नामांकन भरने के दौरान खूब चले सियासी तीर

कांग्रेस और जजपा ने बढ़ाई भाजपा की मुश्किलें
शहरी व गांव की पृष्टभूमि में उलझी सियासत

जींद, 10 जनवरी (नरेंद्र कुंडू):- आगामी 28 जनवरी को जींद में होने वाले विधानसभा के उपचुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने अपनी कमर कस ली है। वीरवार को नामांकन दाखिल करवाने का अंतिम दिन होने के कारण इनैलो, कांग्रेस और जजपा ने भी अपने चुनावी घोड़े मैदान में उतार दिए। जींद उपचुनाव को आगामी विधानसभा का सैमीफाइनल माना जा रहा है। इसी के चलते सभी राजनीतिक दलों ने अपनी पूरी ताकत इस उपचुनाव में झौंक दी है। कांग्रेस व जजपा ने अपनी प्रतिष्ठा को बचाने के लिए बड़े चेहरों को आगे कर दिया है। कांग्रेस ने राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला को अपना उम्मीदवार बनाया है तो जजपा ने भी अपनी लहर को बरकरार रखने के लिए इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय चौटाला को युवा चेहरे के तौर पर मैदान में उतारा है। कांग्रेस व जजपा ने जींद उपचुनाव में बड़े चेहरों को मैदान में उतार कर भाजपा की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। वहीं इनैलो ने जिला परिषद के उपप्रधान उम्मेद सिंह रेढ़ू को अपने प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतारा है। कांग्रेस व जजपा द्वारा बड़े चेहरे मैदान में उतारने के बाद लोगों की नजरें अब सबसे ज्यादा जजपा व कांग्रेस पर टिकी हुई हैं। वीरवार को सभी राजनीतिक दलों ने अपने-अपने उम्मीदवारों के नामांकन दाखिल करवा दिए। नामांकन दाखिल करवाने के दौरान राजनीतिक दलों के बीच जमकर सियासत के तीर चले। नेताओं ने एक-दूसरे पर जमकर निशाना साधा। पूरा दिन शहर में राजनीति का माहौल गर्म रहा। राजनीतिक दलों के शक्ति प्रदर्शन के कारण जींद शहर पूरी तरह जाम हो गया। 

परिवारिक राजनीति को बढ़ावा दे रहा है दुष्यंत : अभय चौटाला

इनैलो नेता अभय सिंह चौटाला ने कहा कि जींद उपचुनाव जींद की जनता की लड़ाई है। इसलिए हमनें अपना उम्मीदवार जींद से ही उतारा है। हमारा उम्मीदवार साधारण है व ग्रामीण पृष्ठभूमि से जुड़ा हुआ है लेकिन कांग्रेस के पास चुनाव लडऩे के लिए कोई चेहरा नहीं था। इसलिए कांग्रेस ने कैथल से उम्मीदवार को एम्पोर्ट किया है। वहीं जजपा के पास भी कोई प्रत्याशी नहीं था। इसलिए उन्होंने जींद के उम्मीदवार पर भरोसा करने की बजाए अपने परिवार के सदस्य को ही राजनीति में आगे बढ़ा दिया। दुष्यंत खुद सांसद हैं, उनकी मां एमएलए है लेकिन इसके बाद भी उनकी तृप्ति नहीं हो रही है। दुष्यंत केवल अपने परिवार की राजनीति को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। यह सेल्फिश लोग हैं। जींद की जनता बाहरी उम्मीदवार को वोट नहीं देगी। इनैलो इस उपचुनाव में भारी बहुमत से चुनाव जीतेगी। 

भाजपा की ए-बी टीम है इनैलो व जजपा : रणदीप 

कांग्रेस प्रत्याशी एवं कैथल के विधायक रणदीप सिंह सुरजरेवाला ने कहा कि जींद उपचुनाव से खट्टर सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। इनैलो व जजपा तो भाजपा की ही ए-बी टीम हैं। यह दोनों दल विकास की बात नहीं करते हैं। यह केवल मारने-काटने व जलाने की बात करते हैं। इन्होंने अपने शासन काल में तानाशाही को बढ़ावा दिया है। सत्ता में रहते हुए इन्होंने कभी भी जींद के विकास की तरफ ध्यान नहीं दिया। जींद की जनता बाहरी उम्मीदवार को वोट नहीं देगी। जींद की जनता के निर्णय के आगे सभी को सिर झुकाना पड़ेगा। जींद के विकास के लिए कांग्रेस ने उन्हें यहां भेजा है। वह उपचुनाव में जीत दर्ज करवा कर जींद में विकास कार्यों की झड़ी लगाने का काम करेंगे। 

