मंगलवार, 3 जनवरी 2012

प्रदेश की पंचायतों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बनी बीबीपुर की पंचायत

ई डिजीटल पंचायत का निर्माण कर अंतर्राष्ट्रीय  स्तर पर लहराया परचम

बीबीपुर पंचायत का इंटरनेट पर बनाये गई वेबसाइट
नरेंद्र कुंडू
जींद।
एक तरफ जहां ग्रामीण क्षेत्र विकास कार्यों में पिछड़ रहे हैं, वहीं जिले का एक गांव ऐसा भी है, जिसने विकास के सारे रिकार्ड तोड़ते हुए छोटे से लेकर बड़े प्रोजैक्ट में अपनी भागीदारी दर्ज करवाई है। आदर्श गांव का दर्जा प्राप्त करने के साथ-साथ डिजीटल पंचायत बनाकर देश की प्रथम हाईटेक पंचायत की सूची में अपना नाम दर्ज करवाया है। जिले के बीबीपुर गांव की पंचायत राष्टÑीय ही नहीं अंतर्राष्ट्रीय  स्तर पर भी अपनी पहचान बना चुकी है। बीबीपुर गांव की पंचायत अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त कर प्रदेश की पंचायत के लिए प्रेरणा स्त्रोत बन गई है। ताज्जुब की बात तो यह है कि बीबीपुर गांव की पंचायत को आज तक प्रदेश सरकार की तरफ से एक भी ग्रांट नहीं मिली है। गांव में सारे विकास कार्य जिला प्लानिंग के तहत मिलने वाली ग्रांट व पंचायती फंड से करवाए गए हैं। 
जिला जींद जहां विकास कार्यों में पिछड़ने के कारण अपनी पहचान खो रहा है, वहीं जिले का गांव बीबीपुर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी जिले का प्रतिनिधित्व कर जिले को गौरवांतित कर रहा है। अपने विकास कार्यों के बलबुते ही गांव की पंचायत अक्षय ऊर्जा अवार्ड सहित अन्य कई पुरस्कार जीत कर पूरे वर्ष सुर्खियों में रही है। गांव को इस मुकाम तक पहुंचाने में गांव के युवा व जागरूक सरपंच सुनील जागलान ने अहम भूमिका निभाई है। अपने थोड़े से कार्यकाल में ही गांव का कायाकल्प करते हुए गांव की पंचायत को पूरे प्रदेश की पहली हाईटेक पंचायत का दर्जा दिलवाकर अपनी सुझबुझ का परिचय दिया। विकास कार्यों में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए डिजीटल पंचायत का निर्माण किया गया। जिससे गांव के विकास कार्यों में तो पारदर्शिता आई ही, साथ-साथ गांव को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक अलग पहचान भी  मिली। गांव की उपलब्धियों को देखते हुए अब तक 18 देशों के लोग गांव में विजिट कर चुके हैं। इसके अलावा इंग्लैंड की ओआरसीबीटी संस्था गांव को गोद लेने के लिए कई बार गांव की विजिट कर चुकी है। गत माह मिनिस्ट्री आफ रूरल डेवलपमेंट एवं डिजीटल फाऊंडेशन इंडिया द्वारा इंडिया हेबिटेट सेंटर नई दिल्ली में आयोजित डिजीटल पंचायत समिट में गांव के सरपंच सुनील कुमार ने हरियाणा प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया था। इस समिट में 8 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था।
प्रदेश सरकार की ओर से नहीं मिली कोई ग्रांट
बीबीपुर गांव भले ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपना परचम लहरा चुका हो, लेकिन ताज्जूब की बात तो यह है कि गांव को प्रदेश सरकार द्वारा आज तक कोई ग्रांट नहीं मिली है। गांव में सभी विकास कार्य वल्ड बैंक द्वारा जिला प्लानिंग योजना के तहत भेजे जाने वाले पैसे व पंचायती फंड से करवाए जा रहे हैं। गांव की पंचायत ने गांव में नरेगा योजना के तहत सबसे अधिक कार्य करवाए हैं।
थाने नहीं जाते गांव के लोग
बीबीपुर गांव के लोग थाने-तहसील में ज्यादा विश्वास नहीं रखते हैं। इसलिए गांव में हुए आपसी विवादों को पंचायत के माध्यम से ही निपटा लेते हैं। गांव में आज तक मात्र दो केस ही थाने तक पहुंचे हैं। पंचायत द्वारा 77 केसों का निपटारा गांव की चौपाल में बैठकर किया जा चुका है। यह भी अपने-आप में एक विशेष उपलब्धि है।
खेलों को भी दिया जा रहा है बढ़ावा
विकास कार्यों के साथ-साथ बीबीपुर गांव में खेलों को •ाी बढ़ावा दिया जा रहा है। ग्राम पंचायत की तरफ से सभी  खेलों की टीमें बनाई गई हैं। गांव में पंचायत द्वारा खिलाड़ियों को खेल की सभी  सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही हैं। समय-समय पर गांव में खेलकूद प्रतियोगिताओं का आयोजन भी  किया जाता है। पंचायत के सहयोग व खिलाड़ियों की अथक मेहनत के बलबुते गांव की हैंडबाल की टीम राज्य स्तर पर दो बार गोल्ड मैडल जीत चुकी है।
एचयूबीएन से वसूले 74 लाख 66 हजार
गांव की पंचायत द्वारा हरियाणा उत्तरी बिजली वितरण निगम को बिजली बोर्ड के लिए जमीन दी गई थी। लेकिन निगम द्वारा जमीन के बदले में गांव को किसी तरह की कोई सुविधा या कोई शुल्क नहीं दिया जा रहा था। बाद में गांव की पंचायत ने कोर्ट के माध्यम से निगम से जमीन के बदले 74 लाख 66 हजार रुपए की राशि वसूली, जिसे गांव के विकास कार्यों में प्रयोग किया जाएगा।
सुनील जागलान, सरपंच बीबीपुर
इस वर्ष क्या-क्या होने हैं विकास कार्य
गांव को सिंचाई आपूर्ति के लिए पानी उपलब्ध करवाने के लिए नहर का निर्माण होगा, जिसके लिए दो हजार एकड़ भूमि रिकवायर की गई है।
अन्न भंडारण के लिए केंद्रीय भंडारण निगम द्वारा गोदाम का निर्माण किया जाएगा।
अनाथ व बेसहारा बच्चों को आसरा देने के लिए बाल ग्रह का निर्माण किया जाएगा।
पंचायत घर का निर्माण किया जाएगा।
सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए 26 जनवरी पर 18 बच्चों को सौर ऊर्जा की लाइटें वितरित की जाएंगी।
पाइलेट प्रोजैक्ट के तहत गांव में पानी संरक्षण सिस्टम का निर्माण किया जाएगा।

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