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आयुष को अभी ओर करना पड़ेगा संजीवनी का इंतजार

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आयुष विभाग की पंचकर्मा की ज्यादातर मशीनें खराब निदेशक ने कहा बजट की कमी के चलते अभी नहीं खरीदी जा सकेंगी नई मशीनें नरेंद्र कुंडू  जींद। सामान्य अस्पताल में स्थित जिला आयुर्वेदिक एवं पंचकर्म विभाग को अभी 'संजीवनी' के लिए ओर इंतजार करना पड़ेगा। विभाग के पास बजट की कमी के चलते आयुष को अभी नई मशीनों की सौगात नहीं मिल पाएगी। आयुष विभाग के चिकित्सकों को कंडम मशीनों के सहारे ही यहां आने वाले मरीजों का उपचार करना पड़ेगा। वहीं जोड़ों, गठिया बॉय व सरवाइकल इत्यादि के मरीजों को शरीर की मालिश के लिए ऑयल भी खुद बाजार से ही लेकर आना पड़ेगा। बजट की कमी के चलते अभी आयुष विभाग मरीजों को अच्छी सुविधाएं नहीं दे पाएगा।   आयुर्वेदिक, पंचकर्म एवं योग पद्धति की सहायता से मरीजों के उपचार के लिए कई वर्ष पहले स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिला स्तर पर सामान्य अस्पताल में आयुष सैंटर स्थापित किए गए थे। आयुष सैंटरों की स्थापना के बाद ही यहां मरीजों के उपचार के लिए सिरोधारा, स्टीम बॉथ, हैंडव्हील, जोगर मशीन, वैक्सबॉथ, एल्ट्रावायलर लैंप, इंफरा रेड लैंप जैसी आधुनिक मशीनें खरीदी थी लेकिन विभाग द्वारा मशीने

झुग्गी-झोपडिय़ों में जला रहा अक्षर ज्ञान का दीप

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सेवानिवृत्त प्राचार्य गरीब बच्चों को कर रहा शिक्षित झुग्गी-झोपडिय़ों में ही शुरू की पाठशाला शिक्षा देने के साथ-साथ खुद ही उठा रहा कापी-किताबों का खर्च नरेंद्र कुंडू जींद। आज आधुनिकता तथा भौतिकवाद के इस युग में लोग बिना स्वार्थ के एक कदम भी नहीं रखते हैं लेकिन वहीं एक शख्स ऐसा भी है जो निस्वार्थ भाव से झुग्गी-झोपडिय़ों में अक्षर ज्ञान का दीप जला कर गरीब बच्चों के जीवन को रोशन करने का काम कर रहा है। हम जिक्र कर रहे हैं शहर के अर्बन एस्टेट निवासी सेवानिवृत्त प्राचार्य कृष्णचंद शर्मा का। कृष्णचंद शर्मा इन गरीब बच्चों को झुग्गी-झोपडिय़ों में जाकर कखघग सीखा रहे हैं। इतना ही नहीं शर्मा इन बच्चों को शिक्षित करने के साथ-साथ इनके किताबों व कापियों का खर्च भी स्वयं ही  झुग्गी-झो पडिय़ों को पढ़ाते पूर्व प्राचार्य कृष्णचंद शर्मा।  उठा रहे हैं। इनके इस प्रयास से झुग्गी-झोपडिय़ों में रह रहे इन गरीब बच्चों को एक नई दिशा मिल रही है। शहर के अर्बन एस्टेट निवासी कृष्णचंद शर्मा ने अध्यापक के पद पर रहते हुए वर्षों तक स्कूलों में विद्यार्थियों को शिक्षित करने का काम किया। इसके बाद वह पदौन्नत होकर प्राचा

