संदेश

भाजपा के मंत्रियों को पसंद आया 'म्हारे किसानों का कीट ज्ञान'

चित्र
केंद्रीय राज्य कृषि मंत्री ने कीटाचार्य किसानों से मांगा कीट ज्ञान का प्रस्ताव दिल्ली में मुरली मनोहर जोशी के आवास पर भाजपा नेताओं के साथ हुई किसानों की मीटिंग नरेंद्र कुंडू  जींद। थाली को जहरमुक्त बनाने के लिए जिले में चल रही कीट ज्ञान की मुहिम को देशभर में फैलाने के लिए अब भाजपा सरकार इस पर मंथन करेगी। भाजपा के मंत्रियों को म्हारे किसानों का यह कीट ज्ञान पसंद आ गया है। कीट ज्ञान की इस मुहिम को देश में कैसे फैलाया जाए और किसानों को इससे क्या फायदा होगा इस विषय पर केंद्रीय राज्य कृषि मंत्री संजीव बाल्याण ने कीटाचार्य किसानों से एक प्रस्ताव मांगा है। कीटाचार्य किसानों द्वारा जल्द ही एक प्रस्ताव तैयार कर कृषि मंत्री को भेजा जाएगा। मकर संक्रांति के अवसर पर भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी द्वारा दिल्ली के राय सिन्हा रोड पर स्थित अपने निवास पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में भाजपा के केंद्रीय राज्य कृषि मंत्री संजीव बाल्याण, केंद्रीय राज्य पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, भाजपा के केंद्रीय एवं किसान नेता नरेश सिरोही तथा कई अन्य बुद्धिजीवी लोगों को बुलाया गया

भारत में ऑर्गेनिक उत्पाद की नहीं कोई प्रमाणिकता

चित्र
अमेरिका में ऑर्गेनिक फार्मिंग के लिए सरकार से लेना पड़ता है प्रमाण पत्र नरेंद्र कुंडू जींद। अमेरिका की केलिफोरनिया स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधार्थी हैली तथा निकोलस ने कहा कि भारत में ऑर्गेनिक उत्पाद की प्रमाणिकता के लिए बिक्री केंद्रों पर कोई व्यवस्था नहीं है। जबकि अमेरिका में प्रत्येक बिक्री केंद्र पर ओर्गेनिक उत्पाद की प्रमाणिकता के लिए मशीनों की व्यवस्था होती है। मशीन में ओर्गेनिक उत्पाद की जांच के बाद ही उसे प्रमाणित किया जाता है लेकिन भारत में बिक्री केंद्रों पर यह व्यवस्था नहीं होने के कारण ओर्गेनिक उत्पादों की गुणवत्ता पर संदेह बना रहता है। लोग ओर्गेनिक के नाम पर मिलावटी या रासायनिक उत्पादों को भी बेच देते हैं। ऑर्गेनिक फार्मिंग पर शोध के लिए जींद पहुंचे शोधार्थी शनिवार को जाट धर्मशाला में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। शोधर्थी हेली तथा निकोलस ने कहा कि अमेरिका में ऑर्गेनिक फार्मिंग के लिए सरकार से प्रमाण पत्र लेना पड़ता है। बिना प्रमाण पत्र के किसान ऑर्गेनिक खेती नहीं कर सकता। इसी के चलते भारत की बजाए अमेरिका में ऑर्गेनिक उत्पाद थोड़े महंगे हैं। अमेरिका में ऑर्गेेनिक उत्पादों

