रविवार, 10 जून 2012

‘आम के आम गुठलियों के दाम’

प्रशिक्षण के साथ-साथ शिविरों में छात्राओं को मिलेगा मिड-डे-मील

जिले में 60 प्रशिक्षण शिविरों पर खर्च होगी 23 लाख 82 हजार रुपए की राशि

नरेंद्र कुंडू 
जींद। जीवन कौशल ग्रीष्मकालीन शिविर में भाग लेने वाली छात्राओं को अब भूखे पेट नहीं रहना पड़ेगा। सर्व शिक्षा अभियान द्वारा पढ़ाई के साथ छात्राओं को आत्म-निर्भर बनाने के उद्देश्य से शुरू किए गए इन प्रशिक्षण शिविरों में प्रशिक्षण के साथ-साथ छात्राओं को मिड-डे-मील भी दिया जाएगा। हरियाणा के मौलिक शिक्षा निदेशक ने एसएसए के जिला परियोजना अधिकारी व जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र के माध्यम से आदेश जारी कर दिए हैं। इस योजना के तहत इस बार जिले में 60 प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया जाएगा। एसएसए द्वारा इन 60 शिविरों पर 23 लाख 82 हजार रुपए की राशि खर्च की जाएगी।
पढ़ाई के साथ-साथ छात्राओं को आत्म निर्भर बनाने के उद्देश्य से सर्व शिक्षा अभियान द्वारा 15 दिवसीय जीवन कौशल ग्रीष्मकालीन शिविरों का आयोजन किया जाता है। इन प्रशिक्षण शिविरों में पहली से आठवीं तक की छात्राओं को गर्मियों की छुट्टियों के दौरान सिलाई-कढ़ाई, अचार बनाना, कढ़ाई व कटाई करना, डाकखाने व बैंक में खाता खुलाते समय फार्म भरने, यातायात के नियमों, फर्स्ट एड, बागवानी तथा किशोर अवस्था में आने वाले परिवर्तन के बारे में विस्तार से जानकारी देकर आत्मनिर्भर बनने के गुर सिखाए जाते हैं। इस बार इन प्रशिक्षण शिविरों में भाग लेने वाली छात्राओं को आम के आम और गुठलियों के दाम मिलेंगे। हरियाणा के मौलिक शिक्षा निदेशक द्वारा जारी नए आदेशों के अनुसार अब शिविर में भाग लेने वाली छात्राओं को प्रशिक्षण के साथ-साथ मिड-डे-मील भी दिया जाएगा। मौलिक शिक्षा निदेशक द्वारा एसएसए के जिला परियोजना अधिकारियों व जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर तुरंत प्रभाव से नियम लागू करने को कहा गया है। विभाग द्वारा उठाए गए इस कदम से आत्मनिर्भर बनने के साथ-साथ छात्राओं को अच्छा स्वास्थ्य भी प्राप्त होगा। एसएसए द्वारा इस योजना के तहत जिले में 60 प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया जाएगा। प्रत्येक 15 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर पर 39700 रुपए की राशि खर्च की जाएगी। इस प्रकार एसएसए द्वारा 60 प्रशिक्षण शिविरों पर 23 लाख 82 हजार रुपए की राशि खर्च की जाएगी। 

फर्स्ट एड का भी दिया जा रहा है प्रशिक्षण

15 दिवसीय प्रशिक्षण शिविरों में छात्राओं को सिलाई-कढ़ाई, अचार बनाना, कढ़ाई व कटाई करना, डाकखाने व बैंक में खाता खुलाते समय फार्म भरने, यातायात के नियमों, किशोर अवस्था में आने वाली समस्याओं के अलावा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा फर्स्ट एड के गुर भी सिखाए जा रहे हैं। विभाग द्वारा छात्राओं को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ आपदाओं से निपटने के लिए भी ट्रेंड किया जा रहा है, ताकि भविष्य में जरुरत पड़ने पर छात्राएं दूसरों पर आश्रित न रहकर स्वयं अपनी व दूसरों की मदद कर सकें।

शिविरों के प्रति बढ़ेगा रुझान

विभाग द्वारा उठाए गए इस कदम से छात्राओं को काफी लाभ मिलेगा। छात्राएं प्रशिक्षण शिविर में आत्म निर्भर बनने के गुर सिखने के साथ-साथ अच्छा स्वास्थ्य भी प्राप्त कर सकेंगी। विभाग द्वारा शिविर में मिड-डे-मील देने के निर्णय से शिविरों के प्रति छात्राओं का रुझान भी काफी बढ़ेगा। एसएसए द्वारा इस बार जिले में 60 प्रशिक्षण शिविरों पर 23 लाख 82 हजार रुपए की राशि खर्च की जाएगी।
भीम सैन भारद्वाज, जिला परियोजना अधिकारी
एसएसए, जींद

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