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आखरी सांस तक जारी रखेंगी लड़ाई

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  नरेंद्र कुंडू जींद। कीट चाहे शाकाहारी हों या मासाहारी दोनों ही किस्म के कीटों ने कीट मित्र महिलाओं के साथ दोस्ती कर ली है। जैसे ही महिलाएं महिला किसान पाठशाला में पहुंचती हैं, वैसे ही कीट महिलाओं के पास आकर  बैठ जाते हैं। बुधवार को ललीतखेड़ा गांव की महिला किसान पूनम मलिक के खेत पर जैसे ही महिलाओं का आगम शुरू हुआ, वैसे ही कीटों ने भी पाठशाला में दस्तक दे दी। पाठशाला शुरू होने से पहले ही सुमित्रा के हाथ पर कातिल बुगड़ा तथा सुषमा के हाथ पर मटकु बुगड़ा आकर बैठ गया। पाठशाला का आरंभ खाप पंचायतों के संचालक कुलदीप ढांडा ने कैप्टन लक्ष्मी सहगल की मृत्यु पर दो मिनट का मौन धारण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर की। ढांडा ने बताया कि कैप्टन लक्ष्मी सहगल नेता जी सुभाष चंद्र बोस की रानी झांसी रेजिमेंट की कैप्टन थी और इन्होंने देश की आजादी के बाद गरीबों के इलाज का बीड़ा उठाया था। उन्होंने बताया कि सहगल ने मृत्यु के तीन दिन पहले तक कानपुर में मरीजों का इलाज किया था। अंग्रेजो ने कहा कि देश को जहर से बचाने के लिए छेड़ी गई इस लड़ाई को वे आखरी सांस तक जारी रखेंगी और यही कैप्टन लक्ष्मी सहगल को सच्ची श्र

....खेलों के क्षेत्र में छात्राओं को तरासने की कवायद

नरेंद्र कुंडू जींद। पढ़ाई के साथ-साथ लड़कियों को खेल के क्षेत्र में और आगे बढने के लिए सर्व शिक्षा अभियान द्वारा एक नई पहल शुरू की गई है। इस पहल के अनुसार एसएसए पहली कक्षा से आठवीं कक्षा तक की छात्राओं के लिए खेलकूद प्रतियोगिताएं व सहपाठयक्रम गतिविधियों का आयोजन करवाएगा। प्रतियोगिता को दो ग्रुपों में बांटा जाएगा। पहले ग्रुप में पहली से पांचवीं तथा दूसरे ग्रुप में छठी से आठवीं कक्षा तक की छात्राओं को शामिल किया जाएगा। इसके लिए एसएसए ने जिले को दो भागों में बांटा है। पहले ग्रुप में शैक्षणिक रुप से पिछड़े तथा दूसरे ग्रुप में सामान्य खंडों को शामिल किया गया है। प्रदेश में इस वर्ष से पहली बार इन प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है। सर्व शिक्षा अभियान द्वारा छात्राओं को पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद प्रतियोगिताओं में आगे बढ़ाने के लिए छात्राओं के लिए खेलकूद व सहपाठयक्रम गतिविधियों का आयोजन करवाया जाएगा। इन गतिविधियों में पहली से आठवीं तक की छात्राएं ही भाग ले सकेंगी। प्रतियोगिताओं की शुरूआत खंड स्तर से होगी। खंड स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली छात्राएं जिला स्तर पर होने वाली प्रतियोगिताओं

