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जहरमुक्त खेती को बढ़ाने के लिए जिला प्रशासन तैयार कर रहा एक्शन प्लान

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प्रदेश के किसानों के लिए रोल माडल बनेंगे जींद जिले के किसान निडाना तथा ललितखेड़ा के किसान पढ़ाएंगे कीटों की पढ़ाई नरेंद्र कुंडू जींद।  कीटनाशक रहित खेती को बढ़ावा देने में जींद जिला प्रदेश के किसानों के लिए रोल मॉडल के रूप में उभरेगा। किसानों तथा कीटों के बीच पिछले 4 दशकों से चल रही जंग को समाप्त करने में निडाना और ललितखेड़ा गांव के किसान अहम भूमिक निभाएंगे। निडाना तथा ललित के किसानों द्वारा शुरू की गई इस मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए जिला प्रशासन ने अब इन किसानों का हाथ थाम लिया है। लोगों की थाली को जहरमुक्त करने तथा बेजुबान कीटों को बचाने के लिए अब जिला प्रशासन के सहयोग से निडाना तथा ललितखेड़ा गांव के मास्टर ट्रेनर किसान पूरे जिले में कीटनाशक रहित खेती की अलख जाएंगे। जहरमुक्त खेती की इस मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए जिला प्रशासन ने कृषि विभाग तथा बागवानी विभाग के अधिकारियों के हाथों में इस मुहिम की कमान सौंपने का निर्णय लिया है। किसानों के इस अभियान को सफल बनाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा एक्शन प्लान तैयार किया जा रहा है। जिला प्रशासन जल्द ही इस प्लान पर अमल शुरू करने जा रहा है।

तेजी से ऊपर जा रहा महिला उत्पीडऩ की घटनाओं का ग्राफ

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नरेंद्र कुंडू जींद।  महिलाओं पर बढ़ रहे उत्पीडऩ तथा यौन शोषण की घटनाओं के आगे कानून की तमाम धाराएं तथा सरकार की नीतियां बौनी साबित हो रही हैं। महिलाओं की सुरक्षा के लिए उठाए जा रहे कदमों के बावजूद भी अत्याचार तथा यौन शोषण की घटनाओं पर लगाम लगने के बजाए लगातार ग्राफ ऊपर जा रहा है। जिले में बलात्कार तथा घरेलू ङ्क्षहसा के मामले का आंकड़ा पिछले वर्षों के मुकाबले दोगना हो गया है। वर्ष 2012 में अब तक जिले में 34 बलात्कार के मामले पुलिस ने दर्ज करके 56 आरोपियों को गिरफ्तार किया। इसी तरह महिलाओं पर घरों में हो रहे अन्य अत्याचार के 460 मामले जिला प्रोटैक्शन अधिकारी के पास पहुंचे लेकिन महिलाओं पर बढ़ रहे अत्याचार पर रोक लगाने के लिए ठोस कानून नहीं होने के चलते इस पर लगाम नहीं लग पा रही है। महिला एवं बाल विकास विभाग की तरफ से महिलाओं पर हो रहे अत्याचार रोकने के लिए कानून का प्रचार प्रसार करके जागरूक किया जा रहा है। अभियानों के बावजूद भी लोगों की मानसिकता नहीं बदल पा रही है। घृणित मानसिकता के चलते ही महिलाओं पर घरेलू हिंसा तथा यौवन शोषण के मामले बढ़ रहे हैं। ऐसे में हिंसा का शिकार होने वाली म

पूरे वर्ष प्रदेश के किसानों के लिए मार्गदर्शक बने रहे निडाना व ललितखेड़ा के किसान

