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बेजुबान चित्रों में रंगों से जान फूंक रहे कार्टुनिस्ट दीपक कौशिक

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राष्ट्रपति भवन तथा कई म्यूजिमों में शोभा बढ़ा रही दीपक की पेंटिंगें पेंटिंग प्रतियोगिताओं में कई पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं दीपक कौशिक  नरेंद्र कुंडू जींद। भले ही रंग बेजुबान होते हैं लेकिन रंगों की भाषा के भाव पढऩे वाले या यूं कहे कि रंगों को समझने वाले कद्रदान इस भाषा को पढ़ते भी हैं और सुनते भी। शहर के रामराये गेट निवासी चित्रकार दीपक कौशिक भी कुछ इसी तरह से इन रंगों का दीवाना है। चित्रकार दीपक कौशिक चित्रकला में इतना निपूर्ण है कि वह रंगों से बेजुबान चित्रों व मूर्तियों में जान डाल देता है। दीपक कौशिक की उंगलियों में ऐसा जादू है कि उसकी उंगलियां जिस भी चित्र को छू लेती हैं वह एकदम से संजीव हो जाती है या यूं कहे की वह एक तरह से बोलने लगती है। दीपक कौशिक मास्टर ऑफ फाइन आर्ट (एमएफए) की डिग्री हासिल करने के बाद से गोपाल स्कूल में कला अध्यापक के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहा है और यहां बच्चों को कला के गुर सिखा रहा है। दीपक कौशिक की कला का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसके द्वारा तराशे गए आठ बच्चे भी स्टेट गर्वनर अवार्ड हासिल कर चुके हैं। आर्टिस्ट दीपक द्वारा तैयार की गई कई

बीज-खाद के लिए हाथ नहीं फैलाएं अन्नदाता

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किसानों के लिए प्रेरणास्त्रोत बना झांझ कलां का सुरेश अपनी सुझबुझ से सुरेश ने तैयार की गेहूं की अनोखी किस्म किसान सुरेश रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग करने की बजाए देशी पद्धति से करता है खेती नरेंद्र कुंडू  जींद। वैसे तो किसान को अन्नदाता का दर्जा दिया गया है लेकिन आज हालात इसके बिल्कुल विपरित हो चले हैं। सब्सिडी पर बीज, खाद इत्यादि खरीदने के लिए देश का यह अन्नदाता बाजार में हाथ फैलाए खड़ा रहता है। यदि किसान स्वयं अपने खेत में ही बीज, खाद तैयार करने लगे तो उसे छोटी-छोटी सब्सिडी के लिए बाजार में हाथ फैलाने की जरूरत नहीं होगी। यह मानना है झांझ कलां गांव निवासी किसान सुरेश ङ्क्षसहमार का। महज दसवीं पास सुरेश ङ्क्षसहमार पांच एकड़ में खेतीबाड़ी का कामकाज कर अपने परिवार का गुजर-बसर करता है। सुरेश की एक खूबी है जो उसे अन्य किसानों से अलग करती है। सुरेश समय-समय पर अपने खेत में तैयार हो रही फसलों पर अकसर नए-नए प्रयोग करता रहता है और अपनी इसी आदत के कारण सुरेश ने गेहूं की एक अनोखी किस्म तैयार कर दी है। सुरेश द्वारा अपने खेत में तैयार किए गए गेहूं के इस बीज की किस्म सामान्य गेहूं से अलग है। सामान्