कीटों-किसान मुकदमे की सुनवाई के लिए पाठशाला में पहुंचे खाप प्रतिनिधि

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कहा कीटों को नियंत्रित करने के लिए कीट ही अचूक अस्त्र नरेंद्र कुंडू    जींद। ‘कीट नियंत्रणाय कीटा: हि:अस्त्रामोघा’ अर्थात कीटों को नियंत्रित करने के लिए कीट ही अचूक अस्त्र है। यह बात कीट कमांडो किसान रणबीर मलिक ने मंगलवार को निडाना गांव के खेतों में आयोजित किसान पाठशाला में पहुंचे खाप प्रतिनिधियों के सामने कीटों की पैरवी करते हुए रखी। पिछले कई दशकों से किसानों व कीटों के बीच चले आ रहे झगड़े को निपटाने के लिए खाप पंचायत की अदालत में आए मुकदमे की सुनवाई के लिए खाप प्रतिनिधि किसान पाठशाला में पहुंचे थे। खाप पंचायत की तरफ से आए सफीदों बारहा प्रधान रणबीर देशवाल, किनाना बाराह के प्रधान दरिया सिंह सैनी, हाट बारहा के प्रधान दयारनंद बूरा व हटकेश्वर धाम कमेटी के प्रधान बलवान सिंह बूरा ने कीट कमांडो किसानों के साथ खेत में बैठकर कीटों व पौधों की भाषा सीखने के लिए प्रयास किए। पाठशाला में किसानों ने 6 ग्रुप बनाकर कीटों का सर्वेक्षण किया। खाप प्रतिनिधियों ने कीट सर्वेक्षण में पाया कि कपास के इस खेत में रस पीकर गुजारा करने वाली सफेद मक्खी, हरा तेला व चूरड़ा हानि पहुंचाने की स्थिति से काफी नीचे

दूसरी फसल के कीटों ने भी दी महिला किसान पाठशाला में दस्तक

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नरेंद्र कुंडू जींद। नजारा है ललीतखेड़ा गांव की महिला किसान पाठशाला का। पाठशाला की शुरूआत के साथ ही मास्टर ट्रेनर महिला किसान कविता ने महिलाओं को एक नई किस्म का कीट दिखाया, जिसका पेट भिरड़ जैसा था। इस कीट को निडाना व ललीतखेड़ा की महिलाओं ने खेतों में पहली बार देखा था। कीट को देखते ही नारो पूछ बैठती है आएं यू डांगरां की माच्छरदानी आला कीड़ा आड़ै खेतां में के कैरा सै। इसे-इसे कीड़े तो डांगरां की माच्छरदानी में घैने पाया करें सैं। कविता ने नारो की बात को बीच में ही काटते हुए महिलाओं को नए कीट के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह नए किस्म की लोपा मक्खी है जो खान-पान के आधार पर मासाहारी होती है। इस मक्खी की तीन जोड़ी पैर व दो जोड़ी पंख होते हैं। अकसर किसान इसे हैलीकॉपटर के नाम से पुकारते हैं। कविता ने बताया कि यह धान में लगने वाले तना छेदक, पत्ता लपेट के पतंगों का उडते हुए शिकार कर लेती है। कविता ने कहा कि जब पतंगे नहीं रहेंगे तो अंडे कहां से आएंगे और अंडे ही नहीं होंगे तो सुंडी नहीं नए किस्म की लोपा मक्खी आएंगी। सविता ने बताया कि लोपा मक्खी अपने अंडे धान के खेत में खड़े पानी

चौधरियों ने गहनता से किया ‘किसान-कीट’ मुकदमे का अध्ययन

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नरेंद्र कुंडू जींद। देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने जवानों व किसानों को मजबूत करने के लिए ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा दिया था। लेकिन आज चंद स्वार्थी लोगों की मुनाफे की चाह में उनके इस नारे की चमक फीकी पड़ रही है। हम भगवान विष्णु को देश का पालनहार मानते हैं, लेकिन वास्तव में पालनहार का फर्ज तो किसान अदा करता है जो अपने पसीने से धरती को सींचता है और धरती का सीना चीर कर देश के लिए अन्न पैदा करता है। शरहद पर जो जवान खड़े हैं वो भी किसान के ही बेटे हैं। लेकिन बढ़ते रासायनिकों के प्रयोग के कारण खेती किसानों के लिए घाटे का सौदा बन रही है और देश का पालनहार अपना ही पालन-पोषण ढंग से नहीं कर पा रहा है। यह बात देशवाल खाप के प्रतिनिधि रामचंद्र देशवाल ने मंगलवार को किसान खेत पाठशाला में किसानों को सम्बोधित करते हुए कही। इस दौरान खाप पंचायत की तरफ से आए खाप प्रतिनिधियों ने कीट मित्र किसानों के साथ बैठकर कीटों व किसानों के इस मुकदमे का गहन अध्ययन किया। इस अवसर पर उनके साथ नंदगढ़ बारहा के प्रधान होशियार सिंह दलाल भी मौजूद थे। पाठशाला के संचालक डा. सुरेंद्र दलाल ने कहा कि कीटों को

