कम्प्यूटर शिक्षा के नाम पर मजाक!
आधा सत्र बीत जाने के बाद भी स्कूलों में नहीं पहुंची कम्प्यूटर की पुस्तकें नरेंद्र कुंडू जींद। सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के साथ कम्प्यूटर शिक्षा के नाम पर मजाक किया जा रहा है। शैक्षणिक सत्र आधा बीत चुका है, लेकिन अभी तक सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों तक कम्प्यूटर की किताबें ही नहीं पहुंची हैं। ऐसे में बिना पुस्तकों के विद्यार्थी किस तरह पढ़ाई कर पाएंगे। समय पर पुस्तकें न मिलने के कारण विद्यार्थी सटीक नालेज की बजाय कम्प्यूटर पर गेम खेलकर अपना टाइम पास कर रहे हैं और अध्यापक मजबूर हैं, क्योंकि सरकारी तंत्र को नींद से जगाना उनके बूते की बात नहीं है। इससे यह सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि सरकारी स्कूलों में कम्प्यूटर शिक्षा व पाठ्य सामग्री उपलब्ध करवाने वाली कंपनी द्वारा विद्यार्थियों के भविष्य के साथ सीधे तौर पर खिलवाड़ किया जा रहा है। कंपनी के अधिकारियों की लापरवाही के कारण प्रदेश सरकार व शिक्षा विभाग द्वारा सरकारी स्कूलों में कम्प्यूटर शिक्षा देकर विद्यार्थियों को हाईटेक बनाने के दावे बेमानी साबित हो रहे हैं। शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले ...