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सावधान ! कहीं आकर्षक ऑफर की पेशकस बिगाड़ न दे आपके चेहरे का नूर

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त्यौहारी सीजन पर महिलाओं को लुभाने के लिए ब्यूटी पार्लर कर रहे हैं आकर्सक ऑफर्स की पेशकश नरेंद्र कुंडू  जींद।  विवाह-शादियों का सीजन हो या कोई त्यौहार महिलाओं में सुंदर दिखने की चाहत लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में महिलाएं सजने-संवरने के लिए ब्यूटी पार्लरों का रूख करती हैं। ब्यूटी पार्लर संचालक भी ऐसे अवसरों को भुनाने से पीछे नहीं हटते। ऐसे में वे महिलाओं को लुभाने के लिए आकर्षक ऑफर्स की पेशकस करते हैं। दरअसल करवाचौथ के पर्व में अभी 3 दिन बाकी हैं और महिलाओं को लुभाने के लिए ब्यूटी पार्लर आकर्षक ऑफर्स दे रहे हैं। ऐसे में ब्यूटी पार्लर में सजन-संवरने वाली महिलाओं को सावधान रहने की जरूरत है। कहीं ऐसा न हो कि आकर्षक पैकेज लेने की चाहत में आपकी प्राकृतिक सुंदरता भी बिगड़ न जाए। कम क्वालिटी का उत्पाद आपके चेहरे का नूर बिगाड़ सकता है। बात रिस्क की करें तो शहर में ऐसे कई पार्लर हैं, जहां चेहरे पर रासायनिक या हर्बल उत्पाद लगाने से पहले जांच नहीं की जाती है। बाद में ग्राहकों को पिंपल्स, एलर्जी व झाइयों जैसी समस्याओं से दो-चार होना पड़ता है। ब्यूटी विशेषज्ञ अंजू का कहना है कि चेहरे की त

8 माह से फस्र्ट एड सर्टीफिकेट के लिए रैडक्रास कार्यालय के चक्कर काट रहे युवा

नरेंद्र कुंडू  जींद।  जिला रैडक्रास कार्यालय से प्राथमिक चिकित्सा सहायता का प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले युवाओं के हाथ 8 माह बाद भी खाली हैं। इन युवाओं को 8 माह का लंबा समय गुजरने के बाद भी अपने फर्स्ट एड के सर्टीफिकेट नहीं मिल पा रहे है। युवाओं को फर्स्ट एड के सर्टीफिकेट के लिए बार-बार रैडक्रास कार्यालय के चक्कर काटने पड़ रहे हैं लेकिन यहां पर हर बार उन्हें निराशा ही हाथ लगती है। जिला रैडक्रास कार्यालय के पास अभी तक फरवरी माह में प्रशिक्षण लेने प्रशिक्षुओं के ही प्रमाण पत्र आए हैं। युवाओं को समय पर फर्स्ट एड के सर्टीफिकेट नहीं मिलने के कारण युवाओं का भविष्य अंधकारमय है क्योंकि बिना फर्स्ट एड सर्टीफिकेट के ये नौकरी के लिए आवेदन नहीं कर पा रहे हैं। इस प्रकार रैडक्रास अधिकारियों की लापरवाही का दंश बेचारे बेरोजगार युवाओं को झेलना पड़ रहा है। प्राथमिक चिकित्सा सहायता का प्रमाण पत्र लेने की चाह में हर माह जिला रैडक्रास सोसायटी कार्यालय में सैंकड़ों युवा प्रशिक्षण लेने के लिए आते हैं। इसके लिए रैडक्रास द्वारा प्रत्येक आवेदक से दाखिले के लिए बाकायदा 500 रुपए की फीस जमा करवाई जाती है। द