अब जरुरतमंदों को ही मिलेगा हथियार चलाने का प्रशिक्षण

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बदमाशों का निशाना बने लोगों को दी जाएगी प्रशिक्षण में वरीयता नरेंद्र कुंडू जींद। लंबे अर्से के बाद जिले में हथियार प्रशिक्षण की शुरूआत होने जा रही है। एक वर्ष की कड़ी मशक्कत के बाद होमगार्ड विभाग को कुछ कारतूस मिल पाए हैं। कारतूसों की कमी को देखते हुए जिला प्रशासन व होमगार्ड विभाग ने विशेष व्यक्तियों को ही हथियार चलाने की ट्रेनिंग देने का निर्णय लिया है। होमगार्ड विभाग द्वारा तैयार की गई योजना के अनुसार अभी सिर्फ उन्हीं लोगों को ट्रेनिंग दी जाएगी जो बदमाशों का निशाना बने हैं या निशाने पर हैं, ताकि ये लोग ट्रेनिंग लेकर अपना आर्म्ज लाइसेंस बनवाकर हथियार खरीद कर अपनी सुरक्षा खुद कर सकें। फिलहाल होमगार्ड विभाग को सिर्फ 40 लोगों को ट्रेनिंग देने के लिए एमिनेशन मिल पाया है। जिले में ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में पिछले एक वर्ष से कारतूसों की कमी के चलते होमगार्ड की ट्रेनिंग नहीं हो पा रही थी। ट्रेनिंग बंद होने के कारण आर्म्ज लाइसेंस बनवाने के इच्छु आवेदकों में मायूसी छाई हुई थी। हथियारों का प्रशिक्षण न मिलने के कारण जरुतमंद लोग भी लाइसेंस के लिए आवेदन नहीं कर पा रहे थे। दरअसल लाइसेंस बनव

आईटी विलेज के इतिहास में जुड़ा एक ओर नया अध्याय

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कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ बिगुल बजाकर पंचायत ने शुरू की नई पहल नरेंद्र कुंडू जींद। आईटी विलेज बीबीपुर के इतिहास में शनिवार को एक ओर अध्याय जुड़ गया। ग्राम पंचायत ने सर्व जातीय सर्व खाप महापंचायत के नेतृत्व में कन्या भ्रूण हत्या जैसी सामाजिक कुरीति के विरोध में बिगुल बजा दिया। गांव के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में हुई इस महापंचायत में हरियाणा के अलावा दूसरे प्रदेशों से आए खाप चौधरियों ने खुलकर कन्या भ्रूण हत्या को विरोध किया। खाप चौधरी के अलावा महिला खाप प्रतिनिधि व अन्य सामाजिक संगठनों से आई महिला अधिकारी भी इस सामाजिक बुराई के विरोध में जमकर बरसी। बीबीपुर पंचायत ने महापंचायत के माध्यम से कन्या भ्रूण हत्या के विरोध में यह लड़ाई शुरू कर 2004 में खाप पंचायतों द्वारा शुरू किये गए अभियान को गति प्रदान कर दी है। इस महापंचायत के फैसले को सुनने के लिए आस-पास के लोगों के अलावा दूर-दूर से शोधार्थी, शिक्षाविद व सामाजिक संगठनों के लोग भी आए हुए थे। इस महापंचायत के फैसले पर प्रदेश ही नहीं अपितू दूसरे प्रदेशों के लोगों की भी नजर टिकी हुई थी। लोगों को उम्मीद थी कि महापंचायत कन्या भ्रूण

