संदेश

12 मई को इन मामा-फूफा वालों का एक बटन से बांध देना इलाज : दुष्यंत

चित्र
कहा, भाजपा ने जात-पात व धर्म के नाम पर देश को बांटने का काम किया जजपा की सरकार बनने पर जींद को बनाएंगे राजधानी, गोहाना को बनाएंगे जिला जींद, 10 मई (नरेंद्र कुंडू):- हिसार के सांसद दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हरियाणा में कांग्रेस का आधार जिस तरह से गिरा है और भाजपा को जिस तरह से विरोध का सामना करना पड़ रहा है उससे यह साफ हो गया है कि इस लोकसभा चुनाव में हरियाणा में सबसे ज्यादा सीटें जजपा-आप गठबंधन जीतेगा। मोदी केवल अखबारों व टीवी तक सिमट कर रह गया है। जनता में मोदी का कोई प्रभाव नहीं है। भाजपा ने देश को जात-पात व धर्म के नाम पर बांटने का काम किया है। गुजरात में हिंदू को मुस्लमान से, उत्तरप्रदेश में यादव को दूसरी जात के लोगों व हरियाणा में जाट को नॉन जाट से लड़ाने का काम किया है। वहीं कांग्रेस ने अपने शासनकाल में देश में भ्रष्टाचार फैलाने का काम किया था। इसलिए इस चुनाव में जनता इन दोनों पार्टियों को सबक सिखाने का काम करेगी। दुष्यंत चौटाला शुक्रवार को जींद के हुडा ग्राउंड में जजपा व आप गठबंधन के सोनीपत के प्रत्याशी दिग्विजय चौटाला के पक्ष में प्रचार अभियान के दौरान जनसभा को सम्बोधित

मोदी ने अपने शासनकाल में ऐसा काम किया देश खुश और विरोधी परेशान : हेमा मालिनी

चित्र
--कांग्रेस के शासनकाल में देश के हालात हो गए थे खराब, मोदी ने देश को दी नई दिशा --कांग्रेस ने आतंकवाद के खिलाफ नहीं की कार्रवाई, मोदी ने 13 दिन में लिया पुलवामा का बदला जींद, 9 मई (नरेंद्र कुंडू):- मथुरा की सांसद एवं मशहूर वालीवुड अभिनेत्री हेमा मालिनी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पांच साल के कार्यकाल में देश हित में ऐसे काम किए हैं जिनसे देश की जनता खुश है और विरोधी परेशान। आज कोई भी विरोधी देश भारत की तरफ आंख उठाकर देखने की हिम्मत नहीं कर पा रहा है। देश में विकास का रथ चल रहा है। आज देश में मोदी लहर चल रही है। नरेंद्र मोदी के कार्यों को देखते हुए एक बार फिर से नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठाना जरूरी है। हेमा मालिनी वीरवार को शहर के टाउन हाल पर सोनीपत लोकसभा से भाजपा प्रत्याशी रमेश कौशिक के पक्ष में प्रचार अभियान के दौरान जनसभा को सम्बोधित कर रही थी। हेमा मालिनी ने बृजवासी अंदाज में राधे-राधे बोलकर अपने भाषण की शुरूआत की।  हेमा मालिनी ने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में देश के हालात बिल्कुल खराब हो गए थे। देश में आतंकवाद, भ्रष्टाचार चर्म पर था। दे

