लोकसभा चुनाव का बिगुल बजते ही अपने-पराये के उठने लगे स्वर
सोनीपत संसदीय क्षेत्र की जनता ने 9 बार जाट तो 2 बार गैर जाट नेताओं को दिया मौका
सोनीपत लोकसभा सीट पर निर्दलिय उम्मीदवार के तौर पर अरविंद्र शर्मा के नाम है जीत का रिकार्ड
जींद, 16 मार्च (नरेंद्र कुंडू):- लोकसभा चुनाव का बिगुल बजते ही एक बार फिर 'अपने' और 'पराये' की चर्चा तेज हो चली है। जाट बहुल सोनीपत लोकसभा क्षेत्र में अब तक ज्यादातर जाट उम्मीदवार ही सांसद बने हैं लेकिन निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज करने वाले अरविंद शर्मा और निवर्तमान सांसद रमेश कौशिक के रूप में दो सांसद ऐसे भी हैं जो गैर-जाट होते हुए भी जीत दर्ज कर पाए। ऐसी बात भी नहीं है कि केवल जातिवाद के दम पर ही यहां पर कोई उम्मीदवार सांसद बन गया, लेकिन काफी हद तक यह फैक्टर अपना असर जरूर दिखाता है। सोनीपत लोकसभा क्षेत्र में अब तक 11 बार चुनाव हुए हैं जिसमें से 9 बार जाट उम्मीदवार को ही जीत मिली है। 1996 में यहां से निर्दलीय उम्मीदवार अरविंद शर्मा को जीत मिली थी। इस चुनाव में अरविंद शर्मा को 2 लाख 31 हजार 552 और रिजक राम को 1 लाख 82 हजार 201 वोट मिले थे। 1998 में यहां से हरियाणा लोकदल के किशन सिंह सांगवान को 2 लाख 90 हजार 299 वोट और एच.वी.पा. के अभय राम दहिया के पक्ष में 1 लाख 52 हजार 975 वोट मिले थे। 1999 में हुए चुनाव में भाजपा के किशन सिंह सांगवान को 4 लाख 57 हजार 056 वोट और कांग्रेस के चिरंजी लाल को 1 लाख 90 हजार 918 वोट हासिल हुए थे। 2004 में सोनीपत से भाजपा के किशन सिंह सांगवान को 2 लाख 33 हजार 477 और कांग्रेस के धर्मपाल मलिक को 2 लाख 25 हजार 908 वोट हासिल हुए थे, वहीं 2009 की बात करें तो कांग्रेस के जितेंद्र मलिक को 3 लाख 38 हजार 795 और भाजपा के किशन सिंह सांगवान को 1 लाख 77 हजार 511 वोट मिले थे। सोनीपत लोकसभा सीट से ताऊ देवीलाल भी दो बार चुनाव लड़े थे जिसमें एक बार उन्हें जीत मिली थी जबकि दोबारा हार का सामना करना पड़ा था।
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