'आयुष' को संजीवनी का इंतजार

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कंडम मशीनों के सहारे चल रहा मरीजों का उपचार --मशीनें खराब होने के कारण सही विधि से नहीं हो पा रहा मरीजों का उपचार --मरीजों को बाजार से खुद खरीदकर लाना पड़ता है तेल नरेंद्र कुंडू  जींद। सामान्य अस्पताल में स्थित जिला आयुर्वेदिक एवं पंचकर्म विभाग 'आयुष'  को संजीवनी का इंतजार हैं। यहां मरीजों के उपचार के लिए रखी ज्यादातर मशीनें कंडम हो चुकी हैं। कंडम मशीनों के सहारे ही मरीजों का उपचार चल रहा है। मशीनें खराब होने के कारण मरीजों का सही ढंग से उपचार नहीं हो पा रहा है। पचंकर्म केंद्र की ज्यादातर मशीनें खराब होने के कारण यहां मौजूद चिकित्सकों को जैसे-तैस कर काम चलाना पड़ रहा है लेकिन सही विधि से मरीजों को उपचार नहीं मिल पाने के कारण मरीजों को पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है। पंचकर्म केंद्र के हालात ऐसे हो चुके हैं कि मरीजों की मालिश में प्रयोग होने वाला तेल भी खत्म हो चुका है। इसके चलते यहां गठिया बॉय, सरवाइकल, जोड़ों के दर्द इत्यादि बीमारी का उपचार करवाने के लिए आने वाले मरीजों को बाजार से तेल खरीद कर लाना पड़ता है। हालांकि पंचकर्म केंद्र के चिकित्सकों द्वारा कई बार लिखित में

बिल्ली करती हैं राजस्व विभाग के रिकार्ड की रखवाली

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रिकार्ड को चूहों से बचाने के लिए कर्मचारियों ने पाली तीन बिल्लियां रिकार्ड रूम में रखा है जींद की रियासत तक का रिकार्ड बिल्लियों के लिए हर रोज खरीदा जाता है एक लीटर दूध नरेंद्र कुंडू         जींद। आज तक सुरक्षा गार्डों को तो किसी विभाग या कार्यालय की रखवाली करते देखा या सुना था लेकिन जींद जिले में एक ऐसा विभाग भी है जिसकी रखवाली बिल्लियां कर रही हैं। पुलिस अधीक्षक कार्यालय की बिल्डिंग में बने राजस्व विभाग के रिकार्ड रूम में रखे रिकार्ड की रखवाली पिछले दो वर्षों से बिल्लियां कर रही हैं। राजस्व विभाग के कर्मचारियों द्वारा रिकार्ड रूम में रखे गए रिकार्ड को चूहों, छिपकलियों से बचाने के लिए तीन बिल्लियां पाली गई हैं। कर्मचारियों द्वारा बिल्लियों के लिए हर रोज एक लीटर दूध खरीदा जाता है। विभाग के कर्मचारियों की समझदारी के चलते नामात्र के खर्च में बेश कीमती रिकार्ड की सुरक्षा की जा रही है। जिला राजस्व के रिकार्ड रूम में जींद की रियासत के समय का पूरा रिकार्ड रखा हुआ है। पिछले दो वर्षों से तीन बिल्लियां यहां ड्यूटी दे रही हैं। रिकार्ड रूम में गोद में बिल्ली को बैठाकर काम करते कर्मचा

श्री श्री रविशंकर का खाप पंचायतों से आह्वान आदर्श गांव बनाने के लिए करें प्रयास

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कहा, ऑनर किलिंग से नहीं खापों का कोई सरोकार खाप के सहयोग से ग्रामीण क्षेत्र में शुरू किए जाएंगे कौशल विकास केंद्र जींद में हुआ खापों और अध्यात्म का ऐतिहासिक मिलन नरेंद्र कुंडू जींद। ऑर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक एवं अध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर ने कहा कि ऑनर किलिंग तथा तुगलकी फरमान के लिए देश में खापों की जो छवि खराब हुई है उसे सुधारने के लिए खाप पंचायतें सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर अपना योगदान दें। खाप पंचायतें आदर्श गांव बनाने के लिए प्रयास कर इसकी पहल कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि ऑनर किलिंग तथा तुगलकी फरमानों से खापों का कोई सरोकार नहीं है। श्री श्री रविशंकर मंगलवार को जींद के एक निजी होटल में आयोजित समारोह में खापों के प्रतिनिधियों से रूबरू हो रहे थे। सम्मेलन की अध्यक्षता कंडेला खाप के प्रधान टेकराम कंडेला ने की। सम्मेलन में सर्वजातीय सर्व खाप के संयोजक कुलदीप ढांडा, डीपी वत्स, ओमप्रकाश धनखड़, संतोष दहिया, इंद्र सिंह ढुल, धर्मपाल मलिक, अजय कुमार, सुदेश चौधरी, ओपी मान, राजेंद्र चहल, सुनील गुलाटी आईएएस, रामरत्न कटारिया गुर्जर खाप, मेहर सिंह दहिया सहित प्रदेशभर की भिन्न-भिन्न