बांगर व खादर के राजनीतिक समीकरणों की मझधार में फंसी उम्मीदवारों की नैया

चित्र
सोनीपत लोकसभा हॉट सीट :  --सोनीपत लोस सीट पर हर उम्मीदवार की अपनी चुनौती --कांग्रेस व भाजपा में बना मुकाबला, अन्य उम्मीदवार जमानत बचाने के लिए कर रहे संघर्ष --रमेश कौशिक मोदी के नाम पर, हुड्डा क्षेत्र की चौधर के नाम तो दिग्विजय जींद को राजधानी बनाने के नाम पर मांग रहे वोट  जींद, 8 मई (नरेंद्र कुंडू):- पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के चुनावी रणक्षेत्र में आने के बाद सोनीपत लोकसभा सीट हॉट सीट बन गई है और पूरे हरियाणा की नजर सोनीपत लोस सीट पर टिकी हुई है। लेकिन सोनीपत लोकसभा क्षेत्र बांगर व खादर दो क्षेत्रों में बंटा हुआ है। इसमें 6 विधानसभा क्षेत्र खादर (सोनीपत) व 3 विधानसभा क्षेत्र बांगर (जींद) के शामिल हैं। इसके चलते यहां बांगर व खादर क्षेत्र में बन रहे राजनीतिक समीकरणों की मझधार में उम्मीदवारों की नैया फंसी हुई है। यदि पिछले लोकसभा चुनाव परिणाम पर नजर डाली जाए तो मोदी लहर में सांसद रमेश कौशिक को जीत हासिल करवाने में सोनीपत लोकसभा क्षेत्र के 9 विधानसभा क्षेत्रों में से खादर के तीन व बांगर के दो विधानसभा क्षेत्रों का अहम योगदान था लेकिन इस बार बांगर की धरती पर हो रह

डेरा व रामपाल अनुयायियों की नाराजगी भाजपा पर पड़ सकती है भारी

चित्र
--हैवीवेट उम्मीदवार आने से हॉट सीट बनी सोनीपत लोकसभा सीट  -- सोनीपत लोकसभा में आसान नहीं है भाजपा की डगर   जींद, 23 अप्रैल (नरेंद्र कुंडू):- सोनीपत लोकसभा सीट पर हैवीवेट उम्मीदवार आने के कारण सोनीपत लोकसभा हॉट सीट बन गई है। इसके चलते इस बार सोनीपत लोकसभा सीट पर भाजपा की डगर आसान नहीं होगी। डेरा व रामपाल अनुयायियों की नाराजगी भाजपा को भारी पड़ सकती है। क्योंकि सोनीपत लोकसभा क्षेत्र में डेरा व रामपाल के अनुयायियों का अच्छा प्रभाव रहा है। यदि देखा जाए तो डेरा व रामपाल दोनों के अनुयायियों की संख्या लगभग डेढ़ लाख के करीब हैं। गुरमित राम रहीम व रामपाल के जेल में जाने के कारण दोनों के ही अनुयायी भाजपा से खाप चल रहे हैं और चुनाव नजदीक आते ही दोनों के अनुयायियों ने रणनीति तैयार करनी शुरू कर दी है।        काबिले-गौर है कि सोनीपत लोकसभा क्षेत्र के चुनावी समर में इस बार राजनीति के दिग्गज उतरे हैं। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा कांग्रेस से और आम आदमी पार्टी व जननायक जनता पार्टी गठबंधन से दिग्विजय सिंह चौटाला की सोनीपत से उम्मीदवार के बाद यह पूरे एनसीआर क

सोनीपत में इस बार मुकाबला होगा कड़ा

बीजेपी ने रमेश कौशिक को मैदान में दोबारा उतारा यहां हुए 12 चुनावों में से 10 बार जाट ही सांसद बने  जींद, 19 अप्रेल (नरेंद्र कुंडू) : हरियाणा में इस बार लोकसभा चुनाव में सोनीपत लोकसभा की सीट कुछ खास रहने वाली है। इस सीट पर बीजेपी ने अपना प्रत्याशी मैदान में उतार दिया है वहीं अन्य पार्टियां अभी इंतजार में हैं। बीजेपी ने आज ही मौजूदा सांसद रमेश कौशिक पर दोबारा विश्वास जताया है वहीं कांग्रेस की तरफ से पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा को चुनावी मैदान में उतारने की चर्चाएं जोरों-शोरों से चल रही है। सोनीपत लोकसभा सीट पर बीजेपी ने पिछली लोकसभा चुनाव में बाजी मार ली थी। जाटलैंड की इस सीट पर पिछले लोकसभा चुनाव में कौशिक यानी ब्राह्मण नेता ने बाजी मार ली थी। इस बार मुकाबला इस सीट पर कड़ा होने की संभावना है। इधर लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी के सुप्रीमो राजकुमार सैनी ने भी सोनीपत लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लडऩे के संकेत दिये हैं। हरियाणा का वह लोकसभा क्षेत्र है जो भारतीय जनता पार्टी के लिए हमेशा से ही कुछ हद तक मजबूत रहा है। वरिष्ठ नेता स्वर्गीय किशन सिंह सांगवान यहां से लगातार तीन बार चुनाव जीते जिनमे