ट्रक यूनियन खुद ही मार रही है अपने पैरों पर कुल्हाड़ी

खून से सना रहा है ट्रक यूनियन का इतिहास नरेंद्र कुंडू जींद।  ट्रक यूनियन माल ढुलाई के मामले को लेकर ट्रांस्पोर्टरों व ट्रक आप्रेटरों के साथ विवाद खड़ा कर खुद अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मारने का काम कर रही है। क्योंकि प्रदेश सरकार व हरियाणा व्यापार मंडल ट्रक यूनियन के वजूद को पूरी तरह से नकार चुका है। इसके अलावा माल ढुलाई को लेकर ट्रक यूनियन के दादागिरी के रवैया को रोकने के लिए हरियाणा एवं पंजाब उच्च न्यायालय द्वारा भी ट्रक यूनियन पर नकेल कसने के लिए सख्त निर्देश जारी किए गए हैं। लेकिन यहां पर ट्रक यूनियन जिला प्रशासन के साथ साठ-गाठ कर या राजनैतिक दबाव बनवाकर अपना काम चला रही है। ट्रक यूनियन आए दिन माल ढुलाई को लेकर दूसरे व्यवसायी ट्रक चालकों के साथ विवाद खड़ा कर रही है लेकिन जिला प्रशासन ट्रक यूनियन की इन गतिविधियों पर रोक लगाने में नाकाम साबित हो रहा है। अभी गत दिनों भी ट्रक यूनियन के प्रधान व उसके कुछ साथियों पर बिट्टू नामक एक ट्रक चालक ने उसके साथ मारपीट करने व उसके ट्रक को नुक्सान पहुंचाने के आरोप लगाए थे। जिसका अभी तक निपटारा नहीं हो सका है और डी.एस.पी. अमरीक सिंह मामले की

त्यौहारों के साथ ही सजने लगे ड्राई फ्रूट के बाजार

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ड्राई फ्रूट भी महंगाई की चपेट में   नरेंद्र कुंडू  जींद।  दीपावली का त्यौहार नजदीक आते ही ड्राई फ्रूट के बाजार सजने लगे हैं। लोग मिठाइयों में मिलावट के चलते ड्राई फ्रूट में ही ज्यादा विश्वास जता रहे हैं। त्यौहारी सीजन पर अपने सगे सम्बंधियों को उपहार देने के लिए जमकर ड्राई फ्रूट की खरीददारी कर रहे हैं। इस बार लोग बंद पैकेट की बजाए खुदरा खरीदने में ही समझदारी दिखा रहे हैं। महंगाई के चलते इस बार ड्राई फ्रूट की कीमतों में भी 20 से 30 प्रतिशत तक का इजाफा हुआ है। इस समय बाजार में सबसे ज्यादा अमेरीकन बादाम व काजू की धूम मची हुई है।  दीपावली पर्व नजदीक  आने के कारण बाजारों की रौनक बढऩी शुरू हो गई है। शहर में ड्राई फ्रूट के बाजार सजने लगे हैं। इस महंगाई की मार से ड्राई फ्रूट का बाजार भी अछूता नहीं रहा है। इस बार बादाम, काजू, किशमिश, छुहारे, पिस्ता, अखरोट गिरी, गुरमानी के दामों में 20 से 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इससे पैकेट की कीमतों में भी बढ़ौतरी तय है। बाजार में 100 रुपए से लेकर 1000 रुपए तक के ड्राई फ्रूट के डिब्बे उपलब्ध हैं। अबकी बार बाजारा में सबसे ज्यादा धूम अमेरीकन बादाम व क

अभी 'खाप अदालत' की वेटिंग लिस्ट में है किसानों व कीटों का मुकद्दमा

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विवाद के निपटारे के लिए जनवरी या फरवरी में होगी सर्व जातीय सर्व खाप की महापंचायत नरेंद्र कुंडू  जींद।  गौत्र विवाह के मामलों में तालिबानी फरमान सुनाने के लिए बदनाम तथा हाल ही में रेप व गैंगरेप की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए लड़के व लड़की की उम्र कम करने के बयान के बाद सुर्खियों में आने वाली खाप पंचायत ने किसानों व कीटों के मुकद्दमे के फैसले को अभी वोटिंग लिस्ट में रखा दिया है। 15 दिसंबर से शुरू होने वाले जाट आरक्षण के ममाले से निपटने के बाद ही खाप पंचायतों द्वारा इस मसले का हल निकालने के लिए अगला कदम उठाया जाएगा। इसके लिए खाप पंचायत द्वारा अगले वर्ष जनवरी या फरवरी माह में एक सर्व जातीय सर्व खाप महापंचायत का आयोजन किया जाएगा। हालांकि खाप प्रतिनिधियों द्वारा निडाना गांव में 18 बैठकों का आयोजन कर इस विवाद की सुनवाई की सभी प्रक्रियाएं पूरी की जा चुकी हैं।  विवाद के निपटारे के लिए किसानों ने खटखटाया था खाप का दरवाजा इंसानों के बड़े-बड़े विवादों के निपटारे के लिए मशहूर खाप पंचायतों की अदालत में यह एक अनोखा मामला आया है। निडाना गांव के कुछ कीट मित्र किसानों ने लगभग 4 दशकों से किसा