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निडाना व ललित खेड़ा के किसानों ने ढुंढ़ा कीटनाशकों का विकल्प  पंजाब जैसे प्रगतिशील प्रदेश के किसानों को पढ़ाया कीटों की पढ़ाई का पाठ नरेंद्र कुंडू जींद।  किसानों में जागरूकता के अभाव के कारण फसलों में अधिक उर्वकों तथा कीटनाशकों के प्रयोग के कारण आज कैंसर, हार्ट अटैक, शुगर, सैक्स सम्बंधि कई लाइलाज बीमारियों ने इंसान को अपनी चपेट में ले लिया है। किसानों को जानकारी नहीं होने के कारण किसान लगातार कीटनाशकों के दलदल में धंसते ही जा रहे हैं लेकिन जिले के निडाना तथा ललितखेड़ा के किसानों ने प्रदेश के किसानों को नई राह दिखाने का काम किया है। एक तरफ जहां किसान फसलों के अधिक उत्पादन की चाह में फसलों में अंधाधुंध कीटनाशकों का प्रयोग कर रहे हैं, वहीं निडाना तथा ललितखेड़ा के किसानों ने बिना कीटनाशकों के अच्छा उत्पादन लेकर प्रदेश ही नहीं अपितू देश के किसानों के लिए एक मिशाल कायम की है। निडाना व ललितखेड़ा के किसानों ने फसलों में पाए जाने वाले शाकाहारी तथा मासाहारी कीटों को कीटनाशकों के विकल्प के रूप में तैयार किया है। कीटनाशकों के विरोध में 2008 में निडाना गांव के गौरे से शुरू हुई यह मुहिम 2

यहां कर्मचारी नहीं खुद तलाशने होते हैं जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र

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6-6 कर्मचारियों की तैनाती के बावजूद यहां सब कुछ राम भरोसे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी यहां की बदइंतजामियों पर रोक लगाने में नाकाम नरेंद्र कुंडू जींद। यहां कर्मचारी नहीं खुद उन लोगों को अपनों के जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र तलाशने होते हैं, जिन्होंने इनके लिए आवेदन किया होता है। यहां 6-6 कर्मचारियों की नियुक्ति के बावजूद सब कुछ राम भरोसे है। कोई किसी का जन्म-मृत्यु प्रमाण  पत्र ले जाए तो यहां के कर्मचारियों की बला से। उन्हें इससे कोई सरोकार नहीं है।  यह कड़वी और चौंकाने वाली सच्चाई है जींद के सामान्य अस्पताल की जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने वाली उस  ङ्क्षवग की, जो सिविल सर्जन से लेकर स्वास्थ्य विभाग के दूसरे अधिकारियों की नाक हर मौके पर कटवाने का काम करती रही है। वीरवार को 'पंजाब केसरी' की टीम ने यहां का मुआयना किया तो यहां इसी तरह का नजारा था जब यहां का बेहद अहम रिकार्ड कार्यालय से बाहर बरामदे में पटक दिया गया था। इस रिकार्ड से लोग अपनों के जन्म और मृत्यु के प्रमाण पत्र खंगालने और तलाशने में लगे हुए थे। यहां प्रमाण पत्र लेने के लिए आए लोगों को कर्मचारियों का काम खु

बेसहारों को नहीं मिल रहा कोई सहारा

अभी तक जिला प्रशासन द्वारा नहीं की गई रैन बसेरों की कोई व्यवस्था  कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे रात गुजारने को मजबूर हैं बेसहारा लोग नरेंद्र कुंडू  जींद। कंपकपाने वाली सर्दी पडऩी शुरू हो गई है लेकिन अभी तक जिला प्रशासन द्वारा बेसहारा लोगों के लिए जिले में कहीं भी रैन बसेरे की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। प्रशासन द्वारा रैन बसेरे की व्यवस्था करना तो दूर की बात अभी तक तो अलाव के लिए भी कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं। जिसके सहारे बेसहारा लोग इस ठंड के मौसम में अपनी रात गुजार सकें। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बावजूद भी जिले में रैन बसेरे की योजना कागजों से बाहर नहीं निकल पाई है। अभी तक तो प्रशासनिक अधिकारी सिर्फ रैन बसेरों की व्यवस्था की योजना पर विचार ही कर रहे हैं। प्रशासनिक अधिकारियों की इस लापरवाही के चलते कड़ाके की ठंड में बेसहारा लोग खुले आसमान के नीचे ही रात गुजारने को मजबूर हैं। बेसहारा लोगों को सर्दी से बचाने के लिए उनके रात्रि ठहराव के लिए पिछले वर्ष सुप्रीम कोर्ट ने रैन बसेरों और अलाव के इंतजाम के आदेश जारी किए थे। ताकि ठंड के मौसम में बेसहारा लोगों को आसरा मिल सके और

