सफेद मक्खी को कंट्रोल करने में मांसाहारी कीट सबसे कारगर हथियार : डा. सिहाग
जिंक, यूरिया व डी.ए.पी. का घोल तैयार कर फसल पर निरंतर करें छिड़काव नरेंद्र कुंडू जींद। कृषि विभाग के जिला उप-निदेशक डा. रामप्रताप सिहाग ने कहा कि प्रदेश में कपास की फसल में जहां-जहां किसानों ने सफेद मक्खी को कीटनाशकों की सहायता से कंट्रोल करने के लिए का प्रयास किया है, वहां-वहां सफेद मक्खी का प्रकोप निरंतर बढ़ता जा रहा है। कई जिलों में तो स्थिति ऐसी हो चुकी है कि सफेद मक्खी के प्रकोप के कारण कई-कई एकड़ में खड़ी कपास की फसल पूरी तरह से तबाह हो गई है लेकिन जींद जिले के कीटाचार्य किसानों ने डा. सुरेंद्र दलाल द्वारा दिए गए कीट ज्ञान के बूते पर फसल में मौजूद मांसाहारी कीटों की सहायता से ही सफेद मक्खी को कंट्रोल कर यह सिद्ध कर दिया है कि किसी भी प्रकार के शाकाहारी कीट को नियंत्रित करने के लिए किसी कीटनाशक की जरुरत नहीं है, बल्कि शाकाहारी कीटों को नियंत्रित करने के लिए फसल में मौजूद प्राकृति कीटनाशी ही काफी हैं। इसी का परिणाम है कि अभी तक जींद ब्लाक में कहीं पर भी सफेद मक्खी की संख्या कपास की फसल में नुक्सान पहुंचाने के कागार पर नहीं पहुंच पाई है। डा. सिहाग बुधवार को निडानी तथा रधाना