किसान-कीट विवाद को सुलझाने का प्रयास

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न्यायिक कमेटी के सदस्यों ने खाप चौधरियों को भेजी रिपोर्ट रिपोर्ट में कीट ज्ञान की मुहिम को देश में लागू करने का किया समर्थन न्यायिक कमेटी के निर्णय से खाप पंचायत के फैसले को मिली मजबूती किसान-कीट विवाद सुलझाने के लिए फरवरी माह में निडाना में हुई थी खाप पंचायत नरेंद्र कुंडू जींद। किसानों और कीटों के बीच दशकों से चली आ रही अंतहीन जंग में दोनों पक्षों के बीच समझौता करवाने के लिए गत 20 फरवरी को निडाना में आयोजित हुई सर्व खाप महापंचायत की न्यायिक कमेटी ने खाप प्रतिनिधियों को अपनी रिपोर्ट भेज दी है। न्यायिक कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में जींद जिले के किसानों द्वारा चलाई जा रही कीट ज्ञान की मुहिम को देश में लागू करवाने तथा पेस्टीसाइड कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है। न्यायिक कमेटी द्वारा खाप प्रतिनिधियों के पक्ष में दी गई इस रिपोर्ट से खाप पंचायत के फैसले को भी मजबूती मिली है। न्यायिक कमेटी द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट के आधार पर अब खाप प्रतिनिधि केंद्रीय तथा प्रदेश के मंत्रियों को ज्ञापन भेजकर इस मुहिम को कृषि नीति में शामिल करने की मांग करेंगे। ताकि दूषित हो रहे खान-पान को बच

जिला कारागार में मिल्ट्री की तर्ज पर बनेगी कैंटीन

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अब जेल में बंद कैदियों व बंदियों के लिए परिजन बाहर से नहीं पहुंचा सकेंगे सामान पूरी तरह से कैशलैस होगी कैंटीन, प्रत्येक कैदीं व बंदीं का कैंटीन में खुलेगा खाता बॉयोमैट्रीक सिस्टम से कैदियों को मिलेगा कैंटीन से सामान  नरेंद्र कुंडू  जींद। जिला कारागार में बंद कैदी व बंदी जल्द ही कैंटीन की सुविधा ले सकेंगे। जिला कारागार में मिल्ट्री की तर्ज पर कैंटीन का निर्माण किया जा रहा है। आगामी एक मई से जिला कारागार में कैंटीन की सुविधा शुरू हो जाएगी। जेल में कैंटीन की सुविधा शुरू होने के बाद यहांं बंद कैदियों व बंदियों से मुलाकात के लिए आने वाले वाले परिजन बाहर से लाया गया सामन जेल के अंदर नहीं पहुंचा सकेंगे। जेल प्रबंधन की तरफ से कैदियों व बंदियों के लिए परिजनों द्वारा बाहर से लेकर आने वाले सामान पर पूरी तरह से रोक लगाने का निर्णय लिया है। आगामी एक मई से जिला कारागार में पूरी तरह से यह नियम लागू हो जाएगा। मिल्ट्री की कैंटिन की तर्ज पर तैयार हो रही कैंटीन से उचित रेट पर कैदी व बंदी अपनी जरूरत का सामान खरीद सकेंगे। जिला कारागार की यह कैंटीन पूरी तरह से कैशलैस होगी। प्रत्येक कैदी व बंदी के कै

अंधेरी कोठरी में अक्षर ज्ञान का जला रहे दीप

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जिला कारागार में इग्रू का सेंटर शुरू कर कैदियों व बंदियों को दिया जा रहा शिक्षा का ज्ञान आत्म निर्भर बनने के लिए महिला कैदी भी सीख रही हाथ का हुनर  पढ़ाई के लिए इस वर्ष 268 कैदियों ने किया आवेदन  नरेंद्र कुंडू  जींद। जेल की अंधेरी कोठरी को जेल अधीक्षक ज्ञान के दीप से उज्जवल करने में लगे हुए हैं। जिला कारागार की बैरिकों ने कक्षाओं का रूप धारण कर लिया है। जिला कारागार में बंद कैदियों व बंदियों को अक्षर ज्ञान दिया जा रहा है। शिक्षा से लगाव रखने वाले कैदी व बंदी ओपन यूनिवर्सिटी के जरिए डिस्टेंस एजुकेशन से अपनी अधूरी पढ़ाई पूरी कर रहे हैं। इस वर्ष जिला कारागार में बंद 268 कैदी व बंदी पढ़ाई कर अपने भविष्य को उज्जवल बनाने में लगे हुए हैं। जेल अधीक्षक डॉ. हरिश कुमार रंगा स्वयं बैरिकों में कैदियों व बंदियों को पढ़ाते हैं। पुरुष कैदियों के साथ महिला कैदियों को भी आत्म निर्भर बनाने के लिए हाथ का हुनर सिखाया जा रहा है। ताकि यहां से निकलने के बाद पुरुष व महिला कैदी समाज की मुख्य धारा से जुड़ सकें।  जिला कारागार का फोटो। जाने-अनजाने में अपराध की दलदल में फंसकर जिला कारागार में अपने