धू-धू कर जल गया घमंड का प्रतीक

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नरेंद्र कुंडू  जींद।  जिलेभर में बुधवार को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक विजयदशमी का त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया गया। शहर में जगह-जगह कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। एक चिंगारी के साथ ही घमंड का प्रतिक रावण का सिर धू-धू कर जल गया। रावण दहन के साथ ही चारों तरफ भगवान श्री राम के जयकारे गुंजने लगे। श्री सनातन धर्म आदर्श रामलीला क्लब (किला) द्वारा चौ. छोटू राम किसान कॉलेज के प्रांगण में रावण दहन किया गया। रावण दहने से पूर्व क्लब द्वारा शहर में भगवान श्री राम की झांकियां भी निकाली गई। इसके बाद छोटू राम किसान कॉलेज के प्रांगण में रावण, कुंभकर्ण व मेघनाद के पुतलों का दहन किया गया। कॉलेज प्रांगण में मेले में खरीदारी करते लोग।  विजयदशमी के अवसर पर शहर में जगह-जगह कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। श्री सनातन धर्म आदर्शन रामलीला क्लब द्वारा चौ. छोटू राम किसान कॉलेज के प्रांगण में कार्यक्रम का आयोजन कर रावण दहन किया गया। कार्यक्रम में जींद के इनैलो विधायक डा. हरिचंद मिढ़ा ने बतौर मुख्यातिथि तथा विनोद चंद व पूर्व कुलपति डा. ए.के. चावला ने विशेष अतिथि के तौर पर शिरकत की। मुख्यातिथि डा. हरिच

...यहां टूट जाती हैं धर्म की सभी बेडिय़ां

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मुस्लिम व हिंदू कारीगर लगभग 2 दशकों से एक साथ कर रहे हैं पुतले बनाने का काम नरेंद्र कुंडू जींद।  दशहरे पर रावण दहन को लोग असत्य पर सत्य व बुराई पर अच्छाई की जीत मानते हैं लेकिन कहीं न कहीं यह त्यौहार ङ्क्षहदू-मुस्लिम भाईचारे का प्रतिक भी है। हिंदुओं के पर्व दशहरे पर दहन के लिए जो पुतले बनाए जा रहे हैं उन पुतलों का निर्माण करने वाले हाथ मुस्लिम कारीगरों के हैं। इतना ही नहीं यहां मुस्मिल कारीगरों के साथ-साथ हिंदू कारीगर भी पुतले निर्माण में इनका पूरा साथ दे रहे हैं। लगभग पिछले दो दशकों से ये कारीगर यहां के रामलीला क्लबों के लिए रावण, कुंभकर्ण व मेघनाद के पुतले तैयार कर रहे हैं।  हिंदू धर्म में दशहरे पर रावण दहन को लोग बुराई पर अच्छाई की जीत मानते हैं और इस पर्व को बड़ी धूमधाम से मनाते हैं क्योंकि इस दिन भगवान श्रीराम ने लंका में रावण को मार कर विजय प्राप्त की थी। लेकिन यहां पर दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत के साथ-साथ हिंदू-मुस्लिम भाईचारे का प्रतिक भी बना हुआ है। रामलीला क्लबों के लिए दशहरे पर दहन के लिए रावण, कुंभकर्ण व मेघनाद के पुतले बनाने वाले कारीगर मुस्लिम समुदाय के हैं और 

मर्यादा पुरूषोत्तम की 'रामलीला' बनी 'रासलीला'

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 रामलीला मंच पर बढ़ रही अश्लीलता से आहत हो रही हैं लोगों की धर्मिक भावनाएं नरेंद्र कुंडू  जींद।  एक दौर था जब रामलीला के प्रति लोगों की बड़ी धर्मिक भावना होती थी और लोग बड़े श्रद्धाभाव से रामलीला देखने के लिए जाते थे। रामलीला के कलाकारों के प्रति भी लोगों में बड़ी श्रद्धा होती थी। लोगों को रामलीला के कलाकारों में ही भगवान की तस्वीर नजर आती थी। उन दिनों रामलीला देखने के लिए बड़ा जनसैलाब उमड़ता था और रामलीला ग्राऊंड में दर्शकों को बैठने के लिए स्थान भी नहीं मिलता था। रात के समय में रामलीला देखने के लिए लोग दिन में ही अपना स्थान बुक कर लेते थे। उस समय मनोरंजन के साधन भी सीमित ही होते थे इसलिए लोग रामलीला के माध्यम से भी अपना मनोरंजन का शौक पूरा करते थे। लेकिन जैसे-जैसे समय ने करवट ली और तकनीकी युग ने धरती पर अपने कदम रखे तो प्रचार-प्रसार के साधन भी बढऩे लगे। नई-नई तकनीकों के साथ ही घरों में मनोरंजन के साधन भी स्थापित होने लगे। बढ़ते मनोरंजन के साधनों के साथ ही पाश्चात्य संस्कृति ने भी हमारी संस्कृति पर प्रहार कर दिया। घर पर ही मनोरंजन के अच्छे साधन मुहैया होने के कारण रामलीला के प्