कन्या भ्रूण हत्या पर खापों ने सुनाया फतवा

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कन्या भ्रूण हत्या करवाने वालों पर दर्ज हो 302 का मुकदमा नरेंद्र कुंडू  जींद। आईटी विलेज बीबीपुर में शनिवार को उत्तर भारत की सर्व जातीय सर्व खाप महापंचायत का आयोजन किया गया। महापंचायत में हरियाणा के अलावा दिल्ली व उत्तर प्रदेश की खाप पंचायतों के 100 से ज्यादा प्रतिनिधियों ने शिरकत की। महापंचायत की अध्यक्षता नौगामा खाप प्रधान कुलदीप रामराये व कार्यकारी चंद्रभान नंबरदार ने संयुक्त रुप से की। पंचायत में विभिन्न खापों से आए प्रतिनिधियों ने कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए अपने-अपने विचार प्रकट किए तथा इस सामाजिक कुरीति को जड़ से उखाड़ने के लिए पांच घंटों तक गहन मंथन किया। सर्व जातीय सर्व खाप महापंचायत के संचालक कुलदीप ढांडा ने महापंचायत का फैसला सुनाते हुए कहा कि महापंचायत उत्तर भारत के लोगों को कन्या भ्रूण हत्या को रोकने का आह्वान करेगी तथा कन्या भ्रूण हत्या करवाने वालों के साथ सख्ती से निपटेंगी। इसके अलावा सरकार से कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए बनाए गए अधिनियम में संसोधन करवाने की मांग करते हुए कन्या भ्रूण हत्या में दोषी पाए जाने वाले के खिलाफ 302 का मुकदमा दर्ज कर सख्त से सख्

मौत के साये में सफर करने को मजबूर हैं नौनिहाल

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बड़े हादसे को अंजाम दे सकती है जरा सी लापरवाही नरेंद्र कुंडू जींद। नौनिहालों को घर से स्कूल तक का सफर मौत के साये में तय करना पड़ रहा है। विगत जनवरी माह में अम्बाला में हुए भयंकर स्कूल बस हादसे से भी शायद जिला प्रशासन व स्कूल संचालकों ने कोई सबक नहीं लिया है। जिला प्रशासन, पुलिस व स्कूल संचालक इस हादसे को पूरी तरह से भूला चुके हैं। अम्बाला हादसे के कुछ दिन तक तो सबकुछ ठीक-ठाक रहा, लेकिन अब फिर से सिस्टम पुराने ढर्रे पर लौट आया है। स्कूल बसों व आटो का वही खतरनाक मंजर फिर से शुरू हो गया है। स्कूली वाहनों में बच्चों को बेतरतीब व खचाखच भरा जाता है। आटो व रिक्शाओं में तो बच्चे लटक कर सफर करने पर मजबूर हैं। स्कूली बस व आटो चालक खुलेआम ट्रेफिक नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं और इसकी परवाह  न तो पुलिस प्रशासन को है और न ही स्कूल संचालकों को। लगता है जिला प्रशासन व स्कूल संचालक फिर से किसी बड़े हादसे के इंतजार में हैं। ट्रैफिक पुलिस जिले में ट्रैफिक व्यवस्था को पूरी तरह से दुरस्त करने की बड़ी-बड़ी ढींगें हांक रही है। लेकिन दूसरी ओर शहर की सड़कों पर हर रोज स्कूल वाहन चालकों द्वारा ट्रैफिक

महापंचायत में ‘नायक’ की भूमिका निभाएंगी खाप पंचायतें

खापों की छवि पर लगे तालिबानी के दाग को धोने के लिए उठाया कदम नरेंद्र कुंडू   जींद। तुगलकी फरमान जारी करने तथा तालिबानी के नाम से जानी जाने वाली उत्तर भारत की खाप पंचायतें अब कन्या भ्रूण हत्या जैसी सामाजिक बुराई के खिलाफ मोर्चा खोलकर दुनिया को अपना सामाजिक चेहरा दिखाएंगी। इसके लिए 14 जुलाई को बीबीपुर गांव के राजकीय सीनियर सैकेंडरी स्कूल में एक सर्व जातीय सर्व खाप महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है। इस महापंचायत में पूरे उत्तर भारत की तमाम खापों के चौधरी भाग लेंगे तथा कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए सर्व सम्मति से फैसला कर अपना फतवा जारी करेंगे। इस मुहिम से जुड़ने के बाद जहां खाप पंचायतों का एक नया चेहरा दुनिया के सामने आएगा, वहीं खाप पंचायतें एक अलग इतिहास रच कर दूसरी खाप पंचायतों के लिए प्रेरणा स्त्रोत भी बनेंगी। खाप पंचायतों के अलावा गांव की महिलाएं भी इस महापंचायत में एक अहम रोल अदा करेंगी। जिन महिलाओं पर पंचायत में बोलने पर प्रतिबंध होता था, वही महिलाएं गीतों व नाटक के माध्यम से कन्या भ्रूण हत्या पर कटाक्ष कर चौधरियों से न्याय की गुहार लगाएंगी।     उदय सिंह मान व राजराम

