‘शरीर की तलाश में भटकती आत्मा’

विभाग द्वारा किसानों से नहीं मांगे गए आवेदन
नरेंद्र कुंडू
जींद।
सरकार द्वारा कृषि प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की गई आत्मा योजना अभी तक फाइलों से बाहर नहीं निकल पाई है। सरकार की बेरुखी केचलते इस वर्ष ‘आत्मा’ शरीर के लिए भटक रही है। योजना फाइलों में दफन होने के कारण  किसी भी प्रगतिशिल किसानों को इसका लाभ नहीं मिल सका है। पिछले वर्ष जहां जिले से 35 प्रगतिशिल किसानों ने इस योजना का लाभ उठाया था, वहीं इस बार विभाग ने इसके लिए आवेदन तक मांगने की जहमत नहीं उठाई है। जिसके चलते जिलेभर के दो दर्जन से ज्यादा किसान पुरस्कार की बाट जोह रहे हैं। लेकिन विभाग इस पर चुप्पी साधे बैठा है।
प्रौद्योगिक खेती के लिए किसानों को प्रेरित करने के उद्देश्य से सरकार ने आत्मा योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत हर वर्ष प्रगतिशिल किसानों को एक पुरस्कार राशि दी जाती है ताकि अधिक से अधिक किसान प्रौद्योगिक खेती को अपना कर अधिक से अधिक मुनाफा प्राप्त कर सकें। लेकिन इस वर्ष सरकार की आत्मा योजना फाइलों में धूल फांक रही है। योजना सिरे न चढ़ पाने के कारण इस वर्ष प्रगतिशिल किसानों को इसका लाभ नहीं मिला है। घिमाना किसाल क्लब के सदस्यों ने बताया कि पिछले वर्ष इस योजना के तहत जिले के 35 प्रगतिशिल किसानों को पुरस्कार दिए गए थे। उन्होंने बताया कि वर्ष समाप्त होने में अभी एक माह बीच में है, लेकिन किसानों को पुरस्कार देना तो दूर की बात अभी  तक विभाग ने किसानों से आवेदन तक नहीं मांगे हैं।
यह है योजना
तकनीकी रुप से उन्नत खेती करने वाले किसानों को सरकार आत्मा योजना के तहत सम्मानित करती है। इस योजना के तहत उन किसानों से आवेदन मांगे जाते हैं, जो तकनीकी रूप से खेती, पशुपालन, मछली पालन और मुर्गी पालन करते हैं। इन किसानों की पहचान करने के लिए जिला स्तर पर एक समिति बनाई जाती है। इस समिति में जिला कृषि उपनिदेशक, पशुपालन विभाग के जिला उपनिदेशक, मछली पालन विभाग के जिला अधिकारी तथा जिला मुर्गी पालन, जिला बागवानी अधिकारी को शामिल किया जाता है। इस योजना के तहत किसानों को खेती, पशुपालन, सब्जियां पैदा करने, मुर्गी पालन तथा मछली पालन के लिए अलग-अलग अंक दिए जाते हैं। समिति एक टीम का गठन कर सर्वे करवाती है और सर्वे के दौरान प्रगतिशिल किसानों को सर्वे टीम द्वारा दिए गए अंकों के अनुसार ही उनका नाम पुरस्कार के लिए भेजा जाता है। जिसके बाद जिला स्तर पर पांच किसानों को सरकार की तरफ से 25-25 हजार रुपए तथा ब्लॉक स्तर पर तीन-तीन किसानों को 10-10 हजार रुपए पुरस्कार के रूप में दिए जाते हैं। जिला स्तर पर विजेता किसानों के नाम राज्य स्तर के लिए भेजे जाते हैं।
प्रौद्योगिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने आत्मा योजना शुरू की थी और सरकार के निर्देशानुसार ही उन्नत किसानों से आवेदन मांगे जाते हैं। लेकिन इस वर्ष सरकार की तरफ से कोई निर्देश नहीं आए हैं। जिस कारण योजना को अमल में नहीं लाया गया है। जैसे ही सरकार की तरफ से निर्देश मिलेंगे, उसी समय योजना को शुरू कर प्रगतिशिल किसानों से आवेदन मांगे जाएंगे।
डा. प्रताप सिंह सब्रवाल
जिला कृषि अधिकारी, जींद

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