शुक्रवार, 1 जून 2012

धरती पुत्रों को हाइटैक बनाने की योजना पर ग्रहण

किसानों को अभी  तक नहीं मिली वित्तवर्ष 2011 की सब्सिडी

सब्सिडी के लिए किसान काट रहे हैं कार्यालयों के चक्कर
नरेंद्र कुंडू
जींद।
धरती पुत्र को हाइटैक बनाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई राष्ट्रीय  कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) पर कृषि विभाग के अधिकारियों की लापरवाही का ग्रहण लग गया है। विभाग की तरफ से कृषि यंत्रों पर मुहैया करवाई जाने वाली वित्त वर्ष 2011 की सब्सिडी किसानों को अभी तक नहीं मिल पाई है। हालांकि किसानों ने अपनी जेब से पैसे खर्च कर कृषि यंत्र तो खरीद लिए हैं, लेकिन सब्सिडी के लिए किसानों को अधिकारियों के कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। अधिकारियों की लापरवाही के कारण ट्रेक्टर चालित स्प्रे पंप व कल्टीवेटर की खरीद करने वाले जिले के 170 किसान अभी तक सब्सिडी से वंचित हैं। इस प्रकार कृषि विभाग किसानों की लगभग 25 लाख रुपए की सब्सिडी राशि पर कुंडली मारे बैठा है।
किसानों को हाईटैक बनाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा राष्टÑीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) शुरू की गई है। इस योजना के तहत केंद्र सरकार हर वर्ष किसानों को कृषि यंत्र खरीदवाने के लिए कृषि विभाग के माध्यम से लाखों रुपए की राशि जारी करती है। कृषि विभाग योजना पर अमल करते हुए कृषि यंत्र खरीदने के लिए किसानों से आवेदन मांगता है और जिस किसान ने पहले योजना का लाभा न लिया हो, उन किसानों का ड्रा सिस्टम के तहत ड्रा निकाल कर पात्र प्रमाण पत्र जारी कर कृषि यंत्र खरीदने की अनुमती प्रदान करता है। इस योजना के तहत वित्त वर्ष 2011 में कृषि विभाग ने किसानों से ट्रेक्टर चालित स्प्रे पंप, कल्टीवेटर, स्ट्रा रिपर, जीरो ड्रिल मशीन, कोटन ड्रिल मशीन व अन्य कृषि यंत्र खरीदने के लिए आवेदन मांगे थे। इसके लिए सरकार द्वारा किसानों को सबिसडी देने के लिए विभाग को लाखों रुपए की राशि भी जारी कर दी गई थी। जिसके बाद कृषि विभाग ने किसानों से आवेदन मांगे थे। विभाग ने किसानों से आवेदन भी मांग लिए, ड्रा भी निकाल दिया तथा किसानों को कृषि यंत्र खरीदने के लिए पात्र प्रमाण पत्र भी जारी कर दिए, लेकिन सब्सिडी अभी तक जारी नहीं की। कृषि अभियंत्रिक विभाग की तरफ से पात्र प्रमाण पत्र जारी होने के बाद किसानों ने अपनी जेब से पैसे खर्च कर कृषि यंत्र खरीद लिए, लेकिन अब किसानों को सब्सिडी लेने के लिए विभागीय अधिकारियों के कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। कृषि विभाग के अधिकारी सब्सिडी लेने के लिए किसानों को कृषि अभियंत्रिक अधिकारियों के कार्यालय व कृषि अभियंत्रिक विभाग के अधिकारी उलटा कृषि विभाग के कार्यालय भेज देते हैं। इस प्रकार कृषि अभियंत्रिक व कृषि विभाग के अधिकारी अपनी खाल बचाने के चक्कर में किसानों की चक्करघिरनी बनाए हुए हैं।

कितने किसानों को नहीं मिली सब्सिडी

आरकेवीवाई योजना के तहत कृषि विभाग ने वित्त वर्ष 2011 में किसानों से ट्रेक्टर चालित स्प्रे पंप, कल्टीवेटर, स्ट्रा रिपर, जीरो ड्रिल मशीन, कोटन ड्रिल मशीन व अन्य कृषि यंत्र खरीदने के लिए आवेदन मांग थे। विभाग ने सारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद किसानों को पात्र प्रमाण पत्र देकर कृषि यंत्र खरीदने की अनुमति दे दी थी। किसानों द्वारा कृषि यंत्र खरदीने के बाद विभाग ने कुछ किसानों को तो सब्सिडी दे दी, लेकिन ट्रेक्टर चालित स्प्रे पंप खरीदने वाले 100 व कल्टीवेटर खरीदने वाले 70 किसानों को अभी तक सब्सिडी का लाभ नहीं मिला है।

ग्रांट आते ही मुहैया करवा दी जाएगी सब्सिडी

विभाग द्वारा ज्यादातर किसानों को मार्च माह तक सब्सिडी मुहैया करवा दी थी, लेकिन ट्रेजरी में ई-सैलरी सिस्टम शुरू होने के कारण केंद्र सरकार की तरफ से विभाग को समय पर ग्रांट नहीं मिल सकी। जिस कारण किसानों को सब्सिडी मिलने में देरी हुई है। अभी सरकार की तरफ से लगभग 25 लाख रुपए की ग्रांट आनी बाकी है। ग्रांट आते ही सभी किसानों को सब्सिडी मुहैया करवा दी जाएगी।
जिले सिंह, सहायक कृषि अभियंता
कृषि अभियंत्रिक विभाग, जींद

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