टपका सिंचाई की तरफ नहीं बढ़ रहा किसानों को रूझान

किसानों की बेरूखी के कारण टारगेट पूरा नहीं कर पाया बागवानी विभाग नरेंद्र कुंडू जींद। जिला बागवानी विभाग लाख प्रयासों के बावजूद भी जिले के किसानों का रूझान टपका सिंचाई (ड्रिप सिस्टम) की तरफ आकॢषत नहीं कर पाया है। किसानों की बेरूखी के चलते बागवानी विभाग अपने ड्रिप सिस्टम के टारगेट के नजदीक भी नहीं पहुंच पाया है। इस प्रकार जिला बागवानी विभाग द्वारा टारगेट को पूरा नहीं कर पाने के कारण विभाग की जल संरक्षण की मुहिम को बड़ा झटका लगा है।  किसानों द्वारा कृषि कार्यों में पानी के अंधाधुंध दोहन के कारण गिरते भूजल स्तर को रोकने के लिए बागवानी विभाग ने जल संरक्षण के लिए एक खास योजना तैयार की थी। इसके लिए विभाग द्वारा किसानों को कृषि कार्यों में टपका सिंचाई का प्रयोग करने के लिए प्रेरित किया जाना था। अधिक से अधिक किसानों को ड्रिप सिस्टम के प्रति आकर्षित करने के लिए विभाग द्वारा किसानों को ड्रिप सिस्टम पर 90 प्रतिशत सबसिडी दी जा रही है। ताकि अधिक से अधिक किसान टपका सिंचाई को अपना कर पानी की बचत कर सकें और अच्छी पैदावार ले सकें। योजना को सफल बनाने के लिए विभाग की तरफ से जिला बागवानी विभाग को

स्मार्ट कार्ड के नाम पर हो रही लूट

फार्म भरने की एवज में डिपो होल्डर उपभोक्ताओं से वसूल रहे हैं फीस नरेंद्र कुंडू जींद। डिपो होल्डरों द्वारा स्मार्ट कार्ड बनाने के नाम पर लोगों के साथ जमकर लूट की जा रही है। डिपो होल्डर उपभोक्ता से फार्म भरने की एवज में पैसे वसूल रहे हैं लेकिन उपभोक्ताओं को खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की स्मार्ट कार्ड की योजना की पूरी प्रक्रिया के बारे में जानकारी नहीं होने के चलते उपभोक्ता चुपचाप डिपो होल्डर की जालसाजी का शिकार हो रहे हैं। हालांकि खाद्य एवं आपूॢत विभाग द्वारा स्मार्ट कार्ड बनाने का कार्य प्राइवेट कंपनी को ठेके पर दिया हुआ है और स्मार्ट कार्ड के लिए फार्म भरने की जिम्मेदारी भी खाद्य एवं आपूर्ति विभाग तथा संबंधित कंपनी की ही है। डिपो होल्डर के पास फार्म भरने की आथोरिटी नहीं है लेकिन खाद्य एवं आपूॢत विभाग द्वारा स्मार्ट कार्ड के इस कार्य में केवल मदद के तौर पर डिपो होल्डर को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है और डिपो होल्डर विभाग की मदद करने की आड में लोगों की जेबें तरास रहे हैं। जबकि विभाग द्वारा स्मार्ट कार्ड के लिए फार्म भरने की कोई फीस ही निर्धारित नहीं की गई है। विभाग द्वारा उपभोक्ताओं के

