प्रदेश के किसानों को कीट ज्ञान का पाठ पढ़ाएंगे म्हारे किसान
![चित्र](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi-vV5LryiaYqPVg0qQkdh4A5yYGP1lZpl8OJNeQH7GOF0y-FRM9Ls6SsOczG1HdACkSDxxyvDFSserq94k5-Gs8W2kA9ST0fpBqyt29Qexqze2CPkdU1nZCwHXp4ydmfVMoHM3ZBca4nw/s400/Nidana.jpg+2.jpg)
बागवानी विभाग व आईसीएआर द्वारा कीटाचार्य किसानों को मास्टर ट्रेनर के तौर पर किया जाएगा नियुक्त थाली को जहरमुक्त बनाने के लिए बागवानी विभाग द्वारा प्रदेश में शुरू की जा रही है गुड एग्रीकल्चर प्रेक्टिसेस स्कीम नरेंद्र कुंडू जींद| थाली को जहरमुक्त बनाने के लिए जींद जिले में चल रहे डॉ. सुरेंद्र दलाल कीट साक्षरता मिशन के कीटाचार्य किसान अब प्रदेश के अन्य जिलों के किसानों को भी कीट ज्ञान का पाठ पढ़ाएंगे। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् (आईसीएआर) व बागवानी विभाग ने इन कीटाचार्य किसानों के अनुभव को देखते हुए इन्हें प्रदेश के दूसरे जिलों में चलने वाली किसान खेत पाठशालाओं में मास्टर ट्रेनर के तौर पर नियुक्त करने का प्रस्ताव तैयार किया है। थाली को जहरमुक्त बनाने के लिए बागवानी विभाग जल्द ही प्रदेश में गुड एग्रीकल्चर प्रेक्टिसेस स्कीम (गेएप) शुरू करने जा रहा है। इस स्कीम के तहत प्रदेश के सभी जिलों में मंडल स्तर पर किसान खेत पाठशालाएं चलाई जाएंगी और इन पाठशालाओं में किसानों को कीटों की पहचान करने के साथ-साथ बिना रासायनिक उर्वरकों व कीटनाशकों का प्रयोग किए अच्छी पैदावार लेने के गुर सिखाए जाएंगे