शनिवार, 5 अप्रैल 2014

रास्ते से भटकी परिवहन समिति की बसें

यातायात सुविधा से महरूम सैकड़ों गांव
हर रोज रोडवेज को लाखों का चूना लगा रही सहकारी समितियों की बसें

नरेंद्र कुंडू
जींद। हरियाणा रोडवेज की अनदेखी लोगों पर भारी पड़ रही है। सहकारी परिवहन समितियों की बसें निर्धारित रूट पर नहीं चल रही और इसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। सहकारी परिवन समितियों की इस मनमानी का दंश लोगों के साथ-साथ रोडजेव को भी झेलना पड़ रहा है। ये बसें रोडवेज को प्रतिदिन लाखों रुपये का चूना लगा रही हैं। रोडवेज कर्मचारियों की मानें तो प्रशासन ने इन्हें अपनी मौन स्वीकृति दे रखी है।
हरियाणा रोडवेज बेड़े में बसों की कमी को देखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर परिवहन सेवाएं मुहैया करवाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के लिए परिवहन समितियों को परमिट जारी किए गए थे। 1999 में दिए गए परमिटों के अनुसार परिवहन विभाग ने गांवों के लोगों के लिए निजी बसें रोड पर उतारी थी। इसके अनुसार ही रोडवेज की बसों को भी ग्रामीण रूटों से हटा लिया गया। फिलहाल जिले में 48 निजी बसें चल रही हैं। इन सभी निजी बसों के रूट ग्रामीण क्षेत्रों में तय किए गए हैं लेकिन इनमें से ज्यादातर निजी बस चालक निर्धारित रूटों पर अपनी सेवाएं देने की बजाए सीधे रूटों पर चल रहे हैं। निजी बस चालक अपने मूल रूटों पर चलने की बजाए निमयों को ठेंगा दिखाकर सीधे रूटों पर बसों को दौड़ा रहे हैं। निजी बस चालकों की इस मनमर्जी के कारण हर रोज रोडवेज विभाग को लाखों रुपए का चूना तो लग ही रहा है साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों की यातायात व्यवस्था प्रभावित हो रही है। इससे ग्रामीण क्षेत्र के यात्रियों व विद्याॢथयों को सबसे ज्यादा परेशानी उठानी पड़ रही है। रोडवेज विभाग व जिला परिवहन प्राधिकरण को बार-बार शिकायतें मिलने के बावजूद भी इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। इस तरफ से विभागीय अधिकारियों की मौन स्वीकृति इन निजी बस चालकों को खुलकर नियमों की धज्जियां उडाने की छूट दे रही है।

विभागीय अधिकारी नहीं कर रहे हैं कार्रवाई

हरियाणा रोडवेज कर्मचारी यूनियन के राज्य सह-सचिव अजीत ङ्क्षसह नेहरा ने बताया कि जींद में चल रही निजी समितियों की सभी बसें अपने मूल रूटों पर चलने की बजाए सीधे रूटों पर चल रही हैं। नेहरा ने कहा कि कैथल से नरवाना रूट पर चार गाडिय़ां अवैध रूप से चल रही हैं। वहीं सफीदों, गोहाना तथा जुलाना रूट पर चलने वाली निजी बसें भी अपने मूल रूटों पर नहीं चल रही हैं। इसके बारे में वे कई बार जिला प्राधिकरण अधिकारी को लिखित में शिकायत भी दे चुके हैं लेकिन निजी बस संचालकों के खिलाफ आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। रोडवेज तथा जिला परिहवन प्राधिकरण के अधिकारियों की लापरवाही के कारण ही निजी बस चालक मूल रूटों पर चलने की बजाये सीधे रूटों पर चल रहे हैं। नेहरा ने कहा कि निजी बस चालक रोडवेज कर्मचारियों के साथ झगड़ा करने पर उतारु रहते हैं। बार-बार शिकायत देने के बावजूद भी निजी बस चालकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। निजी बसों के मूल रूट पर नहीं चलने के कारण 100 से ज्यादा गांवों की परिवहन सुविधाएं बाधित हो रही हैं। ऊपर से सरकार भी रोडवेज का निजीकरण करने पर तुली हुई है।

यह है जुर्माने का प्रावधान

जिला परिवहन प्राधिकारण विभाग के नियमों के तहत पहली बार ओवर रूट पर बस पकड़े जाने पर 3500 रुपए, दूसरी बार पकड़े जाने पर सात हजार व तीसरी बार पकड़े जाने पर 10 हजार रुपए के जुर्माने का प्रावधान है। इसके बाद भी अगर निजी बस चालक अपनी हरकतों से बाज नहीं आता है तो उसका परमिट भी रद्द किया जा सकता है।

इन गांवों की परिवहन सेवाएं हो रही हैं बाधित

नरवाना तथा कैथल रोड पर निजी बसों के मूल रूट पर नहीं चलने के कारण धनखड़ी, छात्तर, घोघडिय़ां, बड़ोदी, काकड़ोद, जुलाना रूट पर गतौली, अनूपगढ़, बिरोली, शामलो तथा सफीदों रूट पर मलार, पिल्लूखेड़ा, हाट, बिटानी और गोहाना रोड पर गांव भावड़, घड़वाल, निजापुर इत्यादि गांवों की परिवहन सुविधाएं बाधित हो रही हैं। इस गांवों से आने वाले लोगों तथा विद्याॢथयों को शहर में आने के लिए निजी वाहनों का सहारा लेना पड़ता है।

सहकारी परिवहन ऑपरेटरों के प्रति तालीबानी रवैया अपनाते हैं रोडवेज कर्मचारी

रोडवेज कर्मचारी सहकारी परिवहन ऑपरेटरों के प्रति तालीबानी रवैया अपनाते हैं। जिले की अधिकतर सहकारी बसें अपने तय रूटों पर चल रही हैं। सफीदों रूट वाली बस को अदालत से स्टे मिला हुआ है। रोडवेज कर्मचारी बस ऑपरेटों को परेशान करते हैं।
सुरेंद्र श्योकंद, महासचिव, हरियाणा को-ओपरेटिव ट्रांस्पोर्ट सोयासयटी वेल्फेयर एसोसिएशन
बॉक्स

31 से शुरू किया जाएगा अभियान

निजी बसों के मूल रूटों से हटकर सीधे रूटों पर चलने की शिकायत अकसर उनके पास आती रहती हैं। मूल रूटों से हटकर चलने वाली निजी बसों के समय-समय पर चालान भी किये जाते हैं। मूल रूट से हटकर चलने वाली निजी बसों के चालकों पर शिकंजा कसने के लिए ३१ मार्च से स्पेशल ड्राइव अभियान चलाया जाएगा, जो भी निजी बस मूल रूट को छोड़कर सीधे रूट पर चलती मिलेगी उसके चालक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
एसके चहल
क्षेत्रिय परिवहन प्राधिकरण अधिकारी, जींद
सामान्य बस स्टैंड पर निजी बसों के लिए अलग से बनाए गए बूथ।




सामान्य बस स्टैंड पर निजी बसों के लिए अलग से बनाए गए बूथ। 




सामान्य बस स्टैंड पर रोडवेज की बसों के बूथों पर खड़ी निजी सोसायटी की बसें।


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