कैसे मिलेगा मुआवजा आधे से ज्यादा रकबे की नहीं हुई गिरदावरी

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विभाग के पास पटवारियों का टोटा स्टाफ की कमी से ज्यादातर कागजों में ही हो रही है गिरदावरी  गेहूं की कटाई शुरू होने से असमंजस में किसान  नरेंद्र कुंडू जींद। बेमौसमी बरसात ने किसानों की कमर तोड़कर रख दी है। प्रदेश सरकार किसानों के जख्मों पर मुआवजे का मरहम लगाने का प्रयास कर रही है लेकिन गिरदावरी सरकार की राह में रोड़ा बनी हुई है। सरकार बार-बार मुआवजा जारी करने की तिथि निर्धारित कर रही है लेकिन जिले में अभी तक आधे से ज्यादा रकबे की गिरदावरी ही नहीं हो पाई है। विभाग के पास पटवारियों का टोटा है। इसके चलते जिले में गिरदावरी का काम रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है। इस समय राजस्व विभाग के पास पटवारियों के आधे से भी ज्यादा पद खाली पड़े हैं। वहीं कृषि विभाग के पास भी कृषि विकास अधिकारियों का भारी टोटा है। कृषि विभाग में भी कृषि विकास अधिकारियों के आधे से ज्यादा पद खाली होने के कारण विभाग भी खराब फसलों की सही तरीके से सर्वे रिपोर्ट तैयार कर सरकार के पास नहीं भेज पा रहा है। स्टाफ की कमी के चलते निर्धारित समयावधि में गिरदावरी का काम पूरा नहीं हो पा रहा है। काम के बढ़ते बोझ और स्टाफ की कमी के

खेत से पेट तक पहुंच रहा जहर

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फसलों में अंधाधुंध प्रयोग हो रहे कीटनाशकों से थाली में बढ़ रहा जहर का स्तर कैंसर के मरीज बढ़ा रहे हैं कीटनाशक नरेंद्र कुंडू जींद। देश में हरित क्रांति के साथ ही कीटनाशकों तथा रासायनिक उर्वरकों ने भी दस्तक दे दी थी लेकिन किसानों को इनके प्रयोग की सही मात्रा तथा इनके अधिक प्रयोग से होने वाले दूष्प्रभाव की जानकारी नहीं होने के कारण दिनों-दिन फसलों में इनका प्रयोग बढ़ता चला गया। किसानों द्वारा अधिक उत्पादन की चाह में फसलों में प्रयोग किए जा रहे कीटनाशक व रासायनिक उर्वरकों से थाली के जहर का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। फसलों में अत्याधिक कीटनाशकों के प्रयोग से जहर खाद्य वस्तुओं के माध्यम से खेत से हमारे पेट तक पहुंच रहा है। दूषित हो रही खान-पान, वायु व जल प्रदूषण के कारण आज भिन्न-भिन्न प्रकार की बीमारियों ने भी मनुष्य के शरीर को अपनी चपेट में ले लिया है। इसी का कारण है कि आज स्वास्थ्य पर खर्च लगातार बढ़ता जा रहा है। चिकित्सकों का मानना है कि यदि खान-पान व वातावरण को दूषित होने से बचा लिया जाए तो बहुत सी बीमारियां तो स्वयं ही खत्म हो जाएंगी और यह तभी संभव है जब किसान इस बारे में जागरूक ह

देश के कृषि वैज्ञानिकों को कीट ज्ञान का पाठ पढ़ाएंगे 'म्हारे किसान'