महिलाओं ने कीटों की तरफ बढ़ाया दोस्ती का हाथ

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नरेंद्र कुंडू  जींद। फसल में जिन कीटों को देखकर किसान अकसर डर जाते हैं और उन्हें अपना दुश्मन समझकर उनके खात्मे के लिए स्प्रे टंकियां उठा लेते हैं, उन्हीं कीटों को ललीतखेड़ा व निडाना गांव की महिलाएं किसान का सबसे बड़ा दोस्त बताती हैं। इसलिए इन महिलाओं ने कीटों की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया है। कीटों ने भी इनकी भावनाओं को समझते हुए इनके साथ पहचान बना ली है। इसलिए तो महिलाओं  के खेत में पहुंचते ही कीट इनके पास आकर बैठ जाते हैं। ललीतखेड़ा गांव में लगने वाली महिला किसान पाठशाला में अकसर इस तरह के नजारे देखने को मिल जाते हैं। बुधवार को आयोजित महिला किसान पाठशाला में भी इसी तरह का वाक्या सामने आया, जब एक मासाहारी दीदड़ बुगड़ा शांति नामक एक महिला के चेहरे पर आकर बैठ गया। शांति शांत ढंग से बैठी रही और पाठशाला में मौजूद अन्य सभी महिलाएं लैंस की सहायता से उसे देखने में मशगुल हो गई। अंग्रेजो ने महिलाओं को दीदड़ बुगड़ा दिखाते हुए बताया कि यह व इसके बच्चे खून चूसक होते है। इस दौरान पिंकी ने सवाल उठाया कि यह किस का खून चूसता है। मनीषा ने जवाब देते हुए कहा कि आज के दिन कपास की फसल में सफेद मक्खी, हरा

खाप पंचायतों के प्रतिनिधि पढ़ रहे कीटों की पढ़ाई

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लड़ाई में दोनों पक्ष हो रहे हैं घायल  नरेंद्र कुंडू जींद। इतिहास गवाह है जब भी लड़ाइयां हुई हैं सिवाये विनाश के कुछ हाथ नहीं लगा है। इसलिए तो कहा जाता है कि लड़ाई का मुहं हमेशा काला ही होता है। अगर समय रहते किसानों व कीटों के बीच दशकों से चली आ रही इस लड़ाई को खत्म नहीं किया गया तो इसके परिणाम ओर भी गंभीर होंगे। जिसका खामियाजा हमारी आने वाली पुश्तों को भुगतना पड़ेगा। इस झगड़े को निपटाने का बीड़ा जो खाप पंचायतों ने उठाया है वह अपने आप में एक अनोखी पहल है। लेकिन दशकों से चले आ रहे इस झगड़े को निपटाना इतना आसान काम नहीं है। यह एक बड़ा ही पेचीदा मसला है। इसलिए खाप पंचायत प्रतिनिधियों को इस विवाद को सुलझाने के लिए अपना फैसला देने से पहले इस विवाद की गहराई तक जाने तथा कीटों की भाषा सीखने की जरुरत पड़ेगी। ताकि पंचायत इस मसले को हल करते वक्त निष्पक्ष फैसला दे सकें। यह सुझाव कीट कमांडो किसान मनबीर रेढू ने मंगलवार को निडाना में खाप पंचायत में पहुंचे विभिन्न खाप पंचायत प्रतिनिधियों के सामने रखा। खाप पंचायत की तीसरी बैठक में अखिल भारतीय जाट महासभा  व मान खाप के प्रधान ओमप्रकाश मान, पूनिय

