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कीटनाशकों का प्रयोग कर हर रोज सैंकड़ों बेजुबान की हत्या कर रहा है किसान : ए.डी.सी.

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दूरदर्शन की टीम ने कीटाचार्य किसानों के शोध पर बनाई डाक्यूमैंट्री फिल्म नरेंद्र कुंडू  जींद।  कीट साक्षरता एवं कीट प्रबंधन विषय पर जिले के ललित खेड़ा गांव की महिला किसानों द्वारा गांव के खेतों में मंगलवार को एक खेत पाठशाला का आयोजन किया गया। खेत पाठशाला में बाहर से आए गणमान्य लोगों के साथ महिला कीटाचार्या किसानों ने अपने विचार सांझा किए तथा कीटों पर किए गए अपने शोध और अनुभव भी उनके समक्ष रखे। इस अवसर पर दूरदर्शन केंद्र हिसार के निदेशक जिले सिंह जाखड़ के नेतृत्व में पाठशाला में पहुंची दूरदर्शन की टीम ने खेत पाठशाला की एक डाक्यूमैंट्री फिल्म भी तैयार की। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्यातिथि अतिरिक्त उपायुक्त जयबीर सिंह आर्य ने विधिवत् रूप से किया। इस अवसर पर पाठशाला में विशिष्टि अतिथि के तौर पर जिला कृषि उप-निदेशक डा. रामप्रताप सिहाग, जिला बागवानी अधिकारी डा. बलजीत भ्याण, कबड्डी फैडरेशन ऑफ इंडिया के उपप्रधान समरवीर कौशिक, एच.सी.एल. कंपनी के मैनेजर सुभाष कौशिक, डा. सुरेंद्र दलाल की धर्मपत्नी मैडम कुसुम दलाल, अक्षत दलाल, बराह तपा के प्रधान कुलदीप ढांडा भी मौजूद थे। कार्यक्रम का शुभारंभ महि

लकीर का फकीर बना जींद का जिला प्रशासन

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एक सप्ताह बाद भी नहीं शुरू हो पाया आवारा पशुओं को पकडऩे का अभियान कृष्ण जन्माष्टमी पर प्रशासनिक अधिकारियों की अनदेखी का शिकार हुई सड़कों से पकड़ी गई बेसहारा गायें  नरेंद्र कुंडू  जींद।  शहर की सड़कों पर लोगों के लिए मुसिबत बनकर घूम रहे आवारा पशुओं को तथा बेसहारा गायों को पकड़कर गौशाला में छोडने के लिए जिला प्रशासन द्वारा 23 अगस्त से शुरू किए जाने वाला अभियान अभी तक धरातल पर नहीं उतर पाया है। वहीं जिला प्रशासन की मदद के लिए सामाजिक संगठनों द्वारा 23 अगस्त से अपने स्तर पर शुरू किया गया आवारा पशुओं तथा बेसहारा गायों को पकडऩे का अभियान भी प्रशासन के सहयोग के बिना दम तोड़ रहा है। सामाजिक संगठनों द्वारा पिछले एक सप्ताह से अपने स्तर पर आवारा पशुओं और बेसहारा गायों के लिए चारे व पीने के पानी की व्यवस्था की जा रही है। यहां तक की कृष्ण जन्माष्टी पर भी जिला प्रशासन को बेसहारा गायों की याद नहीं आई। जिला प्रशासन द्वारा इस मुहिम से हाथ पीछे खींचने के कारण अब सामाजिक संगठनों में भी जिला प्रशासन के खिलाफ रोष पनपने लगा है। जिला प्रशासन की तरफ से हो रही इस अनदेखी के चलते अब सामाजिक संगठनों ने प्रशास

