सोमवार, 7 दिसंबर 2015

जींद-पानीपत रेलवे लाइन पर अंडर पास बनने का रास्ता साफ

12 करोड़ ३९ लाख से बनेगा अंडर पास
अंडर पास बनाने के लिए रेलवे ने जिला प्रशासन को भेजा एस्टीमेट
अंडर पास की प्रथम प्रक्रिया के लिए जिला प्रशासन को जमा करवाने होंगे 19 लाख
अंडर पास बनने से शहरवासियों को जाम से मिलेगी निजात

नरेंद्र कुंडू 
जींद। शहर के मिनी बाईपास पर जींद-पानीपत रेलवे लाइन पर अंडर पास बनने का रास्ता साफ हो गया है। रेलवे ने अंडर पास बनाने का एस्टीमेट तैयार कर जिला प्रशासन को सौंप दिया है। अंडर पास के निर्माण पर लगभग 12 करोड़ 39 लाख रुपये का खर्च आएगा। अंडर पास के निर्माण की प्रक्रिया शुरू करवाने के लिए जिला प्रशासन को रेलवे को 19 लाख रुपये जमा करवाने होंगे। इसके बाद रेलवे द्वारा अंडर पास के निर्माण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। अंडर पास का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद शहर के लोगों को जाम से निजात मिलेगी और पिछले दो वर्षों से अंडर पास का निर्माण नहीं होने के कारण रद्द पड़े मिनी बाईपास पर वाहनों का आवागमन शुरू हो पाएगा।

यह है पूरा मामला 

जींद शहर के लोगों को जाम से निजात दिलवाने के लिए तीन जून 2012 को जींद की नई अनाज मंडी में हुई कांग्रेस की विकास रैली में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र ङ्क्षसह हुड्डा ने मिनी बाईपास के निर्माण की घोषणा की थी। शहर के सफीदों रोड से बस स्टैंड के पास से रजवाहे के ऊपर से होते हुए यह मिनी बाईपास भिवानी रोड पर निकाला गया है। मार्च २०१३ में इस मिनी बाईपास का निर्माण कार्य पूरा हो गया था लेकिन मिनी बाईपास के बीच में पडऩे वाली जींद-पानीपत तथा दिल्ली-जींद रेलवे लाइन पर अंडर पास या ओवर ब्रिज नहीं बनाए जाने के कारण यह आज तक शुरू नहीं हो पाया है। मिनी बाईपास पर अंडर पास बनवाकर इसे शुरू करवाना शहर के लोगों की मुख्य मांग थी।

अब ऐसे चलेगी आगामी कार्रवाई  

रेलवे द्वारा जींद-पानीपत रेलवे लाइन पर अंडर पास बनाने के लिए प्रोजैक्ट तैयार कर जिला प्रशासन को भेज दिया गया है। रेलवे द्वारा अंडर पास बनाने के लिए 12 करोड़ 39 लाख रुपये का एस्टीमेट तैयार किया गया है। जिला प्रशासन को रेलवे के पास अभी 19 लाख रुपये जमा करवाने है। अब जिला प्रशासन द्वारा सरकार से 19 लाख रुपये की ग्रांट लेने के लिए प्रोजैक्ट को बीएंडआर के एसई को भेजा जाएगा। यहां से इस प्रोजैक्ट को चंडीगढ़ भेजा जाएगा। इसके बाद सरकार द्वारा इस प्रोजैक्ट को मंजूर कर रेलवे को ग्रांट भेजी जाएगी।

प्रदेश सरकार को ही उठाना होगा अंडर पास का पूरा खर्च

रेलवे के नियमों के अनुसार यदि रेलवे ट्रैक पर कोई फाटक हो तो वहां पर अंडर पास या ओवर ब्रिज बनाने का आधा खर्च सरकार को देना पड़ता है और आधा खर्च रेलवे उठाता है लेकिन मिनी बाईपास पर कोई फाटक नहीं लगती और यहां पर अंडर पास बनाने का प्रोजैक्ट प्रदेश सरकार का है। इसलिए इस अंडर पास के निर्माण पर आने वाला पूरा खर्च प्रदेश सरकार को ही उठाना पड़ेगा।

जल्द से जल्द अंडर पास का निर्माण करवाना हमारी प्राथमिकता 

जींद-पानीपत रेलवे लाइन पर अंडर पास बनाने के लिए रेलवे द्वारा प्रोजैक्ट तैयार कर भेजा गया है। अंडर पास के निर्माण पर 12 करोड़ 39 लाख रुपये का खर्च आएगा। इसके निर्माण की प्रथम चरण की प्रक्रिया शुरू करवाने के लिए जिला प्रशासन की तरफ से रेलवे को 19 लाख रुपये जमा करवाए जाने हैं। इसके लिए प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। जल्द ही सरकार से यह ग्रांट मंजूर करवाकर रेलवे को भेज दी जाएगी और अंडर पास का निर्माण कार्य शुरू करवा दिया जाएगा। अंडर पास पर जल्द से जल्द निर्माण कार्य शुरू करवाना हमारी प्राथमिकता है।
विनय कुमार, डीसी
जींद

अन्ना टीम के प्रयास लाए रंग 

मिनी बाईपास पर अंडर पास बनवाने के मामले को अन्ना टीम काफी प्रमुखता से उठा रही थी। अन्ना टीम द्वारा इस मांग को लेकर जिला प्रशासन के आला अधिकारियों से लेकर प्रदेश के मंत्रियों से लेकर रेलवे मंत्री तथा रेलवे विभाग के आला अधिकारियों तक को कई बार ज्ञापन दिए गए थे। वहीं अन्ना टीम द्वारा अंडर पास के निर्माण के लिए मिनी बाईपास पर धरना भी दिया गया था। अन्ना टीम व शहर के लोगों के कड़े प्रयासों के बावजूद अंडर पास का प्रोजैक्ट तैयार हो पाया है।
हितेश, हिंदुस्तानी, कार्यकत्र्ता
अन्ना टीम

 जींद-पानीपत रेलवे लाइन से होकर गुजरते वाहन चालक।
 डीसी विनय ङ्क्षसह का फोटो।
 अन्ना टीम के कार्यकत्र्ता हितेश हिंदुस्तानी का फोटो।
स्थानीय निवासी अमित का फोटो।

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