खुले पड़े मौत के बोरवेल

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नरेंद्र कुंडू जींद। अभी हाल ही में गुड़गांव में बोरवले में फंसने के कारण हुई 5 वर्षीय माही की मौत ने भले ही हर किसी की आंखें खोल दी हों , लेकिन इतने बड़े हादसे के बाद भी जिला प्रशासन की नींद नहीं टूट रही है। इससे यह बात साफ हो रही है कि जिला प्रशासन ने माही की मौत से भी कोई सबक नहीं लिया है। सरकार द्वारा खुले बोरवेलों को बंद करने के आदेशों के बाद  जिला प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। शायद प्रशासन को अभी और बच्चों को भी प्रिंस और माही बनने का इंतजार है। इसलिए तो जिला प्रशासन ने जिले में खुले बोरवेलों को बंद करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। शायद प्रशासनिक अधिकारियों को नरवाना के नेहरु पार्क में खुले बोरवेल व सीवरेज के मेनहाल दिखाई ही नहीं दे रहे हैं। पार्क में खुले पड़े ये बोरवेल व मेनहाल कभी भी किसी बड़े हादसे को अंजाम दे सकते हैं। शहर के हजारों लोग हर रोज सुबह-शाम यहां अपने बच्चों के साथ घूमने के लिए आते हैं। जिस कारण यहां जरा सी लापरवाही दोबारा फिर गुड़गांव या अंबाला के हादसे को ताजा कर सकती है। सार्वजनिक स्थान पर खुले पडे इस बोरवेल व मेनहाल ने प्रशासनिक अधिकारियों की कार्य

बिना सुविधाओं के टोल वसूल रही मोबाइल कंपनियां

किसानों को नहीं मिल पा रही किसान कॉल सेंटर की फ्री हैल्प लाइन सुविधा नरेंद्र कुंडू जींद। इसे ट्राई की लापरवाही कहें या मोबाइल कंपनियों की दादागीरी जिसके चलते किसानों को ‘किसान हैल्प लाइन’ सुविधा का लाभ  नहीं मिल पा रहा है। केंद्र सरकार द्वारा घर बैठे-बिठाए ही किसानों की समस्या के निदान के लिए 2007 में किसान हैल्प लाइन सुविधा शुरू की गई थी। किसान मोबाइल के माध्यम से किसान कॉल सेंटर में बैठे कृषि वैज्ञानिकों के सामने अपनी समस्या रखकर उसका निदान करवा सकें इसके लिए सरकार द्वारा 1551 टोल फ्री नंबर जारी किया गया। अधिक से अधिक किसान इस सुविधा का लाभ ले सकें इसके लिए सरकार द्वारा प्रचार-प्रसार पर करोड़ों रुपए खर्च किए गए थे। लेकिन ट्राई (टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी आफ  इंडिया) की सुस्ती के चलते किसान हैल्प लाइन की इस सुविधा पर प्राइवेट मोबाइल कंपनियों की लापरवाही का ग्रहण लग गया। हालांकि प्राइवेट मोबाइल कंपनियां इन सेवाओं के बदले अपने उपभोक्ताओं से कॉल रेट के माध्यम से कुछ हिस्सा वसूलती हैं। लेकिन मोबाइल कंपनियां द्वारा इस सुविधा को बंद कर सरकार व उपभोक्ता दोनों को चूना लगाया जा रहा है। भ