बड़ा नाजूक होता है प्रकृति व जीव का रिश्ता

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किसान-कीट विवाद की सुनवाई के लिए खाप पंचायत की आखरी बैठक संपन्न विवाद पर फैसला सुनाने के लिए दिसंबर या जनवरी में होगी खाप की बैठक नरेंद्र कुंडू  जींद।  किसान-कीट की विवाद की सुनवाई के लिए मंगलवार को खाप पंचायत की 18वीं बैठक हुई। बैठक  की अध्यक्षता सर्व जातीय सर्व खाप के संयोजक कुलदीप ढांडा ने की। इस अवसर पर बैठक में अखिल भारतीय जाट महासभा के युवा राष्ट्रीय महासचिव अनिल बैनिवाल, घनघस खाप के प्रतिनिधि सूबे सिंह, मलिक खाप के प्रतिनिधि कांसीराम मलिक, गांव मांडी (पानीपत) निवासी प्रगतिशील किसान रणबीर सिंह, रणधीर सिंह तथा वरिष्ठ पशु चिकित्सक राजबीर चहल भी विशेष रूप से मौजूद रहे। बैठक में कीट मित्र किसानों ने पूरे लेखेजोखे के साथ बेजुबान कीटों का पक्ष खाप प्रतिनिधियों के समक्ष रखा। राजबीर चहल ने किसानों को सम्बोधित करते हुए बताया कि प्रकृति के अपने नियम हैं। इन नियमों को समझना इंसान के बस की बात नहीं है। प्रकृति व जीव का रिश्ता बड़ा नाजूक होता है। इसलिए हमें प्रकृति के साथ ज्यादा छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए। चहल ने बताया कि पृथ्वी पर जन्म लेने वाला हर जीव अपने दायरे से बाहर निकल कर भी अपन

खेल-खेल में बन गया कीटों का मास्टर

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6 वर्षीय निखिल को 100 से भी ज्यादा कीटों के नाम कंठस्थ कीट को देखते ही उसके जीवनचक्र को पकड़ लेती हैं निखिल की पारखी नजरें नरेंद्र कुंडू जींद।  कहते हैं कि प्रतिभा किसी परिचय की मोहताज नहीं होती है, लेकिन निडानी के मिनी साइंटिस्ट 6 वर्षीय निखिल ने अपनी प्रतिभा व विलक्षण बुद्धि से इस कहावत को उलट दिया है। 6 वर्षीय निखिल ने छोटी सी उम्र में जो उपलब्धि हासिल की है, उससे साबित हो गया है कि प्रतिभा उम्र की मोहताज नहीं होती है। जिले के निडाना गांव निवासी रणबीर मलिक का पुत्र निखिल छोटी सी उम्र में बड़े-बड़े कृषि वैज्ञानिकों की समझ व ज्ञान पर भारी पड़ता है। जिस उम्र में बच्चे ठीक से अपने परिवार के सदस्यों के नाम भी याद नहीं रख पाते, उस उम्र में निखिल मलिक को 100 से भी ज्यादा कीटों के नाम जुबानी याद हैं। कक्षा प्रथम तो नॉलेज पी.एच.डी. के स्तर की रणबीर मलिक का 6 वर्षीय पुत्र निखिल मलिक फिलहाल गांव के ही स्कूल में प्रथम कक्षा की पढ़ाई कर रहा है। निखिल ए, बी, सी, डी के साथ खेती-किसानी के गुर भी सीख रहा है। निखिल को कपास की फसल में आने वाले सभी मांसाहारी व शाकाहारी कीटों की पहचान है तथा उस

