गुरुवार, 10 जनवरी 2019

हरियाणा की सियायत में हर बार कांग्रेस के लिए तारणहार बने रणदीप सुरजेवाला

पांचवीं बार आमने-सामने होगा चौटाला व रणदीप परिवार
एक मंच पर दिखे कांग्रेस दिग्गिज, पर साथ निभाने पर दारमदार 

जींद, 10 जनवरी (नरेंद्र कुंडू):-  जब-जब भी कांग्रेस मुश्किल दौर से गुजरी है तब-तब रणदीप सिंह सुरेजवाला कांग्रेस के लिए तारणहार बनकर आए हैं। रणदीप सिंह सुरजेवाला ने हर बार मुश्किल की घड़ी में कांग्रेस की नैया को मझधार से निकाल कर पार लगाने का काम किया है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के शासन काल में गुरुग्राम में हुए मारुती कांड के दौरान उठे बवाल के दौरान रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इस विवाद को निपटा कर कांग्रेस की शाख को बचाने का काम किया था। मारुती कांड के दौरान काफी बड़ा बवाल गुरुग्राम में हुआ था और उद्योगिक क्षेत्रों ने यहां से पलायन का निर्णय ले लिया था। इसके बाद जाट आरक्षण के दौरान भी हरियाणा में कांग्रेस को काफी विदोह का सामना करना पड़ा था। जगह-जगह जाटों ने आंदोलन शुरू करते हुए धरने-प्रदर्शन किए थे। इसके चलते रेलवे टै्रक तक जाम हो गए थे। जाट आंदोलन के दौरान बसें ही नहीं ट्रेनों के पहिए तक थम गए थे। जाट आंदोलन के दौरान भी रणदीप सिंह सुरजेवाला कांग्रेस के लिए संकट मोचन के रूप में सामने आए थे। जाट आंदोलन को निपटाने में रणदीप सिंह सुरजेवाला की अहम भूमिका थी। वहीं 2014 में चुनाव के बाद जब देश में भाजपा सत्ता पर काबिज हुई थी और कांग्रेस चारों खाने चित होकर सिकुडऩे लगी थी उस दौरान भी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कांग्रेस में प्राण फूंकने का काम किया था। रणदीप सिंह सुरजेवाला ने गत दिनों दूसरे प्रदेशों में हुए चुनाव में भी अच्छी भूमिका निभाने का काम किया था। अब जब जींद उपचुनाव में कांग्रेस को कोई भाजपा व जजपा को टक्कर देने के लिए कोई मजबूत चेहरा नहीं मिल रहा था तो भी रणदीप सिंह सुरजेवाला इस संकट की घड़ी में कांग्रेस के लिए तारणहार बनकर सामने आए हैं। रणदीप सिंह सुरजेवाला के चुनावी मैदान में आने के बाद इस उपचुनाव के समीकरण बदल गए हैं। कांग्रेसी नेताओं में फुट के कारण हरियाणा में बदनाम हो चुकी कांग्रेस को इस उपचुनाव में रणदीप सिंह सुरजेवाला ने संजीवनी देने का काम किया है। रणदीप ङ्क्षसह के मैदान में आने से कांग्रेस के सभी दिग्गज एक मंच पर आ गए हैं।

एक मंच पर दिखे कांग्रेस दिग्गिज, पर साथ निभाने पर दारमदार

रणदीप सिंह सुरजेवाला के मैदान में आने के बाद कांग्रेस के दिग्गज नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कैप्टन अजय यादव, कुमारी सैलजा, किरण चौधरी, कुलदीप बिश्रोई, प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर सभी एक मंच पर आ गए हैं। रणदीप सिंह के नामांकन दाखिल करवाने के लिए सभी दिग्गज नेता वीरवार को यहां पहुंचे थे लेेकिन यह सभी दिग्गज साथ निभाने के लिए कितने कारगर साबित होंगे यह समय बताएगा।

पांचवीं बार आमने-सामने होगा चौटाला-रणदीप परिवार

चौटाला परिवार व रणदीप सिंह सुरजेवाला का 36 का आंकड़ा रहा है। इस जींद विधानसभा उपचुनाव में चौटाला परिवार व रणदीप सिंह सुरजेवाला परिवार पांचवीं बार आमने-सामने होगा। इससे पहले 1993 में रणदीप सिंह सुरजेवाला के पिता शमशेर सिंह सुरजेवाला को राज्यसभा में भेजे जाने के कारण नरवाना विधानसभा सीट खाली हो गई थी। इसके चलते वहां उपचुनाव हुआ था। इसमें इनैलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला व रणदीप सिंह सुरजेवाला आमने-सामने हुए थे। इस उपचुनाव में रणदीप हार गए थे और ओमप्रकाश चौटाला विजयी हुए थे। इसके बाद 1996 में हुए विधानसभा चुनाव में रणदीप सिंह व ओमप्रकाश चौटाला फिर आमने-सामने हुए। इस बार बाजी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मारी ली और ओमप्रकाश चौटाला को हार का मुंह देखना पड़ा। इसके बाद 2000 में हुए विधानसभा चुनाव में ओमप्रकाश चौटाला ने जीत हासिल की और रणदीप सिंह यह चुनाव हार गए थे। 2005 में ओमप्रकाश चौटाला व रणदीप सिंह सुरजेवाला फिर आमने-सामने हुए थे। 2005 में ओमप्रकाश चौटाला के मुख्यमंत्री होने के दौरान रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ओमप्रकाश चौटाला को हराने का काम किया था। अब 2019 में जींद विधानसभा के उपचुनाव में ओमप्रकाश चौटाला के पौत्र दिग्विजय चौटाला व रणदीप सिंह सुरजेवाला का आमना-सामना हुआ है। अब देखना यह है कि चौटाला परिवार व रणदीप ङ्क्षसह सुरजेवाला के बीच इस मुकाबले में बाजी किसके हाथ लगती है।

दिग्विजय चौटाला का नामांकन भरवाते सांसद दुष्यंत चौटाला। 

नामांकन दाखिल करवाने के बाद बाहर आते रणदीप सुरजेवाला। 






नामांकन भरने के दौरान खूब चले सियासी तीर

कांग्रेस और जजपा ने बढ़ाई भाजपा की मुश्किलें
शहरी व गांव की पृष्टभूमि में उलझी सियासत

