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.....चली आओ इस देश ‘लाडो’

कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ मैदान में आया खेल गांव निडानी का युवा मंडल नरेंद्र कुंडू जींद। बेटी पैदा होने पर भी अब घरों में थाली बजेगी। बैंड-बाजे के साथ धूमधाम से कुआं पूजन भी होगा। आईटी विलेज बीबीपुर की तर्ज पर अब खेल गांव निडानी का युवा मंडल भी 'लाडो' को बचाने के लिए मैदान में कूद पड़ा है। बेटा-बेटी के बीच के फासले को कम करने के लिए युवा मंडल के सदस्यों ने निर्णय लिया है कि जो भी परिवार गांव में लड़की के जन्म पर कुआ पूजन करेगा उसका सारा खर्च युवा संगठन उठाएगा। इसके अलावा युवा संगठन के सदस्य कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए ग्रामीणों को भी प्रेरित करेंगे। कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ जिले में लगातार सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। आईटी विलेज बीबीपुर की महिलाओं द्वारा कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ शंखनाद करने के बाद इस मुहिम में लगातार कड़ियां जुड़ने लगी हैं। बीबीपुर की महिलाओं के साथ-साथ जहां सर्व खाप पंचायतों के प्रतिनिधियों ने भी कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के फैसले पर मोहर लगा दी है, वहीं अब खेल गांव निडानी के युवा मंडल के सदस्य भी बेटी बचाने के लिए आगे आए हैं। युवा मंडल के सद

रसोई घर के निर्माण कार्य में हो रहा फर्जीवाड़ा

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नरेंद्र कुंडू जींद। सरकारी स्कूलों में सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए) द्वारा मिड-डे-मील योजना के तहत बनवाए जा रहे कीचन शैड कम स्टोरों का निर्माण सवालों के घेरे में है। एसएसए द्वारा कीचन शैड कम स्टोर के निर्माण के लिए हर स्कूल को एक लाख 36 हजार रुपए की ग्रांट उपलब्ध करवाई जा रही है। लेकिन अगर इनके निर्माण में प्रयोग होने वाले मैटीरियल के बाजार के रेटों पर नजर डाली जाए तो इस ग्रांट से इनका निर्माण किसी तरह भी संभव नहीं है। मैटीरियल के बाजार भाव को देखते हुए इनका निर्माण एक लाख 85 हजार रुपए से भी  ज्यादा में पूरा होता है। इससे यह साफ है कि स्कूलों में नियमों को ताक पर रखकर घटिया निर्माण सामग्री के दम पर रसोई घर खड़े किए जा रहे हैं। लेकिन प्रशासनिक अधिकारी सबकुछ जानते हुए भी इस मामले में अनजान बने हुए हैं। प्रशासनिक अधिकारियों की यह लापरवाही कभी भी नौनिहालों पर भारी पड़ सकती है। सवालों के घेरे में अधिकारी सरकारी स्कूलों में कीचन शैड कम स्टोर के निर्माण कार्य के लिए एसएसए द्वारा जारी की जा रही ग्रांट निर्माण के लिए प्रर्याप्त न होने के बावजूद भी निर्माण में फर्जीवाड़ा कर धड़ल्ले से इन बिल्डिंगों

निडाना की गौरियों ने भी उठाया खेती को जहरमुक्त करने का बीड़ा

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पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं निडाना की महिलाएं नरेंद्र कुंडू जींद। निडाना गांव के गौरे से पेस्टीसाइड के विरोध में उठी इस आंधी को रफ्तार देने में निडाना गांव की गौरियां भी पुरुषों के बाराबर अपनी भागीदारी दर्ज करवा रही हैं। निडाना गांव की महिलाएं ओर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। कीट मित्र किसानों ने जहां इस मुहिम को सफल बनाने के लिए खाप पंचायतों का दामन थाम है, वहीं गांव की महिलाओं ने भी इस मुहिम पर रंग चढ़ाने के लिए आस-पास के गांवों की महिलाओं को जागरुक करने का बीड़ा उठाया है। अक्षर ज्ञान के अभाव का रोड़ा भी इन महिलाओं की रफ्तार को कम नहीं कर पा रहा है। पुरुषों के साथ ही इन महिलाओं ने भी इस लड़ाई में शंखनाद कर दिया है। महिलाएं घंटों कड़ी धूप के बीच खेतों में बैठकर लैंस की सहायता से कीटों की पहचान में जुटी रहती हैं। बुधवार को भी महिलाओं ने ललितखेड़ा गांव में पूनम मलिक के खेत में महिला खेत पाठशाला का आयोजन किया। इस दौरान निडाना गांव की मास्टर ट्रेनर महिलाओं ने ललितखेड़ा गांव की महिलाओं को कीटों का व्यवहारिक ज्ञान दिया। मास्टर

कीट व किसानों के झगड़े को निपटाने के लिए पंचायत के प्रतिनिधियों ने किया मंथन

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 सर्व खाप पंचायत की महिला विंग की प्रधान पंचायत में अपने विचार रखते हुए। पंचायत प्रतिनिधियों को स्मृति चिह्न •ोंट करते कीट साक्षरता केंद्र के किसान। नरेंद्र कुंडू जींद। आप ने खाप पंचायतों को सामाजिक तानेबाने को बनाए रखने तथा आपसी भाईचारे को कामय रखने के लिए लोगों के बड़े-बड़े झगड़े निपटाते देखा होगा, लेकिन अब खाप पंचायतें पिछले 40-45 वर्षों से कीटों व किसानों के बीच चले आ रहे झगड़े को निपटाने में अपना सहयोग करेंगी। निडाना गांव के स्थित कीट साक्षरता केंद्र के कीट मित्र किसानों के आह्वान पर मंगलवार को निडाना गांव के जोगेंद्र मलिक के खेत पर एक पंचायत का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता दाड़न खाप के प्रधान देवा सिंह ने की तथा पंचायत के सही संचालन की जिम्मेदारी बराह कलां बाहरा के प्रधान कुलदीप सिंह ढांडा को सौंपी गई। पंचायत में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि कीटों व किसानों के इस झगड़े को निपटाने के लिए सप्ताह के हर मंगलवार को सर्व खाप पंचायत की ओर से एक पंचायत का आयोजन किया जाएगा। 18 बैठकों के बाद 19वीं बैठक में सर्व जातीय सर्व खाप महापंचायत बुलाकर इस मुद्दे पर अपना फैसला सुनाएंगे।

