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देश को कीट ज्ञान के मॉडल की सख्त जरूरत : डॉ. जेसी कत्याल

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म्हारे किसानों के कीट ज्ञान का कायल हुआ किसान आयोग   निडाना में आयोजित हुई किसान संगोष्ठी  नरेंद्र कुंडू जींद। किसान आयोग के चेयरमैन एवं हिसार एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के पूर्व वीसी डॉ. जेसी कत्याल ने जींद जिले के किसानों द्वारा शुरू की गई कीट ज्ञान की मुहिम की प्रशंसा करते हुए कहा कि यदि हमें अपनी आने वाली पुस्तों को बचाना है तो कीट ज्ञान के इस मॉडल को प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में लागू करना होगा। आज देश के किसानों को कीट ज्ञान के इस मॉडल की सख्त जरूरत है। आज प्रकृति के साथ जिस तरह से खिलवाड़ हो रही है, वह हमारे आने वाली पीढ़ी के लिए एक बड़े खतरे का संकेत है। डॉ. जेसी कत्याल बृहस्पतिवार को निडाना गांव के डैफोडिल्स स्कूल में आयोजित किसान संगोष्ठी में कीटाचार्य महिला एवं पुरुष किसानों को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उनके साथ किसान आयोग के सचिव डॉ. आरएस दलाल, डॉ. एएम नरूला, डॉ. आरबी श्रीवास्तव भी मौजूद रहे। कार्यक्रम में पहुंचने पर कीटाचार्य किसानों, किसाल क्लब के प्रधान राजबीर कटारिया, राममेहर नंबरदार, स्कूल के प्रिंसीपल ने किसान आयोग के सदस्यों का स्वागत किया। किसान आय

केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह की पत्नी प्रेमलता ने फिर उठाए मैरिट की भर्ती पर सवाल

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कहा जींद के युवा नौकरी की उम्मीद छोड़ लोन लेकर शुरू करें स्वरोजगार कोई मैनेजर लोन से इंकार करे तो बताएं, करूंगी सीधा  नरेंद्र कुंडू  जींद।  केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के बाद अब उनकी पत्नी एवं उचाना कलां से विधायक प्रेमलता ने भी लोगों के काम नहीं करने वाले अधिकाररियों को खुली चेतावनी दी है। वहीं उन्होंने एक बार फिर सरकार की मैरिट लिस्ट के आधार पर नौकरी देने की प्रक्रिया पर फिर सवाल उठाए हैं। प्रेमलता का कहना है कि मैरिट के आधार पर नौकरियां मिली तो जींद के युवा पिछड़ जाएंगे। विधायक प्रेमलता का कहना है कि जींद शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ा हुआ है। यहां पर शिक्षा के प्रर्याप्त संसाधन व अच्छे शिक्षण संस्थान नहीं है। इसलिए मैरिट सूची के आधार पर नौकरी देने से जींद के युवा नौकरी से वंचित रह जाएंगे। प्रेमलता शनिवार को विश्व मृदा दिवस पर जाट धर्मशाला में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि शिरकत करने पहुंची थी।    कार्यक्रम के दौरान मंच पर मौजूद विधायक प्रेमलता। प्रेमलता ने कहा कि मैरिट के आधार पर तो जींद के युवाओं को नौकरी नहीं मिल पाएगी। इसलिए जींद के युवाओं को नौकरी की उम्मीद

किसानों के साथ बीज व दवाइयों के नाम पर हो रहे धोखे के लिए विभाग जिम्मेदार : प्रेमलता

