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‘लाडो’ के जीवनदान के लिए उठे कदमों में अधिकारियों ने डाली लापरवाही की बेड़ियां

पंचायती राज विभाग के अधिकारियों ने तैयार नहीं किए बीबीपुर गाँव के विकास कार्यों के एस्टीमेट नरेंद्र कुंडू जींद। उत्तर भारत की खाप पंचायतों को एक मंच पर लाकर ‘लाडो’ को जीवनदान दिलवाने की अलख जागाने वाले आईटी विलेज बीबीपुर के विकास कार्यों पर प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही का ग्रहण लग गया है। कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ मोर्चा खोल कर इस सामाजिक कुरीति को जड़ से उखाड़ने का आह्वान करने पर जहां मुख्यमंत्री ने बीबीपुर पंचायत को एक करोड़ की राशि देकर सम्मानित किया था, वहीं अब जिला प्रशासनिक अधिकारियों ने बीबीपुर गांव के विकास के लिए एस्टीमेट तैयार न कर एक करोड़ रुपए की राशि पर कुंडली मारी ली है। पंचायत विभाग के तकनीकि विंग ने दो माह बीत जाने के बाद भी विकास कार्यों के एस्टीमेट प्रदेश सरकार को नहीं भेजे हैं। जिस कारण गांव के सभी विकास कार्यों पर ब्रेक लग गए हैं। विभाग के अधिकारी एस्टीमेट भेजने का कार्य कार्यालय का बताकर अपने हाथ खड़े कर रहे हैं। कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ प्रदेश की अन्य पंचायतों को राह दिखाने वाली आईटी विलेज बीबीपुर के विकास पर जिला प्रशासनिक अधिकारियों की काली छाया पड़ चुकी है

खाप चौधरियों ने की किसान-कीट मुकद्दमें की सुनवाई

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जींद। कीटों व किसान के मुकद्दमे की सुनवाई के लिए मंगलवार को गांव निडाना में चौहदवीं खाप पंचायत का आयोजन किया गया। जिसमें 72 खाप जींद के प्रधान केके मिश्रा, जेवड़ा बरवाला खाप  सूबेसिंह भ्याणा, कृषि विशेषज्ञ डा. करतार सिंह, पशु चिकित्सक डा. राजबीर सिंह ने कीटों की पहचान की। खेत पाठशाला में किसानों ने कीट सर्वेक्षण के बाद कपास की फसल में मौजूद पर्णभक्षी कीटों पर चर्चा की। कीट सर्वेक्षण के बाद किसानों ने कीट बही-खाता भी तैयार किया। कीट-बही खाते में निडाना, निडानी, ललीतखेड़ा सहित अन्य गांवों के किसानों ने भाग लिया। गांवों से आए किसानों ने अपने-अपने खेत से तैयार किए गए कीटों के आंकड़े भी दर्ज करवाए। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए बाहरा बारह खाप के अध्यक्ष कुलदीप सिंह ढांडा ने कहा कि किसान बेवजह कीटनाशकों का प्रयोग कर रहे हैं। जिसका फसलों को तनिक भी लाभ नहीं हो रहा है। उन्होंने बताया कि पिछले एक दशक में कीटनाशकों का प्रयोग अत्याधिक बढ़ा है। जिससे पर्यावरण को काफी नुकसान हो रहा है। खाप चौधरियों ने कॉटन फसल में उन कीटों की पहचान की। जो फसल को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। फसल में चुरड़ा कीट नह

समय पर पौधों को पर्याप्त खुराक देकर पैदावार में की जा सकती है बढ़ोतरी

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नरेंद्र कुंडू  जींद। ललीतखेड़ा गांव में बुधवार को पूनम मलिक के खेत में महिला किसान पाठशाला का आयोजन किया गया। महिलाओं ने पाठशाला में कीट सर्वेक्षण के बाद कीट बही खाता तैयार किया। कीट सर्वेक्षण के साथ-साथ महिलाओं ने कपास के पौधों, फूलों, टिंडों व बोकियों की गिनती कर पौधों का भी बही खाता तैयार किया। महिलाओं ने 6 ग्रुप बनाकर 10-10 पौधों का सर्वेक्षण किया। सर्वेक्षण के बाद महिलाओं ने जामुन के पेड़ के नीचे बैठकर चार्ट पर अपना बही खाता तैयार किया। मास्टर ट्रेनर अंग्रेजो ने सर्वेक्षण के बाद तैयार किए गए आंकड़ों की तरफ इशारा करते हुए बताया कि कपास के इस खेत में इस सप्ताह शाकाहारी कीटों की संख्या नामात्र है। इस सप्ताह फसल में लाल व काला बानिया ही नजर आए हैं। पूनम मलिक ने महिलाओं को बताया कि उन्होंने कीट सर्वेक्षण के दौरान खेत में लाल व काला बानिए के अंडे भी देखे हैं। पूनम ने बताया कि लाल बानिया अपने अंड़े कपास के पौधे के पास गले-सड़े पत्तों के नीचे व जमीन के ऊपर देता है तथा काला बानिया कपास के खिले हुए टिंडों के अंदर देता है। सविता ने महिलाओं द्वारा किए गए कपास के पौधों के सर्वेक्षण के बा