‘लाडो’ को बचाने के लिए मैदान में आएंगी प्रदेश की पंचायतें

गर्भवती महिलाओं पर नजर रखने के लिए गांव में बनाई जाएंगी कमेटियां नरेंद्र कुंडू   जींद। प्रदेश की ग्राम पंचायतें अब विकास कार्यों के साथ-साथ कन्या भ्रूण हत्या के विरोध में भी खड़ी नजर आएंगी। अधिक से अधिक महिलाओं को इस मुहिम से जोड़ने के लिए सभी पंचायतों को हाईटैक पंचायत बीबीपुर की तर्ज पर महिला ग्राम सभा का आयोजन भी करना होगा। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं पर नजर रखने के लिए पंचायत द्वारा गांव में वार्ड स्तर पर कमेटियों का गठन भी किया जाएगा। इन कमेटियों की पूरी कार्रवाई पंचायत की निगरानी में चलेगी। पंचायत द्वारा कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए की जाने वाली सभी कार्रवाइयों को पंचायत द्वारा अपने कारवाही रजिस्टर में कलमबद्ध करना होगा। प्रदेश में इस मुहिम को पूरी तरह से सफल बनाने के लिए पंचायती राज मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव ने प्रदेश के पंचायती राज विभाग के वित्तायुक्त एवं प्रधान सचिव को पत्र जारी कर जल्द से जल्द इस मुहिम पर काम शुरू करने के सख्त निर्देश जारी किए हैं। आईटी विलेज बीबीपुर की पंचायत द्वारा कन्या भ्रूण हत्या के विरोध में शुरू की गई लड़ाई ने अब युद्ध का रुप धारण कर लिया ह

‘पाठशाला’ में पढ़ रही कीड़ों की पढ़ाई

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खेती के औजारों की जगह हाथ में होते हैं कॉपी, पैन नरेंद्र कुंडू जींद। सुबह के आठ बजे थे नजारा था गोहाना रोड पर स्थित ललीतखेड़ा गांव के पास का। कुछ महिलाएं सिर पर पानी का मटका लिए पूरे उत्साह के साथ गीत गुणगुनाती खेतों की तरफ जा रही थी। गीत के बोल थे ‘किड़यां का कट रहया चाला ऐ मैंन तेरी सूं देखया ढंग निराला ऐ मैंन तेरी सूं’ और इन महिलाओं के हाथों में खेती के औजारों की जगह थे कॉपी, पैन। यह नजारा वाकई में चौकाने वाला था। ये महिलाएं खेत में खेती के काम के लिए नहीं बल्कि कीटों की पढ़ाई पढ़ने के लिए जा रही थी। इन महिलाओं को कीट ज्ञान देने का जिम्मा उठाया है निडाना गांव की महिला कीट पाठशाला की मास्टर ट्रेनर महिलाओं ने। कीटों की पहचान में माहरत हासिल करने के बाद अब इन महिलाओं ने ललीतखेड़ा गांव की तरफ अपनी टीम का रुख किया है। इन दिनों कीट पाठशाला की ये मास्टरनियां ललीतखेड़ा गांव की महिलाओं को फसल में पाए जाने वाले मासाहारी व शाकाहारी कीटों की पहचान कर उत्पादन बढ़ाने के गुर सीखा रही हैं। ललीतखेड़ा की महिला किसान पूनम मलिक के खेत को पाठशाला के लिए चुना गया है। सप्ताह के हर बुधवार को पूनम मलिक

‘कोई समझाए इन किसानों को क्यों मार रहे बेजुबानों को’

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नरेंद्र कुंडू जींद। किसानों व कीटों के बीच छिड़ी इस जंग ने खाप पंचायतों को भी असमंजश में डाल दिया है। बड़े-बडे विवादों को चुटकियों में निपटाने के लिए मशहूर हरियाणा की खाप पंचायतों के लिए यह मशला अब प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है। क्योंकि प्रदेश ही नहीं बल्कि दूसरे राज्यों के किसानों व पंचायतों की नजर अब हरियाणा की खाप पंचायतों पर टिक गई हैं। 18 पंचायतों के बाद 19वीं पंचायत में खाप के प्रतिनिधि जो फैसला सुनाएंगे वह कोई मामूली नहीं बल्कि एक ऐतिहासिक फैसला होगा और उस फैसले पर ही हमारी आने वाली पीढि़यों की जिंदगी की नींव रखी जाएगी। इस झगड़े को निटवाने तथा अपने वंश को बचाने के लिए खाप पंचायत की शरण में पहुंचे जीव प्रणियों को अब प्रदेश की खाप पंचायत से बड़ी उम्मीद है। मंगलवार को निडाना में हुई सर्व जातीय सर्व खाप महापंचायत की बैठक में कीट मित्र किसानों ने खाप के चौधरियों के समक्ष आवाज उठाते हुए कहा कि ‘कोई समझाए इन किसानों को क्यों मार रहे बेजुबानों को’। पंचायत के समक्ष उठे इस स्लोगन ने पंचायत में मौजूद चौधरियों के दिलों पिंघला कर रख दिया। जिसके बाद पंचायत के प्रतिनिधियों के लिए भी बिना अपनी