बिना कीटनाशकों के भी अच्छी पैदावार ले रही हैं महिलाएं

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नरेंद्र कुंडू  जींद।  ललीतखेड़ा गांव में बुधवार को पूनम मलिक के खेत पर महिला किसान खेत पाठशाला का आयोजन किया गया। महिलाओं ने पाठशाला में कीट सर्वेक्षण के बाद कीट बही खाता तैयार किया। पाठशाला के आरंभ में महिलाओं ने 6 ग्रुप बनाकर 10-0 पौधों पर कीटों का सर्वेक्षण किया। सर्वेक्षण के बाद महिलाओं ने जामुन के पेड़ के नीचे बैठकर चार्ट पर कीटों के आंकड़े तैयार किए। मास्टर ट्रेनर अंग्रेजो ने सर्वेक्षण के बाद तैयार किए गए आंकड़ों की तरफ  इशारा करते हुए बताया कि कपास के इस खेत में इस सप्ताह शाकाहारी कीटों की संख्या नामात्र है। इस सप्ताह फसल में लाल व काला बाणिया ही नजर आए हैं। ये कीट कपास के अंदर से बीज का रस चूसते हैं। सविता ने महिलाओं को बताया कि अब तक पाठशाला में आने वाली किसी भी महिला ने अपने खेत में एक बूंद भी जहर का छिड़काव नहीं किया है। उन्होंने बताया कि महिलाओं ने बिना किसी कीटनाशक का प्रयोग किए कपास की अच्छी पैदावार ली है। इन महिलाओं की पैदावार कीटनाशकों का प्रयोग करने वाले अन्य किसानों के बराबर ही खड़ी है। पूनम मलिक ने बताया कि जब बिना कीटनाशक के हमें अच्छी पैदावार मिल सकती है तो फिर

लाल नहीं हो रहे भ्रष्टाचारियों के हाथ

विजीलैंस के पास हर वर्ष कम आ रही हैं भ्रष्टाचार की शिकायतें नरेंद्र कुंडू  जींद।  एक तरफ तो देश में भ्रष्टाचार बढ़ रहा है लेकिन दूसरी तरफ भ्रष्टाचार की शिकायतों में लगातार कमी आ रही है। यह बात सुनने में थोड़ी अटपटी जरूर लगती है लेकिन जिला विजीलैंस कार्यालय से मिले आंकड़े इसी बात की तरफ इशारा कर रहे हैं। जिला विजीलैंस की टीम के पास हर वर्ष भ्रष्टाचार के मामलों की शिकायतें कम होती जा रही हैं। राज्य चौकसी ब्यूरो के जिला कार्यालय में 2010 में रिश्वतखोरी के 6 मामले आए थे। वर्ष 2011 में ये मामले कम हो कर 4 हो गए और जनरवरी 2012 से अक्तूबर तक सिर्फ 2 ही मामले विजीलैंस कार्यालय के पास पहुंचे हैं। इसे आम आदमी में जागरूकता का अभाव कहें या भ्रष्टाचारियों की सतर्कता जिस कारण राज्य चौकसी ब्यूरो की टीम भ्रष्टाचारियों पर नकेल डालने में नाकाम हो रही है। देश में भ्रष्टाचार भले ही गहराई में अपनी जड़ें जमा चुका हो लेकिन भ्रष्टाचारियों के हाथ लाल होने के मामले घटते ही जा रहे हैं। विजीलैंस की टीम भ्रष्टाचारियों पर अंकुश लगाने के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए रिश्वत न देने व रिश्वतखोरों की शिकायत के

किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने की कवायद

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किसानों को 50 प्रतिशत सबसिडी पर दिया जाएगा लहसुन का बीज नरेंद्र कुंडू जींद। बागवानी विभाग द्वारा किसानों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ करने के लिए एक खास योजना तैयार की गई है। इस योजना के तहत विभाग किसानों को परम्परागत खेती से हटकर मसालेदार फसलों की खेती के लिए प्रेरित करेगा। विभाग द्वारा किसानों को मसालेदार फसलों की खेती के लिए प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत किसानों को सबसिडी पर बीज मुहैया करवाया जाएगा। योजना को अमल में लाने के लिए विभाग द्वारा जिले में 40 हैक्टेयर में उन्नत किस्म की लहसुन की फसल की बिजाई का टारगेट रखा गया है। इसके लिए विभाग द्वारा जिले के किसानों को 50 प्रतिशत सबसिडी पर लहसुन का बीज उपलब्ध करवाया जाएगा। कम हो रही कृषि जोत व महंगाई के कारण खेती किसानों के लिए घाटे का सौदा बन रही है। इसके चलते किसान लगातार कर्ज के दलदल में धंसता जा रहा है। अब किसानों को इस दलदल से बाहर निकालने का बीड़ा बागवानी विभाग ने उठाया है। बागवानी विभाग ने किसानों को परम्परागत खेती से हटकर मसालेदार फसलों की खेती के लिए प्रेरित करने की योजना बनाई है। ताकि किसान परम्परागत खेती