सरकार के चहेतों ने बिगाड़ी जाट आंदोलन की चाल

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मुख्यमंत्री पर लगाए खाप प्रतिनिधियों की लाबिंग के आरोप नरेंद्र कुंडू जींद। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के प्रदेशाध्यक्ष धर्मपाल छोत ने कहा कि सरकार के चहेतों ने जाट आंदोलन की चाल बिगाड़ी है। प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने खाप के कुछ प्रतिनिधियों को अपना प्यादा बनाकर पहले से ही आंदोलन के इस चक्रव्यहू को तोडऩे की पूरी प्लाङ्क्षनग तय कर रखी थी। छोत ने हुड्डा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने 13 सितम्बर को नरवाना के दनौदा गांव के ऐतिहासिक चबूतरे पर हुए सर्व जाट खाप की पंचायत के बाद से ही खाप प्रतिनिधियों की लाबिंग करनी शुरू कर दी थी। ताकि समय आने पर आंदोलन को बीच में ही बाधित करवाया जा सके। छोत ने सर्व जाट खाप के प्रधान नफे ङ्क्षसह नैन व समिति के पूर्व जरनल सैक्रेटरी कुलदीप ढांडा पर आरोप लगाते हुए कहा कि आंदोलन की बागडोर ऐसे नेताओं को हाथों में सौपी गई थी जो मुख्यमंत्री के काफी करीबी थे। उन्हें तो पहले ही इन पर विश्वास नहीं था। छोत ने पंजाब केसरी से विशेष बातचीत में कहा कि खाप प्रतिनिधियों ने अपने निजी स्वार्थों व मुख्यमंत्री के दरबार में अपने नंबर बना

सुविधाओं के अभाव में बिगड़ रही कलाकारों के कैरियर की लय

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सोनू निगम ने जींद की धरती से ही शुरू किया था कैरियर का पहला पड़ाव नरेंद्र कुंडू जींद।  जींद जिला विकास के क्षेत्र में ही नहीं बल्कि संगीत के क्षेत्र में भी पिछड़ चुका है। जिले में संगीत के उभरते कलाकारों को अच्छा प्लेटफार्म नहीं मिलने के कारण कलाकारों के कैरियर की लय बिगड़ रही है। बिना सुर-ताल के जिले के कलाकारों का जीवन रूपी राग बेसुरा हो रहा है। हालांकि संगीत की दुनिया में जींद जिले का विशेष महत्व है और जिले के कई गांवों के नाम संगीत के रागों व तालों के नाम पर ही रखे गए हैं। इसके अलावा संगीत के आसमान पर सोनू निगम जैसे चमकते सितारे ने भी अपने कैरियर का पहला पड़ाव जींद की धरती से ही शुरू किया था। जींद के इतिहास में संगीत रचा-बसा हुआ है लेकिन सुविधाओं के अभाव के कारण संगीत के कई उभरते सितारे टूट कर बिखर चुके हैं।  निगम ने जींद की धरती से ही शुरू किया था जीवन का पहला पड़ाव।  लगभग 4 दशक पहले जींद के रॉयल क्लब द्वारा लोगों के मनोरंजन के लिए हर वर्ष जींद में एक बड़े कार्यक्रम का आयोजन किया जाता था। इस कार्यक्रम में हर वर्ष देश के बड़े-बड़े कलाकारों को आमंत्रित किया जाता था। सोनू