देश में जहरमुक्त खेती के लिए होगी तीसरी क्रांति

चित्र
ऑर्गेनिक खेती और स्वास्थ्य विषय पर किया सेमिनार का आयोजन  नरेंद्र कुंडू  जींद। दूषित खान-पान के कारण बढ़ रही बीमारियों को देखते हुए जिले में ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए शनिवार को जाट धर्मशाला में भारतीय जागरूक किसान मोर्चा द्वारा ओर्गेनिक खेती और स्वास्थ्य विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार की अध्यक्षता मोर्चा के अध्यक्ष सुनील कंडेला ने की। सेमिनार में मुख्य रूप से अमेरिका की केलिफोरनिया स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधार्थी हैली तथा निकोलस विशेष रूप से मौजूद रहे। कृषि विकास अधिकारी डॉ. कमल सैनी ने किसानों को आर्गेनिक खेती के बारे में विस्तार से जानकारी दी। वहीं ओर्गेनिक खेती के अभियान से जुड़े प्रगतिशील किसानों ने भी सेमिनार में अपने विचार सांझा किए। डॉ. कमल सैनी ने सेमिनार में मौजूद किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि देश में हरित तथा श्वेत क्रांति के बाद तीसरी क्रांति जहरमुक्त खेती के लिए आएगी। उन्होंने कहा कि किसान का सबसे ज्यादा खर्च कीटनाशकों पर होता है और फसलों में अंधाधुंध कीटनाशकों के प्रयोग के कारण हमारा स्वास्थ्य स्तर लगातार गिर रहा है। कैंसर जैसी लाइलाज बीम

आयुष को अभी ओर करना पड़ेगा संजीवनी का इंतजार

चित्र
आयुष विभाग की पंचकर्मा की ज्यादातर मशीनें खराब निदेशक ने कहा बजट की कमी के चलते अभी नहीं खरीदी जा सकेंगी नई मशीनें नरेंद्र कुंडू  जींद। सामान्य अस्पताल में स्थित जिला आयुर्वेदिक एवं पंचकर्म विभाग को अभी 'संजीवनी' के लिए ओर इंतजार करना पड़ेगा। विभाग के पास बजट की कमी के चलते आयुष को अभी नई मशीनों की सौगात नहीं मिल पाएगी। आयुष विभाग के चिकित्सकों को कंडम मशीनों के सहारे ही यहां आने वाले मरीजों का उपचार करना पड़ेगा। वहीं जोड़ों, गठिया बॉय व सरवाइकल इत्यादि के मरीजों को शरीर की मालिश के लिए ऑयल भी खुद बाजार से ही लेकर आना पड़ेगा। बजट की कमी के चलते अभी आयुष विभाग मरीजों को अच्छी सुविधाएं नहीं दे पाएगा।   आयुर्वेदिक, पंचकर्म एवं योग पद्धति की सहायता से मरीजों के उपचार के लिए कई वर्ष पहले स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिला स्तर पर सामान्य अस्पताल में आयुष सैंटर स्थापित किए गए थे। आयुष सैंटरों की स्थापना के बाद ही यहां मरीजों के उपचार के लिए सिरोधारा, स्टीम बॉथ, हैंडव्हील, जोगर मशीन, वैक्सबॉथ, एल्ट्रावायलर लैंप, इंफरा रेड लैंप जैसी आधुनिक मशीनें खरीदी थी लेकिन विभाग द्वारा मशीने

झुग्गी-झोपडिय़ों में जला रहा अक्षर ज्ञान का दीप

चित्र
सेवानिवृत्त प्राचार्य गरीब बच्चों को कर रहा शिक्षित झुग्गी-झोपडिय़ों में ही शुरू की पाठशाला शिक्षा देने के साथ-साथ खुद ही उठा रहा कापी-किताबों का खर्च नरेंद्र कुंडू जींद। आज आधुनिकता तथा भौतिकवाद के इस युग में लोग बिना स्वार्थ के एक कदम भी नहीं रखते हैं लेकिन वहीं एक शख्स ऐसा भी है जो निस्वार्थ भाव से झुग्गी-झोपडिय़ों में अक्षर ज्ञान का दीप जला कर गरीब बच्चों के जीवन को रोशन करने का काम कर रहा है। हम जिक्र कर रहे हैं शहर के अर्बन एस्टेट निवासी सेवानिवृत्त प्राचार्य कृष्णचंद शर्मा का। कृष्णचंद शर्मा इन गरीब बच्चों को झुग्गी-झोपडिय़ों में जाकर कखघग सीखा रहे हैं। इतना ही नहीं शर्मा इन बच्चों को शिक्षित करने के साथ-साथ इनके किताबों व कापियों का खर्च भी स्वयं ही  झुग्गी-झो पडिय़ों को पढ़ाते पूर्व प्राचार्य कृष्णचंद शर्मा।  उठा रहे हैं। इनके इस प्रयास से झुग्गी-झोपडिय़ों में रह रहे इन गरीब बच्चों को एक नई दिशा मिल रही है। शहर के अर्बन एस्टेट निवासी कृष्णचंद शर्मा ने अध्यापक के पद पर रहते हुए वर्षों तक स्कूलों में विद्यार्थियों को शिक्षित करने का काम किया। इसके बाद वह पदौन्नत होकर प्राचा

