रविवार, 18 दिसंबर 2011

किसानों का सहारा बनेंगे पॉली हाऊस


किसानों का आधुनिक खेती के प्रति रूझान बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा दी जा रही 65 प्रतिशत की सब्सिडी
नरेंद्र कुन्डू
जींद।
जिले में बागवानी विभाग ने किसानों को आधुनिक खेती के प्रति रुझान बढ़ाने के लिए पॉली हाऊस स्थापित करने का निर्णय लिया है। जिसमें विभाग की तरफ से किसानों को पॉली हाऊस स्थापित करने पर 65 प्रतिशत सब्सिडी का प्रावधान किया गया है। पॉली हाऊस के माध्यम से किसान स्वास्थ्य व बेमौसमी सब्जियों की पैदावार ले सकेंगे। प्रदेश सरकार की इस योजना से अब किसान सब्जी उत्पादन में इजाफा कर पाएंगे। सरकार की इस योजना का लाभ लेने के लिए जिले के दर्जनों किसान पॉली हाऊस के लिए आवेदन का चुके हैं।
बागवानी विभागकरने का निर्णय लिया है। इस कड़ी के तहत किसानों को पॉली हाऊस लगाने पर 65 प्रतिशत सब्सिडी देने का प्रावधान है। इस तकीनीक से सीमित स्थान में कम से कम खर्च पर अधिक से अधिक गुणवत्ता वाली पौध तैयार की जा सकती है। प्रदेश सरकार के इस निर्णय से किसानों का आधुनिक खेती के प्रति रूझान बढ़ेगा और किसान आर्थिक तौर पर मजबूत हो सकेंगे। पॉली हाऊस के माध्यम से किसान बेमौसमी सब्जियों की अधिक से अधिक पैदावार कर सकेंगे और सब्जियों को बाजार में उस समय पहुंचा सकेंगे जब सब्जियों की मांग अधिक होगी और आपूर्ति कम होगी। पॉली हाऊस के निर्माण पर सरकार की तरफ से बागवानी मिशन के तहत किसान को 935 रुपए प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से खर्च दिया जाता है। जिले में इस समय दो पॉली हाऊसों का ढांचा बन कर तैयार हो चुकाहै तथा एक दर्जन से अधिक किसान इसके निर्माण के लिए आवदेन कर चुके हैं। बागवानी विभाग द्वारा शहर में नहर के पास स्थित नर्सरी में 500 वर्ग मीटर में ग्रीन हाऊस तथा 250 वर्ग मीटर में पॉली हाऊस डैमों के तौर पर तैयार किए गए हैं। सरकार की इस योजना से बागवानी विभाग किसानों को पॉली हाऊस के प्रति आकर्षित करने में कामयाब होगा।
फसल पर नहीं पड़ता वातावरण का प्रभाव
सब्जी विशेषज्ञ डा. एसके अरोड़ा ने बताया कि पॉली हाऊस पूरी तरह से पॉलीथिन से कवर होता है। इसलिए इसके अंदर पैदा होने वाली फसल पर आंधी व बारिश का कोई प्रभाव नहीं पड़ता और फसल सुरक्षित रहती है। पॉली हाऊस में किसान उच्च गुणवत्ता की अगेती व बेमौसमी फसल ले सकते हैं। इसमें बेल वाला टमाटर, शिमला मिर्च, खीरा, तोरी, टिंडा, लोकी, कद्दू, खरबूजा, तरबूज, अगेती बेल वाली सब्जियां, करेला व अन्य बेमौसमी सब्जियाँ ली जा सकती हैं। 
क्या है पॉली हाऊस
प्रोजैक्ट मैनेजर डा. सतेंद्र यादव ने बताया कि किसान बांस व पॉलीथिन की सहायता से अपनी आवश्यकता अनुसार एक झोपड़ी नुमा घर बना सकते हैं। इसमें पॉलीथिन के छोटे-छोटे लिफाफों में रेत, मिट्टी, गोबर या कम्पोस्ट खाद का मिश्रण करके लिफाफे में भरा जाता है। इन लिफाफों में 2-2 बीजों की बिजाई एक साथ की जा सकती है। पॉलीथिन में होने के कारण इसकी मिट्टी व खाद में नमी ज्यादा समय तक बनी रहती है। जिससे पानी की काफी बचत होती है। जरूरत पड़ने पर आवश्यकता अनुसार फव्वारों से सिंचाई की जा सकती है। पॉली हाऊस में जनवरी के आखरी व फरवरी के प्रथम सप्ताह में रोपाई करके डेढ़ माह अगेती फसल तैयार की जा सकती है। 
फोटो कैप्शन
13जेएनडी16 : बागवानी वि•ााग की नर्सरी में डैमो के तौर पर तैयार किया गया पॉली हाऊस।

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