कच्छा चोर गिरोह की दस्तक की चर्चाओं ने उड़ाई लोगों की नींद

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पुलिस प्रशासन ने कहा कोरी अफवाह नरेंद्र कुंडू  जींद।  जींद जिले में पिछले कई दिनों से कच्छा चोर गिरोह द्वारा दस्तक दिए जाने के चर्चे जोर-शोर से चल रहे हैं। कच्छा चोर गिरोह की दस्तक की चर्चों ने लोगों की रातों की नींद उड़ा दी है। सबसे ज्यादा हलचल ग्रामीण क्षेत्र में मची हुई है। कच्छा चोर गिरोह की दस्तक की चर्चाओं के कारण ग्रामीण क्षेत्र के लोग असमंजस की स्थिति में हैं। ग्रामीण क्षेत्र में तो हालात ऐसे हो गए हैं कि लोगों ने रात को बाहर सोना छोड़ दिया है और लोग अकेले-अकेले खेतों में जाने से भी कतराने लगे हैं। कई गांवों में तो ग्रामीणों ने रात को लोगों की सुरक्षा के लिए ठीकरी पहरे भी बैठाने शुरू कर दिए हैं। जिले में कच्छा चोर गिरोह की दस्तक के चर्चों के कारण ग्रामीणों द्वारा हर बाहरी व्यक्ति को शक की निगाह से देखा जा रहा है। कई गांवों में तो ग्रामीणों द्वारा संदिग्ध दिखने वाले लोगों की पिटाई करने के मामले भी सामने आए हैं लेकिन पुलिस प्रशासन कच्छा चोर गिरोह की दस्तक की चर्चाओं को केवल अफवाह करार दे रहा है। पिछले कई दिनों से जिले में कच्छा चोर गिरोह की दस्तक की चर्चाओं का दौर चल रहा है।

अच्छे उत्पादन के लिए किसान फसल को समय पर दें पूरे पोषक तत्व

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कीट ज्ञान अर्जित करने के लिए आदमपुर तथा लाखनमाजरा से भी पहुंचे किसान नरेंद्र कुंडू  जींद।  कृषि विकास अधिकारी डा. कमल सैनी ने किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि इस समय कपास की फसल में फूल से टिंड्डे बन रहे हैं। इसलिए इस समय कपास की फसल को पोषक तत्व की सबसे ज्यादा जरुरत है। अगर इस समय फसल को पूरी मात्रा में पोषक तत्व दे दिए जाएं तो फसल से अच्छा उत्पादन लिया जा सकता है। डा. सैनी शनिवार को राजपुरा भैण गांव में आयोजित डा. सुरेंद्र दलाल बहुग्रामी कीट साक्षरता पाठशाला में मौजूद किसानों को सम्बोधित कर रहे थे। पाठशाला में किसानों के अनुभव जानने के लिए आल इंडिया रेडियो के रोहतक स्टेशन से सम्पूर्ण भाई भी किसानों के बीच पहुंचे थे। इसके अलावा आदमपुर तथा लाखनमाजरा के किसान भी कीट ज्ञान अर्जित करने के लिए पाठशाला में पहुंचे थे। आदमपुर तथा लाखनमाजरा से आए किसानों ने कीटाचार्य किसानों से कीटों के क्रियाकलापों तथा बिना कीटनाशक का प्रयोग किए फसल से अच्छा उत्पादन लेने के गुर सीखे।  डा. कमल सैनी ने बताया कि इस समय कपास की फसल में रस चूसक कीट सफेद मक्खी तथा हरे तेले का प्रकोप बहुत ज्यादा है। यह की

जिला प्रशासन सुस्त, सामाजिक संगठन चुस्त

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डी.सी. के आदेशों के बाद भी नहीं शुरू हुआ आवारा पशुओं को पकडऩे का अभियान शहर के सामाजिक संगठनों ने दिया अभियान को अंजाम नरेंद्र कुंडू जींद।  जींद शहर में सड़कों पर घूम रहे आवारा पशुओं को सड़कों से हटाने का जो काम जिला प्रशासन को करना था, वह काम जिला प्रशासन की बजाए शहर के कुछ सामाजिक संगठनों के कार्यकत्ताओं ने किया है। सामाजिक संगठन के कार्यकत्ताओं ने शनिवार को एक विशेष अभियान चलाकर शहर में घूम रहे आवारा पशुओं को एक स्थान पर एकत्रित कर शहर की गौशालाओं में छोडऩे का काम किया है। जबकि शहर के आवारा पशुओं को सड़कों से हटाकर गौशालाओं में छोडऩे का काम जिला प्रशासन द्वारा किया जाना था। इसकी जिम्मेदारी जिला प्रशासन ने नगर परिषद के अधिकारियों को सौंपी थी और 23 अगस्त से इस अभियान का श्रीगणेश किया जाना था। इस अभियान की शुरूआत के लिए खुद उपायुक्त राजीव रत्न द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों को आदेश जारी किए गए थे लेकिन उपायुक्त के आदेशों के बाद भी 23 अगस्त से इस अभियान की शुरूआत नहीं हो पाई।   शहर की सड़कों पर आवारा पशुओं के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए तथा आवारा पशुओं से शहर के लोगों, द