'आयुष' को संजीवनी का इंतजार

चित्र
कंडम मशीनों के सहारे चल रहा मरीजों का उपचार --मशीनें खराब होने के कारण सही विधि से नहीं हो पा रहा मरीजों का उपचार --मरीजों को बाजार से खुद खरीदकर लाना पड़ता है तेल नरेंद्र कुंडू  जींद। सामान्य अस्पताल में स्थित जिला आयुर्वेदिक एवं पंचकर्म विभाग 'आयुष'  को संजीवनी का इंतजार हैं। यहां मरीजों के उपचार के लिए रखी ज्यादातर मशीनें कंडम हो चुकी हैं। कंडम मशीनों के सहारे ही मरीजों का उपचार चल रहा है। मशीनें खराब होने के कारण मरीजों का सही ढंग से उपचार नहीं हो पा रहा है। पचंकर्म केंद्र की ज्यादातर मशीनें खराब होने के कारण यहां मौजूद चिकित्सकों को जैसे-तैस कर काम चलाना पड़ रहा है लेकिन सही विधि से मरीजों को उपचार नहीं मिल पाने के कारण मरीजों को पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है। पंचकर्म केंद्र के हालात ऐसे हो चुके हैं कि मरीजों की मालिश में प्रयोग होने वाला तेल भी खत्म हो चुका है। इसके चलते यहां गठिया बॉय, सरवाइकल, जोड़ों के दर्द इत्यादि बीमारी का उपचार करवाने के लिए आने वाले मरीजों को बाजार से तेल खरीद कर लाना पड़ता है। हालांकि पंचकर्म केंद्र के चिकित्सकों द्वारा कई बार लिखित में

बिल्ली करती हैं राजस्व विभाग के रिकार्ड की रखवाली

चित्र
रिकार्ड को चूहों से बचाने के लिए कर्मचारियों ने पाली तीन बिल्लियां रिकार्ड रूम में रखा है जींद की रियासत तक का रिकार्ड बिल्लियों के लिए हर रोज खरीदा जाता है एक लीटर दूध नरेंद्र कुंडू         जींद। आज तक सुरक्षा गार्डों को तो किसी विभाग या कार्यालय की रखवाली करते देखा या सुना था लेकिन जींद जिले में एक ऐसा विभाग भी है जिसकी रखवाली बिल्लियां कर रही हैं। पुलिस अधीक्षक कार्यालय की बिल्डिंग में बने राजस्व विभाग के रिकार्ड रूम में रखे रिकार्ड की रखवाली पिछले दो वर्षों से बिल्लियां कर रही हैं। राजस्व विभाग के कर्मचारियों द्वारा रिकार्ड रूम में रखे गए रिकार्ड को चूहों, छिपकलियों से बचाने के लिए तीन बिल्लियां पाली गई हैं। कर्मचारियों द्वारा बिल्लियों के लिए हर रोज एक लीटर दूध खरीदा जाता है। विभाग के कर्मचारियों की समझदारी के चलते नामात्र के खर्च में बेश कीमती रिकार्ड की सुरक्षा की जा रही है। जिला राजस्व के रिकार्ड रूम में जींद की रियासत के समय का पूरा रिकार्ड रखा हुआ है। पिछले दो वर्षों से तीन बिल्लियां यहां ड्यूटी दे रही हैं। रिकार्ड रूम में गोद में बिल्ली को बैठाकर काम करते कर्मचा