कीट विज्ञान से ही किसानों ने पैदा किया है कीट ज्ञान

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  किसान पाठशाला में खाप चौधरियों ने की किसान-कीट विवाद की सुनवाई नरेंद्र कुंडू  जींद। ज्ञान, विज्ञान और तकनीक देश के विकास की धूरी होती हैं। ज्ञान व विज्ञान को जनता पैदा करती और यह जनता के ही काम आता है। लेकिन तकनीक व्यापार को ध्यान में रखकर पैदा की जाती है और तकनीक जनता की बजाए पैदा करने वाले के ही काम आती है। यह बात कृषि विकास अधिकारी डा. सुरेंद्र दलाल ने मंगलवार को निडाना गांव की किसान खेत पाठशाला में खाप पंचायत की 13वीं बैठक में कही। बैठक की अध्यक्षता सर्वखाप पंचायत के संयोजक कुलदीप ढांडा ने की। इस अवसर पर बैठक में कुंडू खाप कालवा के प्रधान सुभाष कुंडू, प्रसिद्ध समाजसेवी देवव्रत ढांडा, बागवानी विभाग से डीएचओ डा. बलजीत भ्याणा व पेहवा से आए प्रगतिशील किसान शीतल राम भी मौजूद थे। डा. दलाल ने कहा कि देश में 26 से भी ज्यादा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटियां हैं और इन यूनिवर्सिटियों की स्थापना देश में तकनीक को बढ़ावा देने के लिए ही की गई थी। डा. दलाल ने कहा कि आज कृषि क्षेत्र में कीटनाशकों का जो प्रयोग बढ़ रहा है वह भी तकनीक का ही एक हिस्सा है। लेकिन निडाना के किसानों ने कोई नई तकनीक अपनान

धान की फसल पर पाइरिला के डंक का कहर

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 कृषि विभाग के अधिकारी कीटनाशकों की बजाए खाद के स्प्रे के प्रयोग की दे रहे हैं सलाह  नरेंद्र कुंडू जींद। धान की फसल में पाइरिला के निम्प (अल्ल) की दस्तक के कारण धरतीपुत्रों के माथे पर चिंता की लकीरें बढ़ने लगी हैं। पाइरिला के डंक ने किसानों के सपनों में सेंध लगा दी है। फिलहाल पाइरिला ने ज्वार व गन्ने की फसलों के आस-पास की धान की फसलों में दस्तक दी है। फसल में पाइरिला के प्रकोप के कारण किसानों को फसल की सुरक्षा की चिंता सताने लगी है। किसान अचानक धान की फसल में हुए पाइरिला के निम्प के प्रकोप से इजाद पाने की तरकीब ढुंढ़ रहे हैं। कृषि विभाग के अधिकारी किसानों को धान की फसल को पाइरिला के निम्प के प्रकोप से बचाने के लिए किसी प्रकार के कीटनाशक की बजाए पोटास, यूरिया व जिंक के मिश्रण के स्प्रे का प्रयोग करने की सलाह दे रहे हैं। कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि धान की फसल में मौजूद मासाहारी कीट ही पाइरिला के लिए कीटनाशक का काम करते हैं।  किसान रामकुमार, दयाकिशन, रामकरण ने बताया कि पाइरिला के निम्प ने उनकी फसल में दस्तक दे दी है। पाइरिला के आक्रमण के कारण उनकी धान की फसल सुखने लगी