रोचक होगा सोनीपत लोकसभा का मुकाबला

चित्र
कांग्रेस व जजपा प्रत्याशियों की घोषणा से बढ़ी भाजपा की मुश्किलें मोदी लहर में भी रमेश कौशिक 9 विधानसभा में से महज पांच विधानसभा क्षेत्रों में ही बना पाए थे बढ़त   जींद, 22 अप्रैल (नरेंद्र कुंडू): - सोनीपत लोकसभा क्षेत्र में इस बार मुकाबला काफी रौचक होगा। कांग्रेस व जजपा द्वारा अपने प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद भाजपा की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। कांग्रेस से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा व जजपा से दिग्विजय चौटाला को टिकट दिए जाने के बाद सोनीपत लोकसभा क्षेत्र हॉट सीट बन गई है। क्योंकि सोनीपत जिले में कांग्रेस तथा जींद जिले में जजपा काफी मजबूत स्थित में है। वहीं जींद जिले के कई गांवों में ग्रामीणों द्वारा सांसद रमेश कौशिक का विरोध होने तथा कांग्रेस की टिकट से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के चुनाव मैदान में आने से भाजपा की मुश्किलें ओर बढ़ गई हैं। इसका दूसरा मुख्य कारण यह भी है कि 2014 के चुनाव में मोदी लहर में भी रमेश कौशिक 9 विधानसभा क्षेत्रों में से सिर्फ सोनीपत, गन्नोर, राई, सफीदों व जींद पांच विधानसभा क्षेत्रों में ही बढ़त बना पाए थे। इसक

सोनीपत में इस बार मुकाबला होगा कड़ा

चित्र
बीजेपी ने रमेश कौशिक को मैदान में दोबारा उतारा यहां हुए 12 चुनावों में से 10 बार जाट ही सांसद बने  जींद, 19 अप्रेल (नरेंद्र कुंडू) : हरियाणा में इस बार लोकसभा चुनाव में सोनीपत लोकसभा की सीट कुछ खास रहने वाली है। इस सीट पर बीजेपी ने अपना प्रत्याशी मैदान में उतार दिया है वहीं अन्य पार्टियां अभी इंतजार में हैं। बीजेपी ने आज ही मौजूदा सांसद रमेश कौशिक पर दोबारा विश्वास जताया है वहीं कांग्रेस की तरफ से पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा को चुनावी मैदान में उतारने की चर्चाएं जोरों-शोरों से चल रही है। सोनीपत लोकसभा सीट पर बीजेपी ने पिछली लोकसभा चुनाव में बाजी मार ली थी। जाटलैंड की इस सीट पर पिछले लोकसभा चुनाव में कौशिक यानी ब्राह्मण नेता ने बाजी मार ली थी। इस बार मुकाबला इस सीट पर कड़ा होने की संभावना है। इधर लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी के सुप्रीमो राजकुमार सैनी ने भी सोनीपत लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लडऩे के संकेत दिये हैं। हरियाणा का वह लोकसभा क्षेत्र है जो भारतीय जनता पार्टी के लिए हमेशा से ही कुछ हद तक मजबूत रहा है। वरिष्ठ नेता स्वर्गीय किशन सिंह सांगवान यहां से लगातार तीन बार चुनाव जीते ज
सोनीपत में इस बार मुकाबला होगा कड़ा बीजेपी ने रमेश कौशिक को मैदान में दोबारा उतारा यहां हुए 12 चुनावों में से 10 बार जाट ही सांसद बने  -अशोक  छाबड़ा- जींद। हरियाणा में इस बार लोकसभा चुनाव में सोनीपत लोकसभा की सीट कुछ खास रहने वाली है। इस सीट पर बीजेपी ने अपना प्रत्याशी मैदान में उतार दिया है वहीं अन्य पार्टियां अभी इंतजार में हैं। बीजेपी ने आज ही मौजूदा सांसद रमेश कौशिक पर दोबारा विश्वास जताया है वहीं कांग्रेस की तरफ से पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा को चुनावी मैदान में उतारने की चर्चाएं जोरों-शोरों से चल रही है। सोनीपत लोकसभा सीट पर बीजेपी ने पिछली लोकसभा चुनाव में बाजी मार ली थी। जाटलैंड की इस सीट पर पिछले लोकसभा चुनाव में कौशिक यानी ब्राह्मण नेता ने बाजी मार ली थी। इस बार मुकाबला इस सीट पर कड़ा होने की संभावना है। इधर लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी के सुप्रीमो राजकुमार सैनी ने भी सोनीपत लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लडऩे के संकेत दिये हैं। हरियाणा का वह लोकसभा क्षेत्र है जो भारतीय जनता पार्टी के लिए हमेशा से ही कुछ हद तक मजबूत रहा है। वरिष्ठ नेता स्वर्गीय किशन सिंह सांगवान यहां से लगा

लालों की धरती पर सियासी घमासान

आइएएस  बेटे बृजेन्द्र सिंह को टिकट मिलने के बाद बीरेन्द्र सिंह की प्रतिष्ठा दाव पर  जींद, 18 अप्रैल (नरेंद्र कुंडू):-   2019 में हरियाणा में माहौल कुछ अलग है। सियासी गतिविधियों के चलते हरियाणा राष्ट्रीय फलक पर सुर्खियों में है। इस सबके बीच केंद्रीय मंत्री पद से बेटे के लिए बीरेंद्र सिंह के इस्तीफे से सियासी माहौल गर्मा गया है। भाजपा को छोड़कर अभी तक किसी भी दल ने राज्य की 10 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की, बावजूद इसके यहां का सियासी पारा पूरी तरह से चढ़ा हुआ है। केंद्रीय इस्पात मंत्री बीरेंद्र सिंह अपने आइएएस बेटे बृजेंद्र सिंह की राजनीति में एंट्री कराने के लिए पद से इस्तीफा देकर सुर्खियों में आए तो ताऊ देवीलाल के खानदान के दो बड़े चिराग अजय सिंह चौटाला व अभय सिंह चौटाला के आमने-सामने डटने से यहां की सियासी जमीन एकाएक गरम हो गई है। हरियाणा में देवीलाल,बंसीलाल और भजनलाल के राजनीतिक वारिस एकदूसरे के खिलाफ ताल ठोंकने को तैयार हैं। राज्य की 10 लोकसभा सीटों पर 12 मई को मतदान होगा। भाजपा ने सभी और कांग्रेस ने छह लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। राज्य में आम

पिता के ‘बलिदान’ से बेटे के राजनीतिक सफर की शुरूआत

चित्र
दीनबंधु छोटू राम व बीरेंद्र सिंह की राजनीतिक विरासत संभालेंगे बृजेंद्र सिंह 21 साल की सेवाओं के बाद 13 साल पहले ही सरकारी सेवाओं को कहा अलविदा जींद, 14 अप्रैल (नरेंद्र कुंडू):- हरियाणा के वरिष्ठ नेता चौधरी बीरेंद्र सिंह की अगली पीढ़ी ने परिवार की राजनीतिक विरासत संभाली है। बीरेंद्र सिंह के आईएएस बेेटे बृजेंद्र सिंह हिसार सीट से लोकसभा चुनाव में उतर कर अपना राजनीतिक सफर शुरू करेंगे। उनका यह सफर पिता चौधरी बीरेंद्र सिंह के केंद्रीय मंत्री पद और राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफे के ‘बलिदान’ से शुरू हुआ है। अब हिसार की जनता बृजेंद्र के राजनीतिक तकदीर का फैसला करेगी, लेकिन वह दीनबंधु सर छोटूराम की राजनीति विरासत की अगली कड़ी बन गए हैं। आईएएस अधिकारी बृजेंद्र सिंह रिटायरमेंट से करीब 13 साल पहले ही नौकरी छोडक़र सक्रिय राजनीति में आए हैं। वह चंडीगढ़, फरीदाबाद और पंचकूला में जिला उपायुक्त (डीसी) रह चुके बृजेंद्र सिंह ने 21 साल की सेवाओं के बाद वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) के लिए आवेदन कर दिया है। 73 साल के हो चुके चौधरी बीरेंद्र सिंह भाजपा में किसी पद पर नहीं रहेंगे, लेकिन सक्रिय राजनीत

पिता के बाद अब बेटे पर हिसार जीतने की जिम्मेदारी

चित्र
भाजपा ने हिसार में पहली बार कमल खिलाने के लिए बृजेंद्र सिंह को उतारा मैदान में  केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के आइएएस बेटे बृजेंद्र सिंह हिसार से की राजनीति पारी की शुरूआत जींद, 14 अप्रैल (नरेंद्र कुंडू):- हिसार में पहली बार कमल खिलाने के लिए भाजपा ने केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के आईएएस बेटे बृजेंद्र सिंह को हिसार लोकसभा से अपना उम्मीदवार घोषित किया है। उचाना हलका हिसार लोकसभा में आता है। केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह भी हिसार से सांसद रह चुके हैं। 1984 में ओमप्रकाश चौटाला को हरा कर वो कांग्रेस की टिकट पर सांसद बने थे। बृजेंद्र सिंह के राजनीति में आने के कई महीनों से कयास लगाए जा रहे थे। अब भाजपा द्वारा हिसार से उम्मीदवार बनाए जाने पर भाजपा में केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह की पकड़ को भी साबित करना का काम किया है।   परीक्षा में ऑल इंडिया में पाया था 9वां स्थान बृजेंद्र सिंह ने ऑल इंडिया में आईएएस परीक्षा में 9वां स्थान प्राप्त किया था। 26 साल की उम्र में आईएएस बनने के बाद पहली ज्वाइनिंग नारनौल एसडीएम के तौर पर हुई थी। सिरसा एडीसी पद पर रहे। पंचकूला, फरीदाबाद, चंडीगढ़ म

देश की सबसे बड़ी पंचायत में महिलाओं की नहीं हो पा रही भागीदारी

चित्र
50 साल में लोकसभा तक पहुंच पाई केवल पांच महिलाएं   जींद, 18 मार्च (नरेंद्र कुंडू):- हरियाणा में नारी सशक्तीकरण के दावों के बीच लोकसभा चुनावों का इतिहास करारा झटका देने वाला है। देश की सबसे बड़ी पंचायत संसद में महिलाओं को भेजने के लिए न तो सियासी दलों ने कोई खास तवज्जो दी और न ही मतदाताओं ने दरियादिली दिखाई। यहां पिछले 50 वर्षों में केवल पांच महिलाएं ही लोकसभा तक पहुंच पाई हैं। वह भी पारिवारिक सियासी रसूख और राष्ट्रीय दलों के टिकट के बल पर। निर्दलीय कोई महिला आज तक हरियाणा से संसद नहीं पहुंची है। कांग्रेस की चंद्रावती, कुमारी सैलजा और श्रुति चौधरी, भाजपा की सुधा यादव और इनेलो की कैलाशो सैनी ही हरियाणा गठन (एक नवंबर 1966) के बाद इस दौरान लोकसभा में पहुंच पाईं। प्रदेश से पहली महिला सांसद बनने का गौरव जनता पार्टी की चंद्रावती के नाम है। उन्होंने 1977 में चौधरी बंसीलाल को हराया था। इस दौरान प्रदेश से चुने गए 151 सांसदों में (जब यह पंजाब का हिस्सा था, तब से) महिलाओं को केवल आठ बार ही चुना गया। करनाल, रोहतक, हिसार, फरीदाबाद, गुरुग्राम और सोनीपत ने आज तक एक बार भी किसी महिला को संसद में