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अब प्रदेश के किसानों को कीट ज्ञान का पाठ पढ़ाएंगे म्हारे किसान

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हरियाणा किसान आयोग ने कीट कमांडो किसानों से मांगे सुझाव 30 जून को गुडग़ांव में होगी किसानों और किसान आयोग के अधिकारियों की बैठक नरेंद्र कुुंडू जींद। जिले के निडाना गांव से शुरू हुई कीट ज्ञान क्रांति की मुहिम को पूरे प्रदेश में फैलाकर थाली को जहरमुक्त बनाने के लिए जिले के कीट कमांडो किसानों ने एक योजना तैयार की है। उनकी इस योजना को आगे बढ़ाने में हरियाणा किसान आयोग इनका माध्यम बनेगा। कीट ज्ञान की इस मुहिम को पूरे प्रदेश में फैलाने के लिए हरियाणा किसान आयोग ने इन किसानों से इनके सुझाव मांगे हैं। किसान आयोग ने कीट कमांडो किसानों से सुझाव लेने के लिए गत 30 जून को गुडग़ांव बुलाया है। 30 जून को हरियाणा किसान आयोग के चेयरमैन डॉ. आरएस प्रौधा की अध्यक्षता में गुडग़ांव में होने वाली बैठक में कीट कमांडो किसान अधिकारियों को अपने सुझाव देंगे। ताकि इस मुहिम को जींद जिले से बाहर निकालकर पूरे प्रदेश में फैलाकर प्रदेश के सभी किसानों को इस मुहिम के साथ जोड़ा जा सके। मीटिंग में कीट कमांडो किसानों द्वारा यह रखा जाएगा सुझाव कीटाचार्य किसान रणबीर मलिक, मनबीर रेढ़ू का कहना है कि सरकार ने जिस तरह से अनपढ़

कीटनाशक नहीं कीट ज्ञान ही फसलों को कीटों से बचाने का सबसे बड़ा हथियार

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मांसाहारी कीट करते हैं फसल में कूदरती कीटनाशी का काम  नरेंद्र कुंडू जींद। कपास खरीफ सीजन की एक महत्वपूर्ण नकदी फसल है जिसका रकबा साल दर साल बढ़ता चला आ रहा है। जिस प्रकार नकदी फसलों में कपास की फसल अपना एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है ठीक उसी प्रकार कीटों के लिहाज से भी कपास की फसल की अपनी एक पहचान रही है, क्योंकि हमारी फसलों में सबसे ज्यादा कीट कपास की फसल पर ही आते हैं। हमारे कीट वैज्ञानिकों के अनुसार कपास की फसल के सीजन में समय-समय पर लगभग 1300 प्रकार के कीट आते हैं। इसलिए फसल को कीटों से बचाने के लिए कीटनाशक नहीं बल्कि कीट की पहचान करना तथा कीटों के क्रियाकलापों के बारे में जानकारी हासिल करना ही एक कारगर हथियार है। क्योंकि कीट की कीट का दुश्मन होता है।  बीटी कपास कीट प्रबंधन का विकल्प नहीं आमतौर पर हम ये मान लें कि बीटी कपास आने से एक तरफ कपास के चार महत्वपूर्ण कीटों जैसे अमेरिकन सुंडी, गुलाबी सुंडी, चितकबरी सुंडी एवं तम्बाकू वाली सुंडी जहां  कम हुई हैं, वहीं दूसरी तरफ कपास की फसल में बहुत सारे माईनर कहे जाने वाले कीट मुख्य श्रेणी में आ खड़े हुए हैं। इसलिए हम कपास की फसल में

अर्जुन स्टेडियम पर आज भी लगी हुई है आचार संहिता

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राष्ट्र स्तरीय शूटिंग प्रतियोगिता के लिए प्रशासन नहीं दे रहा अनुमति प्रशासन के नकारात्मक रवैये से आयोजकों में छाई निराशा आचार संहिता खत्म होने के बाद भी स्टेडियम की बिल्डिंग पर कब्जा जमाए हुए है प्रशासन खिलाड़ी भी नहीं कर पा रहे हैं अभ्यास नरेंद्र कुंडू   जींद। चुनाव आचार संहिता खत्म हुए एक माह से भी ज्यादा का समय बीत चुका है लेकिन शहर के अर्जुन स्टेडियम में आज भी आचार संहिता लगी हुई है। पिछले तीन माह से अर्जुन स्टेडियम के हॉलों पर आज भी प्रशासन कब्जा जमाए बैठा है, जिस कारण खेल गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं और खिलाड़ी अच्छे तरीके से अभ्यास नहीं कर पा रहे हैं। वहीं अर्जुन स्टेडियम पर प्रशासन का कब्जा होने के चलते प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा एक प्रतिष्ठित संस्था को स्टेडियम में शुटिंग प्रतियोगिता के आयोजन के लिए अनुमति भी नहीं दी जा रही है। प्रतियोगिता के आयोजन के लिए अनुमति देना तो दूर प्रशासनिक अधिकारी संस्था के पदाधिकारियों से ठीक से बात भी नहीं कर रहे हैं। संस्था के पदाधिकारी कई दिनों से स्टेडियम में राष्ट्र स्तरीय 10 मीटर ओपन एयर पिस्टल व राईफल शूटिंग प्रतियोगिता के आयोजन