जाटों ने आरक्षण की मांग को लेकर खींची एलओसी

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नरेंद्र कुंडू जींद। पिछले चार वर्षों से आरक्षण की मांग को लेकर सरकार के साथ चल रही खिंचतान के बाद आखिरकार वीरवार को जाटों ने आरक्षण के लिए 15 दिसंबर तक का अल्टीमेटम देकर सरकार के समक्ष जाटों को आरक्षण देने की एलओसी (लाइन आॅफ कंट्रोल) यानि नियंत्रण रेखा खींच दी है। सर्वखाप जाट महापंचायत के नेतृत्व में नरवाना के दनौदा गांव स्थित बिनैन खाप के ऐतिहासिक चबूतरे पर एकत्रित हुए सात प्रदेशों के जाटों ने सरकार के समक्ष यह एलओसी खींच कर सरकार को आरक्षण के लिए तीन माह का समय दिया है। यदि इन तीन माह के अंदर सरकार ने प्रदेश में जाटों को आरक्षण देकर केंद्र सरकार से भी जाटों को आरक्षण देने की सिफारिश नहीं की तो 16 दिसंबर को जाट आरक्षण के लिए जंग की रणभेरी बजाते हुए मैदान में उतर आएंगे। और जाटों की इस जंग में इनका अगला पड़ाव होगा प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का गृहक्षेत्र रोहतक या सोनीपत जिला।  आरक्षण के लिए जाटों को एक मंच पर लाने के लिए नरवाना के दनौदा गांव के ऐतिहासिक चबूतरे पर वीरवार को हुई सर्वखाप जाट महापंचायत ने आरक्षण को लेकर प्रदेश सरकार के समक्ष एलओसी खींच दी है। सर्व

किसान को फायदा या नुकशान पहुंचाने नहीं अपना जीवनचक्र चलाने के लिए फसल में आते हैं कीट

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नरेंद्र कुंडू  जींद। जिले के ललीतखेड़ा गांव में बुधवार को महिला किसान पूनम मलिक के खेत में महिला किसान खेत पाठशाला का आयोजन किया गया। पाठशाला में ललीतखेड़ा, निडाना व निडानी गांव की महिलाओं ने भाग लिया। पाठशाला की शुरुआत महिलाओं ने कपास कीट सर्वेक्षण के साथ की। महिलाओं ने कपास की फसल में लगभग एक घंटे तक कीट अवलोकन व निरीक्षण किया। कीट सर्वेक्षण के बाद महिलाओं ने कीट बही खाता तैयार किया। इसके साथ-साथ महिलाओं ने कपास की फसल में मौजूद पर्णभक्षी कीटों व मासाहारी कीटों के क्रियाकलापों के बारे में भी अपने-अपने अनुभव पाठशाला में रखे।    कपास के खेत कीटों का अवलोकन करती महिलाएं।  कपास की फसल में मौजूद कीटों का बही खाता दर्ज करती महिलाएं।  मास्टर ट्रेनर अंग्रेजो ने बही खाते में दर्ज आंकड़ों की तरफ इशारा करते हुए महिलाओं को बताया कि आंकड़ों के अनुसार अभी तक इस कपास की फसल में किसी भी प्रकार के कीटनाशक की जरुरत नहीं है। सुदेश ने महिलाओं को बताया कि कोई भी कीट हमारा मित्र या दुश्मन नहीं होता। इसलिए हमें कीटों को मित्र या दुश्मन कीटों के नजरिए से नहीं देखना चाहिए। शाकाहारी कीट पौ

कीट ज्ञान के साथ-साथ पौधों की भाषा भी सीखें किसान

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किसान-कीट विवाद की सुनवाई के दौरान किसानों ने पर्णभक्षी कीटों पर गहनता से की चर्चा नरेंद्र कुंडू  जींद। जिले के निडाना गांव में मंगलवार को किसान-कीट विवाद की सुनवाई के लिए खाप पंचायत की 12वीं बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता बराह कलां बारहा खाप के प्रधान कुलदीप ढांडा ने किया। इस अवसर पर किसान खेत पाठशाला में अलेवा खाप के प्रतिनिधि राजेंद्र दलाल तथा राज्यान खाप के प्रतिनिधि राजबीर सिंह राज्यान विशेष रूप से मौजूद रहे। खेत पाठशाला में किसानों ने कीट सर्वेक्षण के बाद कपास की फसल में मौजूद पर्णभक्षी कीटों तथा कपास की फसल में हुई अल्ल की शुरुआत पर गहनता से चर्चा की। कीट सर्वेक्षण के बाद किसानों ने कीट बही-खाता भी तैयार किया। कीट-बही खाते में निडाना, निडानी, ललीतखेड़ा, चाबरी, खरक रामजी, ईगराह, राजपुरा, सिवाहा सहित आस-पास के 12 गांवों से आए किसानों ने अपने-अपने खेत से तैयार किए गए कीटों के आंकड़े भी दर्ज करवाए। खाप प्रतिनिधियों के समक्ष कीट-बही खाता प्रस्तुत करते किसान।  बैठक में मौजूद किसान। बैठक में किसान-कीट विवाद की सुनावाई के दौरान राजपुरा गांव से आए किसान