जींद, 10 जनवरी (नरेंद्र कुंडू):- आगामी 28 जनवरी को जींद में होने वाले विधानसभा के उपचुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने अपनी कमर कस ली है। वीरवार को नामांकन दाखिल करवाने का अंतिम दिन होने के कारण इनैलो, कांग्रेस और जजपा ने भी अपने चुनावी घोड़े मैदान में उतार दिए। जींद उपचुनाव को आगामी विधानसभा का सैमीफाइनल माना जा रहा है। इसी के चलते सभी राजनीतिक दलों ने अपनी पूरी ताकत इस उपचुनाव में झौंक दी है। कांग्रेस व जजपा ने अपनी प्रतिष्ठा को बचाने के लिए बड़े चेहरों को आगे कर दिया है। कांग्रेस ने राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला को अपना उम्मीदवार बनाया है तो जजपा ने भी अपनी लहर को बरकरार रखने के लिए इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय चौटाला को युवा चेहरे के तौर पर मैदान में उतारा है। कांग्रेस व जजपा ने जींद उपचुनाव में बड़े चेहरों को मैदान में उतार कर भाजपा की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। वहीं इनैलो ने जिला परिषद के उपप्रधान उम्मेद सिंह रेढ़ू को अपने प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतारा है। कांग्रेस व जजपा द्वारा बड़े चेहरे मैदान में उतारने के बाद लोगों की नजरें अब सबसे ज्यादा जजपा व कांग्रेस पर टिकी हुई हैं। वीरवार को सभी राजनीतिक दलों ने अपने-अपने उम्मीदवारों के नामांकन दाखिल करवा दिए। नामांकन दाखिल करवाने के दौरान राजनीतिक दलों के बीच जमकर सियासत के तीर चले। नेताओं ने एक-दूसरे पर जमकर निशाना साधा। पूरा दिन शहर में राजनीति का माहौल गर्म रहा। राजनीतिक दलों के शक्ति प्रदर्शन के कारण जींद शहर पूरी तरह जाम हो गया। 

परिवारिक राजनीति को बढ़ावा दे रहा है दुष्यंत : अभय चौटाला

इनैलो नेता अभय सिंह चौटाला ने कहा कि जींद उपचुनाव जींद की जनता की लड़ाई है। इसलिए हमनें अपना उम्मीदवार जींद से ही उतारा है। हमारा उम्मीदवार साधारण है व ग्रामीण पृष्ठभूमि से जुड़ा हुआ है लेकिन कांग्रेस के पास चुनाव लडऩे के लिए कोई चेहरा नहीं था। इसलिए कांग्रेस ने कैथल से उम्मीदवार को एम्पोर्ट किया है। वहीं जजपा के पास भी कोई प्रत्याशी नहीं था। इसलिए उन्होंने जींद के उम्मीदवार पर भरोसा करने की बजाए अपने परिवार के सदस्य को ही राजनीति में आगे बढ़ा दिया। दुष्यंत खुद सांसद हैं, उनकी मां एमएलए है लेकिन इसके बाद भी उनकी तृप्ति नहीं हो रही है। दुष्यंत केवल अपने परिवार की राजनीति को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। यह सेल्फिश लोग हैं। जींद की जनता बाहरी उम्मीदवार को वोट नहीं देगी। इनैलो इस उपचुनाव में भारी बहुमत से चुनाव जीतेगी। 

भाजपा की ए-बी टीम है इनैलो व जजपा : रणदीप 

कांग्रेस प्रत्याशी एवं कैथल के विधायक रणदीप सिंह सुरजरेवाला ने कहा कि जींद उपचुनाव से खट्टर सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। इनैलो व जजपा तो भाजपा की ही ए-बी टीम हैं। यह दोनों दल विकास की बात नहीं करते हैं। यह केवल मारने-काटने व जलाने की बात करते हैं। इन्होंने अपने शासन काल में तानाशाही को बढ़ावा दिया है। सत्ता में रहते हुए इन्होंने कभी भी जींद के विकास की तरफ ध्यान नहीं दिया। जींद की जनता बाहरी उम्मीदवार को वोट नहीं देगी। जींद की जनता के निर्णय के आगे सभी को सिर झुकाना पड़ेगा। जींद के विकास के लिए कांग्रेस ने उन्हें यहां भेजा है। वह उपचुनाव में जीत दर्ज करवा कर जींद में विकास कार्यों की झड़ी लगाने का काम करेंगे। 

मोदी, राहुल वर्सीज दिग्विजय बना जींद उपचुनाव : दुष्यंत

सांसद दुष्यंत चौटाला ने कहा कि जींद उपचुनाव में जननायक जनता पार्टी से अपना उम्मीदवार इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय सिंह चौटाला को बनाया है। पार्टी की कोर कमेटी ने दिग्विजय सिंह चौटाला के नाम पर अपनी सहमति जताई। इससे पहले पार्टी कार्यकर्ताओं से भी उम्मीदवार को लेकर राय ली गई थी। यह उपचुनाव निश्चित रूप से जेजेपी जीतेगी और इतिहास रचेगी। भाजपा और कांग्रेस इस उपचुनाव को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के स्तर का चुनाव मान कर अपने प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतरा है। चौ. देवीलाल की कर्मभूमि रही जींद की इस धरा से  दिग्विजय सिंह चौटाला पार्टी के विजयी अभियान की शुरूआत करेंगे और प्रदेश में 2019 में अगली सरकार जेजेपी पार्टी की होगी। जींद उपचुनाव नरेंद्र मोदी, राहुल गांधी वर्सीज दिग्विजय का चुनाव बन गया है। चाहे महम, उचाना या नरवाना का चुनाव हो हमारे परिवार ने हमेशा ही चुनौती देकर चुनाव लड़ा है। हमारी रगों में भी देवीलाल का खून है इसलिए हमनें इस चुनाव को चुनौती के तौर पर स्वीकार करते हुए दिग्विजय को मैदान में उतारा है।

भाजपा ने बदले राजनीति के मायने : बराला

भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला ने कहा कि भाजपा ने सत्ता में आने के बाद राजनीति के मायने ही बदल दिए हैं। इससे पहले प्रदेश में कांग्रेस या इनैलो दोनों दलों की सरकार रहती थी। नौकरियों में भाई-भतीजावाद को बढ़ावा मिलता था। भ्रष्टाचार का बोलबाला रहता था लेकिन भाजपा ने सत्ता में आने के बाद भाई-भतीजावाद व भ्रष्टाचार को खत्म कर विकास की तरफ जोर दिया है। सभी जिलों में बिना भेदभाव के विकास कार्य करवाए हैं। इस उपचुनाव में जींद की जनता विकास कार्यों पर मोहर लगाकर भाजपा को जिताने का काम करेगी। 

