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आईटी विलेज बीबीपुर ने ऊर्जा संरक्षण की तरफ बढ़ाए कदम

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संगोष्ठी में विजेता छात्रा को सौलर लालटेन0 वितरित करते सरपंच व मुख्यातिथि। नरेंद्र कुंडू जींद। आईटी विलेज बीबीपुर ने सूचना एवं प्रौद्योगिक (इंटरनेट) पर धूम मचाने के बाद अब ऊर्जा संरक्षण की तरफ अपने कदम बढ़ाए हैं। इसके लिए पंचायत ने गांव को पूर्ण रूप से सीएफएल ट्यूब युक्त बनाने की मुहिम शुरू कर दी है। 6 हजार की आबादी वाले इस गांव में 2700 सीएफएल ट्यूब लाइट लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। फिलहाल इस मुहिम के तहत 1700 बिजली के बल्बों को हटाकर सीएफएल ट्यूब लाइट लगाने का कार्य पूरा कर लिया गया है। जिस पर पंचायत द्वारा साढ़े तीन लाख रुपए खर्च किए गए हैं। अगर फिडर के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो गांव में ऊर्जा संरक्षण की मुहिम शुरू करने से पहले एक माह में बिजली की खपत 2 लाख 5 हजार यूनिट थी, लेकिन 1700 सीएफएल लगने के बाद बिजली की खपत में 5 से 6 हजार यूनिट की कमी हुई है। जबकि पूरा गांव सीएफएल ट्यूब युक्त होने के बाद यह खपत घटकर डेढ़ लाख तक सीमित हो जाएगी। पंचायत ने इस मुहिम को सफल बनाने के लिए गांव का सर्वे शुरू करवा दिया है। 70 विद्यार्थियों की चार सर्वे टीमों को यह कार्यभार सौंपा गया

ऊर्जा संरक्षण में प्रदेश का नंबर वन जिला बना जींद

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नरेंद्र कुंडू जींद। प्रदेश में जींद जिले को बेशक पिछड़े जिलों में शुमार किया जाता हो, लेकिन ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में जिले ने दबंगई दिखाई है। ब्लड डोनेशन के बाद अब जींद जिले ने ऊर्जा संरक्षण में भी प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त कर लिया है। ऊर्जा संरक्षण में जींद जिला प्रदेश के अन्य जिलों के लिए रोल मॉडल के रूप में उभरा है। भारत सरकार के नवीनीकरण उर्जा स्त्रोत मंत्रालय द्वारा जवाहर लाल नेहरू नेशनल सोलर मिशन के तहत जींद जिले के सातों खंड विकास अधिकारी के कार्यालयों में सौलर प्लांट लगाए गए हैं। इन प्लांटों पर मंत्रालय द्वारा 6 लाख 30 हजार रुपए से भी अधिक की राशि खर्च की गई है। जिले के सभी खंडों में सौलर प्लांट लगाने वाला जींद जिला प्रदेश में पहला जिला बन गया है। अब जिले में बिजली कटों की वजह से सरकारी कार्यालयों में कामकाज प्रभावित नहीं होगा, क्योंकि भारत सरकार के नवीनीकरण उर्जा स्त्रोत मंत्रालय द्वारा जवाहर लाल नेहरू नेशनल सौलर मिशन के तहत जिले के सभी सातों खंड विकास अधिकारी कार्यालयों में सौलर प्लांट लगा दिए गए हैं। ये प्लांट लगाने के मामले में जींद जिला प्रदेश में पहला जिला बन गया

यहां सरकारी बाबू ही तय करते हैं नियम.....