........मंजिलें उन्हें ही मिलती हैं जिनके सपनों में जान होती है

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जींद की बेटी ने वेट लिफ्टिंग में मनवाया अपनी प्रतिभा का लोहा ६ साल के ब्रेक के बाद मैदान में उतरकर लहराया परचम सीनियर नेशनल प्रतियोगिता में दो बार जीत चुकी है गोल्ड मैडल  अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मैडल जीतने के लिए उतरेगी मैदान पर  नरेंद्र कुंडू जींद। सपने उन्हीं के पूरे होते हैं, जिनके सपनों में जान होती है। अकेले पंखों से कुछ नहीं होता हौंसलों से ही उडान होती है। यह पंक्तियां जींद जिले के गांव मालवी निवासी वेट लिफ्टिंग की खिलाड़ी कविता देवी पर बिल्कुल स्टीक बैठती हैं। अपने खेल के कॅरियर पर लगे 6 साल के लंबे ब्रेक के बाद भी कविता ने कठिन परिश्रम और मजबूत इरादों के बल पर दोबारा से मैदान में उतरकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा दिया। वर्ष 2008 में वेट लिफ्टिंग सीनियर नेशनल चैम्पियनशिप में गोल्ड मैडल जीतने के बाद वर्ष 2014 में दोबारा फिर से कविता ने सीनियर नेशनल चैम्पियनशिप में गोल्ड जीतकर इंडिया कैंप में अपना स्थान बनाया है। ३१ वर्ष की उम्र में भी कविता के हौंसले बुलंद हैं। कविता वेट लिफ्टिंग प्रतियोगिता में अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश को गोल्ड मैडल दिलाने का सपना अपनी

जहरीले हो रहे खान-पान व दूषित हो रहे वातावरण से हर जीव हो रहा प्रभावित

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दुनिया को जहर से मुक्ति दिलानी है तो किसानों को कीटों की तरफ बढ़ाना होगा दोस्ती का हाथ निडाना में शुरू हुई महिला किसान खेत पाठशाला नरेंद्र कुंडू  जींद। राष्ट्रीय समाकेतिक कीट प्रबंधन केंद्र नई दिल्ली (एनसीआईपीएम), कृषि विभाग तथा कीट कमांडो किसानों के सौजन्य से सोमवार को निडाना गांव में पहली महिला किसान खेत पाठशाला का आयोजन किया गया। पाठशाला का शुभारंभ कीट साक्षरता के अग्रदूत डॉ. सुरेंद्र दलाल की पत्नी मैडम कुसम दलाल ने किया। पाठशाला के शुभारंभ अवसर पर कृषि विभाग के उप-निदेशक डॉ. रामप्रताप, बराह खाप के प्रधान कुलदीप ढांडा, खंड कृषि अधिकारी राजेंद्र शर्मा, एडीओ डॉ. कमल सैनी, डॉ. रवि कादयान, डॉ. शलैंद्र चहल भी विशेष रूप से मौजूद रहे। मैडम कुसम दलाल ने पाठशाला में आए किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि डॉ. सुरेंद्र दलाल द्वारा थाली को जहरमुक्त बनाने के लिए शुरू की गई कीट ज्ञान की मुहिम अब एक क्रांति का रूप ले चुकी है। क्योंकि जहरीले हो रहे खान-पान तथा दूषित हो रहे वातावरण से हर जीव प्रभावित हो रहा है। उन्होंने कहा कि शुद्ध भोजन तथा स्वच्छ वातावरण प्रत्येक जीव की पहली जरूरत है

जींद जिले के किसानों को कीट ज्ञान का पाठ पढ़ाएंगे कीट कमांडो किसान

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जिले के पांच ब्लॉकों में चलेंगी किसान खेत पाठशालाएं कृषि विभाग और कीट कमांडो किसान चलाएंगे पाठशालाएं नरेंद्र कुंडू  जींद। थाली को जहरमुक्त बनाने के लिए जिले के लगभग एक दर्जन गांवों में चल रही कीट ज्ञान की मुहिम अब जिले के दूसरे गांवों में भी फैलेगी। कीट ज्ञान की इस मुहिम से जुड़े कीट कमांडो किसान कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर जिले के दूसरे गांवों के किसानों को भी कीटों का ज्ञान देंगे। इसके लिए इस बार कृषि विभाग ने जिले के कॉटन बैल्ट के पांच ब्लॉकों का चयन किया है। कृषि विभाग द्वारा इन पांचों ब्लॉकों में सप्ताह में एक दिन किसान खेत पाठशाला का आयोजन किया जाएगा। सभी पाठशालाओं के लिए अलग-अलग दिन निर्धारित किए जाएंगे। कीट कमांडो किसान इन पाठशालाओं में मास्टर ट्रेनर के तौर पर शिरकत कर किसानों को कीटों की पहचान तथा उनके क्रियाकलापों के बारे में बारिकी से जानकारी देंगे। इन पाठशालाओं की एक खास बात यह भी होगी कि इन पांच पाठशालाओं में एक पाठशाला महिला किसानों की भी होगी। फसलों में अंधाधुंध प्रयोग हो रहे कीटनाशकों के कारण दूषित हो रहे वातावरण तथा खान-पान को दूषित होने से बचाने के लि