एस.एस.ए. की योजना पर लगा बजट के अभाव का ग्रहण

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बजट के अभाव के कारण नहीं हो सका पेरैंट्स अवेयरनैस कैंपों का आयोजन नरेंद्र कुंडू जींद।   सर्व शिक्षा अभियान द्वारा विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को समाज की मुख्य धारा से जोडऩे के लिए उनके अभिभावकों को जागरूक करने के लिए शुरू की गई योजना पर बजट के अभाव का ग्रहण लग गया है। बजट के अभाव के कारण एस.एस.ए. विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के अभिभावकों के लिए अभी तक जागरूकता कैंप नहीं लगा पाया है। जबकि विभागीय आदेशों के अनुसार यह कैंप 15 दिसम्बर तक आयोजित किए जाने थे। डिफैंस कॉलोनी स्थित एस.एस.ए. का कार्यालय। विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के अच्छे लालन-पालन तथा उनको प्रोत्साहित कर समाज की मुख्य धारा से जोडऩे के लिए सर्व शिक्षा अभियान द्वारा उनके अभिभावकों के लिए जागरूकता कैंप लगाने की योजना तैयार की गई थी। एस.एस.ए. द्वारा तैयार की गई इस योजना के तहत खंड स्तर पर इन कैंपों का आयोजन किया जाना था। इसके लिए हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद् के स्टेट परोजैक्ट डायरेक्टर द्वारा एस.एस.ए. के सभी जिला परियोजना अधिकारियों को 3 दिसंबर को पत्र जारी कर कैंपों के आयोजन के निर्देश दिए गए थे। स्टेट परोजैक्ट डाय

सबसिडी के नाम पर लुट रहे किसान

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सबसिडी के बाद भी बाजार से महंगे भाव पर मिल रहा है बीज नरेंद्र कुंडू जींद।  उद्यान विभाग द्वारा सबसिडी के नाम पर प्रदेश के किसानों के साथ जमकर लूट की गई है। एक तरफ तो उद्यान विभाग किसानों को मसालेदार खेती के प्रति प्रेरित करने के  लिए सबसिडी पर लहसुन का बीज मुहैया करवाने का ङ्क्षढढोरा पीट रहा है लेकिन दूसरी तरफ विभाग द्वारा किसानों को सबसिडी देने के बाद भी बाजार से महंगे भावों पर लहसुन का बीज दिया गया है। विभाग द्वारा किसानों को बाजार से 400 से 500 रुपए प्रति ङ्क्षक्वटल महंगे भाव पर बीज दिया गया है। इस प्रकार विभागीय अधिकारियों ने इस दोहरी नीति के कारण प्रदेश के किसानों की जेब पर जमकर डाका डाला है।     उद्यान विभाग कार्यालय में रखा बचा हुआ लहसून का बीज।  उद्यान विभाग ने प्रदेश के किसानों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ करने के लिए परम्परागत खेती के अलावा मसालेदार खेती के प्रति आकॢषत करने के लिए 50 प्रतिशत सबसिडी पर लहसुन का बीज मुहैया करवाने की योजना तैयार की थी। विभाग ने अपनी इस योजना के तहत प्रदेश के किसानों के लिए लगभग 5 हजार ङ्क्षक्वटल लहसुन का बीज खरीदकर सभी जिलों के उद्यान अध

सोलर लालटेन बनी उपभोक्ताओं के गली की फांस

घटिया बैटरी के कारण जल्द ही बुझ गए अक्षय ऊर्जा विभाग के शिक्षा दीप नरेंद्र कुंडू जींद।  अक्षय ऊर्जा विभाग द्वारा लोगों को रियायती दर पर बेची गई सोलर लालटेन अब उनके लिए गले की फांस बन गई हैं। सोलर लालटेन की खरीद-फरोखत में विभाग द्वारा की गई लापरवाही का खामियाजा अब उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है। कंपनी द्वारा विभाग को नकली बैटरी वाली सोलर लालटेन सप्लाई करने के कारण ये अक्षय ऊर्जा विभाग की लालटेन जल्द ही बुझ गई हैं। इस प्रकार सोलर लालटेन सप्लाई करने वाली कंपनी ने जहां नकली बैटरी वाली सोलर लालटेन विभाग को देकर विभाग को करोड़ों रुपए का चूना लगाया है, वहीं अब रियायती दर पर सोलर लालटेन खरीदने वाले उपभोक्तओं को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जेब से पैसे खर्च करने के बाद भी उपभोक्ताओं को सोलर लालटेनों को ठीक करवाने के लिए अक्षय ऊर्जा विभाग कार्यालय के चक्कर काटने पड़ रहे हैं लेकिन अक्षय ऊर्जा विभाग के कार्यालय पर भी उपभोक्ताओं की परेशानी का समाधान नहीं हो रहा है। अक्षय ऊर्जा विभाग के अधिकारी कार्यालय में आने वाले उपभोक्ताओं को विभाग के उच्चाधिकारियों की तरफ से निर्देश मिलने की बा