कांग्रेस व जजपा ने बढ़ाई भाजपा की मुश्किलें

जींद उपचुनाव में कांग्रेस व जजपा ने बड़े चेहरों को आगे कर भाजपा की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। भाजपा ने उम्मीदवारों की लंबी फेहरिस्त में से इनैलो छोड़कर भाजपा में शामिल हुए डॉ. कृष्ण मिढ़ा को अपना प्रत्याशी बनाया है। वहीं कांग्रेस व जजपा ने इस उपचुनाव में अपनी जीत पक्की करने के लिए बड़े चेहरों पर दाव खेला है। कांग्रेस ने राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी एवं कैथल के विधायक रणदीप सिंह सुरजेवाला को आगे कर बड़ा दाव खेल दिया है। रणदीप सिंह सुरजेवाला की कांग्रेस पर अच्छी पकड़ है। कई धड़ों में बटी कांग्रेस रणदीप सिंह के नाम पर एकजुट हो गई है। रणदीप सिंह सुरजेवाला के नाम की घोषणा के साथ ही कांग्रेस के सभी दिग्गज नेताओं को एक मंच पर आना मजबूरी हो गया है। वहीं जजपा ने भी इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय सिंह चौटाला को युवा चेहरे के तौर पर मैदान में उतारा है। दिग्विजय चौटाला का भी युवा वर्ग में अच्छा जनाधार है। कांग्रेस व जजपा द्वारा बड़े चेहरे मैदान में उतारे जाने के कारण भाजपा की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। 

शहरी व ग्रामीण की पृष्टभूमि पर बिछी सियासत की बिसात

जींद उपचुनाव में शहरी व ग्रामीण की पृष्ठभूमि पर सियासत की बिसात बिछी है। भाजपा के उम्मीदवार डॉ. कृष्ण मिढ़ा व लोकतंत्र सुरक्षा मंच के उम्मीदवार विनोद आशरी शहरी पृष्ठभूमि से हैं और इन दोनों उम्मीदवारों की शहरी क्षेत्र में अच्छी पकड़ है। वहीं जजपा के उम्मीदवार दिग्विजय चौटाला, कांग्रेस के उम्मीदवार रणदीप सिंह सुरजेवाला का ग्रामीण क्षेत्र में अच्छी पकड़ है। इनैलो का उम्मीदवार उम्मेद सिंह रेढू ग्रामीण क्षेत्र से है। 

रणदीप सिंह सुरजेवाला के नामकांन के लिए पहुंचे कांग्रेस के दिग्गज नेता।

अपने उम्मीदवार का नामांकन भरने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते अभय चौटाला। 

नामांकन दाखिल करने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते दिग्विजय चौटाला। 






राजनीतिक दलों ने नामांकन भरने से पहले शहर में किया शक्ति प्रदर्शन


भाजपा से डॉ. कृष्ण मिढ़ा, जजपा से दिग्विजय चौटाला, कांग्रेस से रणदीप सिंह सुरजेवाला व अंशुल सिंगला ने निर्दलिय के तौर पर किया नामांकन

जींद, 10 जनवरी (नरेंद्र कुंडू):-  आगामी 28 जनवरी को जींद उपुचनाव के लिए उम्मीदवारों की घोषणा के साथ ही जींद में सियासत का पारा चढ़ गया है। 10 जनवरी को नामांकन का अंतिम दिन होने के चलते सभी राजनीतिक दलों ने नामांकन से पहले शहर में अपना शक्ति प्रदर्शन किया और शक्ति प्रदर्शन के बाद लघु सचिवालय में पहुंच कर अपना नामांकन भरा। नामांकन प्रक्रिया के दौरान किसी प्रकार की कोई अव्यवस्था नहीं हो इसके लिए प्रशासन द्वारा पुख्ता प्रबंध किए गए थे। इसके लिए प्रशासन की तरफ से दो ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किए गए है। जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी राजेश कौथ तथा खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी नरवाना राजेश टिवाना को ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया। वहीं गोहाना रोड से लघु सचिवालय को आने वाले रास्ते पर बैरिगेट्स लगाए गए थे। उम्मीदवार के अलावा अन्य किसी भी वाहन को लघु सचिवालय में जाने की अनुमति नहीं थी। 10 जनवरी को नामांकन के अंतिम दिन भाजपा के उम्मीदवार डॉ. कृष्ण मिढ़ा, जजपा के उम्मीदवार दिग्विजय चौटाला, कांग्रेस के उम्मीदवार रणदीप सिंह सुरजेवाला, इनैलो से जिला परिषद के उपप्रधान उम्मेद सिंह रेढ़ू ने अपना नामांकन दाखिल करवाया। वहीं कांग्रेस की टिकट पर दावेदारी जताने वाले पूर्व मंत्री बृजमोहन सिंगला के पुत्र अंशुल सिंगला ने भी निर्दलिय प्रत्याशी के तौर पर अपना नामांकन दाखिल किया। नामांकन दाखिल करने से पूर्व भाजपा प्रत्याशी डॉ. कृष्ण मिढ़ा ने शहर के रानी तालाब से लेकर लघु सचिवालय तक भारी काफिले के साथ शक्ति प्रदर्शन किया। इस दौरान उनके साथ भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला, प्रदेश के शिक्षा मंत्री रामबिलाश शर्मा, सोनीपत के सांसद रमेश कौशिक, परिवहन मंत्री कृष्ण पवार, उचाना विधायक प्रेमलता, जिलाध्यक्ष अमरपाल राणा सहित पार्टी के कई अन्य पदाधिकारी भी साथ थे। वहीं रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कांग्रेस भवन से लेकर लघु सचिवालय तक अपना शक्ति प्रदर्शन किया। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कुमारी शैलजा, कुलदीप बिश्रोई, किरण चौधरी, पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल, कैप्टन अजय यादव सहित कांग्रेस के कई दिग्गज नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला का नामांकन दाखिल करवाने पहुंचे। इनैलो प्रत्याशी उम्मेद सिंह रेढ़ू का नामांकन करवाने के लिए नेता प्रतिपक्ष अभय चौटाला, अशोक अरोड़ा, बसपा के प्रदेश प्रभारी प्रकाश भारती सहित अन्य कई पदाधिकारी मौजूद रहे। वहीं जजपा के प्रत्याशी दिग्विजय का नामांकन दाखिल करवाने के लिए सांसद दुष्यंत चौटाला, प्रदेशाध्यक्ष निशान सिंह, केसी बांगड़ सहित पार्टी के अन्य सभी वरिष्ठ पदाधिकारी साथ मौजूद रहे।   