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अंग्रेजी भाषा में जारी किए गए सॉयल हैल्थ कार्ड पर भी उठाए सवाल किसानों से किया प्राकृतिक पद्धति से खेती करने का आह्वान अनाज मंडी में धान की बिक्री के दौरान किसानों के साथ हुई लूट का मुद्दा भी उठाया कृषि विभाग द्वारा जाट धर्मशाला में विश्व मृदा दिवस पर किया गया जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन नरेंद्र कुंडू  जींद। विधायक प्रेमलता ने कहा कि फसलों में साल दर साल बढ़ रही बीमारियों व कीटों के प्रकोप का मुख्य कारण बाजार में बिक रहे निम्र श्रेणी के बीज व घटिया क्वालिटी की दवाइयां हैं। बीज व दवाइयों के नाम पर किसानों के साथ जो धोखा हो रहा है उसके लिए विभाग जिम्मेदार है। जींद के बिल्कुल साथ लगते हिसार जिले में एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी है। विभाग के अधिकारियों व कृषि विशेषज्ञों को चाहिए कि वह इस यूनिवर्सिटी से किसानों को अच्छी क्वालिटी के बीज व दवाइयां मुहैया करवाएं। ताकि किसानों को फसल की अच्छी पैदावार मिल सके और फसलों में आने वाली बीमारियों व कीटों को नियंत्रित किया जा सके। विधायक प्रेमलता शनिवार को कृषि विभाग द्वारा जाट धर्मशाला में विश्व मृदा दिवस पर आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथ

विश्व मृदा दिवस के लिए विशेष

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न मशीन, न स्टाफ कैसे होगी सैंपलों की जांच कृषि विभाग की मिट्टी-पानी की जांच के जागरूकता अभियान को झटका 16 हजार में से महज 400  सैंपलों की ही हो पाएगी जांच  नरेंद्र कुंडू  जींद। कृषि विभाग आज विश्व मृदा दिवस मना रहा है और किसानों को मिट्टी-पानी की जांच करवाने के लिए जागरूक करने का काम कर रहा है लेकिन हकीकत यह है कि कृषि विभाग की प्रयोगशाला में मिट्टी-पानी की जांच के लिए न तो पर्याप्त संसाधन हैं और न ही पूरा स्टाफ है। ऐसे में विभाग के इस जागरूकता अभियान को करारा झटका लग रहा है। क्योंकि विभाग की लैब में किसान जांच के लिए अपने खेत से मिट्टी-पानी तो लेकर आ रहे हैं लेकिन यहां पर किसानों के सैंपलों की जांच नहीं हो पा रही है। क्योंकि जिला कृषि विभाग की कृषि विभाग की प्रयोगशाला में जांच के लिए आए मिट्टी के सैंपल।    प्रयोगशाला में मिट्टी-पानी के सूक्ष्म तत्व की जांच के लिए रखी गई मशीन पिछले काफी लंबे अर्से से खराब पड़ी है। ऐसे में यहां जांच के लिए आने वाले सैंपलों की सूक्ष्म तत्वों की जांच नहीं हो पा रही है। वहीं प्रयोगशाला को संभालने के लिए विभाग के पास पर्याप्त स्टाफ भी नहीं है। लैब

जींद-पानीपत रेलवे लाइन पर अंडर पास बनने का रास्ता साफ

12 करोड़ ३९ लाख से बनेगा अंडर पास अंडर पास बनाने के लिए रेलवे ने जिला प्रशासन को भेजा एस्टीमेट अंडर पास की प्रथम प्रक्रिया के लिए जिला प्रशासन को जमा करवाने होंगे 19 लाख अंडर पास बनने से शहरवासियों को जाम से मिलेगी निजात नरेंद्र कुंडू  जींद। शहर के मिनी बाईपास पर जींद-पानीपत रेलवे लाइन पर अंडर पास बनने का रास्ता साफ हो गया है। रेलवे ने अंडर पास बनाने का एस्टीमेट तैयार कर जिला प्रशासन को सौंप दिया है। अंडर पास के निर्माण पर लगभग 12 करोड़ 39 लाख रुपये का खर्च आएगा। अंडर पास के निर्माण की प्रक्रिया शुरू करवाने के लिए जिला प्रशासन को रेलवे को 19 लाख रुपये जमा करवाने होंगे। इसके बाद रेलवे द्वारा अंडर पास के निर्माण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। अंडर पास का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद शहर के लोगों को जाम से निजात मिलेगी और पिछले दो वर्षों से अंडर पास का निर्माण नहीं होने के कारण रद्द पड़े मिनी बाईपास पर वाहनों का आवागमन शुरू हो पाएगा। यह है पूरा मामला  जींद शहर के लोगों को जाम से निजात दिलवाने के लिए तीन जून 2012 को जींद की नई अनाज मंडी में हुई कांग्रेस की विकास रैली में तत्कालीन मु

