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महिला पाठशाला में कीटों की मास्टरनियों ने ढूंढ़ा एक नया कीट

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विधार्थियों  ने अपनी आंखों से देखा कैसे शाकाहारी कीटों को नियंत्रित करते हैं मांसाहारी कीट नरेंद्र कुंडू  जींद। निडाना गांव के खेतों में चल रही की महिला किसान खेत पाठशाला के चौथे सत्र के दौरान शनिवार को महिला किसानों के साथ-साथ निडाना गांव के डेफोडिल्स पब्लिक स्कूल के नौंवी कक्षा के विद्यार्थियों ने भी पाठशाला में पहुंचकर मांसाहारी तथा शाकाहारी कीटों के क्रियाकलापों के बारे में विस्तार से जानकारी हासिल की। पाठशाला में मौजूद विद्यार्थियों ने मांसाहारी कीटों को दूसरे कीटों का शिकार करते हुए भी अपनी आंखों से देखा और किस तरह से मांसाहारी कीट शाकाहारी कीटों को नियंत्रित करते हैं, इसके बारे में भी जानकारी हासिल की। कीटाचार्या महिलाओं ने स्कूली विधार्थियों को कपास की फसल में मेजर कीटों के नाम से मशहूर सफेद मक्खी, हरा तेला, चूरड़े के बारे में बारीकी से जानकारी दी। इसके साथ-साथ विधार्थियों को गुलाबी रंग की सुंडी, लोपा मक्खी तथा फौजन बिटल के क्रियाकलापों के बारे में जानकारी दी। इस दौरान महिला किसानों ने एक नये किस्म का कीट भी ढूंढ़ा, जिस पर महिला किसानों ने अपना शोध भी शुरू कर ...

महज 15 वर्ष की उम्र में जीते एक दर्जन मैडल

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कुश्ती के क्षेत्र में सफलता के झंडे गाड रही सीमा बेनिवाल माता-पिता बनाना चाहते थे आईएएस व आईपीएस लेकिन सीमा ने खेलों में चुना अपना करियर नरेंद्र कुंडू जींद। कहते हैं कि पुत के पांव तो पालने में ही दिख जाते हैं। नरवाना निवासी सीमा बेनिवाल भी कुछ इसी तरह की शख्सियतों में से एक है। सीमा बेनिवाल पढ़ाई के साथ-साथ कुश्ती क्षेत्र में भी लगातार अपनी सफलता की छाप छोड़ रही है। सीमा बेनिवाल महज 15 वर्ष की उम्र में कुश्ती क्षेत्र में जिला स्तर से लेकर राष्ट्र स्तर तक की प्रतियोगिताओं में एक दर्जन के लगभग मैडल जीत कर अपनी सफलता के झंड़े गाड चुकी है। अब सीमा बेनिवाल का अगला टारगेट सीमा बेनिवाल अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में देश के लिए गोल्ड मैडल जीतने का है। सीमा बेनिवाल इस समय नरवाना के आर्य कन्या महाविद्यालय में नॉन मेडिकल से 12वीं कक्षा की पढ़ाई कर रही है। सातवीं कक्षा से कुश्ती क्षेत्र में अपने करियर की शुरूआत करने वाली सीमा बेनिवाल ने पिछले पांच वर्षों में लगभग दर्जनभर प्रतियोगिताओं में भाग लिया और अपने कठोर परिश्रम और मजबूत इरादों से उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए कई मैडल अपने नाम कि...

