रोडवेज कर्मचारियों का ओवर टाइम बंद होने से बाधित होंगे लंबे रूट

--कर्मचारियों का ओवर टाइम बंद होने से रोडवेज डिपो पर पड़ेगी घाटे की मार
--रोडवेज को तैयार करनी पड़ेगी नई रूटेशन
--फिल्हाल 10 से 12 घंटे ड्यूटी कर रहे हैं चालक-परिचालक

जींद, 19 नवंबर (नरेंद्र कुंडू):- सरकार द्वारा रोडवेज विभाग के चालक-परिचालकों का ओवर टाइम बंद करने के आदेश जारी किए जाने के बाद चालक-परिचालक असमंजस की स्थिति में हैं। चालक व परिचालकों का ओवर टाइम बंद होने से लंबे रूट तो बाधित होंगे ही साथ ही रोडवेज विभाग को घाटा भी उठाना पड़ सकता है। क्योंकि कर्मचारियों का ओवर टाइम बंद होने से बसों के रूटों में कमी आएगी। लंबे रूटों के साथ-साथ लोकल रूटों पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा। क्योंकि रोडवेज विभाग के पास कर्मचारियों की कमी होने व आठ घंटों के हिसाब से ड्यूटी निर्धारित किए जाने के कारण बसों के रूट प्रभावित हो सकते हैं। 
सरकार के ओवर टाइम बंद करने के आदेशों की अनुपालना के लिए रोडवेज विभाग को अब चालक व परिचालकों के लिए अब नई रूटेशन बनानी पड़ेगी। क्योंकि इस समय रोडवेज विभाग के चालक व परिचालक प्रतिदिन 10 से 12 घंटे की ड्यूटी कर रहे हैं। जबकि सरकार के ओवर टाइम बंद करने के आदेशों के बाद चालक व परिचालक केवल आठ घंटे ही ड्यूटी कर सकते हैं। इसके चलते अब रोडवेज विभाग को चालक व परिचालकों के लिए आठ घंटे की ड्यूटी के हिसाब से नई रूटेशन तैयार करनी पड़ेगी। 
प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में पत्र जारी कर रोडवेज विभाग के चालक व परिचालकों का ओवर टाइम बंद करने के आदेश जारी किए गए हैं। सरकार द्वारा जारी किए गए आदेशों में यह भी स्पष्ट किया गया है कि सम्बंधित डिपो का महाप्रबंधक जल्द से जल्द इन आदेशों को अपने डिपो में लागू करे। यदि कोई महाप्रबंधक आदेशों को लागू करने में कोताही करता है तो सम्बंधित महाप्रबंधक के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। सरकार द्वारा आदेश जारी होने के पश्चात डिपो अधिकारी नई रूटेशन के लिए प्रयासरत हैं। वहीं लंबे रूटों पर चलने वाले चालक व परिचालक भी असमंजस की स्थिति में आ गए हैं क्योंकि जींद से हरिद्वार, मथूरा, देहरादुन, दिल्ली, चंडीगढ़, जालंधर, पौंटा साहिब जैसे लंबे रूटों पर चले वाले चालक व परिचालकों को एक तरफ जाने में ही 4 से 7 घंटे तक का समय लग जाता है। इस प्रकार आने व जाने में उनका 8 घंटे से ज्यादा का समय बनता है। इस प्रकार सरकार के आदेशों के अनुसार अब सबसे ज्यादा परेशानी लंबे रूटों पर चलने वाले चालकों व परिचालकों को हो सकती है। इस परेशानी से बचने के लिए अब डिपो प्रबंधन चालकों व परिचालकों के लिए नई रूटेशन तैयार करने में जुट गया है। नई रूटेशन के अनुसार लोकल रूटों पर चलने वाले चालक व परिचालकों को आठ घंटे के अनुसार ड्यूटी दी जाएगी वहीं लंबे रूटों पर चलने वाले चालक व परिचालकों की ड्यूटी सप्ताह के टाइम के अनुसार तय की जाएगी। लंबे रूटों पर चलने वाले चालक व परिचालकों की ड्यूटी प्रति दिन आठ घंटे के हिसाब से पूरे सप्ताह में निर्धारित की जाएगी। 

