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एससी वर्ग की छात्राओं को मिलेगी छात्रावास की सौगात

जींद जिले में होगा 15 छात्रावास का निर्माण नरेंद्र कुंडू जींद। प्रदेश की एससी वर्ग की छात्राओं के लिए एक अच्छी खबर है। एससी वर्ग की छात्राओं को अब जल्द ही छात्रावास की सौगात मिलने जा रही है। इसके लिए प्रदेश के 19 जिलों के एससी बहुल क्षेत्र में जल्द ही महिला छात्रावास बनाए जाएंगे। छात्रावास के निर्माण से पहले हर खंड में पांच से दस ऐसे गांवों का चयन किया जाएगा, जिसमें अनुसूचित जाति की जनसंख्या कम से कम 40 प्रतिशत हो। ये सभी भवन बाबू जगजीवन राम छात्रावास योजना के तहत बनाए जाएंगे। प्रत्येक छात्रावास में माध्यमिक व उच्चतर शिक्षा प्राप्त कर रही सौ छात्राओं को दाखिला दिया जाएगा। छात्रावास के निर्माण के लिए कम से कम दो एकड़ जमीन होनी अनिवार्य है। इस योजना के तहत जींद जिले में 15 छात्रावासों का निर्माण किया जाएगा। योजना को अमल में लाने के लिए सर्व शिक्षा अभियान ने प्रारंभिक स्तर पर जमीन तलाशने का कार्य शुरू कर दिया गया है। एससी वर्ग की छात्राएं अब जल्द ही छात्रावास की सुविधा का लाभ ले सकेंगी। हरियाणा प्राथमिक शिक्षा परियोजना परिषद ने बाबू जगजीवन राम छात्रावास योजना के तहत प्रदेश के 19 जिल

‘फार्मर टू फार्मर’ योजना बनेगी किसानों का सहारा

नरेंद्र कुंडू जींद। घटती कृषि जोत व बढ़ती लागत के कारण घाटे का सौदा साबित हो रही खेती से किसानों को उबारने के लिए कृषि विभाग ने कमर कस ली है। किसानों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ करने के लिए कृषि विभाग ने ‘फार्मर टू फार्मर’ योजना तैयार की है। इस योजना के तहत कृषि विभाग अब किसानों को तकनीकी खेती के लिए प्रेरित करेगा। इसके लिए विभाग ने टीमों का गठन कर जिले में सर्वे करवाया है। सर्वे के अनुसार प्रगतिशील व पिछड़े किसानों के बीच के अंतर के जो आंकड़ें निकल कर सामने आएंगे विभाग उस अंतर को मिटाने के लिए पिछड़े किसानों को प्रेरित करेगा। इसके लिए विभाग ‘फार्मर टू फार्मर’ योजना पर काम करेगा। इस योजना के तहत विभाग द्वारा प्रगतिशील किसानों के खेतों पर कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। इस कार्यशाला में प्रगतिशील किसान पिछड़े किसानों को तकनीकी खेती के टिप्स देंगे। इस योजना के माध्यम से विभाग प्रगतिशील व पिछड़े किसानों के बीच बनी इस खाई को पाटने का काम करेगा। इसके लिए विभाग ने जिले के पिछड़े किसानों की सूची भी तैयार कर ली है।  आज कृषि जोत घटने व खेती पर लागत अधिक बढ़ने के कारण खेती किसानों के लिए घाटे का सौदा साबित ह

पेयजल आपूर्ति के नाम पर अधिकारी बुझा गए ‘प्यास’