माटी का कर्ज उतारने के लिए पार्टी ने दिया मौका

जींद का उपचुनाव जींद के विकास के लिए लड़ा जाएगा। यह चुनाव हरियाणा में नई बयार का चुनाव है। जींद की जनता के आशीर्वाद से जींद को विकास के रास्ते पर आगे बढ़ाने का काम किया जाएगा। जींद उपचुनाव से खट्टर सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। कैथल, हिसार, भिवानी, रोहतक की तर्ज पर जींद का विकास करवाया जाएगा। इनैलो व जजपा खट्टर सरकार की ए-बी टीम हैं। यह दोनों पार्टी हरियाणा के विकास की बजाए तानाशाही, तोडफ़ोड़, मारने-काटने की बाते करती हैं। वहीं भाजपा सरकार ने भी हरियाणा को जलाने का काम किया है। कांग्रेस पार्टी ने जींद की माटी का कर्ज उतारने के लिए उन्हें मौका दिया है। वह जींद की जनता के आशीर्वाद से इस चुनाव में जीत दर्ज करवा कर जींद के विकास के लिए कार्य करेंगे।
रणदीप सिंह सुरजेवाला, उम्मीदवार कांग्रेस पार्टी

जींद की जनता 10 माह के लिए मुझ पर विश्वास करके देखे

जींद की धरती को राजनीति का गढ़ माना जाता है। उन्होंने अपनी पार्टी की घोषणा भी जींद की धरती से ही की थी। यह चुनाव उनका पहला चुनाव है इसलिए वह जींद की जनता से अपील करेंगे की आगामी 10 माह के लिए जींद की जनता उन पर विश्वास करके देखे। इन 10 माह में जींद के लिए करवाए गए विकास कार्यों के बूते वह आगामी विधानसभा चुनाव में जनता के बीच वोट मांगने के लिए आएंगे। उन्हें जींद की जनता पर पूरा विश्वास है। जींद की जनता से उन्हें सिरसा की जनता से भी ज्यादा प्यार मिला है। दुष्यंत की बढ़ती लोकप्रियता से घबरा कर कांग्रेस ने जींद उपचुनाव में रणदीप सिंह सुरजेवाला को मैदान में उतार कर सबसे बड़ा दाव खेला है। ताकि वह दुष्यंत को कमजोर कर सकें।
दिग्विजय चौटाला, उम्मीदवार जननायक जनता पार्टी

बाहरी उम्मीदवारों को नहीं स्वीकार करेगी जींद की जनता

उन्होंने पूरी निष्ठा व ईमानदारी से पार्टी की सेवा की है। पार्टी की सेवा व ईमानदारी को देखते हुए पार्टी ने उन्हें चुनाव मैदान में उतारा है। जींद की जनता ने उन्हें जिला परिषद की सीट पर विजयी बनाकर जिला परिषद में भेजने का काम किया है। अब जींद की जनता उन्हें विधानसभा में भेजने का काम करेगी। जजपा व कांग्रेस के पास चुनाव लडऩे के लिए कोई मजबूत चेहरा नहीं था। इसलिए कांग्रेस ने कैथल से उम्मीदवार को इम्पोर्ट किया है और जजपा ने जींद के स्थानीय कार्यकर्ता पर विश्वास करने की बजाए अपने परिवार के सदस्य को ही टिकट दिया है। कांग्रेस व जजपा दोनों पार्टियों के उम्मीदवार बाहरी हैं और जींद की जनता इन बाहरी उम्मीदवारों को स्वीकार नहीं करेगी। भाजपा के पास भी अपना कोई उम्मीदवार नहीं था। इसलिए भाजपा ने भी इनैलो के कार्यकर्ता को अपने साथ शामिल कर उस पर ही दाव खेला है। जींद उपचुनाव में इनैलो पार्टी की जीत पक्की है। पिछली दो योजना में भी इनैलो के उम्मीदवार ने जींद में अपनी जीत दर्ज करवाई है।
उम्मेद सिंह रेढ़ू, उम्मीदवार इनैलो

भाजपा के विकास कार्यों पर अपनी मोहर लगाएगी जींद की जनता

जींद उपचुनाव में जींद की जनता भाजपा सरकार द्वारा करवाए गए विकास कार्यों पर अपनी मोहर लगाएगी। उनके पिता जी स्वर्गीय डॉ. हरिचंद मिढ़ा ने जींद की जनता की निस्वार्थ भाव से सेवा की थी। इसलिए जींद की जनता ने उन्हें दो बार यहां से विधायक बनाने का काम किया था। उनके पिता के साथ-साथ वह भी पिछले 10 वर्षों से लोगों के बीच रहकर जनता की सेवा करने का काम कर रहे हैं। इसलिए इस उपचुनाव में भाजपा की जीत पक्की है। बाहरी उम्मीदवारों को जींद की जनता किसी भी कीमत पर अपना वोट नहीं देगी क्योंकि इन उम्मीदवारों को केवल चुनाव के समय ही उनकी याद आती है। भाजपा के सभी पदाधिकारी व कार्यकर्ता उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चुनाव लड़ेंगे।
डॉ. कृष्ण मिढ़ा, उम्मीदवार भाजपा

नामांकन दाखिल कर दिया है पार्टी के आदेश के बाद लेंगे फैसला

कांग्रेस की सीट पर उनकी दावेदारी काफी मजबूत थी लेकिन किसी कारण से पार्टी से उन्हें टिकट नहीं मिल पाई है। हमने अपना नामांकन दाखिल करवा दिया है बाकि पार्टी के जो आदेश मिलेंगे उसके बाद फैसला लिया जाएगा।
अंशुल सिंगला, उम्मीदवार निर्दलिय
रणदीप सिंह सुरजेवाला

दिग्विजय चौटाला 

डॉ. कृष्ण मिढ़ा 

उम्मेद सिंह रेढू 

अंशुल सिंगला

भाजपा प्रत्याशी डॉ. कृष्ण मिढ़ा का नामांकन दाखिल करवाने के लिए जाते शिक्षा मंत्री, सांसद रमेश कौशिक, विधायक प्रेमलता व अन्य भाजपा नेता। 






 









रविवार, 6 जनवरी 2019

टिकटार्थियों को साधने के प्रयास में जुटी भाजपा

--भाजपा नेताओं को सता रहा है टिकटार्थियों के बागी होने का भय
--भाजपा नामांकन के आखरी दिन करेगी उम्मीदवार के नाम की घोषणा
--भाजपा के उम्मीदवार की घोषणा के इंतजार में दूसरे राजनीतिक दल

जींद, 6 जनवरी (नरेंद्र कुंडू):- आगामी 28 जनवरी को होने वाला जींद विधानसभा उपचुनाव भाजपा के लिए किसी अग्रि परीक्षा से कम नहीं है। इस परीक्षा को पास करने के लिए भाजपा नेताओं द्वारा पूरी एक्सरसाइज की जा रही है। इस जींद उपचुनाव में जीत हासिल करने के लिए सभी राजनीतिक दल अपने-अपने पार्टी के रथ को खींचने के लिए अश्वमेघ यज्ञ के घोड़े की तलाश में हैं। भाजपा के पास इस समय टिकटार्थियों की लंबी कतार लगी हुई है। टिकटार्थियों की इस लंबी कतार ने भाजपा नेताओं की सांसें फुला रखी हैं। भाजपा नेताओं को टिकटार्थियों के बागी होने का भय सता रहा है। इसलिए भाजपा नेता उम्मीदवार की घोषणा करने के फैसला में जल्दबाजी करने से बच रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भाजपा पार्टी अपने उम्मीदवार की घोषणा 9 जनवरी को करेगी। ताकि टिकट नहीं मिलने से मायूस होने वाले अन्य टिकटार्थियों को बागी होने से रोका जा सके। क्योंकि 10 जनवरी को नामांकन की आखिरी तारीख है और यदि भाजपा 9 को अपने उम्मीदवार की घोषणा करती है तो समय के अभाव में टिकट नहीं मिलने से मायूस दूसरे टिकटार्थी नामांकन नहीं कर पाएंगे। वहीं दूसरे राजनीतिक दलों की नजरें भी भाजपा की तरफ टिकी हुई हैं। क्योंकि भाजपा द्वारा उम्मीदवार की घोषणा के बाद ही दूसरे राजनीतिक दल अपने समीकरण तय कर अपने उम्मीदवार की घोषणा करेंगे। वहीं सूत्रों से मिल रही जानकारी से यह भी सामने आया है कि भाजपा में टिकट की लाइन में खड़े कई टिकटार्थी लगातार दूसरे दलों के भी सम्पर्क में हैं।

कई उम्मीदवारों के नामाकंन पत्र हो चुके हैं तैयार, बस टिकट का है इंतजार

उपचुनाव में चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमाना के लिए तैयार खड़े कई उम्मीदवारों ने तो अपना नामांकन पत्र तैयार करवाने व बैंक, बिजली निगम तथा अन्य विभागों से एनओसी लेने जैसी प्रक्रिया पहले ही पूरी करवा ली है। इन उम्मीदवारों को इस बात का भय सता रहा है कि यदि उन्हें उनकी इच्छुक पार्टी से टिकट नहीं मिला तो वह किसी दूसरे दल से या निर्दलिय चुनाव लड़ सकें। नामांकन के लिए अन्य प्रक्रिया पूरी करने में उनका समय खराब होने से बच सके व समय रहते वह अपना नामांकन करवा सकें।

संघ की तरफ से भी भाजपा पर बढ़ा दबाव

उपचुनाव में टिकट को लेकर भाजपा में चल रहे घमासान के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का दबाव भी भाजपा नेताओं पर लगातार बढ़ता जा रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भाजपा इस समय केवल चुनाव जीत कर आने वाले उम्मीदवार पर दांव खेलना चाहती है और इसके लिए वह दूसरी पार्टी के मजबूत उम्मीदवार को भी अपने साथ शामिल कर टिकट देने से पीछे हटने वाली नहीं है लेकिन उधर से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारियों ने भी भाजपा नेताओं पर संघ से संबंध रखने वाले उम्मीदवार को टिकट देने के लिए दबाव बनाया हुआ है।

भाजपा के पदाधिकारी पिछले कई दिनों से जींद में डाले हुए हैं डेरा

चुनाव में जीत के लिए भाजपा पूरे प्रयास कर रही है। भाजपा के नेता पार्टी के कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेने से लेकर बूथ स्तर तक पर अपनी फिल्डिंग तैयार कर रहे हैं। इसके लिए भाजपा के प्रांत स्तर के कई नेता पिछले कई दिनों से जींद में ही अपना डेरा डाले हुए हैं। ताकि उपचुनाव में दांव पर लगी पार्टी की शाख को बचाया जा सके।


शनिवार, 5 जनवरी 2019

टिकट को लेकर भाजपा में घमासान

--जींद उपचुनाव को लेकर पर्यवेक्षकों के सामने 11 उम्मीदवारों ने जताई अपनी दावेदारी
--ठंड के मौसम में उपचुनाव की आहट ने जींद की फिजाओं में पैदा की राजनीति की गर्माहट

जींद, 5 जनवरी (नरेंद्र कुंडू):- जींद उपचुनाव की घोषणा के बाद से सभी राजनीतिक दलों ने चुनाव जीतने के लिए अपने घोड़े दौड़ाने शुरू कर दिए हैं। सर्दी के इस मौसम में उपचुनाव की आहट ने जींद की फिजाओं में राजनीति की गर्माहट पैदा कर दी है। सभी राजनीति दलों की नजर जींद के उपचुनाव पर टिकी हुई हैं। राजनीतिक दल उपचुनाव में अपनी-अपनी जीत पक्की करने के लिए जोर-शोर से तैयारियों में लगे हुए हैं। क्योंकि आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जींद उपचुनाव को सैमीफाइल माना जा रहा है। इस सैमीफाइनल में जिस पार्टी का उम्मीदवार विजयी होगा आगामी विधानसभा चुनाव में उस पार्टी का पलड़ा भारी रहेगा। इसके चलते जींद उपचुनाव में विजयश्री का आशीर्वाद पाने के लिए राजनीतिक दलों द्वारा दूसरे दलों के मजबूत उम्मीदवारों को भी अपने पाले में लाने के प्रयास चल रहे हैं। टिकट को लेकर सबसे ज्यादा घमासान भाजपा में मचा हुआ है। इस समय भाजपा के पास सबसे ज्यादा उम्मीदवार हैं। इस समय भाजपा के पास 11 उम्मीदवारों के नाम आए हुए हैं। इसी के चलते शुक्रवार को भाजपा के पर्यवेक्षकों ने कैथल रोड पर स्थित पार्टी कार्यालय में कार्यकर्ताओं की नब्ज टटोली। पर्यवेक्षक के तौर पर भाजपा की राष्ट्रीय सचिव सुधा यादव व प्रदेश के कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ शुक्रवार दोपहर को जींद पहुंचे थे। पर्यवेक्षकों के समक्ष अपनी-अपनी दावेदारी प्रस्तुत करने के लिए सभी उम्मीदवार पूरे दल-बल के साथ पार्टी कार्यालय पहुंचे थे। पूरा दिन पार्टी कार्यालय में बैठकर पर्यवेक्षक सुधा यादव व ओमप्रकाश धनखड़ ने एक-एक कर सभी उम्मीदवारों की दावेदारी जांची। इस दौरान पर्यवेक्षकों ने उम्मीदवारों के साथ पहुंचे उनके समर्थकों से भी उनकी मजबूती के कारण भी पूछे। जींद विधानसभा सीट से चुनाव लडऩे को लेकर 11 उम्मीदवारों ने पर्यवेक्षकों के सामने अपनी दावेदारी प्रस्तुत की। उम्मीदवारों के समर्थकों से राय लेने के बाद पर्यवेक्षकों ने बंद कमरे में उम्मीदवारों से भी उनकी मजबूत दावेदारी को लेकर चर्चा की। 

