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सफेद मक्खी को कंट्रोल करने में मांसाहारी कीट सबसे कारगर हथियार : डा. सिहाग

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जिंक, यूरिया व डी.ए.पी. का घोल तैयार कर फसल पर निरंतर करें छिड़काव नरेंद्र कुंडू  जींद।  कृषि विभाग के जिला उप-निदेशक डा. रामप्रताप सिहाग ने कहा कि प्रदेश में कपास की फसल में जहां-जहां किसानों ने सफेद मक्खी को कीटनाशकों की सहायता से कंट्रोल करने के लिए का प्रयास किया है, वहां-वहां सफेद मक्खी का प्रकोप निरंतर बढ़ता जा रहा है। कई जिलों में तो स्थिति ऐसी हो चुकी है कि सफेद मक्खी के प्रकोप के कारण कई-कई एकड़ में खड़ी कपास की फसल पूरी तरह से तबाह हो गई है लेकिन जींद जिले के कीटाचार्य किसानों ने डा. सुरेंद्र दलाल द्वारा दिए गए कीट ज्ञान के बूते पर फसल में मौजूद मांसाहारी कीटों की सहायता से ही सफेद मक्खी को कंट्रोल कर यह सिद्ध कर दिया है कि किसी भी प्रकार के शाकाहारी कीट को नियंत्रित करने के लिए किसी कीटनाशक की जरुरत नहीं है, बल्कि शाकाहारी कीटों को नियंत्रित करने के लिए फसल में मौजूद प्राकृति कीटनाशी ही काफी हैं। इसी का परिणाम है कि अभी तक जींद ब्लाक में कहीं पर भी सफेद मक्खी की संख्या कपास की फसल में नुक्सान पहुंचाने के कागार पर नहीं पहुंच पाई है। डा. सिहाग बुधवार को निडानी तथा रधाना

कीटों की मास्टरनियों ने अनोखे ढंग से मनाया तीज का त्यौहार

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खेतों में पहुंचकर कीटों को झुलाया झूला और कीटों पर आधारित गीत गाए नरेंद्र कुंडू  जींद।   एक तरफ जहां शुक्रवार को प्रदेशभर में तीज का पर्व परंपरागत रीति-रिवाज के साथ मनाया गया, वहीं दूसरी तरफ कीट ज्ञान क्रांति की मुहिम से जुड़ी ललीतखेड़ा, निडाना, निडानी की विरांगनाओं ने तीज के पर्व को एक अनोखे ढंग से मना। कीट ज्ञान क्रांति की मुहिम से जुड़ी इन विरांगनाओं ने तीज पर्व के पावन अवसर पर खेतों में जाकर पेड़ों पर झूल डाली तथा वहां फसल में मौजूद कीटों को झूला झुलाया और कीटों के जीवन चक्र पर तैयार किए गए गीत गाए। झूला झूलाने की शुरूआत महिलाओं ने हथजोड़े नामक मांसाहारी कीट को झूला झुलाकर की। कीटों की मास्टरनियों ने एक अनोखे ढंग से तीज का पर्व मनाकर किसानों को जहर मुक्त खेती के लिए प्रेरित कर पर्यावरण बचाने का संदेश दिया। हरियाणा की संस्कृति के साथ जुड़े त्यौहारों में तीज का पर्व अपना विशेष स्थान रखता है और तीज के पर्व को  अन्य त्यौहारों का जनक भी कहा जाता है। क्योंकि हरियाणा की संस्कृति में तीज के पर्व के बाद ही अन्य त्यौहारों की शुरूआत होती है। इसलिए कहा जाता है कि 'आई तीज बो गई त्यौ