परिचालक लाइसेंस के लिए आवेदन करने वालों से जमा करवाए जाते हैं मूल प्रमाण पत्र नरेंद्र कुंडू जींद। सरकारी कार्यालयों में कायदे-कानून तोड़ना तो अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए स्टेट्स सिम्बल हो गया है। आम आदमी भले ही कायदे-कानूनों को तोड़ने से हिचकिचा जाए, लेकिन सरकारी बाबू इसकी कतई परवाह नहीं करते हैं। फिलहाल इसकी बानगी एसडीएम कार्यालय में देखने को मिल रही है। यहां कर्मचारियों द्वारा परिचालक लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले आवेदकों से फर्स्ट एड के मूल प्रमाण पत्र जमा करवाए जा रहे हैं, जबकि नियम के अनुसार इसके लिए फोटो कॉपी ही तय की गई है। एसडीएम कार्यालय में फर्स्ट एड के मूल प्रमाण पत्र जमा होने के कारण युवा सही रूप में इसका इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं, जिससे उनका फर्स्ट एड के लेक्चरार बनने के सपने पर भी ग्रहण लग गया है।    एक तरफ तो सरकारी बाबुओं का रौब, दूसरी तरफ कामकाज की लंबी प्रक्रिया खुद-बे-खुद ही कामकाज के लिए सरकारी कार्यालय में आने वाले लोगों को तोड़ देती है। यहां के सरकारी कार्यालयों में तो कर्मचारियों पर •ोड चाल की नीति लागू होती है। एक बार जो प्रक्रिया शुरू कर दी जाए बस फिर

अब सीधे किसानों तक पहुंचेंगी कृषि विभाग की योजनाएं

वेबसाइट से फसलों के भावों की भी जानकारी लेंगे किसान नरेंद्र कुंडू जींद। कृषि विभाग के अधिकारी अब विभाग द्वारा शुरू की गई किसान हितेषी योजनाओं से किसानों को विमुख नहीं रख सकेंगे। कृषि विभाग द्वारा किसानों के लिए जो योजनाएं शुरू की जाएंगी, उस योजना की सारी जानकारी कृषि विभाग के मुख्यालय द्वारा सीधे चौ. छोटू राम किसान क्लब घिमाना को भी भेजी जाएगी। इसके बाद किसान क्लब के सदस्य विभाग की उस योजना को सीधे किसानों तक पहुंचाने का काम करेंगे। कृषि मंत्री सरदार परमवीर सिंह ने इसके लिए कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं। इस प्रकार अब किसान क्लब के सदस्य किसानों व कृषि विभाग के बीच एक मजबूत कड़ी का काम करेंगे। इतना ही नहीं अब क्लब के सदस्यों द्वारा किसानों को अपडेट रखने के लिए एक वेबसाइट भी तैयार की जा रही है। इस वेबसाइट पर किसान हितेषी सभी योजनाओं का ब्योरा डाला जाएगा। इसके अलावा क्लब के सदस्यों द्वारा वेबसाइट के माध्यम से किसानों की सभी समस्याओं का समाधान भी  किया जाएगा। वेबसाइट पर सभी मंडियों के भाव भी डाले जाएंगे, ताकि किसान घर बैठे प्रदेश की सभी मंडियों के भावों की जानकारी

‘विज्ञान दर्पण’ पर लापरवाही की धूल

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 तीन माह बाद भी स्कूलों में नहीं पहुंच पाई पत्रिकाएं नरेंद्र कुंडू जींद। सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों में साइंस और टेक्नोलॉजी के प्रति उत्सुकता बढ़ाने के मकसद से शुरू की गई ‘विज्ञान दर्पण’ पत्रिकाएं इन दिनों शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में ही धूल फांक रही हैं। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा इन पत्रिकाओं का वितरण जनवरी माह तक सभी स्कूलों में करवाया जाना था, लेकिन तीन माह से ये पत्रिकाएं शिक्षा अधिकारी के कार्यालय की रद्दी की टोकरी में ही दफन हैं। विद्यार्थियों के अलावा इन पत्रिकाओं में अध्यापकों के लिए भी  विभाग से जुड़ी नवीनतम जानकारियां उपलब्ध करवाई जाती हैं, ताकि अध्यापकों को स्कूल में बैठे-बिठाए ही विभागीय नियमों व बदलावों की जानकारियां मिल सकें। लेकिन यहां सरकार की इस योजना पर पूरी तरह से विभागीय अधिकारियों की लापरवाही का ग्रहण लग चुका है और ये पत्रिकाएं केवल रद्दी बनकर रह गई हैं।      शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में रखी पत्रिकाएं जिन्हें स्कूलों में बांटा जाना था। सरकार प्रदेश में शिक्षा स्तर को ऊंचा उठाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। सरकारी स्क

