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'यूपी में भाजपा के चुनावी मुद्दे को रोशन करेगा जींद का दीपक'

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चित्रकार दीपक के व्यंगात्मक कार्टूनों को भाजपा ने प्रचार सामग्री में किया शामिल चित्रकार दीपक ने यूपी बचाओ नाम से तैयार की है कार्टून पुस्तिका  कार्टूनिस्ट दीपक प्रधानमंत्री के अच्छे दिनों पर भी प्रकाशित कर चुके हैं दो पुस्तकें  नरेंद्र कुंडू जींद। उत्तरप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में जींद के युवा चित्रकार दीपक कौशिक के कार्टून अपनी छाप छोड़ेंगे। चुनाव के इस दंगल में विरोधियों को घेरने के लिए भाजपा दीपक कौशिक द्वारा यूपी में हुए भ्रष्टाचार पर तैयार किए गए व्यंगात्मक कार्टूनों को अपनी चुनाव प्रचार सामग्री में शामिल करने जा रही है। चित्रकार दीपक कौशिक द्वारा यूपी बचाओ के नाम से यह कार्टून पुस्तिका तैयार की गई है।    भजपा के राट्रीय महासचिव अरुण सिंह, भाजपा के उत्तरप्रदेश के संगठन मंत्री सुनील बंसल और भाजपा के प्रदेश मंत्री गोविंद नारायण शुक्ल उर्फ  राजा बाबू के साथ हुई दीपक कौशिक की मुलाकात के बाद पार्टी पदाधिकारियों ने दीपक के कार्टूनों को चुनाव सामग्री में शामिल करने का फैसला लिया है। भाजपा द्वारा इस पुस्तिका की लाखों प्रतियां तैयार करवाई जाएंगी।  पुस्तक के लि

65 वर्षीय ओमपति ने 45 लाख खर्च कर बुझाई गांव की प्यास

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गांव में पानी की किल्लत को दूर करने के लिए 10 किलोमीटर दूर से दबवाई पाइप लाइन पाइप लाइन दबाकर घर-घर दिया कनेक्शन नरेंद्र कुंडू जींद। छतीसगढ़ के धमतरी जिले की 104 वर्षीय कुंवरबाई द्वारा जहां अपनी बकरियां बेचकर गांव में शौचालय का निर्माण करवाकर एक मिशाल पेश की गई है, वहीं जींद जिले के गोहाना रोड पर स्थित लुदाना गांव निवासी 65 वर्षीय वृद्धा ओमपति ने अपनी पूंजी से 40 से 45 लाख रुपये खर्च कर गांव की प्यास बुझा कर एक नई मिशाल पेश की है। ओमपति ने गांव से 10 किलोमीटर दूर स्थित सुंदर ब्रांच नहर से पाइप लाइन दबाकर गांव के लोगों को पीने के लिए पानी मुहैया करवाया है। ओमपति ने गांव तक पाइप लाइन दबवाने के अलावा निशुल्क घर-घर कनेक्शन दिए हैं। इतना ही नहीं पास के गांव मालश्रीखेड़ा, भंभेवा व मोरखी गांव से होकर गुजर रही पाइप लाइन पर भी कई जगह हैंडपंप भी लगवाए गए हैं, ताकि राहगीर व पास के गांव के लोग भी इनसे अपनी प्यास बुझा सकें।  पाइप लाइन दबाने के बाद गांव में बनाया गया पानी का टैंक। जींद जिले के लुदाना गांव में भूमिगत पानी खराब होने के कारण गांव में पानी की भारी किल्लत थी। ग्रामीणों को

अध्यापकों की नर्सरी बना जींद जिले का ईक्कस गांव

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2700 की आबादी वाले गांव में लगभग प्रत्येक घर में है सरकारी नौकरी, गांव में 100 से भी अधिक हैं अध्यापक गांव में है सीनियर सेकेंडरी स्कूल व शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान  शिक्षा के साथ-साथ खेलों में भी गांव की विशेष पहचान अर्जुन अवार्ड भी हासिल कर चुका है गांव का बास्केटबाल कोच  गांव के बारे में जानकारी देते हरपाल व अन्य ग्रामीण। नरेंद्र कुंडू जींद। जिले से महज आठ किलोमीटर की दूरी पर हिसार रोड पर स्थित ईक्कस गांव प्रदेश के लिए अध्यापकों की नर्सरी बन चुका है। महज 2700 की आबादी वाले इस गांव में लगभग प्रत्येक घर में एक अध्यापक है। गांव में शिक्षा का अच्छा प्रसार होने के कारण लगभग प्रत्येक घर में सरकारी नौकरी है। इनमें सबसे ज्यादा संख्या अध्यापकों की है। ईक्कस गांव में 100 से भी अधिक अध्यापक हैं। गांव से निकलने वाले यह अध्यापक आज प्रदेश के भिन्न-भिन्न स्कूलों में अपनी सेवाएं दे कर विद्यार्थियों को शिक्षा व संस्कार देने का काम कर रहे हैं। शिक्षा के साथ-साथ खेलों के क्षेत्र में भी ईक्कस की विशेष पहचान है। इस गांव से राष्ट्रीय स्तर के कई खिलाड़ी भी निकल चुके हैं। इस गांव के एक खिलाड़ी क