कीटों की मास्टरनियों ने विधार्थियों को पढ़ाया कीट ज्ञान का पाठ

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महिला किसान खेत पाठशाला में डेफोडिल्स स्कूल के विधार्थियों  ने ली कीट ज्ञान की तालीम नरेंद्र कुंडू जींद। पौधा 24 घंटे में साढ़े चार ग्राम भोजन बनाता है। डेढ़ ग्राम भोजन पौधा अपने नीचे के हिस्से को देता है तथा डेढ़ ग्राम भोजन ऊपरी हिस्से को देता है। बाकि बचा हुआ डेढ़ ग्राम भोजन रिजर्व में रखता है ताकि एमरजैंसी में यह भोजन उसके काम आ सके। भोजन के आवागमन के लिए पौधे में दो नालियां होती हैं। एक नाली से पौधा कच्चा माल जड़ों तक पहुंचाता है और दूसरी नाली से पक्का हुआ माल पौधे के सभी हिस्सों तक पहुंचता है। यह जानकारी कीटों की मास्टरनी सविता तथा मिनी मलिक ने शनिवार को अमर उजाला फाउंडेशन द्वारा निडाना गांव के खेतों में आयोजित महिला किसान खेत पाठशाला में निडाना गांव स्थित डैफोडिल्स पब्लिक स्कूल के  विधार्थियों को कीट ज्ञान का पाठ पढ़ाते हुए दी। महिला पाठशाला में डैफोडिल्स पब्लिक स्कूल के 8वीं कक्षा के  विधार्थियों ने पढ़ाई के साथ-साथ फसल में मौजूद मांसाहारी तथा शाकाहारी कीटों के बारे में जानकारी हासिल की।  पाठशाला में कीटों की जानकारी को नोट करते बच्चे।  पाठशाल...

सफेद मक्खी को नियंत्रित करने के लिए फसल में कूदरती कीटनशानी कीटों ने दी दस्तक

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महिला पाठशाला में स्कूली बच्चों ने भी लिया कीट ज्ञान  बच्चों ने कहा रोचक और ज्ञानवर्धक रही महिला किसान खेत पाठशाला नरेंद्र कुंडू  जींद। कीटों की मास्टरनी गीता व मनीषा ने बताया कि सफेद मक्खी पौधे के पत्तों का रस चूसकर अपना गुजारा करती है लेकिन यह कपास की फसल में लीपकरल (मरोडिया) को फैलाने में एक माध्यम का भी काम करती है। सफेद मक्खी अपने डंक के माध्यम से लीपकरल के वायरस को एक पौधे से दूसरे पौधे तक पहुंचाती है और इस तरह धीरे-धीरे कर लीपकरल को पूरे खेत में पहुंचा देती है लेकिन किसानों को इससे भयभीत होने की जरूरत नहीं है क्योंकि इसे नियंत्रित करने के लिए फसल में कई किस्म के मांसाहारी कीट मौजूद होते हैं जो सफेद मक्खी को नियंत्रित कर फसल में कूदरती कीटनाशी का काम करते हैं। कीटों की मास्टरनियां शनिवार को निडाना गांव में आयोजित महिला किसान खेत पाठशाला के दूसरे सत्र में मौजूद महिलाओं को फसल में मौजूद मांसाहारी तथा शाकाहारी कीटों के बारे में अवगत करवा रही थी। माह के दूसरे शनिवार की छुट्टी होने के कारण कई छोटे-छोटे स्कूली बच्चों ने भी पाठशाला में पहुंचकर कीटों के क्रियाकलापों के ब...

मांसाहारी कीट हथजोड़ा और लेडी बर्ड बीटल

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 मांसाहारी कीट हथजोड़ा  हथजोड़े का फोटो। हथजोड़ा (प्रेइंगमेंटिस) नामक इस कीट की अंडेदानी को आम बोलचाल की भाषा में गादड़ की सुंडी कहा जाता है। इसकी एक अंडेदानी में 500 से 600 अंडे होते हैं। 20 से 25 दिन में अंडे से बच्चे बनते हैं और बच्चों से यह प्रौढ़ अवस्था में आता है। तीन से छह माह का इसका जीवन काल होता है। इसके बच्चे व प्रौढ़ दोनों ही मांसाहारी होते हैं। यह अपने से छोटे व बराबर के कीटों का शिकार करता है। हथजोड़े की कई किस्में होती हैं लेकिन अभी तक 8 तरह की किस्में देखी जा चुकी हैं।  यह मांसाहारी कीट है और शाक हारी कीटों को खाकर अपना गुजारा करता है। यह फसल में शाकाहारी कीटों को खाकर फसल में कुदरती कीटनाशाी का काम करता  है। यह किसान के फायदे का कीट है।   शारीरिक बनावट :- हथजोड़ा नामक इस कीट के अगले पैरों पर कांटे होते हैं और इन कांटों की मदद से यह अपना शिकार करता है। इन कांटों को बचाने के लिए यह कीट अपने अगले दोनों पैरों को मोड़कर रखता है। देखने वाले को ऐसा लगता है जैसे इसने हाथ जोड़ रखे हैं। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह अपनी गर्दन को च...

