--भाजपा नेताओं को सता रहा है टिकटार्थियों के बागी होने का भय
--भाजपा नामांकन के आखरी दिन करेगी उम्मीदवार के नाम की घोषणा
--भाजपा के उम्मीदवार की घोषणा के इंतजार में दूसरे राजनीतिक दल
जींद, 6 जनवरी (नरेंद्र कुंडू):- आगामी 28 जनवरी को होने वाला जींद विधानसभा उपचुनाव भाजपा के लिए किसी अग्रि परीक्षा से कम नहीं है। इस परीक्षा को पास करने के लिए भाजपा नेताओं द्वारा पूरी एक्सरसाइज की जा रही है। इस जींद उपचुनाव में जीत हासिल करने के लिए सभी राजनीतिक दल अपने-अपने पार्टी के रथ को खींचने के लिए अश्वमेघ यज्ञ के घोड़े की तलाश में हैं। भाजपा के पास इस समय टिकटार्थियों की लंबी कतार लगी हुई है। टिकटार्थियों की इस लंबी कतार ने भाजपा नेताओं की सांसें फुला रखी हैं। भाजपा नेताओं को टिकटार्थियों के बागी होने का भय सता रहा है। इसलिए भाजपा नेता उम्मीदवार की घोषणा करने के फैसला में जल्दबाजी करने से बच रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भाजपा पार्टी अपने उम्मीदवार की घोषणा 9 जनवरी को करेगी। ताकि टिकट नहीं मिलने से मायूस होने वाले अन्य टिकटार्थियों को बागी होने से रोका जा सके। क्योंकि 10 जनवरी को नामांकन की आखिरी तारीख है और यदि भाजपा 9 को अपने उम्मीदवार की घोषणा करती है तो समय के अभाव में टिकट नहीं मिलने से मायूस दूसरे टिकटार्थी नामांकन नहीं कर पाएंगे। वहीं दूसरे राजनीतिक दलों की नजरें भी भाजपा की तरफ टिकी हुई हैं। क्योंकि भाजपा द्वारा उम्मीदवार की घोषणा के बाद ही दूसरे राजनीतिक दल अपने समीकरण तय कर अपने उम्मीदवार की घोषणा करेंगे। वहीं सूत्रों से मिल रही जानकारी से यह भी सामने आया है कि भाजपा में टिकट की लाइन में खड़े कई टिकटार्थी लगातार दूसरे दलों के भी सम्पर्क में हैं।
कई उम्मीदवारों के नामाकंन पत्र हो चुके हैं तैयार, बस टिकट का है इंतजार
उपचुनाव में चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमाना के लिए तैयार खड़े कई उम्मीदवारों ने तो अपना नामांकन पत्र तैयार करवाने व बैंक, बिजली निगम तथा अन्य विभागों से एनओसी लेने जैसी प्रक्रिया पहले ही पूरी करवा ली है। इन उम्मीदवारों को इस बात का भय सता रहा है कि यदि उन्हें उनकी इच्छुक पार्टी से टिकट नहीं मिला तो वह किसी दूसरे दल से या निर्दलिय चुनाव लड़ सकें। नामांकन के लिए अन्य प्रक्रिया पूरी करने में उनका समय खराब होने से बच सके व समय रहते वह अपना नामांकन करवा सकें।
संघ की तरफ से भी भाजपा पर बढ़ा दबाव
उपचुनाव में टिकट को लेकर भाजपा में चल रहे घमासान के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का दबाव भी भाजपा नेताओं पर लगातार बढ़ता जा रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भाजपा इस समय केवल चुनाव जीत कर आने वाले उम्मीदवार पर दांव खेलना चाहती है और इसके लिए वह दूसरी पार्टी के मजबूत उम्मीदवार को भी अपने साथ शामिल कर टिकट देने से पीछे हटने वाली नहीं है लेकिन उधर से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारियों ने भी भाजपा नेताओं पर संघ से संबंध रखने वाले उम्मीदवार को टिकट देने के लिए दबाव बनाया हुआ है।
भाजपा के पदाधिकारी पिछले कई दिनों से जींद में डाले हुए हैं डेरा
चुनाव में जीत के लिए भाजपा पूरे प्रयास कर रही है। भाजपा के नेता पार्टी के कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेने से लेकर बूथ स्तर तक पर अपनी फिल्डिंग तैयार कर रहे हैं। इसके लिए भाजपा के प्रांत स्तर के कई नेता पिछले कई दिनों से जींद में ही अपना डेरा डाले हुए हैं। ताकि उपचुनाव में दांव पर लगी पार्टी की शाख को बचाया जा सके।
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