खाप चौधरियों ने किसानों के साथ की माथा-पच्ची

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सर्व जातीय सर्व खाप की दूसरी बैठक संपन्न नरेंद्र कुंडू जींद। कीटों व किसानों के बीच कई दशकों से चले आ रहे झगड़े में खाप पंचायत के हस्तक्षेप के बाद मामले ने एक अलग मोड़ ले लिया है। इस पेचीदा मसले को हल करने में खाप प्रतिनिधियों से किसी प्रकार का कोई गलत निर्णय न हो इसके लिए खाप के चौधरियों ने बारी-बारी से किसान खेत पाठशाला में पहुंच कर कीट मित्र किसानों के साथ माथा-पच्ची करनी शुरू कर दी है। क्योंकि यह कोई गांव का छोटा-मोटा विवाद नहीं है। यह झगड़ा तो उन दो पक्षों में है, जिसमें एक पक्ष में तर्क-वितर्क करने वाले किसान व दूसरे पक्ष में बेजुमान जीव हैं। कीट साक्षरता केंद्र के कीट मित्र किसानों के आह्वान पर इस झगड़े को निपटाने उतरी खाप पंचायत की दूसरी बैठक मंगलवार को किसान खेत पाठशाला में हुई। इस बैठक की अध्यक्षता बिनैन खाप के प्रधान नफे सिंह नैन ने की। बैठक में खरक पूनिया से पूनिया पंचग्रामी के प्रधान अमीर सिंह पूनिया, समैन-बिठमड़ा खाप के प्रतिनिधि व खाप प्रेस प्रवक्ता सूबे सिंह गिल तथा बरहा कलां बारहा के प्रधान कुलदीप ढांडा ने भी विशेष तौर पर शिरकत की। सर्व जातीय सर्व खाप के प्रतिनिधिय

इंद्र देव की बेरुखी से धरतीपुत्रों के माथे पर बढ़ी चिंता की लकीरें

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महंगे भाव का डीजल फूंक कर तपती धरती की प्यास बुझा रहे हैं किसान नरेंद्र कुंडू जींद। मानसून की बेरुखी ने धरतीपुत्रों के माथे पर चिंता की लकीरों को गहरा कर दिया है। धान का सीजन सिर पर है, लेकिन बढ़ते पारे ने किसानों की सांसें फुला दी हैं। भीषण लू के थपेड़ों में हर रोज किसानों की उम्मीद दम तोड़ रही हैं। गर्मी के मौसम की सबसे ज्यादा मार किसानों पर पड़ रही है। इंद्र देवता की बेरुखी के कारण किसानों को महंगे भाव का डीजल फूंक कर तपती धरती की प्यास बुझानी पड़ रही है। कृषि विभाग द्वारा इस बार एक लाख पांच हजार हैक्टेयर रकबे में धान की रोपाई का टारगेट निर्धारित किया गया है, लेकिन मानसून में हुई देरी के कारण अब तक सिर्फ 10 से 15 हजार हैक्टेयर में ही धान की रोपाई हो पाई है। जबकि पिछले वर्ष इस समय तक जिले में 30 से 40 हजार हैक्टेयर में धान की रोपाई हो चुकी थी। भीषण गर्मी से जहां जनजीवन प्रभावित हो गया है वहीं किसानों की फसल भी सूखने के कगार पर पहुंच चुकी है। मानसून नहीं आने से खेती किसानी पूरी तरह बिखरने लगी है। इससे किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है। बरसात न होने के कारण जहां किसानों को आर्थिक नुकसान ह