छात्राओं के लिए मर्ज बन गई नीली गोली

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सामान्य अस्पताल प्रशासन को नहीं छात्राओं के स्वास्थ्य की फिक्र चिकित्सक की बजाए ट्रेनिंग नर्सों के हाथ में थी छात्राओं के उपचार की कमान नरेंद्र कुंडू जींद। छात्राओं में खून की कमी दूर करने के लिए दी जा रही नीली गोलियां अब छात्राओं के लिए मर्ज बन चुकी हैं। मारे दर्द के छात्राओं का दम निकला जा रहा है लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी छात्राओं के इस दर्द को नजरअंदाज कर रहे हैं। जींद के सामान्य अस्पताल में तो आलम यह है कि यहां मौजूद चिकित्सक आयरन सामान्य अस्पताल में उपचाराधीन छात्राएं दर्द के मारे बिलखती हुई। की गोलियां लेने के बाद बीमार होकर आने वाली छात्राओं के उपचार की तरफ ध्यान देना भी अपनी जिम्मेदारी नहीं समझ रहे हैं। अस्पताल प्रशासन के अधिकारी भी इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। अस्पताल प्रशासन के अधिकारियों की लापरवाही के कारण नीली गोलियों का खौफ छात्राओं के जहन में लगातार बढ़ता जा रहा है। सामान्य अस्पताल के एमरजैंसी वार्ड में तैनात चिकित्सकों की लापरवाही वीरवार को उस समय फिर उजागर हुई, जब आयरन की गोलियां लेने के बाद तबीयत बिगडऩे पर गांव धनखड़ी के राजकीय उच्च विद्याल

'कपास के खेत में कीडों के बीच लगी विद्यार्थियों की क्लाश'

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किताबी ज्ञान के साथ-साथ विद्यार्थियों ने ली कीट ज्ञान की तालीम अब स्कूल की बजाए सप्ताह के हर बुधवार को खेतों में लगेगी विद्यार्थियों की पाठशाला  नरेंद्र कुंडू  जींद। बुधवार को निडानी गांव के राजकीय हाई स्कूल के 8वीं और 9वीं कक्षा के विद्यार्थियों की क्लाश स्कूल के बजाए कपास के खेत में कीडों के बीच लगी। स्कूल में मिल रहे किताबी ज्ञान के साथ-साथ विद्यार्थियों ने बुधवार को कपास के खेत में पहुंचकर कीट ज्ञान की तालीम ली। निडानी स्कूल के 8वीं और 9वीं के विद्यार्थी अब सप्ताह के हर बुधवार को इसी तरह खेतों में पहुंचकर कीट ज्ञान का पाठ पढ़ेंगे। स्कूली बच्चों को कीट ज्ञान की इस मुहिम से जोडऩे का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को जहरमुक्त खेती के गुर सिखाकर खेती के प्रति बच्चों में रुचि पैदा करना है, ताकि बच्चे पढ़ाई के साथ-साथ खेती कार्य में अपने अभिभावकों का हाथ बटा सकें और लोगों की थाली को जहरमुक्त करने की इस मुहिम को आगे बढ़ाया जा सके। पाठशाला का शुभारंभ विद्यार्थियों को राइटिंग पैड तथा पैन देकर किया गया। इस अवसर पर पाठशाला में कृषि विभाग की तरफ से कृषि विकास अधिकारी यशपाल, रमेश, शैलेंद

प्रशासन की जिद बच्चों के स्वास्थ्य पर पड़ रही भारी

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प्रशासन के हिटलरशाही रवैये से अभिभावकों में रोष  आयरन की गोलियां खाने से अब राजपुरा भैण गांव के स्कूल की छात्राओं की तबीयत बिगड़ी नरेंद्र कुंडू जींद। जिला प्रशासनिक अधिकारियों की जिद बच्चों के स्वास्थ्य पर भारी पड़ रही है। प्रशासनिक अधिकारी बच्चों को आयरन की गोलियां खिलाने की जिद पर अड़े हुए हैं। प्रशासनिक अधिकारियों के दबाव के कारण आयरन की गोलियां लेने के बाद छात्राओं के बीमार होने के मामले सामने आ रहे हैं। आयरन की गोलियां खाने से छात्राओं के बीमार होने के मामलों के बाद भी प्रशासन कुछ सबक नहीं ले रहा है। प्रशासन के हिटलरशाही रवैये के कारण अभिभावकों में भी भारी रोष बना हुआ है। मंगलवार को जिले के गांव राजपुरा भैण के   सामान्य अस्पताल में उपचाराधीन राजपुरा गांव की छात्राएं। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में आयरन की गोलियां लेने से 4 छात्राओं की तबीयत बिगडऩे का मामला प्रकाश में आया है। छात्राओं की हालत बिगड़ती देख स्कूल स्टाफ के सदस्यों ने चारों छात्राओं को उपचार के लिए जींद के सामान्य अस्पताल में भर्ती करवाया। यहां पर चारों छात्राओं का उपचार चल रहा है।  छात्राओं में खू