दल-बल के साथ पार्टी कार्यालय पहुंचे टिकटार्थी

उपचुनाव में जींद विधानसभा सीट पर पर्यवेक्षकों के सामने अपनी मजबूत दावेदारी प्रस्तुत करने के लिए सभी टिकटार्थी पूरे दल-बल के साथ पार्टी कार्यालय पहुंचे थे। टिकटार्थियों के साथ आए उनके समर्थक पूरे जोश के साथ अपने-अपने उम्मीदवारों के पक्ष में नारेबाजी कर रहे थे।  

पर्यवेक्षकों के कार्यालय पहुंचते ही समर्थकों ने लगाए अपने-अपने उम्मीदवारों के नारे 

उम्मीदवारों की फीड बैक लेने के लिए जैसे ही पर्यवेक्षक ओमप्रकाश धनखड़ व सुधा यादव पार्टी कार्यालय पहुंचे वैसे ही समर्थकों ने अपने-अपने उम्मीदवारों के पक्ष में नारेबाजी शुरू कर दी। काफी देर तक समर्थकों ने नारेबाजी की। बाद में ओमप्रकाश धनखड़ ने उम्मीदवारों के नारेबाजी पर ऐतराज जताते हुए कहा कि यदि नारे लगाने हैं तो केवल पार्टी के ही लगाएं। जिनके साथ आप आएं हैं उनके पक्ष में केवल एकाध नारा ही लगाएं। 

टिकट के लिए इन-इन लोगों ने जताई अपनी-अपनी दावेदारी 

उपचुनाव में जींद विधानसभा से चुनाव लडऩे के लिए कुल 11 लोगों ने पर्यवेक्षकों के समक्ष अपनी-अपनी दावेदारी जताई। पर्यवेक्षकों ने सबसे पहले मास्टर गोगल को अपनी दावेदारी प्रस्तुत करने का मौका दिया। दूसरे नंबर पर टेकराम कंडेला को समर्थकों के साथ अंदर बुलाया गया। तीसरे नंबर पर डॉ. कृष्ण मिढ़ा, चार नंबर पर मुख्यमंत्री के निजी सचिव राजेश गोयल को बुलाया गया लेकिन राजेश गोयल मौके पर मौजूद नहीं थे। इसके चलते राजेश गोयल के समर्थकों ने ही राजेश गोयल की तरफ से उनका पक्ष रखा। पांच नंबर पर लीलाधर मित्तल, छठे नंबर पर डॉ. ओमप्रकाश पहल, सातवें नंबर पर जवाहर सैनी, आठवें नंबर पर सुरेंद्र बरवाला, नौंवे नंबर पर बलकार डाहौला, दसवें नंबर पर सज्जन गर्ग तथा ग्याहरवें नंबर पर रामफल शर्मा ने टिकट को लेकर अपनी दावेदारी प्रस्तुत की। 

हाल में समर्थकों की नारेबाजी से परेशान होकर खुले मैदान में आए पर्यवेक्षक

पर्यवेक्षकों द्वारा पार्टी कार्यालय के हाल में बैठकर टिकटार्थियों के समर्थकों से राय लेने की प्लानिंग थी लेकिन जैसे ही यह प्रक्रिया शुरू हुई वैसे ही टिकटार्थियों के साथ पहुंचे उनके समर्थकों ने नारेबाजी शुरू कर दी। काफी देर तक टिकटार्थियों के साथ आए समर्थक अपने-अपने उम्मीदवार के पक्ष में नारेबाजी करते रहे। पर्यवेक्षकों के रोकने पर भी जब समर्थक नहीं रूके तो पर्यवेक्षकों को मजबूरन हाल से निकल कर खुले मैदान में आना पड़ा। इसके बाद पर्यवेक्षकों ने एक-एक कर उम्मीदवार व उनके समर्थकों को अंदर हाल में बुला कर उनकी राय ली। 

हाई कमान को दी जाएगी रिपोर्ट

भाजपा के पास उपुचनाव को लेकर कई उम्मीदवार हैं। उम्मीदवारों की संख्या को देखते हुए पार्टी द्वारा उन्हें पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी दी गई है। आज जींद में पहुंचकर उम्मीदवारों व उनके कार्यकर्ताओं की राय ली गई है। कार्यकर्ताओं से राय लेने के बाद एक-एक उम्मीदवार से भी राय ली जाएगी। इसके बाद यह रिपोर्ट हाई कमान को भेजी जाएगी। इसके बाद हाई कमान उम्मीदवार का फैसला करेगी। 
ओमप्रकाश धनखड़, कृषि मंत्री

जींद उपचुनाव राजनीतिक दलों के लिए बना प्रतिष्ठा का सवाल

उपचुनाव को लेकर टिकटार्थियों ने कसे लंगोट
--टिकट के लिए अपने-अपने घोड़े दौड़ा रहे टिकटार्थी
--भाजपा पर टिककी सभी राजनीतिक दलों की नजर 

