रविवार, 14 अप्रैल 2013

रेलवे जंक्शन की सुरक्षा में सेंध

जंक्शन पर आने वाले यात्रियों के लिए नहीं कोई खास व्यवस्था 


नरेंद्र कुंडू
जींद। रेल किराये में वृद्धि के बावजूद भी जींद के रेलवे जंक्शन पर यात्रियों के लिए कोई खास व्यवस्था का इंतजाम नहीं हो पाया है। यहां सबसे बड़ा खतरा तो सुरक्षा व्यवस्था को है। शहर के रेलवे जंक्शन की सुरक्षा व्यवस्था में पूरी तरह से सेंध लग चुकी है। रेलवे जंक्शन पर सुरक्षा के कोई पुख्ता प्रबंध नहीं हैं। स्टेशन के प्रवेश द्वारा पर रखा डोर मैटलडिडक्टर शोपिस बना हुआ। इतना ही नहीं रेलवे स्टेशन पर बनी जी.आर.पी. व आर.पी.एफ. की चैकपोस्टों के गेटों पर भी ताले लटकते रहते हैं। ऐसे हालात में रेलवे जंक्शन पर आने वाले यात्रियों व जंक्शन की सुरक्षा का अंदाजा स्वयं ही लगाया जा सकता है। इसके अलावा स्टेशन पर सीनियर सिटीजन के लिए अलग से टिकट खिड़की की भी कोई व्यवस्था नहीं है। 

रेलवे जंक्शन पर सुरक्षा व्यवस्था का आलम यह है कि यहां कोई भी अपराधिक प्रवृति का व्यक्ति किसी भी 
जींद रेलवे जंक्शन का फोटो। 
घटना को अंजाम देकर आसानी से बच कर निकल सकता है। जंक्शन की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर टीम ने जब जंक्शन का मुआयना किया तो देखा कि रेलवे सुरक्षा बल के कार्यालय के बाहर लावारिश हालता में एक सामान से भरा बैग रखा हुआ था। लावारिश सामान का यह बैग लगभग 1 घंटे तक इसी अवस्था में कार्यालय के बाहर रखा रहा लेकिन किसी भी पुलिस कर्मी ने यहां इस सामान की तलाशी लेने की जहमत नहीं उठाई। 


 रेलवे जंक्शन पर खाली पड़ी पूछताछ कार्यालय की खिड़की। 

 रेलवे जंक्शन के गेट पर खराब अवस्था में एक तरफ रखा डोर मैटलडिडक्टर। 

पूछताछ खिड़की से नदारद रहते हैं कर्मचारी

रेलवे जंक्शन पर सबसे बुरा हाल तो पूछताछ खिड़की का है। यहां यात्रियों को ट्रेन इत्यादि की जानकारी के देने के लिए बनाई गई पूछताछ खिड़की से ज्यादातर समय कर्मचारी नदारद रहते हैं। खिड़की पर कर्मचारियों के मौजूद नहीं रहने के कारण यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इतना ही नहीं फोन के माध्यम से यात्रियों को गाडिय़ों की जानकारी देने के लिए जारी किए गए नम्बर पर भी यात्रियों को गाडिय़ों की जानकारी नहीं मिल पाती है। यात्री पूछताछ के नम्बर पर काल पर काल करके परेशान हो जाते हैं लेकिन पूछताछ नंबर से किसी तरह का कोई जवाब नहीं मिल पता है। 

सीनियर सिटीजन के लिए नहीं है अलग खिड़की

रेलवे जंक्शन पर यात्रियों के लिए टिकट लेने के लिए तो 2 खिड़कियां हैं लेकिन यहां सीनियर सिटीजन के लिए टिकट लेने के लिए कोई अलग से खिड़की की व्यवस्था नहीं की गई है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए अलग से खिड़की नहीं होने के कारण उन्हें टिकट लेने के लिए कई बार युवाओं से उलझना पड़ता है। वरिष्ठ नागरिक पुरुषोतम, रामलाल, मोहनलाल, दयाकिशन, सुरजभान आदि ने बताया कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए अलग से खिड़की होनी चाहिए। 

नियमित रूप से चिकित्सालय खोलने की मांग

जींद जंक्शन पर नियमित रुप से चिकित्सालय खोलने की मांग भी यात्रियों द्वारा की जा रही है। रेलयात्री शमशेर कश्यप, फतेहचंद, रमन अरोड़ा व अश्वनी का कहना है कि रेलवे जंक्शन पर नियमित रुप से चिकित्सालय खोला जाना चाहिए ताकि रेलवे परिसर में दुर्घटनाग्रस्त होने वाले यात्रियों को तत्काल प्राथमिक उपचार दिया जा सके।

जनता खाने की भी नहीं है व्यवस्था

रेलवे सुरक्षा बल के कार्यालय के बाहर रखा लावारिश सामान।
रेलवे मंत्रालय के निर्देशानुसार हर रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को सस्ता व अच्छा भोजन उपलब्ध करवाना जरुरी है, ताकि सफर के दौरान यात्रियों को कम कीमत पर अच्छा खाना मिल सके लेकिन रेलवे जंक्शन पर इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है। रेलवे जंक्शन पर जनता खाने की कोई व्यवस्था नहीं है। 

नियमित रुप से लगाई जाती है कर्मचारियों की ड्यूटी।

पूछताछ खिड़की पर नियमित रुप से कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाती है। यात्रियों की सुविधा के लिए स्टेशन पर ट्रेनों के टाइम टेबल से सम्बंधित चार्ट भी लगाए गए हैं। सीनियर सिटीजन के लिए अलग से खिड़की की व्यवस्था नहीं है लेकिन खिड़की पर मौजूद कर्मचारियों को निर्देश जारी किए गए हैं कि टिकट वितरण के दौरान वरिष्ठ नागरिकों को प्राथमिकता दी जाए। 
अनिल यादव, स्टेशन अधीक्षक
रेलवे जंक्शन, जींद

स्टाफ की है कमी

खाली पड़ी रेलवे सुरक्षा बल की चैक पोस्ट।
जी.आर.पी. के पास स्टाफ की काफी कमी है। इस वक्त जी.आर.पी. के पास सिर्फ 20 पुलिस कर्मी मौजूद हैं। इनमें से कुछ पुलिस कर्मी कागजी कार्रवाई का कामकाज देखते हैं तथा कुछ सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा संभालते हैं। जी.आर.पी. को कम से कम 20 पुलिस कर्मियों की ओर जरुरत है। स्टाफ की कमी के चलते चैक पोस्टों पर पुलिस कर्मियों की स्थाई ड्यूटी नहीं लगाई जा रही है। ट्रेनों के समय पर पुलिस कर्मी रूटीन में ट्रेनों तथा यात्रियों की चैकिंग करते हैं। 
विक्रम सिंह, इंचार्ज
जी.आर.पी., जींद 






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