मुठभेड़ के बाद पुलिस ने दबोचे 4 बदमाश

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बदमाशों के कब्जे से भारी मात्रा में असलाह बरामद नरेंद्र कुंडू  जींद। जींद पुलिस के हाथ एक बड़ी सफलता लगी है। सोमवार रात को बदमाशों के साथ हुई मुठभेड़ के बाद पुलिस ने एक गिरोह के 4 बदमाशों को काबू कर उनके कब्जे से 4 पिस्टल, 1 राइफल, 3 बंदूकों सहित भारी मात्रा में कारतूस बरामद किए हैं। बदमाश जिले में किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में थे। पुलिस पूछताछ में चारों बदमाशों ने पहले भी 2 हत्याओं में संलिप्त होने की बात स्वीकारी है। चारों बदमाश यू.पी. से हथियारों की खरीद के सिलसिले के लिए जा रहे थे और यू.पी. से हथियारों की खरीद के बाद जींद में 3 लोगों की हत्या की योजना बनाई हुई थी। पुलिस चारों आरोपियों से पूछताछ कर रही है। पूछताछ में कई अन्य मामलों से पर्दा उठने की संभावना है।   पुलिस अधीक्षक बलवान सिंह राणा ने मंगलवार को पत्रकार वार्ता में मामले का खुलासा करते हुए बताया कि सी.आई.ए. पुलिस नरवाना क्षेत्र में गश्त कर रही थी। गश्त के दौरान पुलिस को गुप्त सुचना मिली कि कई   पत्रकारों से बातचीत करते पुलिस अधीक्षक बलवान सिंह   राणा। नौजवान लड़के भारी मात्रा में असला-अमुनेशन लेकर

...यहां चलती हैं देश की अनोखी पाठशालाएं

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ककहर की बजाए दी जाती है कीट ज्ञान की तालीम नरेंद्र कुंडू जींद। आप ने ऐसी पाठशालाएं तो बहुत देखी होंगी, जहां चारदीवारी के अंदर बैठाकर देश के कर्णधारों को क, ख, ग की तालीम देकर उनके भविष्य को उज्जवल बनाने के प्रयास किए जाते हैं, लेकिन क्या आपने कभी ऐसी पाठशाला देखी या सुनी है जहां खुले आसमान के नीचे लगने वाली कक्षाओं में कीटों की तालीम देकर देश की आर्थिक रीड (यानि किसानों) को सुदृढ़ करने के प्रयास किए जा रहे हों। जी हां हम बात कर रहे हैं जींद जिले में चल रहे कीट साक्षरता केंद्रों की। यहां प्रति दिन अलग-अलग गांवों में किसान पाठशालाओं का आयोजन किया जाता है। कीट ज्ञान की मुहिम को जिले में फैलाने के लिए फिलहाल जींद जिले के आधा दर्जन गांवों में किसान खेत पाठशालाओं का आयोजन किया जा रहा है और इन आधा दर्जन पाठशालाओं में 2 दर्जन से भी ज्यादा गांवों के किसान कीट ज्ञान की तालीम लेने के लिए आते हैं। इस मुहिम को आगे बढ़ाने में पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं भी कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। कीट कमांडो किसानों द्वारा पाठशाला में आने वाले अनट्रेंड किसानों को कीट प्रबंधन के गुर सिखाकर जहरमुक्त खेती