जींद, 5 जनवरी (नरेंद्र कुंडू):- जींद उपुचनाव की घोषणा के साथ ही चुनाव लडऩे के इच्छुक उम्मीदवारों ने भी अपने लंगोट कस लिए हैं। टिकट के लिए उम्मीदवार अपनी-अपनी गोटियां फिट करने में लगे हुए हैं। कुछ टिकटार्थी तो पिछले कई दिनों से दिल्ली के दरबार में अपने आकाओं के पास माथा टेक रहे हैं। वहीं राजनीतिक दलों ने भी टिकट के लिए उम्मीदवारों की दावेदारी को लेकर फील्ड से फीडबैक लेना शुरू कर दिया है। क्योंकि जींद उपचुनाव सभी राजनीतिक दलों के लिए नाक का सवाल बना हुआ है। सभी राजनीतिक दलों की नजरें इस समय भाजपा पर टिकी हुई हैं। दूसरे राजनीतिक दल इस बात के इंतजार में हैं कि भाजपा कब अपना उम्मीदवार घोषित करे। ताकि दूसरे दल भी अपना उम्मीदवार मैदान में उतारने के लिए समीकरण बना सकें। भाजपा के उम्मीदवार की घोषणा के बाद ही दूसरे राजनीतिक दल अपने पत्ते खोलेंगे लेकिन भाजपा अभी अपने पत्ते नहीं खोल रही है। क्योंकि भाजपा को भी इस बात का अंदेशा है कि यदि उन्होंने समय से पहले पत्ते खोल दिए तो उनकी पार्टी में टिकट की लाइन में खड़े दूसरे उम्मीदवार टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर दूसरी पार्टी में जा सकते हैं। इसके चलते भाजपा नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि से एक दिन पहले ही अपने उम्मीदवार की घोषणा कर सकती है। ताकि टिकट नहीं मिलने से मायूस दूसरे उम्मीदवारों को पाला बदलने के लिए समय नहीं मिले। 

उम्मीदवारों की नब्ज टटोल रही जजपा व इनैलो

जींद उपचुनाव के साथ ही इनैलो व जजपा ने भी अपने-अपने उम्मीदवार मैदान में उतारने से पहले उम्मीदवारों व कार्यकर्ताओं की नब्ज टटोलनी शुरू कर दी है। फिल्हाल इनैलो व जजपा मजबूत चेहरे को ढुंढ़ रही है ताकि इस सैमीफाइनल को जीत कर वह आगामी विधान सभा चुनाव के फाइनल के लिए अपना माहौल तैयार कर सकें। यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि इनैलो उपचुनाव में यह सीट गठबंधन दल बसपा के उम्मीदवार को भी उतार सकती है। 

पूर्व मंत्री मांगेराम गुप्ता पर दांव खेल सकती है भाजपा

भाजपा में टिकट के दावेदारों की फेरहिस्त काफी लंबी है। इसके चलते भाजपा के पर्यवेक्षकों ने मजबूत उम्मीदवार की तलाश में शुक्रवार को जींद में पहुंच कर कार्यकर्ताओं की नब्ज टटोली थी। इस दौरान पर्यवेक्षकों के सामने 11 उम्मीदवारों ने अपनी दावेदारी पेश की थी लेकिन यह कयाश लगाए जा रहे हैं कि भाजपा उपचुनाव में पूर्व मंत्री मांगेराम गुप्ता पर अपना दांव खेल सकती है। क्योंकि उपचुनाव में भाजपा की प्रतिष्ठा दाव पर है। इसलिए भाजपा किसी भी कीमत पर इस उपचुनाव को हारना नहीं चाहती। क्योंकि आगामी विधानसभा चुनाव पर इस उपचुनाव का सीधा प्रभाव पड़ेगा। यह भी कह सकते हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव से पहले यह चुनाव सैमीफाइनल है। इसके चलते भाजपा पूर्व मंत्री मांगेराम गुप्ता को जींद विधानसभा सीट पर सबसे मजबूत उम्मीदवार मान रही है। हालांकि मांगेराम गुप्ता द्वारा पर्यवेक्षकों के सामने शुक्रवार को अपनी दावेदारी पेश नहीं की गई थी। लेकिन सूत्रों की मानें तो भाजपा के वरिष्ठ नेता लगातार पूर्व मंत्री मांगेराम गुप्ता से सम्पर्क कर रहे हैं। क्योंकि मांगेराम गुप्ता लगभग आठ बार जींद विधानसभा सीट से चुनाव लड़ चुके हैं और चार बार वह यहां से चुनाव जीत कर विधायक व मंत्री बन चुके हैं।  

जींद उपचुनाव लड़कर बेटे महावीर गुप्ता के लिए पीच तैयार करेंगे मांगेराम गुप्ता

पूर्व मंत्री मांगेराम गुप्ता ने 2009 में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव हारने के बाद कांग्रेस को अलविदा कह दिया था। इसके बाद मांगेराम गुप्ता 2013 इनैलो में शामिल हुए थे लेकिन 2014 में विधानसभा चुनाव में इनैलो द्वारा मांगेराम गुप्ता को टिकट नहीं देने से नाराज होकर मांगेराम गुप्ता ने इनैलो से भी दूरी बना ली थी। अब जींद उपचुनाव की घोषणा के बाद से भाजपा, कांग्रेस, इनैलो व जजपा (जननायक जनता पार्टी) लगातार पूर्व मंत्री मांगेराम गुप्ता को अपने पक्ष में लाकर चुनाव लड़ाने के लिए तैयार हैं। भाजपा के कई वरिष्ठ नेता मांगेराम गुप्ता से लगातार सम्पर्क कर रहे हैं। वहीं इनैलो के विधायक एवं नेता प्रतिपक्ष अभय चौटाला ने भी शुक्रवार देर रात्रि मांगेराम गुप्ता से मुलाकात कर लगभग आधे घंटे तक बंद कमरे में बातचीत की। जजपा के वरिष्ठ नेता एवं सांसद दुष्यंत चौटाला भी अलग पार्टी बनाने के बाद मांगेराम गुप्ता से कई बार मुलाकात कर चुके हैं। इसके अलावा कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता भी मांगेराम गुप्ता से सम्पर्क कर रहे हैं। लेकिन मांगेराम गुप्ता स्वयं चुनाव नहीं लड़कर अपने बेटे महावीर गुप्ता को चुनाव लड़वाना चाहते थे। लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राजनीतिक दलों से बढ़ते दबाव के चलते मांगेराम गुप्ता स्वयं चुनाव लड़ सकते हैं। यदि मांगेराम गुप्ता उपचुनाव स्वयं लड़ते हैं और वह यह उपचुनाव जीतने में सफल रहते हैं तो वह आगामी विधानसभा चुनाव में अपने बेटे महावीर गुप्ता के लिए राजनीति की पिच तैयार कर देंगे। 

सोमवार, 10 दिसंबर 2018

‘पांडुओं की तपो भूमि से दुष्यंत युग का आरंभ’

जींद में आयोजित हुए समस्त हरियाणा सम्मेलन में दुष्यंत ने किया नई पार्टी जेजेपी का ऐलान
परदादा चौधरी देवीलाल के इतिहास को दोहरा गए दुष्यंत