पौधों के पास सुरक्षा के लिए होते हैं सुगंध रूपी अस्त्र व शस्त्र

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कीटों से ज्यादा ताकतवार होते हैं पौधे खाप प्रतिनिधियों ने किसान-कीट विवाद पर किया गहन मंथन नरेंद्र कुंडू  जींद।  किसानों से ज्यादा ताकतवर कीट हैं और कीटों से ज्यादा ताकतवर पौधे हैं। किसानों के लिए कीटों को नियंत्रित करना मुश्किल है लेकिन पौधे कीटों को आसानी से काबू कर लेते हैं। पौधे सुगंध छोड़कर अपनी आवश्यकता के मुताबिक ही कीटों को बुलाते हैं और आवश्यकता पूरी होने पर अलग प्रकार की गंध छोड़कर कीटों को आसानी से भगता देते हैं। यह बात कृषि विभाग के अधिकारी डा. सुरेंद्र दलाल ने मंगलवार को निडाना गांव में किसान-कीट विवाद की सुनवाई के लिए आए विभिन्न खाप प्रतिनिधियों के समक्ष रखी। इस अवसर पर विवाद की सुनवाई के लिए किसान खेत पाठशाला में दलाल खाप के प्रधान एवं कृषि विभाग से सेवानिवृत्त एस.डी.ओ. भूप सिंह दलाल, तोमर खाप के प्रतिनिधि सुरेश कुमार तोमर, गांव मांडोठी (सोनीपत) के सरपंच रामचंद्र तथा एक मासिक पत्रिका के संपादक जसबीर मलिक भी मौजूद थे। बैठक में खाप प्रतिनिधियों ने किसान-कीट विवाद पर गहन मंथन किया। डा. दलाल ने कहा कि पौधों के पास अपनी सुरक्षा के लिए न हाथ-पैर होते हैं और न देखने

सावधान! कहीं आस्था पर भारी ना पड़ जाए लालच की मार

छले वर्ष कुट्टू के आटे से हुई घटनाओं के बाद भी नींद से नहीं जागा प्रशासन नरेंद्र कुंडू जींद। पिछले वर्ष नवरात्रों में कुट्टू के आटे ने जमकर तांडव मचाया था। स्वास्थ्य विभाग विभाग की सुस्ती का खामियाजा हजारों श्रद्धालुओं को भुगतना पड़ा था। पिछले वर्ष कुट्टू का आटा खाने से हुई घटनाओं से इस बार भी जिला प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया है। माता के नवरात्रे शुरू हो चुके हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग गहरी नींद में है। गत वर्ष हजारों को दर्द देने वाला यह आटा इस वर्ष भी बाजार में बिकने के लिए बेताब है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग लकीर का फकीर बना हुआ है। अभी तक प्रशासन ने आटे के सैंपल लेने तक की जहमत नहीं उठाई है। जिला प्रशासन की इस लापरवाही के कारण इस वर्ष भी व्यापारी करोड़ों की चांदी कूटकर हजारों श्रद्धालुओं को जख्म देकर साफ निकल जाएंगे और बाद में विभाग के पास सिर्फ लकीर पिटने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा।  माता के नवरात्रे शुरू हो चुके हैं और जिले में नवरात्रों की तैयारियां जोरों पर हैं। कुट्ट के आटे का बाजार सज चुका है और श्रद्धालुओं ने नवरात्रों के लिए कुट्ट के आटे की खरीदारी भी शुरू कर दी ह

स्टेज तक खींच लाया शौक और जनसमर्थन ने दिया हौंसला

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दर्शकों की कमी के कारण स्टेज से मुहं मोडऩे लगे हैं रामलीला के कलाकार नरेंद्र कुंडू जींद।   शौक उन्हें स्टेज तक खींच लाया और जनसमर्थन ने दिया हौंसला लेकिन अब दर्शकों की कमी के कारण रामलीला के कलाकार रामलीला से मुहं मोडऩे लगे हैं। रामलीला के मंच पर खड़े कलाकारों के लिए मैदान में मौजूद दर्शकों की भीड़ ही एनर्जी का काम करती थी। मैदान में दर्शकों की संख्या जितनी ज्यादा होती थी कलाकार उतने ही अधिक हौंसले के साथ अपने किरदार का मंचन करते थे। मंचन के दौरान दर्शकों की तालियां व किलकारियां कलाकारों के लिए फास्ट रिलिफ का काम करती और कलाकार अपनी सारी थकान को भूलकर पूरी तरह से अपने अभिनय में खो जाते थे। दर्शकों की संख्या जितनी ज्यादा होती थी कार्यक्रम भी उतना ही ज्यादा लंबा होता चला जाता था और कलाकारों को पता ही नहीं चलता था कि कब रात बीती व कब सुबह हुई। लेकिन आधुनिकता के दौर में बढ़ते मनोरंजन के साधनों ने कलाकारों से उनकी यह संजीवनी छीन ली। बदलती मानसिकता व बढ़ते मनोरंजन के साधनों के कारण रामलीला से लोगों का मन हटने लगा। दर्शकों ने रामलीला से ऐसा मन मोड़ा कि कलाकारों के हौंसले जवाब दे गए