कीट प्रबंधन अभियान में कूदी खाप पंचायतें

नरेंद्र कुंडू जींद। फतवे जारी करने के लिए बदनाम प्रदेश की सर्व खाप पंचायतें अब नए क्लेवर में नजर आएंगी। पिछले 40-45 वर्षों से कीटों व किसानों के बीच चल रहे इस आपसी झगड़े को निपटाने के लिए सर्व खाप पंचायत द्वारा एक अदभूत व अनोखी पहल की गई है। कीटों व किसानों की इस आपसी लड़ाई से धरती पर मौजूद अन्य जीवों को हो रहे जानी नुकसान को बचाने के लिए खाप पंचायतों ने इस लड़ाई में हस्तक्षेप किया है। खाप पंचायत का प्रतिनिधिमंडल सप्ताह के हर मंगलवार को निडाना के कीट साक्षरता केंद्र पर पहुंचकर दोनों पक्षों की बहस सुनेगा और नजदीक से इस लड़ाई का जायजा लेगा। इस बहस के जरिए खाप पंचायतों के प्रतिनिधि कीटों व किसानों के झगड़े की वास्तविकता का पता लगाएंगे। यह सिलसिला लगातार 18 सप्ताह तक चलेगा और 19वें सप्ताह में प्रदेश के सर्व खाप पंचायत के प्रतिनिधि एकत्रित होकर अपना फैसला सुनाएंगे। इतिहास गवाह रहा है कि फतवे जारी करने के लिए बदनाम प्रदेश की सर्व खाप पंचायतों ने पुरानी से पुरानी रंजीश पर समझौते की मोहर लगाकर आपसी भाईचारे को कायम रखने का काम किया है। आपसी भाईचारे को कायम रखने वाली ये खाप पंचायतें अब एक अनोखी मुह

...ये है देश की अनोखी पाठशाला

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देश की आर्थिक रीड को मजबूत करने के लिए यहां दी जाती है कीटों की तालीम नरेंद्र कुंडू किसान पाठशाला के दौरान कपास की फसल में कीटों की पहचान करते किसान। जींद। आप ने ऐसी पाठशालाएं तो बहुत देखी होंगी, जहां देश के कर्णधारों को क, ख, ग की तालीम देकर उनके भविष्य को उज्जवल बनाने के प्रयास किए जाते हैं, लेकिन क्या आपने कभी ऐसी पाठशाला देखी या सुनी है जहां कीटों की तालीम देकर देश की आर्थिक रीड (यानि किसानों) को सुदृढ़ करने के सपने बुने जा रहे हों। जी हां हम बात कर रहे हैं जींद जिले के निडाना गांव में चल रहे कीट साक्षरता केंद्र की। यहां हर मंगलवार को किसान पाठशाला का आयोजन किया जाता है और किसानों को कीट प्रबंधन के गुर सिखाए जाते हैं। यह एक अजीब तरह की पाठशाला है। इस पाठशाला में पेड पर लकड़ी का बोर्ड लगाया जाता है और खेत की मेड पर ही बैठकर किसान अपने अनुभव सांझा करते हैं। इस पाठशाला की सबसे खास बात यह है कि यहां न ही तो कोई अध्यापक है और न ही कोई स्टूडेंट है। यहां तो किसान खुद ही अध्यापक हैं और खुद ही स्टूडेंट। इस पाठशाला में किसान स्वयं मेहनत करते हैं और कागजी ज्ञान की बजाए व्यवहारिक ज्ञान

हाईटैक पंचायत ने रच दिया इतिहास

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महिला ग्रामसभा में कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए किया 14 कमेटियों का गठन नरेंद्र कुंडू जींद। देश की पहली हाईटैक पंचायत बीबीपुर ने सोमवार को एक नया इतिहास रच दिया है और इस इतिहास का गवाह बनी है गांव के तिहाड़ पाने की नीमवाली चौपाल। आईटी विलेज की पंचायत ने गांव में महिला ग्रामसभा का आयोजन करवाकर देश की पहली महिला ग्राम सभा करवाने वाली पंचायत का गौरव हासिल कर लिया है। जिस चौपाल के पास से कभी महिलाएं घुंघट तानकर निकलती थी आज उसी चौपाल में बैठकर महिलाओं ने लगभग दो घंटे तक गहन मंथन किया और कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए अहम फैसला लिया। ग्रामसभा में कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए गांव में 14 कमेटियों का गठन किया गया और सरपंच को सभी कमेटियों का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। चार मैंबर की एक कमेटी बनाई गई, जिसमें तीन महिलाओं व एक पुरुष को कमेटी के मैंबर के तौर पर चुना गया। कमेटियों का कार्य केवल कन्या भ्रूण हत्या को रोकना ही नहीं, अपितू उन महिलाओं पर भी नकेल डालने का रहेगा, जो कन्या भ्रूण हत्या जैसे जघन्य अपराध में शामिल होकर खुद अपनी ही जात की दुश्मन बनी हुई हैं। महिलाओं ने रखे सुझाव