जींद, 09 दिसंबर (नरेंद्र कुंडू) :- पांडुओं की तपो भूमि रही जींद जिले के पांडू पिंडारा की धरा से रविवार को दुष्यंत युग का आरंभ हो गया। पांडू पिंडारा में आयोजित समस्त हरियाणा सम्मेलन में सांसद दुष्यंत चौटाला ने अपनी नई पार्टी जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) का ऐलान कर दिया। इस दौरान सांसद ने विधिवत रूप से अपनी पार्टी के नए झंडे व नए डंडे को भी लांच किया। पांडू पिंडारा की धरती पर लाखों की संख्या में भीड़ जुटा कर दुष्यंत चौटाला ने अपने परदादा चौधरी देवीलाल की 1986 में जींद में आयोजित हुई विशाल रैली के इतिहास को दोहरा दिया। रैली को लेकर लोगों में भारी जोश नजर आ रहा था। चारों तरफ दुष्यंत के समर्थन में नारे लग रहे थे। नई पार्टी की घोषणा के साथ ही दुष्यंत ने अपनी पार्टी की नीतियों के माध्यम से बुजुर्गों, युवाओं, व्यापारियों, कर्मचारियों व महिलाओं सहित हर वर्ग को साधने का काम किया। रैली में उमड़े जन सैलाब को देखकर मंच पर उपस्थित सभी नेता व कार्यकर्ता गदगद नजर आ रहे थे। पांडुओं की तपोस्थली से शुरू हुई सांसद दुष्यंत चौटाला की राजनीतिक पारी में उनके छोटे भाई एवं इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय चौटाला उनके सारथी बने। दिग्विजय चौटाला ने बार-बार मंच से विरोधियों पर जमकर निशाना साधा। दिग्विजय चौटाला ने अभय चौटाला पर बिना नाम लिए निशाना साधते हुए कहा कि ‘जिसकी तु दुहाई देता है, उसको ऊंचा सुनाई देता है, मैं जानता हूं तेरी नीयत को तू क्यों सफाई देता है।’ 

नई पार्टी के ऐलान के साथ पार्टी का झंडा लहराती नैना चौटाला व अन्य।
 रैली को सम्बोधित करते सांसद दुष्यंत चौटाला व रैली में उमड़ा जन सैलाब।


दुष्यंत को चंडीगढ़ पहुंचाने के लिए करना है राम सेतू का निर्माण 

मंच पर मौजूद दुष्यंत चौटाला व अन्य नेता। 
डबवाली विधायक एवं दुष्यंत चौटाला की मां नैना चौटाला ने कहा कि जिस तरह से भगवान श्रीराम को लंका तक पहुंचाने के लिए वानर सेना ने राम सेतू का निर्माण किया था ठीक उसी तरह दुष्यंत को चंडीगढ़ तक पहुंचाने के लिए कार्यकर्ताओं को भी राम सेतू का निर्माण करना पड़ेगा। इसके लिए प्रत्येक कार्यकर्ता अपने साथ नए कार्यकर्ताओं को जोडऩे का काम करें। इस दौरान नैना चौटाला ने बिना अभय चौटाला का नाम लिए कहा कि रैली में उमड़े जन सैलाब ने उन लोगों के चोटी में पसीना ला दिया जो दुष्यंत के खिलाफ षडय़ंत्र रच रहे थे। 

ओमप्रकाश चौटाला हमारे परिवार के मुखिया, कानूनी अड़चनों के कारण नहीं लगाई फोटो

सांसद दुष्यंत चौटाला ने कहा कि ओमप्रकाश चौटाला हमारे परिवार के मुखिया हैं और वह हमारे दिलों में बसते हैं। सांसद ने कहा कि कुछ लोग पुछते हैं कि हम पोस्टरों पर ओमप्रकाश चौटाला के फोटो क्यों नहीं लगाते। ऐसा इसलिए करना पड़ता है कि ओमप्रकाश चौटाला इनैलो पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और कानूनी अड़चनों के कारण हम उनका फोटो नहीं लगा सकते। जिस दिन वह इनैलो से इस्तिफा दे देंगे उस दिन हम उनका फोटो भी लगा देंगे। इस दौरान दुष्यंत चौटाला ने कार्यकर्ताओं से ओमप्रकाश चौटाला के नाम के नारे भी लगवाए।    

भाजपा ने मेरे खिलाफ रचा चक्रव्यूह

सांसद दुष्यंत चौटाला ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि मेरी लोकप्रियता को खत्म करने के लिए भाजपा ने मेरे खिलाफ चक्रव्यूह रचा। इसके लिए पहले बीरेंद्र ङ्क्षसह को केंद्रिय मंत्री बनाया, जिसका गृहक्षेत्र उचाना मेरी लोकसभा क्षेत्र में आता है, फिर सुभाष चंद्रा को राज्यसभा में भेजा जो कि हिसार से हैं और यह भी मेरी लोकसभा क्षेत्र में आता है फिर डीपी वत्स को राज्यसभा में भेजा जो कि हांसी से हैं और यह भी मेरे लोकसभा क्षेत्र में आते हैं। लेकिन मैंने जनता के प्यार से भाजपा के इस चक्रव्यूह को भेद दिया।

एक वोट-एक नोट का दिया नारा

सांसद दुष्यंत चौटाला ने कहा कि उनकी पार्टी नई है और अभी तक उनकी पार्टी का बैंक खाता भी नहीं खुला है। इसलिए कार्यकर्ता पार्टी को मजबूत करने के लिए अधिक से अधिक लोगों को पार्टी के साथ जोड़ें। सांसद दुष्यंत चौटाला ने कहा कि सभी कार्यकर्ता एक वोट व एक नोट का आह्वान करते हुए पार्टी को मजबूत करने के लिए सदस्यता अभियान चलाएं। सांसद दुष्यंत चौटाला ने कहा कि वह भी अपने चार साल के कार्यकाल का लगभग 27 लाख रुपए का वेतन पार्टी को भेंट करेंगे।  

दुष्यंत को देखते ही जोश से उमड़ पड़े युवा, बेरिगेटस तोड़ स्टेज के पास पहुंचे

दुष्यंत की झलक पाने के लिए लोगों में भारी उत्साह था। जैसे ही सांसद दुष्यंत चौटाला हेलीपैड से पैदल चलते हुए मंच पर पहुंचे तो युवा उनकी झलक पाने के लिए जोश से भर गए। इस दौरान उत्साहित युवाओं ने मंच के आगे लगाए गए बेरिगेटस को तोड़ कर बिल्कुल मंच के पास पहुंच गए और काफी देर तक दुष्यंत-दुष्यंत के नारों से रैली स्थल गुंजता रहा।