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एनसीआईपीएम द्वारा दिल्ली में आयोजित सेमिनार में शामिल होंगे देशभर के कृषि वैज्ञानिक एनसीआईपीएम ने सेमिनार में शामिल होने के लिए जींद के किसान को किया आमंत्रित नरेंद्र कुंडू जींद। जिले के कीटाचार्य किसान देश के कृषि वैज्ञानिकों को कीट ज्ञान की मुहिम से रूबरू करवाएंगे। इसके लिए राष्ट्रीय समेकित नाशीजीव प्रबंधन अनुसंधान केंद्र (एनसीआईपीएम) द्वारा दिल्ली में एक विशेष सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है। इस सेमिनार में देश के कृषि वैज्ञानिकों के साथ-साथ जिले के कीटाचार्य किसानों को भी विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है। पुषा परिसर में चल रहे इस सेमिनार में कीटाचार्य किसान कृषि वैज्ञानिकों के सामने कीटों पर किए गए अपने शोध को प्रस्तुत करेंगे और फसल में मौजूद मांसाहारी व शाकाहारी कीटों के महत्व के बारे में जानकारी देंगे। ताकि कीट ज्ञान की इस मुहिम को पूरे देश में फैलाकर थाली को जहरमुक्त बनाया जा सके। एनसीआईपीएम द्वारा दिल्ली में 26 फरवरी से 18 मार्च तक 20 दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में देशभर के कृषि वैज्ञानिक भाग ले रहे हैं। इसी कार्यक्रम के दौरान एनसीआईपीएम की टी

महापंचापयत में खापों ने किया किसान-कीट विवाद के समझौते का प्रयास

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खाप का सरकार से आह्वान, डॉ. सुरेंद्र दलाल के नाम से बनाई जाए नई कृषि नीति  निडाना गांव में हुई सर्वजातीय सर्वखाप महापंचायत कीटों ने खाप चौधरियों से लगाई न्याय की गुहार  महापंचायत में कीटों ने दी किसानों खुली चुनौति, उन्हें मारकर नहीं जीत पाएंगे किसान कीटाचार्य किसानों ने खाप चौधरियों के सामने रखा कीटों का दर्द हाईकोर्ट के सेवानिवृत जज एसएन अग्रवाल ने भी की खाप महापंचायत में शिरकत नरेंद्र कुंडू  जींद। जिले के निडाना गांव में शुक्रवार को आयोजित हुई सर्वजातीय सर्वखाप महापंचायत में खाप चौधरियों ने अनोखे एवं अद्भूत मामले किसान व कीट विवाद की सुनवाई की। खाप महापंचायत में कीटाचार्य किसानों ने बेजुबान कीटों पैरवी की। लगभग तीन घंटे चली महापंचायत में खाप चौधरियों व न्यायिक कमेटी के सदस्यों ने कीटाचार्य किसानों से सवाल जवाब किए। इसके बाद न्यायिक कमेटी ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर खाप प्रतिनिधियों को सौंपी। खाप प्रतिनिधियों ने मामले की गहनता से सुनवाई करने तथा न्यायिक कमेटी की रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद मंच से आह्वान किया कि खाप पंचायत डॉ. सुरेंद्र दलाल के नाम से नई कृषि नीति ब

न्यायिक कमेटी के मार्गदर्शन में किसान-कीट विवाद सुलझाएगी खाप पंचायत

खाप पंचायतों के इतिहास में पहली बार बनाई जाएगी न्यायिक कमेटी 20 को निडाना में होगा अनोखी एवं अदभूत खाप महापंचायत का आयोजन नरेंद्र कुंडू  जींद। फतवे जारी करने के नाम से जानी-जाने वाली खाप पंचायतें 20 फरवरी को निडाना में आयोजित होने वाली अनोखी एवं अदभूत महापंचायत में न्यायिक कमेटी के मार्गदर्शन में किसान व कीट के विवाद को सुलझाएंगी। खाप पंचायतों के इतिहास में यह पहली बार होगा कि जब किसी विवाद को सुलझाने के लिए पंचायत में अलग से एक न्यायिक कमेटी का गठन किया जाएगा। इस न्यायिक कमेटी का चेयरमैन पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के सेवानिवृत्ति न्यायधीश एसएन अग्रवाल को बनाया जाएगा और कृषि वैज्ञानिक तथा खाद्य विशेषज्ञ को भी इस न्यायिक कमेटी में शामिल किया जाएगा। यह न्यायिक कमेटी अपनी रिपोर्ट महापंचायत को सौंपेगी, इसके बाद महापंचायत अपना फैसला सुनाएगी। निडाना गांव में 20 फरवरी को होने वाली अनोखी सर्वजातीय सर्वखाप महापंचायत की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं।   यह है पूरा मामला  डॉ. सुरेंद्र दलाल कीट साक्षरता मिशन से जुड़े कीटाचार्य किसानों ने जून 2012 में खाप प्रतिनिधियों को पत्र लिखकर

