शनिवार, 8 सितंबर 2012

लाइसेंस बनाने की आड में चल रहा लूट का खेल


आवेदकों वसूली जा रही है मनमर्जी की फीस, फीस लेने के बाद नहीं दी जाती स्लीप

नरेंद्र कुंडू
जींद। सफीदों प्रशासन ने अपने तहसील कार्यालय में मौजूद कर्मचारियों को लूट की खुली छूट दे रखी है। यहां कर्मचारियों द्वारा परिचालक व ड्राइविंग लाइसेंस बनाने व नवीनीकरण के नाम पर खुलेआम आवेदकों की जेबें तरासी जा रही हैं और प्रशासनिक अधिकारी इस ओर से चुपी साधकर उनकी इस लूट पर अपनी मोहर लगा रहे हैं। तहसील परिसर में स्थित एसडीएम कार्यलय की लाइसेंस नवीनीकरण शाखा में मौजूद कर्मचारी ड्राइविंग व परिचालक लाइसेंस बनाने व लाइसेंस नवीनीकरण के नाम पर आवेदकों से मनमर्जी की फीस वसूल रहें। इतना ही नहीं आवेदकों से फीस वसूलने के बाद इन कर्मचारियों द्वारा आवेदकों को किसी तरह की स्लीप भी नहीं दी जाती है। इस प्रकार इन कर्मचारियों द्वारा आवेदकों की जेबें तरासने के साथ-साथ  सरकार को भी चूना लगाया जा रहा है।
सफीदों की तहसील परिसर में स्थित एसडीएम कार्यालय की लाइसेंस नवीनीकरण शाखा आज-कल भ्रष्टाचार का अड्डा बनी हुई है। इस शाख में मौजूद कर्मचारियों के लिए न तो कोई नियम है और न ही कोई कायदे कानून। इस शाखा में तैनात कर्मचारियों ने सभी नियमों को ताक पर रखकर सरेआम अपना लूट का खेल शुरू कर रखा है। ये कर्मचारी नए ड्राइविंग व परिचालक लाइसेंस बनाने तथा लाइसेंस नवीनीकरण की आड में अपनी जेबें गर्म कर रहे हैं। यहां पर परिचालक का लाइसेंस रिन्यू करने के लिए आवेदकों से 300 व इससे ज्याद की फीस वसूली जा रही है। जबकि सरकारी फीस व कम्प्यूटर चार्चज सहित यह फीस सिर्फ 150 रुपए है। इसी प्रकार ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के नाम पर भी आवेदकों से मनमर्जी की फीस वूसली जा रही है। इतना ही नहीं इनके इस खेल का पर्दाफास न हो इसके लिए भी इन्होंने पूरा बंदोबस्त किया हुआ है। आवेदकों से मनमर्जी की फीस वसूलने के बाद इन कर्मचारियों द्वारा आवेदकों को किसी तरह की स्लीप भी नहीं दी जाती। जबकि नियम के अनुसार फीस लेने के बाद आवेदक को स्लीप देनी अनिवार्य है। इस प्रकार इन कर्मचारियों द्वारा आवेदकों की जेबें तरासने के साथ-साथ सरकार को भी चूना लगाया जा रहा है तथा नियमों की भी धज्जियां उडाई जा रही हैं। लेनिक यहां के प्रशासनिक अधिकारी इन कर्मचारियों पर नकेल डालने में नाकाम साबित हो रहे हैं। इस तरह प्रशासनिक अधिकारियों की यह चुपी उनकी इस लूट पर अपनी मोहर लगा रही है और ये कर्मचारी बड़े आराम से आवेदकों की जेबें काट कर अपनी जेबें भर रहे हैं।

कितनी है लाइसेंस बनवाने की सरकारी फीस

सरकारी फीस कम्प्यूटर फीस   एमसी कमेटी की फीस कुल फीस 
नए परिचालक लाइसेंस की फीस   100   100       0 200 रुपए
परिचालक लाइसेंस रिन्यू करवाने की फीस   50     100         0 150 रुपए
नया ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की फीस   350     100               100 550 रुपए

क्या कहते हैं अधिकारी

इस तहर का मामला अभी तक उनकी जानकारी में नहीं है। लाइसेंस की फीस लेने के बाद आवेदक को स्लीप देनी जरुरी है। अगर उनके कार्यालय में इस तरह का मामला है तो वे लाइसेंस शाखा में मौजूद कर्मचारियों को बुलाकर इसके बारे में पूछताछ करेंगे तथा फीस लेने के बाद स्लीप देने के लिए कर्मचारियों को निर्देश दिए जाएंगे।
उमेद सिंह मोहन, एसडीएम
सफीदों

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