पंजाब के किसानों को कीट ज्ञान का पाठ पढ़ाएंगे जींद के किसान

4 जुलाई को मानसा में आयोजित होने वाले समारोह में भाग लेंगे जींद के किसान पंजाब कृषि विभाग ने सम्मेलन के लिए जींद के किसानों को भेजा निमंत्रण नरेंद्र कुंडू जींद। जींद जिले के कीट कमांडो किसान हरियाणा ही नहीं बल्कि दूसरे प्रदेश के किसानों के लिए भी रोल मॉडल बन चुके हैं। कीट ज्ञान हासिल करने के लिए इन किसानों को अब दूसरे प्रदेशों से भी निमंत्रण मिलने लगा है। गत चार जुलाई को पंजाब कृषि विभाग द्वारा मानसा (पंजाब) में आयोजित करवाए जा रहे सम्मेलन में यह कीट कमांडो किसान पंजाब के किसानों को कीट ज्ञान का पाठ पढ़ाएंगे। इसके लिए पंजाब कृषि विभाग ने इन किसानों को सम्मेलन में शामिल होने के लिए निमंत्रण भेजा है। चार जुलाई को होने वाले इस सम्मेलन में यह कीट कमांडो किसान अपने लेक्चर के माध्यम से फसल में मौजूद शाकाहारी तथा मांसाहारी कीटों के क्रियाकलापों के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। फसलों में कीटनाशकों के बढ़ते प्रयोग के कारण बिना वजह मारे जा रहे कीटों तथा दूषित हो रहे खान-पान को देखते हुए जींद जिले के किसानों ने वर्ष 2008 में निडाना गांव से कीट ज्ञान की मुहिम की शुरूआत की थी। इस दौरान ...

देश-प्रदेश में फैलेगी कीट ज्ञान की क्रांति

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अमर उजाला फाउंडेशन ने निडाना में किया पाठशाला का शुभारंभ नरेंद्र कुंडू जींद। अकेले चले थे सफर में मन में एक ख्वाब लेकर लोग जुड़ते गए कारवां जुड़ता गया यह शब्द कीट साक्षरता के अग्रदूत डॉ. सुरेंद्र दलाल की पत्नी कुसुम दलाल ने बुधवार को निडाना गांव में अमर उजाला फाउंडेशन द्वारा आयोजित की गई महिला किसान खेत पाठशाला के उद्घाटन अवसर पर कीटाचार्य महिलाओं को सम्बोधित करते हुए कही। इस अवसर पर पाठशाला में कृषि विभाग के जिला उप-निदेशक डॉ. रामप्रताप सिहाग बतौर मुख्यातिथि तथा बराह तपा प्रधान कुलदीप ढांडा, प्रगतिशील किसान राजबीर कटारिया भी विशेष रूप से मौजूद रहे। डॉ. रामप्रताप सिहाग ने रिबन काटकर पाठशाला का उद्घाटन किया। मैडम कुसुम दलाल ने अमर उजाला फाउंडेशन की तरफ से दी गई पैड, पैन व लैंस महिला किसानों को वितरित किये। महिला किसानों ने बुके भेंटकर पाठशाला में आए सभी अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने बताया के अब यह पाठशाला सप्ताह के हर शनिवार को लगेगी और यह 18 सप्ताह तक चलेगी । मैडम कुसुम दलाल ने कहा कि डॉ. सुरेंद्र दलाल ने थाली को जहरमुक्त बनाने के लिए जो पौधा लगाया था आज वह वटवृक्ष का रूप धा...