किसानों ने तोड़ी मरोडिय़े की मरोड़

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किसान कीट ज्ञान की मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए बनाएं डाक्यूमैंट्री  : डा. सांगवान नरेंद्र कुंडू जींद। शनिवार को गांव राजपुरा भैण में आयोजित डा. सुरेंद्र दलाल कीट साक्षरता किसान खेत पाठशाला में किसानों ने कृषि विशेषज्ञों के साथ मरोडिय़े की बीमारी पर गहन मंथन किया। इस अवसर पर कृषि विश्वविद्यालय हिसार से काटन विभाग के मुखिया डा. आर.एस. सांगवान, काटन वैज्ञानिक डा. उमेंद्र सांगवान तथा कीट वैज्ञानिक डा. कृष्णा भी भाग लेने के लिए पहुंचे थे। कृषि विश्वविद्यालय हिसार से आए डा. आर.एस. सांगवान ने कहा कि किसानों ने कीटों पर जो शोध किया है, वह वास्तव में काबिले तारीफ है। किसानों को इस मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए कीटों पर एक डाक्यूमैंट्री बनानी चाहिए, ताकि अधिक से अधिक किसानों को इस मुहिम से जोड़ा जा सके। किसानों के साथ कपास की फसल में कीटों का अवलोकन करते कृषि अधिकारी। कृषि विकास अधिकारी डा. कमल सैनी ने कहा कि मरोडिया एक लाइलाज बीमारी है। यह जैमनी वायरस है और इस वायरस को खत्म करने के लिए आज तक कोई भी दवाई नहीं बनी है। क्योंकि यह वायरस न तो जीवित है और न ही मृत। अगर  किसी वस्तु या पौधे में

...फिर सुलगने लगी जाट आरक्षण की चिंगारी

केंद्र में जाटों को आरक्षण दिलवाने के लिए सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई के मुढ़ में हैं खाप चौधरी 4 अगस्त को दनौला कलां के बिनैन खाप के चबूतरे से होगा आंदोलन का शंखनाद नरेंद्र कुंडू जींद।  हरियाणा में जाट आरक्षण की चिंगारी फिर से सुलगने लगी है। केंद्र में आरक्षण की मांग को लेकर हरियाणा के जाट अब सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई के मुढ़ में हैं। आंदोलन की लड़ाई के लिए खाप के चौधरी रणनीति तैयार करने में लगे हुए हैं। आंदोलन के शंखनाद के लिए खाप चौधरियों द्वारा मंच तैयार किया जा रहा है। पिछले वर्ष की तर्ज पर इस बार भी दनौदा कलां गांव में स्थित बिनैन खाप के उसी चबूतरे से आंदोलन का आगाज किया जाएगा। इसी चबूतरे से 13 सितंबर 2012 को हरियाणा में जाट आरक्षण की नींव रखी गई थी। पंचायत में भाग लेने के लिए बिनैन खाप की तरफ से संदेश भेजने का काम शुरू किया जा चुका है। इस बार खाप चौधरियों के आंदोलन शुरू करने का लक्ष्य केंद्र में जाटों को आरक्षण दिलवाना है। केंद्र में जाटों को आरक्षण दिलवाने के लिए खाप प्रतिनिधियों ने फिर से बगावत के सुर छेड़ दिए हैं। खाप चौधरियों द्वारा आंदोलन को सफल बनाने के लिए रणनीत

शिव भक्तों की आस्था पर भारी पड़ी आपदा

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कांवडिय़ों पर नजर आया उत्तराखंड आपदा का असर उत्तराखंड आपदा के कारण इस बार कांवडिय़ों की संख्या में आई कमी नरेंद्र कुंडू जींद।  उत्तराखंड में आई आपदा शिव भक्तों की आस्था पर भारी पड़ रही है। आपदा का प्रभाव इस बार शिव भक्तों पर साफ नजर आ रहा है। इसके चलते इस बार पिछले वर्षों की भांति कांवडिय़ों की संख्या में काफी कमी नजर आ रही है। अन्य वर्षों के मुकाबले इस बार मात्र 10-15 प्रतिशत कांवडिय़े ही हरिद्वार व गौमुख से कांवड़ लेकर पहुंच रहे हैं। कांवडिय़ों की कम संख्या के कारण ही इस बार कांवडिय़ों की सेवा के लिए लगाए जा रहे शिविर भी खाली-खाली नजर आ रहे हैं। सावन का महीना आते ही हरिद्वार और गौमुख से शिव की कांवड़ लाने के लिए शिव भक्तों में एक तरह से होड़ सी लग जाती थी। अकेले हरियाणा से लाखों की संख्या में श्रद्धालु कांवड़ लाने के लिए हरिद्वार का रुख करते थे। शिव भक्त अपने आराध्य देव भगवान शिव शंकर को प्रसन्न करने के लिए गौमुख तथा हरिद्वार से कांवड़ में गंगाजल भरकर लेकर आते थे। शिव रात्रि के नजदीक आते-आते सड़कों पर हर तरफ कांवडिय़ों का हुजूम नजर आने लगता था और शिव के जयकारों के कारण पूरा माहौ