उम्र 19 और 50 से ज्यादा प्रतियोगिताओं में मनवा चुकी है लोहा

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हाऊसिंग बोर्ड कॉलोनी की कनिष्का ने पेंटिंग में हासिल किया गवर्नर अवार्ड कन्या भ्रूण हत्या व नशाखोरी है मुख्य विषय  माता-पिता को भी है अपनी बेटियों पर नाज नरेंद्र कुंडू जींद। कहते हैं कि पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं। इस कहावत को सिद्ध कर रही है शहर की हाऊङ्क्षसग बोर्ड कॉलोनी निवासी कनिष्का। कनिष्का बहुमुखी प्रतिभा की धनी है और पेटिंग के क्षेत्र में काफी महारत हासिल कर चुकी है। राजकीय प्रियदर्शनी इंदिरा गांधी महिला महाविद्यालय की बीएससी अंतिम वर्ष की छात्रा कनिष्का महज 19 वर्ष की उम्र में 50 के करीब प्रतियोगिताओं में प्रतिभागिता कर चुकी है। तीसरी कक्षा से ही कनिष्का ने प्रतियोगिताओं में प्रतिभागिता शुरू कर दी थी। अपनी प्रतिभा के दम पर कनिष्का ने वर्ष 2014 में राज्य स्तर पर आयोजित हुई पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर गवर्नर अवार्ड भी हासिल किया था। पेंटिंग के साथ-साथ पढ़ाई के क्षेत्र में भी कनिष्का काफी रुचि है। कनिष्का की एक खास बात यह भी है कि पेंटिंग प्रतियोगिताओं में उसका सबसे खास विषय कन्या भ्रूण हत्या तथा नशाखोरी रही है। कनिष्का अपनी पेंटिंग के

ममता सोधा ने जिद्द से फतेह किया एवरेस्ट

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लोगों के ताने सुन कर किया एवरेस्ट फतेह करने का इरादा चिकित्सकों की सलाह की परवाह किए बिना लहराया एवरेस्ट पर तिरंगा नरेंद्र कुंडू  डीएसपी ममता सौदा का फोटो। जींद। 'सपने उनके ही पूरे होते हैं, जिनके सपनों में जान होती है, अकेले पंखों से कुछ नहीं होता हौंसलों से ही उडान होती है।" इन पंक्तियों को सच कर दिखाया है एवरेस्ट विजेता डीएसपी ममता सोधा ने। समाज से मिल रहे ताने व परिवार की आर्थिक कमजोरी भी उसकी राह का रोड़ा नहीं बन पाई। 2003 में पर्वतारोहण के दौरान हुए हादसे में बुरी तरह से घायल होने के बाद भी ममता ने अपनी जिद्द नहीं छोड़ी और चिकित्सकों की सलाह को नजरअंदाज कर जान पर खेलते हुए एवरेस्ट फतेह करने का काम किया। एवरेस्ट पर तिरंगा लहरा कर पर्वतारोही ममता सोधा ने यह साबित कर दिया है कि नारी अबला नहीं सबला है। इतना ही नहीं ममता सोधा ने पिता की मौत के बाद अपना लक्ष्य पूरा करने के साथ-साथ परिवार के मुखिया का भी फर्ज अदा किया। परिवार में सभी भाई-बहनों में बड़ी होने के कारण पिता की मौत के बाद परिवार की पूरी जिम्मेदारी ममता के कंधों पर आ गई थी। परिवार के पास आय का कोई दूसरा स