हर रोज रोडवेज को लाखों का चूना लगा रही प्राइवेट समितियों की बसें
निर्धारित रूटों पर नहीं चल रही हैं प्राइवेट समितियों की बसें
नरेंद्र कुंडू
जींद। हरियाणा रोडवेज के अधिकारियों की अनदेखी विभाग को भारी पड़ रही है। हर रोज प्राइवेट समितियों की बसें विभाग को प्रति दिन लाखों रुपए का चूना लगा रही हैं। प्राइवेट बस चालक रोजाना नियमों को ठेंगा दिखाकर निर्धारित रूट से विपरित चल रहे हैं। इससे ग्रामीण क्षेत्रों की यातायात व्यवस्था प्रभावित हो रही है। प्राइवेट बस चालकों द्वारा समय पर निर्धारित गांव में बस नहीं चलाने के कारण ग्रामीण क्षेत्र के यात्रियों व विद्यार्थियों को भारी परेशानियां उठानी पड़ रही हैं। रोडवेज व जिला परिवहन प्राधिकरण विभाग को बार-बार निजी बस चालकों के खिलाफ शिकायत मिलने के बावजूद भी अधिकारी इनके खिलाफ कार्रवाई करने की बजाए इन्हें अपनी मौन स्वीकृति दे रहे हैं।
हरियाणा रोडवेज बेड़े में बसों की कमी को देखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर परिवहन सेवाएं मुहैया करवाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के लिए परिवहन समितियों को परमिट अलाट किए गए थे। फिलहाल जिले में 48 निजी बसें चल रही हैं। लगभग इन सभी 48 बसों के रूट ग्रामीण क्षेत्रों में तय किए गए हैं लेकिन इनमें से लगभग कोई भी निजी बस चालक निर्धारित रूटों पर अपनी सेवाएं नहीं दे रहा है। निजी बस चालक ग्रामीण क्षेत्रों की बजाए निमयों को ठेंगा दिखाकर सीधे रूटों पर बसों को दौड़ा रहे हैं। निजी बस चालकों की इस मनमर्जी के कारण हर रोज रोडवेज विभाग को लाखों रुपए का चूना तो लग ही रहा है साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में यातायात व्यवस्था प्रभावित हो रही है। इससे ग्रामीण क्षेत्र के यात्रियों व विद्यार्थियों को सबसे ज्यादा परेशानी उठानी पड़ रही है। रोडवेज विभाग व जिला परिवहन प्राधिकरण को बार-बार शिकायतें मिलने के बावजूद भी इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। इस तरफ से विभागीय अधिकारियों की मौन स्वीकृति इन निजी बस चालकों को खुलकर नियमों की धज्जियां उडाने की छूट दे रही है।
बिना परमिशन के निजी बसों को बुकिंग पर लगाना नियमों के खिलाफ
जिला परिवहन प्राधिकरण के पास हर रोज ग्रामीण क्षेत्रों से शिकायत आ रही हैं कि उनके क्षेत्र में चलने वाली प्राइवेट बसों के चालक बस को बुकिंग पर चलाते हैं। इससे उनके गांव में यातायात व्यवस्था प्रभावित होती है। हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन के राज्य उप प्रधान रामकुमार नैन ने बताया कि प्राइवेट बस चालकों को बुकिंग लेने से पहले परिवहन प्राधिकरण विभाग से परमिशन लेनी होती है लेकिन ज्यादातर बस चालक बिना परमिशन के ही बसों को बुकिंग पर ले जाते हैं जो सरासर नियमों के खिलाफ है।
विभागीय अधिकारी नहीं कर रहे हैं कार्रवाई
हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन के प्रधान ईश्वर तालू ने बताया कि कैथल से नरवाना रूट पर 4 गाडिय़ां अवैध रूप से चल रही हैं। इसके बारे में वे कई बार जिला प्राधिकरण अधिकारी को लिखित में शिकायत भी दे चुके हैं लेकिन इसके बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। तालू ने बताया कि इसके अलावा भी जिले में जितनी भी प्राइवेट बस चल रही हैं कोई भी अपने निर्धारित रूट पर नहीं चल रही है। प्रधान ने रोडवेज के महाप्रबंधक व जिला परिहवन प्राधिकरण अधिकारी पर आरोप लगाते हुए कहा कि दोनों अधिकारी पूरी तरह से भ्रष्टाचार में संलिप्त हैं। अधिकारियों की लापरवाही के कारण ही निजी बस चालक ओवर रूटों पर चल रहे हैं। बार-बार शिकायत मिलने के बावजूद भी निजी बस चालकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। ऊपर से सरकार भी रोडवेज का निजीकरण करने पर तुली हुई है।
यह है जुर्माने का प्रावधान
जिला परिवहन प्राधिकारण विभाग के नियमों के तहत पहली बार ओवर रूट पर बस पकड़े जाने पर 3500 रुपए, दूसरी बार पकड़े जाने पर 7 हजार व तीसरी बार पकड़े जाने पर 10 हजार रुपए के जुर्माने का प्रावधान है। इसके बाद भी अगर निजी बस चालक अपनी हरकतों से बाज नहीं आता है तो उसका परमिट भी रद्द किया जा सकता है।
नियम तोडऩे वालों पर होगी कार्रवाई
हरियाणा रोडवेज के महाप्रबंधक राहुल जैन ने बताया कि बिना रुट की बसों को स्टैंड परिसर में नहीं आने दिया जाता। अन्य अवैध सवारी वाहनों पर समय-समय पर अभियान चला कर कार्रवाई की जाती है। इसके अलावा बगैर परमिट सड़क पर दौड़ रहे वाहनों पर कार्रवाई करने का अधिकार जिला परिवहन प्राधिकरण अधिकारी का होता है। इसके लिए बार-बार जिला परिवहन प्राधिकरण अधिकारी को लिखित में शिकायत भी दी जाती है। इस बारे में जिला परिवहन प्राधिकरण अधिकारी सतीश जैन से संपर्क साधा गया तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया।
निर्धारित रूट पर चल रही हैं बसें
इस बारे में ढिगाना कोप्रेटिव सोसायटी के प्रधान हरपाल से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उनकी बस निर्धारित रूट पर चल रही है। उनके पास तो जींद से नरवाना का रूट मिला हुआ है। लगभग सभी बस चालक अपने निर्धारित रूटों पर चल रही हैं। बसों की बजाए क्रूजर व जीपें अवैध रूप से चल रही हैं।
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