बुधवार, 31 जुलाई 2013

शिव भक्तों की आस्था पर भारी पड़ी आपदा

कांवडिय़ों पर नजर आया उत्तराखंड आपदा का असर
उत्तराखंड आपदा के कारण इस बार कांवडिय़ों की संख्या में आई कमी

नरेंद्र कुंडू
जींद। उत्तराखंड में आई आपदा शिव भक्तों की आस्था पर भारी पड़ रही है। आपदा का प्रभाव इस बार शिव भक्तों पर साफ नजर आ रहा है। इसके चलते इस बार पिछले वर्षों की भांति कांवडिय़ों की संख्या में काफी कमी नजर आ रही है। अन्य वर्षों के मुकाबले इस बार मात्र 10-15 प्रतिशत कांवडिय़े ही हरिद्वार व गौमुख से कांवड़ लेकर पहुंच रहे हैं। कांवडिय़ों की कम संख्या के कारण ही इस बार कांवडिय़ों की सेवा के लिए लगाए जा रहे शिविर भी खाली-खाली नजर आ रहे हैं।
सावन का महीना आते ही हरिद्वार और गौमुख से शिव की कांवड़ लाने के लिए शिव भक्तों में एक तरह से होड़ सी लग जाती थी। अकेले हरियाणा से लाखों की संख्या में श्रद्धालु कांवड़ लाने के लिए हरिद्वार का रुख करते थे। शिव भक्त अपने आराध्य देव भगवान शिव शंकर को प्रसन्न करने के लिए गौमुख तथा हरिद्वार से कांवड़ में गंगाजल भरकर लेकर आते थे। शिव रात्रि के नजदीक आते-आते सड़कों पर हर तरफ कांवडिय़ों का हुजूम नजर आने लगता था और शिव के जयकारों के कारण पूरा माहौल शिवमय हो जाता था लेकिन इस बार उत्तराखंड में भीष्ण त्रास्ती आने तथा त्रास्ती में हजारों लोगों की मौत ने शिव भक्तों की आस्था पर गहरा प्रहार किया है। आपदा के कारण उत्तराखंड में हुए विनाश की कहानी सुनकर इस बार हरिद्वार की तरफ शिव भक्तों के रुझान में भी काफी कमी आई है। इसी का परिणाम है कि अन्य वर्षों की भांति इस वर्ष काफी कम संख्या में शिव भक्त हरिद्वार व गौमुख से कांवड़ लेकर यहां पहुंच रहे हैं। शिव रात्रि नजदीक आ चुकी है लेकिन सड़कों पर शिव भक्तों की तादात बहुत कम नजर आ रही है। अन्य वर्षों की भांति इस वर्ष महज 10-15 प्रतिशत श्रद्धालु ही कांवड़ लेने हरिद्वार पहुंचे हैं। शिव भक्तों की विमुखता के कारण इस बार शिव भक्तों के ठहराव के लिए बनाए गए शिविर भी खाली-खाली नजर आ रहे हैं।
 हरिद्वारा से कांवड़ लेकर पहुंचे शिव भक्त। 


जींद-सफीदों मार्ग पर पगडिय़ों उगी झाडिय़ां।

शिव भक्तों की सुरक्षा के लिए होंगे पुख्ता इंतजाम  

इस बार कांवड़ लेकर पहुंचने वाले शिव भक्तों की सुरक्षा के लिए जिला पुलिस द्वारा पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे। कांवडिय़ों की सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए इस बार पुलिस अधीक्षक बलवान ङ्क्षसह राणा ने सभी शिविरों में 2-2 पुलिस कॢमयों की ड्यूटी लगाने के अलावा 10 राइडर तथा 3 पी.सी.आर. की ड्यूटी लगाई है। एस.पी. ने सभी पुलिस कॢमयों को पूरी ईमानदारी व निष्ठा से अपनी ड्यूटी निभाने के  सख्त निर्देश दिए हैं।

कांवडिय़ों के चलने के लिए नहीं मिल रहा रास्ता

एक तरफ तो सरकार जींद-सफीदों स्टेट हाइवे को फोरलेन करने की योजना तैयार कर रही है लेकिन दूसरी तरफ पी.डब्ल्य.डी. विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के चलते इस मार्ग पर पैदल यात्रियों के चलने के लिए पगडंडी तक की व्यवस्था नहीं है। जींद-सफीदों मार्ग पर पैदल यात्रियों के चलने के लिए जो पगडंडी छोड़ी गई है, उस पगडंडी पर कांटेदार झाडियों ने कब्जा जमा लिया है लेकिन पी.डब्ल्यू.डी. विभाग इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है। ऊपर से सावन का महीना शुरू होने के कारण कांवडिय़ों का आवागमन भी शुरू हो गया है लेकिन सड़क पर पैदल यात्रियों के चलने के लिए पगडंडिय़ां नहीं होने के कारण कांवडिय़ों को मजबूरीवश सड़क पर चलना पड़ रहा है। इससे यहां वाहन चालकों को तो परेशानियों का सामना करना पड़ ही रहा है साथ-साथ यहां दुर्घटना होने का अंदेशा भी बना हुआ है। जबकि नियमों के अनुसार सड़क के दोनों तरफ 5-5 फुट की पगड़ंडी होनी जरुरी है लेकिन पी.डब्ल्य.डी. विभाग का इस तरफ कोई ध्यान नहीं है।

तलोड़ाखेड़ी गांव के पास है बुरा हाल

जींद-सफीदों सड़क पर वैसे तो हर जगह ही कांटेदार झाडिय़ों का अतिक्रमण बना हुआ है लेकिन तलोड़ाखेड़ी गांव के पास सबसे बुरा हाल है। यहां तीव्र मोड़ होने तथा मोड पर कांटेदार झाडिय़ों का जाल फैल जाने के कारण सामने से आ रहे वाहन का पता नहीं चलता है। इससे यहां सबसे ज्यादा दुर्घटना होने का अंदेशा बना हुआ है लेकिन पी.डब्ल्य.डी. विभाग कुंभकर्णी नींद सोया हुआ है। विभाग के अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारी से कोई सरोकार नहीं है।



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