खेलों की नई तकनीकों से लैस होंगे गुरुजी

नरेंद्र कुंडू जींद। प्रदेश में खेलों के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए) ने अब गुरु जी यानि पीटीआई अध्यापकों को नई तकनीकों से लैस करने की योजना बनाई है। एसएसए की इस योजना के तहत पीटीआई अध्यापकों के लिए 11 सितंबर से 17 सितंबर तक सात दिवसीय प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। इसके लिए एसएसए द्वारा पूरे प्रदेश में 14 ट्रेनिंग सैंटर बनाए गए हैं। इस शिविर के प्रथम बैच में प्रदेशभर से 1645 पीटीआई अध्यापकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। पीटीआई अध्यापकों को तकनीकी गुर व खेलों की बारिकियां सीखाने के लिए एसएसए द्वारा सात दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इस सात दिवसीय शिविर में मास्टर ट्रेनरों द्वारा पीटीआई अध्यापकों को खेलों की बारिकियों के साथ-साथ खेल के क्षेत्र में आने वाले नए-नए तकनीकी गुर भी सीखाए जाएंगे। एसएसए द्वारा इन शिविरों के आयोजन का मुख्य उद्देश्य पीटीआई अध्यापकों को खेलों के नए तकनीकी गुर सिखाना है। ताकि पीटीआई अध्यापक तकनीकी गुरों से लैस होकर स्कूलों से पढ़ाई के साथ-साथ अच्छे खिलाड़ी भी तैयार कर सकें। एसएसए ने पीटीआई अध्यापकों को ट्रेंड करन

लड़की के जन्म पर भी निभाई जाएंगी लड़के वाली परंपराएं

‘लाडो’ को बचाने के लिए सात को युवा संगठन डालेगा अपनी पहली आहूति  नरेंद्र कुंडू जींद। जिले में कन्या भ्रूणहत्या के खिलाफ चली रही मुहिमों का असर सामने आने लगा है। जनसाधारण में अब बेटी बचाओ के लिए माहौल बनने लगा है। निडानी गांव के भगत सिंह क्रांतिकारी युवा संगठन द्वारा लाडो को बचाने के लिए शुरू की गई जंग में अब संगठन के सदस्य अपनी पहली आहूति देने जा रहा हैं। युवा संगठन के सदस्य गांव में एक पिछड़े वर्ग से संबंधित परिवार में जन्मी बेटी का स्वागत बैंड बाजों के साथ करेंगे। संगठन के सदस्यों द्वारा सात सितंबर को धूमधाम से लड़की की छट्टी मनाई जाएगी तथा 11 सितंबर को गाजे-बाजे के साथ इस कन्या का कुआं पूजन किया जाएगा। इसके लिए संगठन के सदस्यों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। संगठन के सदस्यों द्वारा कुआं पूजन पर जिला प्रशासन के आला अधिकारियों को भी निमंत्रण भेजा जा रहा है। निडानी गांव के भगत सिंह क्रांतिकारी युवा संगठन के सदस्यों ने गिरते लिंगानुपात को देखते हुए ‘लाडो’ को बचाने के लिए अपने कदम आगे बढ़ाए थे। संगठन द्वारा एक जुलाई को कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ इस मुहिम का शंखनाद किया गया था। इन यु

