65 वर्षीय ओमपति ने 45 लाख खर्च कर बुझाई गांव की प्यास

गांव में पानी की किल्लत को दूर करने के लिए 10 किलोमीटर दूर से दबवाई पाइप लाइन
पाइप लाइन दबाकर घर-घर दिया कनेक्शन

नरेंद्र कुंडू
जींद। छतीसगढ़ के धमतरी जिले की 104 वर्षीय कुंवरबाई द्वारा जहां अपनी बकरियां बेचकर गांव में शौचालय का निर्माण करवाकर एक मिशाल पेश की गई है, वहीं जींद जिले के गोहाना रोड पर स्थित लुदाना गांव निवासी 65 वर्षीय वृद्धा ओमपति ने अपनी पूंजी से 40 से 45 लाख रुपये खर्च कर गांव की प्यास बुझा कर एक नई मिशाल पेश की है। ओमपति ने गांव से 10 किलोमीटर दूर स्थित सुंदर ब्रांच नहर से पाइप लाइन दबाकर गांव के लोगों को पीने के लिए पानी मुहैया करवाया है। ओमपति ने गांव तक पाइप लाइन दबवाने के अलावा निशुल्क घर-घर कनेक्शन दिए हैं। इतना ही नहीं पास के गांव मालश्रीखेड़ा, भंभेवा व मोरखी गांव से होकर गुजर रही पाइप लाइन पर भी कई जगह हैंडपंप भी लगवाए गए हैं, ताकि राहगीर व पास के गांव के लोग भी इनसे अपनी प्यास बुझा सकें। 
पाइप लाइन दबाने के बाद गांव में बनाया गया पानी का टैंक।
जींद जिले के लुदाना गांव में भूमिगत पानी खराब होने के कारण गांव में पानी की भारी किल्लत थी। ग्रामीणों को पीने के पानी के लिए दूर-दराज के क्षेत्र का रूख करना पड़ता था। गांव की पानी की किल्लत को देखते हुए गांव की 65 वर्षीय ओमपति ने ग्रामीणों को इस किल्लत से निजात दिलवाने का संकल्प लिया। ओमपति ने अपने खर्च से सुंदर ब्रांच नहर की सिवाना माल हैड से गांव तक पाइप लाइन दबवाई। सुंदर ब्रांच नहर से गांव तक दबी लगभग 10 किलोमीटर लंबी इस पाइप लाइन पर ओमपति के 40 से 45 लाख रुपये खर्च हुए। इतना ही नहीं ओमपति ने गांव तक पाइप लाइन दबवाने के साथ-साथ घर-घर तक पानी का कनेक्शन भी दिया। प्रत्येक घर तक पानी का कनेक्शन होने के बाद गांव से पानी की किल्लत दूर हो गई। 
टुंटियों से पानी भरती ग्रामीण महिलाएं।

हर घर तक पानी पहुंचाने के लिए गांव को 24 ब्लॉक में बांटा 

छह हजार की आबदी वाले इस गांव में प्रत्येक घर को पीने के लिए पानी मिल सके इसके लिए गांव को 24 ब्लॉक में बांटा गया है। प्रत्येक ब्लॉक को 20 से 25 मिनट तक पानी की सप्लाई की जाती है। पानी की बर्बादी नहीं हो इसके लिए सीमित समय तक ही पानी की सप्लाई की जाती है। 

पेयजल सप्लाई की देखरेख के लिए दो युवकों 

टुंटियों से पानी भरती ग्रामीण महिलाएं।

को दिया रोजगार

गांव में सही तरीके से पेयजल की सप्लाई सुचारू रूप से हो सके इसके लिए ओमपति ने गांव के ही दो युवकों को जिम्मेदारी दी है। यह दोनों युवक गांव में पेयजल की सप्लाई की देखरेख करते हैं। इससे गांव के दो युवकों को रोजगार मिला है। 

भरापूरा है ओमपति का परिवार

समाजसेवी महिला ओमपति के परिवार में राजकुमार, अनिल व शमशेर नाम के तीन बेटे हैं। तीनों बेटे शादीशुदा हैं। इसके अलावा ओमपति के पांच पौत्री व तीन पौत्र भी हैं। ओमपति के पति बलबीर सिंह का देहांत हो चुका है। 
अपने परिवार के साथ मौजूद वृद्धा ओमपति।








टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

पिता की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए राजनीति में रखा कदम : धर्मपाल प्रजापत

किसानों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बना ईगराह का मनबीर रेढ़ू

सेवा भारती संस्था समाज के सहयोग से नि:स्वार्थ भाव से कार्य करती है : डॉ. सुरेंद्र पाल