अनाज मंडियों में नहीं हो रही कृषि मंत्री के आदेशों की पालना

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निर्धारित शैड्यूल के अनुसार नहीं होती धान की बोली कृषि मंत्री के आदेश के बाद भी महज तीन घंटे ही हो पाई बोली कृषि मंत्री ने हाल ही में मंडी प्रशासन को दिए थे शैड्यूल के अनुसार बोली करवाने के निर्देश नरेंद्र कुंडू  जींद। जिले की अनाज मंडियों में धान की फसल की बिक्री के लिए आने वाले किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मार्केट कमेटी प्रशासन पर कृषि मंत्री के आदेशों का भी कोई प्रभाव नहीं है। मार्केट कमेटी प्रशासन के लिए कृषि मंत्री के आदेश बेमानी साबित हो रहे हैं। कृषि मंत्री द्वारा गत 20 नवंबर को मार्केट कमेटी के अधिकारियों को आदेश दिए जाने के बाद भी आदेशों पर अमल नहीं हो रहा है। जिले की अनाज मंडियों में धान की फसल की बोली के लिए कोई शैड्यूल तैयार नहीं किया गया है। अनाज मंडियों में महज दो-तीन घंटे ही मुश्किल से बोली हो पाती है। जबकि कृषि मंत्री द्वारा सुबह 9 से पांच बजे तक शैड्यूल के अनुसार बोली करवाने के आदेश दिए गए हैं। कृषि मंत्री के आदेश जारी करने के दूसरे दिन ही मंत्री के यह आदेश जींद की अनाज मंडी में हवा होते दिखाई दिए। शनिवार को जींद की अनाज मंडी में महज तीन घं

बिना कीटनाशकों का प्रयोग किए महिला किसानों ने लिया अच्छा उत्पादन

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नरेंद्र कुंडू  जींद। निडाना गांव में शनिवार को महिला किसान खेत पाठशाला का आयोजन किया गया। पाठशाला के आरंभ में महिला किसानों ने कीटों का अवलोकन करने के साथ-साथ पैदावार का आंकड़ा भी तैयार किया। कीटों के अवलोकन के दौरान देखने को मिला की इस समय फसल में बिनोलों का रस चूसने वाले कीट लाल व काला बानिया काफी संख्या में फसल में मौजूद हैं। वहीं फसल के उत्पादन के आंकड़ों से यह भी स्पष्ट हो गया कि जिन किसानों ने फसल में कीटनाशकों का प्रयोग नहीं किया उनकी पैदावार अन्य किसानों से काफी अच्छी रही। लोपा मक्खी ग्रुप की कीटाचार्या मुकेश रधाना, कृष्णा निडाना, राजबाला निडाना, प्रमीला रधाना तथा गीता निडाना ने बताया कि कपास की फसल में इस बार पूरे प्रदेश में सफेद मक्खी ने तबाही मचाकर रख दी। सफेद मक्खी के प्रकोप के कारण इस बार सैंकड़ों एकड़ कपास की फसल खराब हो गई लेकिन जिन-जिन किसानों ने सफेद मक्खी को नियंत्रित करने के लिए कीटनाशक का प्रयोग नहीं किया, वहां-वहां सफेद मक्खी नुकसान पहुंचाने के स्तर तक नहीं पहुंच पाई। उन्होंने बताया कि इस बार उनकी फसल में सफेद मक्खी की औसत 3.4 प्रति पत्ता रही है। जबकि चूरड़ा व