'एक दिन के लिए जेल गई कीटों की मास्टरनियां'

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जिला कारागार में लगी खेती की पाठशाला, कैदियों व बंदियों को पढ़ाया कीट ज्ञान का पाठ कारागार में देश की पहली महिला किसान खेत पाठशाला के आयोजन से जींद कारागार के इतिहास में जुड़ा एक नया अध्याय नरेंद्र कुंडू जींद।  कीट ज्ञान में माहरत हासिल कर चुकी ललीतखेड़ा, निडाना व निडानी गांव की कीटों की मास्टरनियां एक दिन के लिए जेल में गई। कीटों की मास्टरनियों ने जिला कारागार में एक दिन के लिए किसान खेत पाठशाला लगाई और यहां कैदियों व बंदियों को कीट ज्ञान क पाठ पढ़ाया। कारागार के अंदर डा. सुरेंद्र दलाल किसान खेत पाठशाला के आयोजन तथा फसलों में मौजूद मांसाहारी और शाकाहारी कीटों के बारे में इतनी बारिकी से जानकारी हासिल कर बंदी भी काफी खुश थे। वहीं जींद की जिला कारागार में देश की पहली महिला किसान खेत पाठशाला के आयोजन से जींद की जिला कारागार के इतिहास में भी एक नया अध्याय जुड़ गया। महिला किसान खेत पाठशाला का शुभारंभ जेल अधीक्षक डा. हरीश कुमार रंगा ने किया। इस अवसर पर कृषि विभाग के उप-निदेशक डा. रामप्रताप सिहाग, जिला उद्यान अधिकारी डा. बलजीत भ्याण, ए.डी.ओ. कमल सैनी, डा. सुरेंद्र दलाल की पत्नी कुसुम दल

अब कैदियों व बंदियों को कीट ज्ञान का पाठ पढ़ाएंगी कीटों की मास्टरनियां

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25 जुलाई को जिला कारागार में लगाई जाएगी किसान खेत पाठशाला नरेंद्र कुंडू जींद।  महिला किसानों को कीट ज्ञान का पाठ पढ़ाने वाली निडाना व ललीतखेड़ा की कीटों की मास्टरनियां अब जिला कारागार में बंद कैदियों व बंदियों को भी कीट ज्ञान की तालीम देंगी। इसके लिए जिला कारागार में 25 जुलाई को किसान खेत पाठशाला का आयोजन किया जाएगा। इस पाठशाला में निडाना, निडानी तथा ललीतखेड़ा गांव की कीटाचार्या महिलाएं जेल में बंद कैदियों व बंदियों को जहरमुक्त खेती के टिप्स देंगी। जेल में इस कार्यक्रम के आयोजन का मुख्य उद्देश्य कैदियों व बंदियों को कीट ज्ञान के माध्यम से खेती के गुर सिखाकर समाज की मुख्य धारा से जोडऩा है, ताकि जेल में बंद कैदियों व बंदियों को सही दिशा देकर गलत संगत से निकाला जा सके और जेल से छुटने के बाद वे कीट ज्ञान के बूते खेती को व्यवसाय के तौर पर अपनाकर अपने भविष्य को संवार सकें।  कीट साक्षरता के अग्रदूत डा. सुरेंद्र दलाल द्वारा निडाना गांव के खेतों से शुरू की गई कीट ज्ञान क्रांति की मुहिम अब जिले में तेजी से फैलने लगी है। कीट कमांडों किसानों के स्तही ज्ञान को देखते हुए अब कृषि विभाग के साथ

'कीटाचार्य किसानों ने कृषि विकास अधिकारियों को पढ़ाया कीट ज्ञान का पाठ'