अब प्रदेश के किसानों को कीट ज्ञान का पाठ पढ़ाएंगे म्हारे किसान

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हरियाणा किसान आयोग ने कीट कमांडो किसानों से मांगे सुझाव 30 जून को गुडग़ांव में होगी किसानों और किसान आयोग के अधिकारियों की बैठक नरेंद्र कुुंडू जींद। जिले के निडाना गांव से शुरू हुई कीट ज्ञान क्रांति की मुहिम को पूरे प्रदेश में फैलाकर थाली को जहरमुक्त बनाने के लिए जिले के कीट कमांडो किसानों ने एक योजना तैयार की है। उनकी इस योजना को आगे बढ़ाने में हरियाणा किसान आयोग इनका माध्यम बनेगा। कीट ज्ञान की इस मुहिम को पूरे प्रदेश में फैलाने के लिए हरियाणा किसान आयोग ने इन किसानों से इनके सुझाव मांगे हैं। किसान आयोग ने कीट कमांडो किसानों से सुझाव लेने के लिए गत 30 जून को गुडग़ांव बुलाया है। 30 जून को हरियाणा किसान आयोग के चेयरमैन डॉ. आरएस प्रौधा की अध्यक्षता में गुडग़ांव में होने वाली बैठक में कीट कमांडो किसान अधिकारियों को अपने सुझाव देंगे। ताकि इस मुहिम को जींद जिले से बाहर निकालकर पूरे प्रदेश में फैलाकर प्रदेश के सभी किसानों को इस मुहिम के साथ जोड़ा जा सके। मीटिंग में कीट कमांडो किसानों द्वारा यह रखा जाएगा सुझाव कीटाचार्य किसान रणबीर मलिक, मनबीर रेढ़ू का कहना है कि सरकार ने जिस तरह से अनपढ़...

कीटनाशक नहीं कीट ज्ञान ही फसलों को कीटों से बचाने का सबसे बड़ा हथियार

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मांसाहारी कीट करते हैं फसल में कूदरती कीटनाशी का काम  नरेंद्र कुंडू जींद। कपास खरीफ सीजन की एक महत्वपूर्ण नकदी फसल है जिसका रकबा साल दर साल बढ़ता चला आ रहा है। जिस प्रकार नकदी फसलों में कपास की फसल अपना एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है ठीक उसी प्रकार कीटों के लिहाज से भी कपास की फसल की अपनी एक पहचान रही है, क्योंकि हमारी फसलों में सबसे ज्यादा कीट कपास की फसल पर ही आते हैं। हमारे कीट वैज्ञानिकों के अनुसार कपास की फसल के सीजन में समय-समय पर लगभग 1300 प्रकार के कीट आते हैं। इसलिए फसल को कीटों से बचाने के लिए कीटनाशक नहीं बल्कि कीट की पहचान करना तथा कीटों के क्रियाकलापों के बारे में जानकारी हासिल करना ही एक कारगर हथियार है। क्योंकि कीट की कीट का दुश्मन होता है।  बीटी कपास कीट प्रबंधन का विकल्प नहीं आमतौर पर हम ये मान लें कि बीटी कपास आने से एक तरफ कपास के चार महत्वपूर्ण कीटों जैसे अमेरिकन सुंडी, गुलाबी सुंडी, चितकबरी सुंडी एवं तम्बाकू वाली सुंडी जहां  कम हुई हैं, वहीं दूसरी तरफ कपास की फसल में बहुत सारे माईनर कहे जाने वाले कीट मुख्य श्रेणी में आ खड़े हुए हैं। इसलिए हम क...

अर्जुन स्टेडियम पर आज भी लगी हुई है आचार संहिता

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राष्ट्र स्तरीय शूटिंग प्रतियोगिता के लिए प्रशासन नहीं दे रहा अनुमति प्रशासन के नकारात्मक रवैये से आयोजकों में छाई निराशा आचार संहिता खत्म होने के बाद भी स्टेडियम की बिल्डिंग पर कब्जा जमाए हुए है प्रशासन खिलाड़ी भी नहीं कर पा रहे हैं अभ्यास नरेंद्र कुंडू   जींद। चुनाव आचार संहिता खत्म हुए एक माह से भी ज्यादा का समय बीत चुका है लेकिन शहर के अर्जुन स्टेडियम में आज भी आचार संहिता लगी हुई है। पिछले तीन माह से अर्जुन स्टेडियम के हॉलों पर आज भी प्रशासन कब्जा जमाए बैठा है, जिस कारण खेल गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं और खिलाड़ी अच्छे तरीके से अभ्यास नहीं कर पा रहे हैं। वहीं अर्जुन स्टेडियम पर प्रशासन का कब्जा होने के चलते प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा एक प्रतिष्ठित संस्था को स्टेडियम में शुटिंग प्रतियोगिता के आयोजन के लिए अनुमति भी नहीं दी जा रही है। प्रतियोगिता के आयोजन के लिए अनुमति देना तो दूर प्रशासनिक अधिकारी संस्था के पदाधिकारियों से ठीक से बात भी नहीं कर रहे हैं। संस्था के पदाधिकारी कई दिनों से स्टेडियम में राष्ट्र स्तरीय 10 मीटर ओपन एयर पिस्टल व राईफल शूटिंग प्रतियो...