लाइसेंस बनाने की आड में चल रहा लूट का खेल

आवेदकों वसूली जा रही है मनमर्जी की फीस, फीस लेने के बाद नहीं दी जाती स्लीप नरेंद्र कुंडू जींद। सफीदों प्रशासन ने अपने तहसील कार्यालय में मौजूद कर्मचारियों को लूट की खुली छूट दे रखी है। यहां कर्मचारियों द्वारा परिचालक व ड्राइविंग लाइसेंस बनाने व नवीनीकरण के नाम पर खुलेआम आवेदकों की जेबें तरासी जा रही हैं और प्रशासनिक अधिकारी इस ओर से चुपी साधकर उनकी इस लूट पर अपनी मोहर लगा रहे हैं। तहसील परिसर में स्थित एसडीएम कार्यलय की लाइसेंस नवीनीकरण शाखा में मौजूद कर्मचारी ड्राइविंग व परिचालक लाइसेंस बनाने व लाइसेंस नवीनीकरण के नाम पर आवेदकों से मनमर्जी की फीस वसूल रहें। इतना ही नहीं आवेदकों से फीस वसूलने के बाद इन कर्मचारियों द्वारा आवेदकों को किसी तरह की स्लीप भी नहीं दी जाती है। इस प्रकार इन कर्मचारियों द्वारा आवेदकों की जेबें तरासने के साथ-साथ  सरकार को भी चूना लगाया जा रहा है। सफीदों की तहसील परिसर में स्थित एसडीएम कार्यालय की लाइसेंस नवीनीकरण शाखा आज-कल भ्रष्टाचार का अड्डा बनी हुई है। इस शाख में मौजूद कर्मचारियों के लिए न तो कोई नियम है और न ही कोई कायदे कानून। इस शाखा में तैनात कर्मचा

अज्ञान के कारण चक्रव्यूह में फंस रहे किसान : शर्मा

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खाद्य एवं कृषि विशेषज्ञ ने किसान-कीट विवाद पर किसानों के साथ की चर्चा नरेंद्र कुंडू  जींद। आज हमारे देश के किसनों  की हालत भी पांडू पुत्र अभिमन्यू की तरह है, जिसे चक्रव्यूह में प्रवेश करना तो आता था, लेकिन उसे उस चक्रव्यूह से बाहर निकलना नहीं आता था। वैसा ही हाल हमारे किसानों का है, जिन्हें कृषि क्षेत्र में नई-नई तरीकब अपना कर एक ऐसे चक्रव्यूह में फंसाया जा रहा है, जिसमें किसान दाखिल तो आसानी से हो जाते हैं, लेकिन उस चक्रव्यूह से बाहर निकलना उनके बस की बात नहीं है। यह बात विश्व विख्यात खाद्य एवं कृषि विशेषज्ञ डा देवेंद्र शर्मा ने मंगलवार को निडाना गांव में आयोजित किसान खेत पाठशाला में किसान-कीट विवाद पर किसानों के साथ चर्चा करते हुए कही। इस अवसर पर पाठशाला में खाप पंचायत की तरफ  से ढुल खाप प्रधान इंद्र सिह ढुल, खटकड खेड़ा खाप के प्रधान दलेल खटकड़, जाटू खाप प्रधान संदीप ढांड़ा, 84 खाप प्रधान भिवानी से राज सिंह घणघस, किसान क्लब के प्रधान फूल सिंह श्योकंद, बागवानी विभाग से डीएचओ डा. बलजीत सिंह  भयाणा, मिट्टी एवं संरक्षण विभाग जींद से डा. मीना सिहाग भी विशेष रूप  से मौजूद थी। पंचायत का

‘गांव’ की धरती से ‘जहान’ में उठेगी एक नई क्रांति की लहर

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कीटनाशकों की दलदल में धंसता जा रहा किसान उग्र हो रही है किसान-कीट की जंग नरेंद्र कुंडू जींद। आज फसलों में अंधाधूंध कीटनाशकों के प्रयोग के कारण मानव व पशु जगत पर जो खतरा मंडरा रहा है, वह किसी से छुपा नहीं है। अगर पिछले 40 सालों के इतिहास पर नजर डाली जाए तो इन 40 वर्षों में हर वर्ष कीटनाशकों के प्रयोग का ग्राफ लगातार ऊपर की तरफ बढ़ रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा पेश की गई एक रिपोर्ट के मृत्युदर के आंकड़ों पर अगर नजर डाली जाए तो उसमें 13 प्रतिशत लोग अकेले कैंसर के कारण मौत के मुहं में समा रहे हैं। इसी संगठन की एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार फसल की सुरक्षा के लिए कीटनाशक का छिड़काव करते हुए हर वर्ष 20 हजार किसान काल का ग्रास बन रहे हैं। इस प्रकार पिछले 40 वर्षों में किसानों व कीटों की इस जंग में आठ लाख किसान अनामी शहीद हो चुके हैं। इसके अलावा विषायुक्त भेजन खाने के कारण कैंसर, शुगर, हार्ट फेल व सैक्स संबंधि बीमारियों के मरीजों की तादात भी दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। काटन व काजू बैलट में कीटनाशकों के अधिकतम इस्तेमाल के कारण इस बैलट में कैंसर के मरीजों की तादात में बढ़ोतरी हो रही है।