात भी नहीं कर रहे हैं। 
वंदेमातरम प्रतिष्ठान के संयोजक अमित निडानी ने शुक्रवार को पत्रकार वार्ता में इस मामले का खुलासा करते हुए बताया कि वंदेमातरम प्रतिष्ठान द्वारा जिले में शुटिंग की खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा देने के लिए जुलाई माह में जींद के अर्जुन स्टेडियम में राष्ट्र स्तरीय 10 मीटर एयर पिस्टल व राईफल की शूटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया जाना है। निडानी ने बताया कि जींद जिले में शूटिंग प्रतियोगिता का आयोजन करने का उनका मुख्य उद्देश्य जींद जिले के माथे से पिछड़ेपन के दाग को मिटाकर यहां से शूटिंग के नए खिलाड़ी तैयार करना है। निडानी ने बताया कि इस प्रतियोगिता में कई अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी भी भाग लेंगे। जींद के इतिहास में पहली बार इतनी बड़ी प्रतियोगिता के आयोजन का अध्याय जुडऩे जा रहा है लेकिन यह जींद का दुर्भाग्य है कि जींद का जिला प्रशासन इस आयोजन के बीच में रोड़ा बन रहा है। निडानी ने कहा कि प्रतियोगिता के आयोजन के लिए उन्हें स्टेडियम के हाल की जरूरत है और हाल के अंदर ही प्रतियोगिता का आयोजन होना है लेकिन जिला प्रशासन स्टेडियम के हॉल में उन्हें प्रतियोगिता के आयोजन की अनुमति नहीं दे रहा है। निडानी ने बताया कि प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि इन हॉलों में बीते लोकसभा चुनाव में ईवीएम मशीनें रखने के लिए स्ट्रांग रूम इत्यादि बनाए गए थे, जिन्हें वह अब प्रशासन तोडऩा नहीं चाहता है और इन स्ट्रांग रूमों को विधानसभा चुनाव के लिए सुरक्षित रखना चाहते हैं। प्रशासन के इस रवैये के कारण यहां खेल प्रतिभाएं तो प्रभावित हो रही हैं साथ-साथ प्रतियोगिता के आयोजन में भी पेंच बन गया है। अमित निडानी ने आरोप लगाया कि वह स्टेडियम में प्रतियोगिता के आयोजन के लिए जिला खेल अधिकारी तथा एसडीएम से मिल चुके हैं लेकिन उक्त दोनों अधिकारी इसे अपने बस से बाहर की बात बता रहे हैं। इसके अलावा वह डीसी राजीव रतन तथा सिटीएम से भी मिलने के लिए बार-बार उनके कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं लकिन डीसी और सिटीएम उन्हें मिलने के लिए समय ही नहीं दे रहे हैं। इस अवसर पर उनके साथ निशानेबाजी के प्रशिक्षक नवीन चौहान, सोनू धीमान, नवनीत श्योराण, जगदीप ङ्क्षसह, अजय व पवन सैनी भी मौजूद थे। 
 वोटों की गिनती के बाद भी स्टेडियम के हाल पर लटक रहे ताले।

मंजूरी नहीं मिली तो सड़क पर उतर कर प्रशासन के खिलाफ करेंगे प्रदर्शन 

वंदेमातरम प्रतिष्ठान के संयोजक अमित निडानी ने कहा कि यदि प्रशासन ने उन्हें स्टेडियम में शूटिंग प्रतियोगिता के आयोजन की मंजूरी नहीं दी तो वह जिले के सभी खिलाडिय़ों के साथ सड़क पर उतरकर प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे और अपनी मांग को मुख्यमंत्री तक पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी भेजा जाएगा। 

ऐसे में कैसे तैयार होंगे अभिनव बिंद्रा और गगन नारंग

अमित निडानी तथा निशानेबाजी के प्रशिक्षक नवीन चौहान ने कहा कि आज शूटिंग के खेल में खिलाडिय़ों के लिए काफी संभावनाएं हैं। अमित ने कहा कि शूटिंग के खेल में अभिनव बिंद्रा, गगन नारंग, जसपाल राणा, राज्यवर्धन राठोर सहित कई अंतर्राष्ट्रीय स्तर के कई खिलाड़ी निकलकर आगे आए हैं, जिन्होंने शूटिंग में देश के लिए मैडल जीतकर देश का नाम रोशन किया है। अमित ने कहा कि अगर प्रशासन इस तरह खेल प्रतियोगिताओं में अड़ंगा डालेगा तो आखिरी इससे कैसे अभिनव बिंद्रा और गगन नारंग जैसे खिलाड़ी निकलकर आगे आएंगे। 
 वोटों की गिनती के बाद भी स्टेडियम के हाल पर लटक रहे ताले।

पिछले तीन माह से स्टेडियम पर है प्रशासन का कब्जा

जिला प्रशासन ने चुनाव के दौरान ईवीएम मशीनें रखने तथा वोटों की गिनती के लिए मार्च माह के अंतिम सप्ताह में स्टेडियम के तीनों हॉलों को अपने कब्जे में लेकर यहां पर स्ट्रांग रूम का निर्माण करवा दिया था। 10 अप्रैल को चुनाव के बाद यहां पर जींद, जुलाना और सफीदों की ईवीएम मशीनें रखी गई थी। इसके बाद १६ मई को यहां पर वोटों की गिनती का कार्य हुआ था। 16 मई को वोटों की गिनती के बाद 18मई को प्रशासन ने आचार संहिता खत्म होने की घोषणा कर दी थी लेकिन इसके बाद अब भी इन हॉलों पर प्रशासन का कब्जा है और हॉलों के गेटों पर अब भी ताले लटक रहे हैं। 

खिलाडिय़ों के अभ्यास में पहुंच रही है बाधा

स्टेडियम के हॉलों पर ताले लटके होने के कारण खिलाड़ी के अभ्यास में भी बाधा पहुंच रही है। खिलाड़ी हतेंद्र, संदीप, अमरदीप, सचिन, राहुल, रवि, नितिन बूरा, राहुल शर्मा, निक्की का कहना है कि स्टेडियम के हॉल में प्रशासन द्वारा दीवार बनाई जाने के कारण वह हाल में अभ्यास नहीं कर पा रहे हैं। अगर खुले मैदान में अभ्यास करते हैं तो यहां कांग्रेस घास तथा आवारा पशुओं के कारण उनका अभ्यास बाधित होता है। 

जानकारी में नहीं है मामला 

जींद में मेरी नियुक्ति अभी हुई है। इसलिए यह मामला मेरी जानकारी में नहीं है। डीसी साहब कुछ दिन के लिए छुट्टी पर गए हुए हैं। उनके आने के बाद यह मामला उनकी जानकारी में लाया जाएगा। उनके आदेश पर ही आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। 
यश गर्ग
एडीसी, जींद
पत्रकार वार्ता के दौरान जानकारी देते वंदेमातरम प्रतिष्ठान के संयोजक अमित निडानी व अन्य सदस्य। 



 स्टेडियम के हाल के अंदर खिंची गई दीवार।

 खिलाड़ी नितिन बूरा का फोटो। 

 खिलाड़ी राहुल शर्मा का फोटो।

 खिलाड़ी निक्की का फोटो। 








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