सर्दी के साथ ही गौतस्करों ने दी दस्तक

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गौतस्करी को रोकने के लिए जिला प्रशासन द्वारा नहीं उठाए जा रहे हैं ठोस कदम पिल्लूखेड़ा में तस्करी को अंजाम देते वक्त गौतस्करों ने गौरक्षकों पर बोला हमला नरेंद्र कुंडू जींद।  सर्दी की शुरूआत के साथ ही जिले में गौतस्करों ने भी दस्तक दे दी है। इसके लिए गौतस्करों ने जींद जिले को अपना निशाना बनाया है लेकिन जिला प्रशाासन ने अभी तक गौतस्करी को रोकने के लिए अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं। जिला प्रशासन की लचर कार्यप्रणाली के कारण ही गौरक्षक दल के सदस्य अपनी जानी की बाजी लगाकार गौतस्करी को रोकने के प्रयास में जुटे हुए हैं। जिला प्रशासन के सुस्त रवैये के कारण ही जिले में गौतस्करों के हौंसले इतने बुलंद हो चुके हैं कि वह उनका पीछा करने वालों को खुले में चुनौति देने से पीछे नहीं हटते हैं। ऐसा ही मामला सोमवार रात्रि पिल्लूखेड़ा कस्बे में सामने आया जब गौतस्करों ने पीछा कर रहे गौरक्षक दल के सदस्यों पर हमला कर घायल कर दिया। इस दौरान गौतस्करों ने गौरक्षक दल के सदस्यों की गाड़ी टाटा 407 को टक्कर मारकर क्षतिग्रस्त कर दिया और मौके से फरार हो गए।  गुरूकुल कालवा तथा राष्ट्रीय गौशाला धड़ौली के गौ

विवाह-शदियों के सीजन में बढ़ी नोटों की कालाबाजारी

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नोटों के कारोबार से जुड़े लोग सरेआम उड़ा रहे हैं आर.बी.आई. के नियमों की धज्जियां नरेंद्र कुंडू जींद।  विवाह-शादियों के सीजन के चलते इन दिनों शहर में नए नोटों की कालाबाजारी जोरों पर है। नोटों के कारोबार से जुड़े लोग सरेआम भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। इस कारोबार से जुड़े लोग नोटों की कालाबाजारी के साथ-साथ करंसी को भी खराब करने पर तुले हुए हैं।   स्टैपल करके बनाई गई नोटों की माला दुकानों के आगे लगी हुई। विवाह-शदियों के दौरान नए नोटों की कालाबाजारी को रोकने तथा करंसी को खराब होने से बचाने के लिए आर.बी.आई. ने देश के सभी बैंकों को आदेश जारी किए हुए हैं कि नोटों को स्टैपल नहीं किया जा सकता और न ही नोटों पर किसी भी प्रकार का पदार्थ लगाया जा सकता है लेकिन नोटों के कारोबार से जुड़े लोग खुलेआम आर.बी.आई. के नियमों को ठेंगा दिखा रहे हैं। दुकानदार आर.बी.आई. के नियमों के विपरित जाकर नोट को स्टैपल करने से लेकर उसे धागे में पिरोकर माला बनाने का कार्य कर रहे हैं। जबकि आर.बी.आई. के कायदे कानूनों के अनुसार यह एक दंडनीय अपराध है। इससे न केवल नोट फट जाते है