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जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी गई सूचना। नरेंद्र कुंडू जींद। जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा पानी की सप्लाई के लिए अहिरका गांव में बिछाई गई पाइप लाइन में हुआ फर्जीवाड़ा सामने आया है। जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा अहिरका गांव में बिछाई गई पाइप लाइन पिछले दो सालों से कागजों में ही चल रही है। लेकिन इस पाइप लाइन से आज तक गांव में पानी की सप्लाई शुरू नहीं हो सकी है। विभाग ने पाइप लाइन बिछाने पर लाखों रुपए का बजट भी खर्च कर दिया है। लेकिन लाखों रुपए खर्च करने के बावजूद भी ग्रामीणों को इसका लाभ नहीं मिला है। मामले का खुलासा अहिरका गांव के एक व्यक्ति द्वारा जन सूचना अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई सूचना में हुआ। विभाग द्वारा व्यक्ति को दी गई सूचना में स्पष्ट लिखा हुआ है कि इस पाइप लाइन के जरिए गांव में 2010 से पानी की सप्लाई चालू है। लेकिन वास्तविकता कुछ ओर ही है। ग्रामीणों की प्यास बुझाने के नाम पर मंजूर हुई ग्रांट में गड़बड़झाला कर विभाग के अधिकारियों ने अपनी प्यास बुझाई है। योजना में हुए इस भ्रष्टाचार के कारण ग्रामीणों के सामने पेयजल संकट गहरा गया है। सरकारी योजनाओं में फर्जीवाड़ा रह-रहकर सामने आ रहा

कम्प्यूटर अध्यापकों व लैब सहायकों के भविष्य पर लटकी तलवार

117 रुपए प्रतिदिन मेहनताने से कर रहे हैं गुजारा नरेंद्र कुंडू जींद। सरकार एक तरफ तो सरकारी स्कूलों में कम्प्यूटर शिक्षा लागू कर शिक्षा स्तर को ऊंचा उठाने तथा बच्चों के भविष्य को उज्जवल बनाने के दावे कर रही है, लेकिन दूसरी तरफ बच्चों को कम्प्यूटर शिक्षा उपलब्ध करवाने वाले अध्यापकों तथा लैब सहायकों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। सरकारी स्कूलों में आऊटर्सोसिंग कंपनी द्वारा सरेआम श्रम कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं तथा कम्प्यूटर अध्यापकों व लैब सहायकों का शोषण किया जा रहा है। कंपनी कम्प्यूटर अध्यापकों व लैब सहायकों के साथ नियुक्ती के समय किए गए 5 साल के अनुबंध को बीच में ही तोड़ कर उसमें फेर बदल कर इनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। कंपनी के तानाशाही रवैये के कारण कम्प्यूटर अध्यापक व लैब सहायक असमंजस में हैं। कंपनी द्वारा उठाए गए इस कदम से प्रदेश भर के लगभग 6 हजार कम्प्यूटर अध्यापक व लैब सहायकों के भविष्य पर तलवार लटक रही है। हरियाणा कम्प्यूटर अध्यापक संघ व लैब सहायक संघ अब अपने रोजगार को बचाने के लिए आंदोलन की रणनीति तैयार कर रहा है। प्रदेश सरकार ने सरकारी स्कूलों में

निजी स्कूल लूट रहे खून-पसीने की कमाई

नरेंद्र कुंडू जींद। शहर के निजी स्कूलों की कमीशनखोरी ने अभिभावकों की जेबें खाली कर दी हैं। नया शैक्षिक सत्र शुरू होते ही निजी स्कूल संचालकों ने अपनी जेबें भरनी शुरू कर दी हैं। जहां पहले दाखिले के नाम पर अभिभावकों से मोटी फीस वसूली जा रही है, वहीं इन निजी स्कूलों ने वर्दी से लेकर किताबों तक कमीशन निर्धारित किया हुआ है। निजी स्कूलों में किताबों की चिट बनाकर अभिभावकों के हाथों में थमा दी जाती है। निजी स्कूल संचालकों द्वारा दी गई चिट में बकायदा बुक डिपो का नाम व पूरा पता लिखा होता है। इन बुक डिपो संचालकों के साथ निजी स्कूल संचालकों का कमीशन निर्धारित होता है। किताब-कापियों के लिए फिक्स दुकानों एवं मनमानी कीमत ने मजबूर अभिभावकों की खून पसीने की कमाई लूट ली है। प्रकाशक से लेकर दुकानदार तक सब सेट हैं और असहाय अभिभावकों बच्चों के भविष्य की चिंता में खामोश हैं। शासन, प्रशासन को निजी स्कूलों के इस लूटतंत्र पर कार्रवाई करने की फुरसत नहीं है। प्रशासन की लापरवाही के चलते निजी स्कूल शिक्षा का अधिकार अधिनियम की धज्जियां उड़ा रहे हैं। हर साल नए शैक्षिक सत्र के दौरान किताबों व ड्रेस के नाम पर निजी

