शौक पूरा के लिए सरकारी नौकरी को मार दी ठोकर
आई.टी.बी.पी. की नौकरी छोड़ मूर्ति निर्माण का कार्य कर रहा है सिवाहा का रोहताश नरेंद्र कुंडू जींद। महंगाई व बेरोजगारी के इस दौर में लोग जहां नौकरी की तलाश में दर-दर की ठोकरें खाते फिरते हैं और अपने शौक के विपरित भी जाकर काम करने को मजबूर हैं, वहीं एक शख्स ऐसा भी है, जिसने अपने शौक को पूरा करने के लिए सरकारी नौकरी को ही ठोकर मार दी। जींद जिले के सिवाहा गांव निवासी रोहताश ने मूर्ति कला के अपने शौक को पूरा करने के लिए आई.टी.बी.पी. की नौकरी छोड़ दी। मूर्ति कला के क्षेत्र में रोहताश का आज कोई शानी नहीं है। अपने शौक को पूरा करने के साथ-साथ रोहताश अपनी कला के दम पर ही अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहा है। 43 वर्षीय रोहताश पिछले 22 वर्षों से मूर्ति निर्माण का कार्य कर रहा है और रोहताश द्वारा निर्मित बहुत सी मूर्तियां तो आज जींद जिले ही नहीं बल्कि जींद जिले से बाहर के मंदिरों की शोभा बढ़ा रही हैं। गांव सिवाहा निवासी रोहताश को पढ़ाई के दौरान मूर्ति निर्माण का शौक लगा था। रोहताश के अंदर छिपे एक मूर्ति कलाकार को निखाकर बाहर न...