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बिना कीटनाशकों का प्रयोग किए महिला किसानों ने लिया अच्छा उत्पादन

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नरेंद्र कुंडू  जींद। निडाना गांव में शनिवार को महिला किसान खेत पाठशाला का आयोजन किया गया। पाठशाला के आरंभ में महिला किसानों ने कीटों का अवलोकन करने के साथ-साथ पैदावार का आंकड़ा भी तैयार किया। कीटों के अवलोकन के दौरान देखने को मिला की इस समय फसल में बिनोलों का रस चूसने वाले कीट लाल व काला बानिया काफी संख्या में फसल में मौजूद हैं। वहीं फसल के उत्पादन के आंकड़ों से यह भी स्पष्ट हो गया कि जिन किसानों ने फसल में कीटनाशकों का प्रयोग नहीं किया उनकी पैदावार अन्य किसानों से काफी अच्छी रही। लोपा मक्खी ग्रुप की कीटाचार्या मुकेश रधाना, कृष्णा निडाना, राजबाला निडाना, प्रमीला रधाना तथा गीता निडाना ने बताया कि कपास की फसल में इस बार पूरे प्रदेश में सफेद मक्खी ने तबाही मचाकर रख दी। सफेद मक्खी के प्रकोप के कारण इस बार सैंकड़ों एकड़ कपास की फसल खराब हो गई लेकिन जिन-जिन किसानों ने सफेद मक्खी को नियंत्रित करने के लिए कीटनाशक का प्रयोग नहीं किया, वहां-वहां सफेद मक्खी नुकसान पहुंचाने के स्तर तक नहीं पहुंच पाई। उन्होंने बताया कि इस बार उनकी फसल में सफेद मक्खी की औसत 3.4 प्रति पत्ता रही है। जबकि चूरड़ा व

एक दिन पूरे देश में फैलेगी जींद के किसानों की कीट ज्ञान की मुहिम : खटकड़

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नरेंद्र कुंडू  जींद । निडाना गांव में शनिवार को महिला किसान खेत पाठशाला का आयोजन किया गया। महिला पाठशाला में समाजसेवी रघुबीर खटकड़ ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। पाठशाला में पहुंचने पर महिला किसानों ने मुख्यातिथि को स्मृति चिह्न भेंट कर उनका स्वागत किया तथा कीट ज्ञान की मुहिम से मुख्यातिथि को बारिकी से जानकारी दी। रघुबीर खटकड़ ने महिला किसानों की मुहिम की तारीफ करते हुए कहा कि देश से अंग्रेज तो चले गए लेकिन उनकी विचारधारा आज भी देश में है। देश में किसानों के हित के लिए जो योजनाएं बनाई जाती हैं उनमें किसान के हित को ध्यान में रखने की बजाए निजी कंपनियों के हितों को ध्यान में रखा जाता है। इसके चलते किसानों उन योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता। खटकड़ ने कहा कि देश में जब भी कोई व्यक्ति लीक से फसल में कीटों का अवलोकन करती महिला किसान। हटकर किसी काम को करता है तो उसके सामने कठिनाइयां आती हैं लेकिन कठिन परिस्थितियों में भी जो अपना हौंसला बुलंद रखता है वह एक दिन जरूर सफल होता है। इसी प्रकार जींद जिले के किसानों ने भी लीक से हटकर कीट ज्ञान की मुहिम शुरू की है। बहुत जल्द उनकी यह मुहिम भी दूर