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प्रशिक्षण शिविर के दौरान कीट शोध पर जानकारी लेने किसान पाठशाला में पहुंचे थे अधिकारी नरेंद्र कुंडू जींद। कीटाचार्य किसानों ने कृषि विभाग के कृषि विकास अधिकारियों को कीट ज्ञान का पाठ पढ़ाया तथा मांसाहारी और शाकाहारी कीटों की पहचान करवाकर उनके क्रियाकलापों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। जींद के किसान प्रशिक्षण केंद्र में 21 दिवसीय रिफरेश ट्रेनिंग कैंप में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे कृषि विकास अधिकारियों का 30 सदस्यीय दल शनिवार को ट्रेनिंग इंचार्ज डा. बलजीत लाठर के नेतृत्व में राजपुरा भैण गांव में आयोजित डा. सुरेंद्र दलाल किसान खेत पाठशाला में एक दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण पर पहुंचा था। यहां पर कृषि विकास अधिकारियों ने कीटाचार्य किसानों के साथ कपास की फसल का अवलोकन कर पौधों तथा कीटों के आपसी सम्बंध पर गहनता से विचार-विमर्श किया। पाठशाला के मुख्यातिथि रहे धर्मपाल उर्फ मानू लौहान ने किसानों की जहरमुक्त खेती की मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए 11 हजार रुपए की राशि भेंट की। इस अवसर पर डा. सुभाषचंद्र, डा. राजेश लाठर, डा. हरिभगवान, बराह तपा के प्रधान कुलदीप ढांडा तथा सुनील कंडेला, अक्षत दलाल भी व

मानसून के इंतजार में मुरझाए किसानों के चेहरे

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मानसून की दगाबाजी से फसलों पर छाए संकट के बादल नरेंद्र कुंडू जींद।  धान की रोपाई का सीजन अंतिम चरण में है लेकिन अभी तक मानसून नहीं आने के कारण किसानों की फसलों पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। बढ़ते तापमान के कारण सूख रही धान की फसलों को देखकर धरतीपुत्रों के माथे पर चिंता की लकीरें खींचने लगी हैं। ऐन वक्त पर मानसून के धोखा दे जाने के कारण किसानों के चेहरों पर मायूसी छा गई है। समय पर बारिश नहीं होने के कारण जिले में धान की रोपाई का कार्य भी प्रभावित हो रहा है। धीमी गति से चल रहे धान की रोपाई के कार्य के कारण कृषि विभाग को भी अपने टारगेट तक पहुंचने में पसीना आ रहा है। इस बार धान की रोपाई के लिए कृषि विभाग के पास 99 हजार हैक्टेयर का टारगेट है लेकिन समय पर बारिश नहीं होने के कारण अभी तक जिले में सिर्फ 75 हजार हैक्टेयर में ही धान की रोपाई हो पाई है। जबकि कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा धान की रोपाई के लिए उपयुक्त समय 15 जुलाई तक माना जाता है।  जिले में 15 जून से धान की रोपाई का कार्य शुरू हो जाता है और 15 जुलाई तक रोपाई का कार्य जोरों पर चलता है। कृषि विभाग के अधिकारी भी धान की रोपा

सफेद मक्खी, हरे तेले और चूरड़े से भयभीत ना हों किसान

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कीटाचार्य किसानों ने कीट ज्ञान से निकाला शाकाहारी कीटों का तोड़ नरेंद्र कुंडू  जींद।  कपास की फसल में मौजूद शाकाहारी कीट सफेद मक्खी, हरे तेले और चूरड़े से किसानों को भयभीत होने की जरुरत नहीं है। कीट साक्षरता की मुहिम में जुड़े कीटाचार्य किसानों ने इन शाकाहारी कीटों का तोड़ ढूंढ़ निकाला है। जींद जिले के लगभग आधा दर्जन गांवों में चल रही किसान खेत पाठशालाओं में कपास की फसल की साप्ताहिक कीट तंत्र समीक्षा से प्राप्त हुए आंकड़ों के अनुसार अभी तक उक्त शाकाहारी कीट कहीं भी नुक्सान पहुंचाने के आर्थिक सत्र तक नहीं पहुंच पाए हैं। यह बात कृषि विकास अधिकारी डा. कमल सैनी ने शनिवार को राजपुरा भैण गांव में आयोजित डा. सुरेंद्र दलाल किसान खेत पाठशाला में मौजूद दर्जनभर गांवों के किसानों को सम्बोधित करते हुए कही।  डा. कमल सैनी ने कहा कि कपास की फसल में पाई जाने वाली सफेद मक्खी, हरे तेले और चूरड़े नामक कीट की गिनती किसान मेजर कीटों में करते हैं और कपास की फसल में इन कीटों की उपस्थिति को देखकर किसान भयभीत होकर इन्हें नियंत्रित करने के लिए अंधाधुंध कीटनाशकों का इस्तेमाल करते हैं। किसानों का मानना है