...अब किसानों को कीट प्रबंधन के गुर सिखाएंगी गाँव की गौरी

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 कार्यशाला के दौरान महिलाओं को कीटों की पहचान करवाती मास्टर ट्रेनर महिला। नरेंद्र कुंडू जींद। अब निडाना व आस-पास के गांवों के किसान निडाना की महिलाओं से खेती व कीट प्रबंधन के गुर सीखेंगे। ये महिलाएं अब चूल्हे-चौके के साथ-साथ कीट प्रबन्धन के काम-काज को भी संभालेंगी। इस तरह पर्दे की आड़ में रहने वाले ये चेहरे अब टीचर की भूमिका में नजर आएंगे। राष्ट्रीय कृषि ओर ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड)द्वारा किसानों के उत्थान के लिए शुरू की गई किसान क्लबों के गठन की योजना के तहत जींद जिले के तीन गांवों में महिला किसान क्लबों का भी गठन किया गया है। निडाना,  भैरवखेड़ा व ललितखेड़ा में गठित किए गए ये महिला किसान क्लब प्रदेश के पहले महिला किसान क्लब हैं। इन महिला किसान क्लबों के संचालन की जिम्मेदारी कीट साक्षरता केंद्र की मास्टर ट्रेनर महिलाओं को सौंपी गई है। ये मास्टर ट्रेनर महिलाएं क्लब के माध्यम से किसानों को तकनीकी खेती के साथ-साथ कीट प्रबंधन के गुर भी सिखाएंगी। इन क्लबों के गठन से इन्हें अपने कीट साक्षरता अभियान को तो शिखर तक पहुंचाने का मौका मिलेगा ही, साथ-साथ ये महिलाएं अन्य महिलाओं के लिए

ऊर्जा संरक्षण के लिए आईएसआई मार्क के उपकरणों को बनाया हथियार

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आईटी विलेज बीबीपुर ने शुरू की एक अनुठी पहल नरेंद्र कुंडू जींद। आईटी विलेज बीबीपुर की पंचायत ने ऊर्जा संरक्षण के लिए एक अनोखा कदम उठाया है। सीएफएल ट्यूब युक्त गांव का दर्जा हासिल करने के लिए छेड़ी गई मुहिम के साथ-साथ अब सिर्फ गांव में आईएसआई या आईएसओ 9001 अनुपात 2000 के  मार्क वाले बिजली उपकरणों का प्रयोग करने का निर्णय लिया है। क्योंकि यह उपकरण अंतर्राष्ट्रीय मानक के अनुसार होते हैं। जिस कारण इन उपकरणों की क्वालिटी बहुत अच्छी होती है और इनमें जल्द खराबी आने की संभावनाएं भी कम ही होती हैं। इसके अलावा आईएसआई मार्क वाले उपकरणों में बिजली की खपत भी साधारण उपकरणों की बजाए काफी कम होती है। ग्रामीणों को इस क्षेत्र में जागरुक करने के लिए पंचायत ने एक सर्वे टीम का गठन किया है। इस टीम के सदस्य सुबह-सांय घर-घर जाकर घर में प्रयोग होने वाले साधारण बिजली उपकरणों तथा आईएसआई मार्क वाले उपकरणों की रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। रिपोर्ट तैयार करने के बाद सर्वे टीम घर के सभी सदस्यों को आईएसआई मार्क वाले उपकरणों के लाभ के बारे में भी विस्तार से जानकारी देती है। गांव के अलावा टीम खेतों में जाकर ट्यूबवैल पर