किसानों को कीट प्रबंधन का पाठ पढ़ा रहे हैं खेत पाठशाला के किसान

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 कीट साक्षरता केंद्र में किसानों को कीटों की पहचान करवाते मास्टर ट्रेनर किसान। नरेंद्र कुंडू जींद। रोहतक रोड स्थित नई अनाज मंडी में सैन्चरी इवेंट पलेनर ग्रुप के तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय किसान मेले में भी किसान खेत पाठशाला के किसान छाए हुए हैं। मेले में किसान खेत पाठशाला के किसानों द्वारा किसानों के लिए कीट साक्षरता केंद्र लगाया गया है। किसान खेत पाठशाला के कीट कमांडो किसान अपने स्तर पर मेले में आने वाले किसानों को फसल में पाए जाने वाले मासाहारी व शाकाहारी कीटों तथा बिना कीटनाशक का प्रयोग किए अच्छी पैदावार लेने की सारी जानकारी उपलब्ध करवा रहे हैं। मेले में आने वाले किसान भी कीट साक्षरता केंद्र पर पहुंचकर अपना ज्ञान बढ़ा रहे हैं। किसान खेत पाठशाला की लोकप्रियता को देखते हुए मेले के आयोजनकों ने कीट साक्षरता केंद्र के किसानों को मेले में मुफ्त में जगह उपलब्ध करवाई है। कीट प्रबंधन में माहरत हासिल करने वाले किसान खेत पाठशाला निडाना के किसान अब नई अनाज मंडी में आयोजित किसान मेले में आने वाले जिले के अन्य किसानों को भी कीट प्रबंधन का पाठ पढ़ा रहे हैं। खेत पाठशाला के कीट कमांडो क

दूसरी पंचायतों को स्वच्छता का पाठ पढ़ाएगा आईटी विलेज

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नरेंद्र कुंडू जींद। देश की पहली हाईटेक पंचायत बीबीपुर अब गंदगी के खिलाफ विशेष मुहिम छेड़ेगी। पंचायत ने गंदगी को ठिकाने लगाने के लिए ठोस कचरा प्रबंधन का प्रोजेक्ट तैयार किया है। पंचायत द्वारा ठोस कचरा प्रबंधन प्रोजेक्ट पर दो लाख से भी ज्यादा रुपए खर्च किए जाएंगे। पंचायत द्वारा 1 लाख 30 हजार रुपए की लागत से गांव में एक शैड तैयार किया गया है तथा गांव की गंदगी को शैड में डालने के लिए 20 हजार रुपए से रिक्शा खरीदी गई हैं। पंचायत द्वारा प्रोजेक्ट को शत प्रतिशत कारगर बनाने के लिए प्रत्येक घर में एक-एक कूड़ादान रखा जाएगा। प्रत्येक कूड़ादान में दो पार्ट होगे, एक भाग में ज्वलनशील तथा दूसरे भाग में अज्वलनशील कूड़ा एकत्रित किया जाएगा और इसी तरह कूड़े को शैड में डाला जाएगा। शैड में भी ज्वलनशील व अज्वलनशील कूड़े के लिए दो अलग-अलग भाग तैयार किए गए हैं। शैड में एकत्रित इस कूड़े से जो जैविक खाद तैयार होगा उस जैविक खाद को पंचायत अपनी आमदनी का जरिया बनाएगी। पंचातय द्वारा उठाए गए इस कदम से प्रशासन अन्य पंचातयों को भी स्वच्छता का पाठ पढ़ाएगा। आईटी विलेज बीबीपुर ने इंटरनेट पर धूम मचाने के बाद अब गंदगी के खिलाफ व