सफेद मक्खी को कंट्रोल करने में मांसाहारी कीट सबसे कारगर हथियार : डा. सिहाग

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जिंक, यूरिया व डी.ए.पी. का घोल तैयार कर फसल पर निरंतर करें छिड़काव नरेंद्र कुंडू  जींद।  कृषि विभाग के जिला उप-निदेशक डा. रामप्रताप सिहाग ने कहा कि प्रदेश में कपास की फसल में जहां-जहां किसानों ने सफेद मक्खी को कीटनाशकों की सहायता से कंट्रोल करने के लिए का प्रयास किया है, वहां-वहां सफेद मक्खी का प्रकोप निरंतर बढ़ता जा रहा है। कई जिलों में तो स्थिति ऐसी हो चुकी है कि सफेद मक्खी के प्रकोप के कारण कई-कई एकड़ में खड़ी कपास की फसल पूरी तरह से तबाह हो गई है लेकिन जींद जिले के कीटाचार्य किसानों ने डा. सुरेंद्र दलाल द्वारा दिए गए कीट ज्ञान के बूते पर फसल में मौजूद मांसाहारी कीटों की सहायता से ही सफेद मक्खी को कंट्रोल कर यह सिद्ध कर दिया है कि किसी भी प्रकार के शाकाहारी कीट को नियंत्रित करने के लिए किसी कीटनाशक की जरुरत नहीं है, बल्कि शाकाहारी कीटों को नियंत्रित करने के लिए फसल में मौजूद प्राकृति कीटनाशी ही काफी हैं। इसी का परिणाम है कि अभी तक जींद ब्लाक में कहीं पर भी सफेद मक्खी की संख्या कपास की फसल में नुक्सान पहुंचाने के कागार पर नहीं पहुंच पाई है। डा. सिहाग बुधवार को निडानी तथा रधाना

कीटों की मास्टरनियों ने अनोखे ढंग से मनाया तीज का त्यौहार

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खेतों में पहुंचकर कीटों को झुलाया झूला और कीटों पर आधारित गीत गाए नरेंद्र कुंडू  जींद।   एक तरफ जहां शुक्रवार को प्रदेशभर में तीज का पर्व परंपरागत रीति-रिवाज के साथ मनाया गया, वहीं दूसरी तरफ कीट ज्ञान क्रांति की मुहिम से जुड़ी ललीतखेड़ा, निडाना, निडानी की विरांगनाओं ने तीज के पर्व को एक अनोखे ढंग से मना। कीट ज्ञान क्रांति की मुहिम से जुड़ी इन विरांगनाओं ने तीज पर्व के पावन अवसर पर खेतों में जाकर पेड़ों पर झूल डाली तथा वहां फसल में मौजूद कीटों को झूला झुलाया और कीटों के जीवन चक्र पर तैयार किए गए गीत गाए। झूला झूलाने की शुरूआत महिलाओं ने हथजोड़े नामक मांसाहारी कीट को झूला झुलाकर की। कीटों की मास्टरनियों ने एक अनोखे ढंग से तीज का पर्व मनाकर किसानों को जहर मुक्त खेती के लिए प्रेरित कर पर्यावरण बचाने का संदेश दिया। हरियाणा की संस्कृति के साथ जुड़े त्यौहारों में तीज का पर्व अपना विशेष स्थान रखता है और तीज के पर्व को  अन्य त्यौहारों का जनक भी कहा जाता है। क्योंकि हरियाणा की संस्कृति में तीज के पर्व के बाद ही अन्य त्यौहारों की शुरूआत होती है। इसलिए कहा जाता है कि 'आई तीज बो गई त्यौ