रोडवेज को झेलना पड़ सकता है घाटा

रोडवेज विभाग के पास भारी संख्या में चालकों व परिचालकों की कमी है। जींद डिपो में 110 गाडिय़ां हैं लेकिन चालक व परिचालकों की कमी के कारण प्रतिदिन 15 से 20 बसें डिपो में ही खड़ी रहती हैं। महज 80 से 90 गाडिय़ां ही प्रतिदिन सड़कों पर दौड़ पा रही हैं। जींद डिपो की प्रतिदिन की कमाई 9 से 10 लाख रुपए है। कर्मचारियों की कमी के चलते चालक व परिचालकों से प्रतिदिन 10 से 12 घंटे ड्यूटी करवाई जा रही है ताकि रोडवेज विभाग को किसी प्रकार का नुकसान नहीं हो लेकिन सरकार के आदेशों के बावजूद ओवर टाइम बंद होने से विभाग को आठ घंटे के हिसाब से नई रूटेशन तैयार करनी पड़ेगी। चालक व परिचालकों की आठ घंटे ड्यूटी होने के कारण बसों के रूटों में कमी आ सकती है। इस समय जो बसें प्रति दिन 400 से 500 किलोमीटर तक का सफर कर रही हैं बाद में इन बसों के सफर में भी कमी आएगी। क्योंकि रोडवेज के पास पर्याप्त संख्या में कर्मचारी नहीं हैं। इससे रोडवेज विभाग को घाटा झेलना पड़ सकता है। 

कर्मचारियों की कमी को पूरा करने के लिए चैकिंग स्टाफ की ड्यूटी भी बसों पर लगाई

सरकार द्वारा ओवर टाइम बंद करने के आदेश दिए जाने के बाद कर्मचारियों की कमी को पूरा करने के लिए चैकिंग स्टाफ, एडवांस बुकिंग स्टाफ, बुकिंग ब्रांच, यार्ड व ड्यूटी सैक्शन में काम करने वाले कर्मचारियों को वहां से उठाकर उनकी ड्यूटी बसों पर लगा दी गई है। जींद डिपो में चैकिंग स्टाफ की चार बसें थी और चैकिंग स्टाफ की एक बस पर 8 से 10 कर्मचारी थे। इन सभी कर्मचारियों की ड्यूटी बसों व बस स्टैंड पर लगाई गई है। चैकिंग स्टाफ की ड्यूटी खत्म किए जाने के कारण भी रोडवेज को काफी नुकसान होगा। क्योंकि बसों की चैकिंग नहीं हो पाने के कारण यात्री टिकट लेने से परहेज करेंगे। 

लंबे रूटों के चालक व परिचालकों को मिल पाएंगी ज्यादा छुट्टियां

सरकार द्वारा ओवर टाइम बंद किए जाने के आदेश जारी होने के पश्चात लंबे रूटों पर चलने वाले चालक व परिचालकों को ज्यादा छुट्टियां मिल पाएंगी। क्योंकि लंबे रूटों पर चलने वाले चालक व परिचालकों की प्रतिदिन ड्यूटी 12 घंटे से ज्यादा होगी और इस तरह जब पूरे सप्ताह में उनका टाइम की गिनती होगी तो प्रतिदिन उनकी ड्यूटी आठ घंटे से ज्यादा होने के कारण उन्हें छुट्टियां भी ज्यादा मिल पाएंगी। 

चैकिंग स्टाफ खत्म करने से रोडवेज को होगा नुकसान

सरकार द्वारा ओवर टाइम खत्म करने के बाद कर्मचारियों की कमी को पूरा करने के लिए चैकिंग स्टाफ भी खत्म कर दिया गया है। जींद डिपो के पास चार फ्लाइंग दस्ते थे जिनको हटा कर उनकी ड्यूटी दूसरी जगह लगा दी गई है। चैकिंग दस्ते खत्म करने से यात्रियों के मन से चैकिंग का भय निकल जाएगा। इससे यात्री बिना टिकट यात्रा करेंगे। इससे रोडवेज को नुकसान होगा। वहीं ओवर टाइम खत्म होने से नई रूटेशन तैयार करनी पड़ेगी। कर्मचारियों की कमी के चलते बसों के रूटों में भी कमी होगी। 
अजीत नेहरा, प्रधान
जींद डिपो

 
सरकार के आदेशों को लागू करने के लिए नई रूटेशन तय की जाएगी। लंबे रूटों पर चलने वाले चालक व परिचालकों की टाइमिंग प्रति दिन की बजाए सप्ताह में गिनी जाएगी। प्रतिदिन उनका जितना ओवर टाइम लगेगा उस टाइम को उसके सप्ताह के अन्य टाइम में शामिल कर उसकी ड्यूटी तय की जाएगी। 
प्रदीप कुमार, महाप्रबंधक
जींद डिपो

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