लोकसभा में जींद के नेताओं के लिए "लक्ष्मण रेखा" बनी परिसीमन

तीन लोकसभा क्षेत्रों में बंटे होने के कारण लोकसभा में कम हुआ जींद जिले का महत्व

जींद, 13 मार्च (नरेंद्र कुंडू):- लोकसभा में जींद के नेताओं के लिए परिसीमन एक तरह से 'लक्ष्मण रेखा' बनी हुई है। जींद जिले के तीन लोकसभा क्षेत्रों में बंटा होने के कारण जींद जिले के नेता इस परिसीमन की इस लक्ष्मण रेखा को नहीं लांघ पा रहे हैं। 2004 के लोकसभा चुनावों के बाद लागू हुए परिसीमन ने जींद जिले के नेताओं की लोकसभा में एंट्री पूरी तरह से रोक दी है। नए परिसीमन में जिले को तीन संसदीय क्षेत्रों में बांट दिए जाने से लोकसभा चुनावों में जींद जिले का राजनीतिक महत्व कम हो गया है। जिले के 5 विधानसभा क्षेत्रों को नए परिसीमन में सिरसा, हिसार और सोनीपत संसदीय क्षेत्रों में बांट हुआ है। नए परिसीमन के बाद हुए लोकसभा चुनावों में जींद जिले के नेताओं को प्रमुख दलों ने अपनी टिकट देने से लगभग परहेज ही किया और किसी दल ने टिकट दे भी दी तो उस दल की बात लोकसभा चुनाव में नहीं बन पाई। साल 2004 में नए परिसीमन से पहले हुए लोकसभा चुनावों तक जींद जिले के नेता लोकसभा में निश्चित रूप से दस्तक देते थे। हिसार संसदीय क्षेत्र से 1977 से 2004 तक जितने भी सांसद बने, वे जींद जिले से थे। वजह यह थी कि तब हिसार संसदीय क्षेत्र में जींद जिले के 5 विधानसभा क्षेत्र जींद, उचाना, नरवाना, राजौंद और कलायत आते थे। 5 विधानसभा क्षेत्रों के चलते तमाम प्रमुख दल जींद जिले से ही अपने प्रत्याशी हिसार लोकसभा चुनाव के लिए मैदान में उतारते थे। केवल 1980 में हुए लोकसभा चुनावों में हिसार जिले के मनीराम बागड़ी लोकदल की टिकट पर हिसार से सांसद चुने गए थे। 1977 में जींद जिले के इंद्र सिंह श्योकंद जनता पार्टी की टिकट पर हिसार से सांसद बने थे। 1984 में हुए लोकसभा चुनावों में जींद जिले के बीरेंद्र सिंह हिसार से कांग्रेस टिकट पर सांसद चुने गए थे। 1989 में जींद के जयप्रकाश उर्फ जे.पी. जनता दल की टिकट पर हिसार से सांसद बने थे तो 1991 में जींद के ही मास्टर नारायण सिंह कांग्रेस की टिकट पर हिसार से सांसद चुने गए थे। 1996 में जींद के जयप्रकाश उर्फ जे.पी. हिसार से हविपा की टिकट पर सांसद बने थे तो 1998 और 1999 में हुए लोकसभा चुनावों में जींद के सुरेंद्र सिंह बरवाला हिसार से इनैलो की टिकट पर सांसद चुने गए थे। 2004 में हुए लोकसभा चुनावों में जींद के जयप्रकाश उर्फ जे.पी. तीसरी बार हिसार से सांसद चुने गए थे और तब वह कांग्रेस के प्रत्याशी थे। इसके बाद 2009 में हिसार लोकसभा से हजकां प्रत्याशी कुलदीप बिश्रोई सांसद बने और 2014 में इनैलो की टिकट पर दुष्यंत चौटाला सांसद बनकर लोकसभा पहुंचे। 

सोनीपत व हिसार संसदीय क्षेत्र से जींद के इन नेताओ को मिल सकता है मौका

चुनावों में सोनीपत और हिसार संसदीय क्षेत्र से इस बार जींद के कुछ नेताओं को मौका मिलने के आसार बन रहे हैं। केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के आई.ए.एस. बेटे बृजेंद्र सिंह को सोनीपत से भाजपा टिकट के मजबूत दावेदारों में माना जा रहा है। इसके लिए बीरेंद्र सिंह खुद चुनावी राजनीति से सन्यास तक लेने की बात कह रहे हैं। भाजपा युवा मोर्चा के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता राजू मोर भी सोनीपत से भाजपा टिकट के दावेदारों में शामिल हैं। वहीं हिसार संसदीय क्षेत्र से पूर्व सांसद सुरेंद्र बरवाला को भी भाजपा द्वारा टिकट दिए जाने की चर्चाएं तेज हैं। यह सभी नेता जींद जिले से हैं। नई बनी जजपा द्वारा भी अपने जींद जिले के प्रधान कृष्ण राठी को सोनीपत संसदीय क्षेत्र से उम्मीदवार बनाए जाने की संभावनाएं काफी प्रबल हैं। 

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