कीटों पर शोध करेगी यूनिवर्सिटी : वीसी

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शाकाहारी कीटों के लिए कुदरती कीटनाशी का काम करते हैं मांसाहारी कीट नरेंद्र कुंडू  जींद। निडाना गांव में शनिवार को  महिला किसान खेत पाठशाला का आयोजन किया गया। इस पाठशाला में चौ. रणबीर सिंह विश्वविद्यालय के उप कुलपति मेजर जनरल डॉ. रणजीत सिंह ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। इस अवसर पर पाठशाला में राममेहर नंबरदार भी विशेष रूप से मौजूद रहे। राममेहर नंबरदार ने मुख्यातिथि को स्मृति चिह्न भेंट कर उनका स्वागत किया। पाठशाला के आरंभ में महिलाओं ने कीटों का अवलोकन किया और फसल में मौजूद मांसाहारी तथा शाकाहारी कीटों के आंकड़े एकत्रित किए। उप कुलपति मेजर जनरल डॉ. रणजीत सिंह ने महिला किसानों के कार्य की प्रशंसा करते हुए कहा कि यहां की महिलाओं ने थाली को जहरमुक्त बनाने के लिए एक अनोखी मुहिम की शुरूआत की है। उनकी इस मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए वह विश्वविद्यालय की तरफ से भी इस पर शोध करवाएंगे। इसके साथ-साथ मुख्यातिथि ने महिलाओं से बच्चों में नैतिक मूल्यों का बीजारोपण कर बच्चों को संस्कारवान बनाने का आह्वान किया। क्राइसोपा ग्रुप की मास्टर ट्रेनर मनीषा ललितखेड़ा, केला निडाना, सुमित्रा ललितखेड़ा, रामरती

जींद जिले की राह पर बरवाला के किसान

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कीटनाशकों से निजात पाने के लिए अपनाई कीट ज्ञान की पद्धति हर बृहस्पतिवार को किया जाता है किसान खेत पाठशाला का आयोजन बरवाला के किसानों को कीट ज्ञान का पाठ पढ़ा रहे हैं जींद के किसान  नरेंद्र कुंडू  जींद। बरवाला के किसान भी अब जींद जिले के किसानों की राह पर चल पड़े हैं। जींद जिले से लगभग 6 वर्ष पहले शुरू हुई कीट ज्ञान की पद्धति को बरवाला के किसानों ने अपना लिया है। कीट ज्ञान हासिल करने के लिए बरवाला के किसानों द्वारा जींद के किसानों की तर्ज पर किसान खेत पाठशाला की शुरूआत की गई है। हर बृहस्पतिवार को बरवाला के जेवरा गांव के खेतों में यहां के किसानों द्वारा किसान खेत पाठशाला का आयोजन किया जाता है। इस पाठशाला में बरवाला के किसानों को कीट ज्ञान देने के लिए जींद से कुछ मास्टर ट्रेनर किसान जाते हैं। जेवरा में लगने वाली इस पाठशाला में बरवाला के कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ उद्यान विभाग के अधिकारी भी भाग लेंगे। फसलों में अंधाधुंध कीटनाशकों के प्रयोग के कारण दूषित हो रहे खान-पान तथा वातावरण को देखते हुए वर्ष 2008 में जींद जिले के किसानों ने डॉ. सुरेंद्र दलाल के नेतृत्व में निडाना गांव

तीन एमएम के कीट ने निकाला कीट वैज्ञानिकों व किसानों का पसीना

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सफेद मक्खी के प्रकोप से हिसार, भिवानी व जींद में हजारों एकड़ फसल तबाह चौ. चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कीट वैज्ञानिक भी नहीं ढूंढ़ पा रहे सफेद मक्खी का तोड़ नरेंद्र कुंडू  जींद। महज तीन मिलीमीटर के कीट सफेद मक्खी ने बड़े-बड़े कीट वैज्ञानिकों व किसानों के पसीने निकाल कर रख दिये हैं। चौ. चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कीट वैज्ञानिक भी इस कीट का तोड़ नहीं ढूंढ़ पाए हैं। हिसार कृषि विश्वविद्यालय के कीट वैज्ञानिकों के लिए सफेद मक्खी नामक यह कीट चुनौती बनी हुई है। क्योंकि किसान इस कीट को नियंत्रित करने के लिए जितना भी कीटनाशकों का प्रयोग फसल में कर रहे हैं, सफेद मक्खी का प्रकोप उतना ही ज्यादा बढ़ रहा है। हिसार कृषि विश्वविद्यालय की ठीक नाक के नीचे हिसार, भिवानी व जींद में हजारों एकड़ कपास की फसल सफेद मक्खी के प्रकोप से तबाह हो चुकी हैं। जहां-जहां इस कीट को नियंत्रित करने के लिए किसानों ने कीटनाशकों का प्रयोग किया है, वहां-वहां पर इसके उल्टे परिणाम सामने आ रहे हैं। हिसार, भिवानी व जींद के किसानों के सामने ऐसे हालात पैदा हो चुके हैं कि किसान फसलों की हालत को देखकर आ