लोगों के झगड़े निपटाने वाली खाप सुनेंगी बेजुबानों का दर्द

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20 को निडाना में खाप महापंचायत में निपटाया जाएगा किसानों व कीटों का विवाद खाप पंचायत में कृषि वैज्ञानिक व सेवानिवृत्त न्यायधीशों को भी किया जाएगा आमंत्रित नरेंद्र कुंडू जींद। लोगों के आपसी विवाद सुलझाने के लिए पहचानी जाने वाली उत्तर भारत की खाप पंचायतें अब किसानों और कीटों के बीच पिछले लगभग चार दशकों से चले आ रही लड़ाई में समझौता करवाने की पहल करेंगी। इसके लिए आगामी 20 फरवरी को खाप महापंचायत का आयोजन किया जाएगा। जींद-गोहाना मार्ग पर निडाना गांव के पास स्थित डैफोडिल्स स्कूल में आयोजित होने वाली खाप महापंचायत में उत्तर भारत की विभिन्न खापों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक तथा सेवानिवृत्ति न्यायधीशों को भी शामिल किया जाएगा। इस खाप महापंचायत में शामिल होने वाले खापों के चौधरी पंचायत में बेजुबान कीटों और किसानों का दर्द सुनेंगे। खाप पंचायत के माध्यम से वैज्ञानिक तथा सामाजिक दृष्टिकोण से किसानों और कीटों के इस विवाद को समाप्त करने के लिए दोनों पक्षों में समझौते का प्रयास किया जाएगा। ताकि इस लड़ाई में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से हर रोज काल का ग्रास बन रहे किसानों व ब

'कांधै ऊपर जहर की टंकी मेरै कसूती रड़कै हो'

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जहर मुक्त थाली विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित नरेंद्र कुंडू जींद। कीट साक्षरता मिशन द्वारा बुधवार को शहर के रोहतक रोड स्थित किसान कृषि प्रशिक्षण केंद्र (हमेटी) में जहरमुक्त थाली विषय पर एक दिवसीय नेशनल सेमिनार का आयोजन किया गया। इसमें निडाना में चलाई गई कीट साक्षरता के परिणामों पर भी चर्चा की गई। कीट साक्षरता का हिस्सा रही निडाना, रधाना व ललितखेड़ा गांव की महिलाओं ने बताया कि अमर उजाला का सहयोग मिलने से उनके अभियान को मजबूती मिली है। इस दौरान महिलाओं ने कीटों पर आधारित गीत भी प्रस्तुत किए, जिसमें 'कांधै ऊपर जहर की टंकी मेरै कसूती रड़कै हो' के माध्यम से कीटनाशकों के प्रयोग से शरीर और पर्यावरण को हो रहे नुकसान के बारे में बताया। गीत के माध्यम से बताया गया कि किस प्रकार कीटनाशकों के कारोबारियों का धंधा जम रहा है और किसान बर्बाद हो रहा है। कार्यक्रम में मौजूद सभी लोगों और कृषि वैज्ञानिकों ने कीट गीत की सराहना की। सेमिनार में हरियाणा किसान आयोग के मैंबर सचिव डॉ. आरएस दलाल, चौ. चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय हिसार (एचएयू) से डायरेक्टर रिसर्च डॉ. एसएस सिवाच, जींद के एसड