ग्रामीण क्षेत्र में खेल प्रतिभाओं को निखारने की कवायद

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पायका योजना के तहत जिले के 49 गांवों में दिए जाएंगे वालीबाल, बास्केटबाल, कुश्तीमैट व वैट ट्रेनिंनग सैट नरेंद्र कुंडू  जींद।  केंद्र सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में छिपी खेल प्रतिभाओं को निखारने के लिए हर वर्ष करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्र से अधिक से अधिक युवाओं को खेल के क्षेत्र में आगे लाने के लिए सरकार द्वारा पंचायत युवा क्रिया (पायका) योजना को धरातल पर उतारा गया है। पायका योजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र के खिलाडिय़ों के लिए सरकार द्वारा हर वर्ष करोड़ों रुपए की खेल कीट मुहैया करवाई जा रही हैं। इस योजना के तहत सरकार द्वारा इस वर्ष जींद जिले के 49 गांवों के लिए खेल कीट मुहैया करवाई गई हैं। जबकि पिछले वर्ष इस योजना के तहत 51 गांवों को खेल कीट मुहैया करवाई गई थी। इन खेल कीटों में वॉलीबाल, बास्केटबाल के पोल सैट, कुश्ती मैट व वैट ट्रेनिंग सैट शामिल हैं। भारत सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में छिपी खेल प्रतिभाओं को निखार कर ग्रामीण आंचल से अच्छे खिलाड़ी तैयार करने के उद्देश्य से पंचायत युवा क्रीड़ा (पायका) योजना शुरू की गई है। सरकार द्वारा इस योजना के तहत ग्र

कृषि के क्षेत्र में भी पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलें महिलाएं

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नरेंद्र कुंडू  जींद।  ललीतखेड़ा गांव में बुधवार को महिला किसान खेत पाठशाला का आयोजन किया गया। पाठशाला में ललीतखेड़ा, निडाना व निडानी की महिलाओं ने भाग लिया। महिलाओं ने कीट निरीक्षण, अवलोकन के बाद कीट बही खाता तैयार किया। इस बार कीट अवलोकन के दौरान महिलाओं ने कपास की फसल में मौजूद लाल बाणिये का भक्षण करते हुए एक नए मासाहारी कीट को पकड़ा।  फसल में कीटों का निरीक्षण करती महिलाएं।  महिलाओं को कीटों के बारे में जानकारी देते पाठशाला के संचालक डा. सुरेंद्र दलाल।  पाठशाला की मास्टर ट्रेनर अंग्रेजो ने महिलाओं को बताया कि अब तक उन्होंने कपास की फसल में सिर्फ लाल बाणिये का खून पीते हुए मटकू बुगड़े को ही देखा था। मटकू बुगड़ा अपने डंके की सहायता से लाल बाणिये का खून पीकर इसके कंट्रोल करता था लेकिन इस बार महिलाओं ने लाल बाणिये का खात्मा करने वाले एक नए मासाहारी कीट की खोज की है। यह कीट इसका खून पीने की बजाए इसको खा कर कंट्रोल कर अपनी वंशवृद्धि करता है। अंग्रेजो ने कहा कि इससे यह बात आइने की तरह साफ है कि कीटों को कंट्रोल करने की जरुरत नहीं है। अगर जरुरत है तो सिर्फ कीटों की पहचान व इ