मोदी, राहुल वर्सीज दिग्विजय बना जींद उपचुनाव : दुष्यंत

सांसद दुष्यंत चौटाला ने कहा कि जींद उपचुनाव में जननायक जनता पार्टी से अपना उम्मीदवार इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय सिंह चौटाला को बनाया है। पार्टी की कोर कमेटी ने दिग्विजय सिंह चौटाला के नाम पर अपनी सहमति जताई। इससे पहले पार्टी कार्यकर्ताओं से भी उम्मीदवार को लेकर राय ली गई थी। यह उपचुनाव निश्चित रूप से जेजेपी जीतेगी और इतिहास रचेगी। भाजपा और कांग्रेस इस उपचुनाव को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के स्तर का चुनाव मान कर अपने प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतरा है। चौ. देवीलाल की कर्मभूमि रही जींद की इस धरा से  दिग्विजय सिंह चौटाला पार्टी के विजयी अभियान की शुरूआत करेंगे और प्रदेश में 2019 में अगली सरकार जेजेपी पार्टी की होगी। जींद उपचुनाव नरेंद्र मोदी, राहुल गांधी वर्सीज दिग्विजय का चुनाव बन गया है। चाहे महम, उचाना या नरवाना का चुनाव हो हमारे परिवार ने हमेशा ही चुनौती देकर चुनाव लड़ा है। हमारी रगों में भी देवीलाल का खून है इसलिए हमनें इस चुनाव को चुनौती के तौर पर स्वीकार करते हुए दिग्विजय को मैदान में उतारा है।

भाजपा ने बदले राजनीति के मायने : बराला

भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला ने कहा कि भाजपा ने सत्ता में आने के बाद राजनीति के मायने ही बदल दिए हैं। इससे पहले प्रदेश में कांग्रेस या इनैलो दोनों दलों की सरकार रहती थी। नौकरियों में भाई-भतीजावाद को बढ़ावा मिलता था। भ्रष्टाचार का बोलबाला रहता था लेकिन भाजपा ने सत्ता में आने के बाद भाई-भतीजावाद व भ्रष्टाचार को खत्म कर विकास की तरफ जोर दिया है। सभी जिलों में बिना भेदभाव के विकास कार्य करवाए हैं। इस उपचुनाव में जींद की जनता विकास कार्यों पर मोहर लगाकर भाजपा को जिताने का काम करेगी। 

कांग्रेस व जजपा ने बढ़ाई भाजपा की मुश्किलें

जींद उपचुनाव में कांग्रेस व जजपा ने बड़े चेहरों को आगे कर भाजपा की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। भाजपा ने उम्मीदवारों की लंबी फेहरिस्त में से इनैलो छोड़कर भाजपा में शामिल हुए डॉ. कृष्ण मिढ़ा को अपना प्रत्याशी बनाया है। वहीं कांग्रेस व जजपा ने इस उपचुनाव में अपनी जीत पक्की करने के लिए बड़े चेहरों पर दाव खेला है। कांग्रेस ने राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी एवं कैथल के विधायक रणदीप सिंह सुरजेवाला को आगे कर बड़ा दाव खेल दिया है। रणदीप सिंह सुरजेवाला की कांग्रेस पर अच्छी पकड़ है। कई धड़ों में बटी कांग्रेस रणदीप सिंह के नाम पर एकजुट हो गई है। रणदीप सिंह सुरजेवाला के नाम की घोषणा के साथ ही कांग्रेस के सभी दिग्गज नेताओं को एक मंच पर आना मजबूरी हो गया है। वहीं जजपा ने भी इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय सिंह चौटाला को युवा चेहरे के तौर पर मैदान में उतारा है। दिग्विजय चौटाला का भी युवा वर्ग में अच्छा जनाधार है। कांग्रेस व जजपा द्वारा बड़े चेहरे मैदान में उतारे जाने के कारण भाजपा की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। 

शहरी व ग्रामीण की पृष्टभूमि पर बिछी सियासत की बिसात

जींद उपचुनाव में शहरी व ग्रामीण की पृष्ठभूमि पर सियासत की बिसात बिछी है। भाजपा के उम्मीदवार डॉ. कृष्ण मिढ़ा व लोकतंत्र सुरक्षा मंच के उम्मीदवार विनोद आशरी शहरी पृष्ठभूमि से हैं और इन दोनों उम्मीदवारों की शहरी क्षेत्र में अच्छी पकड़ है। वहीं जजपा के उम्मीदवार दिग्विजय चौटाला, कांग्रेस के उम्मीदवार रणदीप सिंह सुरजेवाला का ग्रामीण क्षेत्र में अच्छी पकड़ है। इनैलो का उम्मीदवार उम्मेद सिंह रेढू ग्रामीण क्षेत्र से है। 

रणदीप सिंह सुरजेवाला के नामकांन के लिए पहुंचे कांग्रेस के दिग्गज नेता।

अपने उम्मीदवार का नामांकन भरने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते अभय चौटाला। 

नामांकन दाखिल करने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते दिग्विजय चौटाला। 






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