अपने अनुभव से अन्य किसानों को भी जागरूक करें महिला किसान

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कीटनाशकों के प्रयोग के बाद भी फसल में बढ़ रही है सफेद मक्खी की संख्या नरेंद्र कुंडू  जींद। जिला बाल कल्याण अधिकारी अनिल मलिक ने कहा कि महिला किसानों ने थाली को जहरमुक्त बनाने का जो बीड़ा उठाया है, वह वास्तव में काबिले तारीफ है। कीट ज्ञान की इस मुहिम में यहां के पुरुष किसानों द्वारा महिलाओं को साथ जोडऩा एक सकारात्मक पहल है। क्योंकि पुरुष के शिक्षित होने से एक परिवार को फायदा होता है और महिला के शिक्षित होने से दो परिवारों को फायदा होता है। मलिक ने कहा कि मनुष्य की जिंदगी में अनुभव सबसे ज्यादा काम आता है और कीट ज्ञान में कीटाचार्या महिलाओं का अनुभव बहुत ज्यादा है।  चार्ट पर महिलाओं को कीटों के बारे में जानकारी देती महिला किसान।  इसलिए वह अपने इस अनुभव से अन्य किसानों को भी जागरूक करें और अपने इस ज्ञान को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक फैलाएं। मलिक शनिवार को निडाना गांव में आयोजित महिला किसान खेत पाठशाला में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। महिला किसानों ने मुख्यातिथि को स्मृति चिह्न देकर मुख्यातिथि का स्वागत किया। इस अवसर पर सिरसा जिले से भी कुछ किसान कीट ज्ञान लेने के लिए किसान खेत पा

बारिश के बाद फसल में कम हुई कीटों की संख्या

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फसल में नुकसान पहुंचाने के आर्थिक कगार से काफी दूर हैं शाकाहारी कीट  नरेंद्र कुंडू  जींद। पिछले कई दिनों से हो रही भारी बारिश भी कीटाचार्या महिला किसानों के हौंसले को नहीं तोड़ पाई। गत रात्रि तेज बारिश के कारण खेतों में पानी भरा होने के बावजूद भी निडाना, ललितखेड़ा और रधाना गांव की कीटाचार्या महिला किसान सामान्य दिनों की भांति निडाना गांव में चल रही महिला किसान खेत पाठशाला में शामिल होने के लिए पहुंची। पाठशाला के आरंभ में महिला किसानों ने फसल में कीटों का आंकलन कर कीटों का रिकार्ड तैयार किया। इस अवसर पर निडाना गांव के पूर्व सरपंच रामभगत ने पाठशाला में बतौर मुख्यातिथि तथा अनिल नंबरदार ने विशिष्ठ अतिथि के तौर पर शिरकत की। पूर्व सरपंच रामभगत ने इस मुहिम की तारिफ करते हुए कहा कि महिला किसानों ने थाली को जहरमुक्त बनाने के लिए चलाई गई इस मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए एक अच्छी पहल की है। कीटाचार्या महिला किसानों ने मुख्यातिथि को स्मृति चिह्न भेंट कर उनका स्वागत किया।   फसल में कीटों का अवलोकन करती महिला किसान। कीटाचार्या सुषमा, सुमन, ब्रह्मी व कमला ने बताया कि बरसात के बाद फसल में की