निडाना में हो रही है एक नई क्रांति की शुरूआत : दलाल

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कीट ज्ञान हासिल करने किसान आयोग के सचिव व जबलपुर यूनिवर्सिटी के पूर्व वाइसचांसलर भी पहुंचे निडाना नरेंद्र कुंडू जींद।  चौ. चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय के भूतपूर्व रजिस्ट्रार एवं हरियाणा किसान आयोग के सचिव डा. आर.एस. दलाल ने कहा कि निडाना के किसानों ने कीट ज्ञान की जो मशाल जलाई है यह देश, कृषि क्षेत्र, विज्ञान, शिक्षा क्षेत्र व मानव के लिए एक नई क्रांति है। प्रकृति के साथ छेड़छाड़ मानव हित में नहीं है, क्योंकि प्रकृति अपना हिसाब-किताब रखती है। डा. दलाल मंगलवार को किसान-कीट विवाद की सुनवाई के लिए निडाना किसान पाठशाला में सर्व खाप पंचायत की बैठक में मौजूद खाप प्रतिनिधियों व किसानों को सम्बोधित कर रहे थे। बैठक की अध्यक्षता सर्व खाप पंचायत के संयोजक कुलदीप ढांडा ने की। इस अवसर पर बैठक में सर्व जातीय सर्व खाप पंचायत के प्रधान नफे सिंह नैन, सर्व खाप के प्रैस प्रवक्ता सूबे सिंह समैन, बूरा खाप के प्रधान हरिनारायण बूरा व जबलपुर यूनिवर्सिटी के भूतपूर्व वाइसचांसलर डा. डी.पी. सिंह भी मौजूद थे।  पाठशाल की शुरूआत कीट अवलोकन, निरीक्षण के साथ की गई। कीट निरीक्षण के बाद किसानों ने कीट बही   

देश को जहर से मुक्ति दिलवाने के लिए लड़ाई लड़ रही हैं महिलाएं

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कीट ज्ञान पैदाकर किसानों को दिखाया है एक नया रास्ता  पांच माह की फसल में एक छटाक भी नहीं किया कीटनाशक का प्रयोग नरेंद्र कुंडू जींद।  महात्मा गांधी ने सत्य,अंहिसा व चरखे को अपना हथियार बनाकर देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी थी। उसी प्रकार ललीतखेड़ा व निडाना की महिलाएं भी बापू के रास्ते पर चलकर देश को जहर से मुक्ति दिलवाने के लिए लड़ाई लड़ रही हैं। इस लड़ाई में विजयश्री के लिए इन महिलाओं ने कीट ज्ञान को अपना हथियार बनाया है। महिलाओं ने कीट विज्ञान के सहारे अपना स्थानीय कीट ज्ञान पैदाकर किसानों को एक नया रास्ता दिखाकर बापू के विचारों और औजारों की सार्थकता को सिद्ध किया है। यह बात बराह कलां बारहा खाप के प्रधान कुलदीप ढांडा ने कीट कमांडो महिलाओं के कीट ज्ञान की प्रशांसा करते हुए कही। ढांडा बुधवार को ललीतखेड़ा गांव में आयोजित महिला किसान पाठशाला में बोल रहे थे।  ढांडा ने महिलाओं की कीट ढुंढऩे की दक्षता व कौशल की महता को स्वीकार करते हुए कहा कि कीटों से महिलाओं का पुरुषों की अपेक्षा ज्यादा वास्ता रहा है। इसके अलावा महिलाएं बारीक काम भी करती रहती हैं। इसलिए भी छोटे-छोटे कीट इनकी पकड़ म

आबकारी विभाग ने शराब ठेकेदारों को दी लूट की खुली छूट

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रात्रि को समय पर नहीं बंद होते शराब के ठेके विभाग के अधिकारियों को नहीं नियमों की जानकारी नरेंद्र कुंडू जींद।  आबकारी विभाग ने शराब ठेकेदारों को लूट की खुली छूट दे रखी है। विभाग द्वारा आबकारी नीति के तहत शराब के न्यूनतम रेट तो तय किए जाते हैं, लेकिन अधिकतम रेट तय करने के लिए कोई प्रावधान नहीं बनाया गया है। अब शराब के न्यूनतम रेट क्या हैं? इसके बारे में भी ग्राहकों को कुछ पता नहीं है। क्योंकि शराब ठेकेदारों द्वारा ठेके के बाहर शराब की बोतल के न्यूनतम रेट की लिस्ट भी नहीं लगाई जाती है। इस प्रकार शराब ठेकेदार आबकारी विभाग की नीति की इस खामी को अपनी ढाल बनाकर खूब चांदी कूटते हैं और शराब की बोतल को कई-कई गुणा रेटों पर बेचा जाता है। इसके अलावा शराब ठेकेदारों द्वारा ठेका खोलने व बंद करने के लिए बनाए गए नियमों की भी खुलेआम धज्जियां उड़ाई जाती हैं। जबकि आबकारी विभाग ने ठेका खोलने व बंद करने के लिए समय सारिणी बनाई हुई है।  प्रदेश सरकार के राजकोष में हर वर्ष अरबों रुपए का राजस्व जमा करवाने वाले आबकारी विभाग द्वारा शराब ठेकेदारों को शराब के ठेके अलाट कर खुलेआम ग्रहाकों की जेबें तरासने का