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देश को कीट ज्ञान के मॉडल की सख्त जरूरत : डॉ. जेसी कत्याल

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म्हारे किसानों के कीट ज्ञान का कायल हुआ किसान आयोग   निडाना में आयोजित हुई किसान संगोष्ठी  नरेंद्र कुंडू जींद। किसान आयोग के चेयरमैन एवं हिसार एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के पूर्व वीसी डॉ. जेसी कत्याल ने जींद जिले के किसानों द्वारा शुरू की गई कीट ज्ञान की मुहिम की प्रशंसा करते हुए कहा कि यदि हमें अपनी आने वाली पुस्तों को बचाना है तो कीट ज्ञान के इस मॉडल को प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में लागू करना होगा। आज देश के किसानों को कीट ज्ञान के इस मॉडल की सख्त जरूरत है। आज प्रकृति के साथ जिस तरह से खिलवाड़ हो रही है, वह हमारे आने वाली पीढ़ी के लिए एक बड़े खतरे का संकेत है। डॉ. जेसी कत्याल बृहस्पतिवार को निडाना गांव के डैफोडिल्स स्कूल में आयोजित किसान संगोष्ठी में कीटाचार्य महिला एवं पुरुष किसानों को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उनके साथ किसान आयोग के सचिव डॉ. आरएस दलाल, डॉ. एएम नरूला, डॉ. आरबी श्रीवास्तव भी मौजूद रहे। कार्यक्रम में पहुंचने पर कीटाचार्य किसानों, किसाल क्लब के प्रधान राजबीर कटारिया, राममेहर नंबरदार, स्कूल के प्रिंसीपल ने किसान आयोग के सदस्यों का स्वागत किया। किसान आय

केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह की पत्नी प्रेमलता ने फिर उठाए मैरिट की भर्ती पर सवाल

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कहा जींद के युवा नौकरी की उम्मीद छोड़ लोन लेकर शुरू करें स्वरोजगार कोई मैनेजर लोन से इंकार करे तो बताएं, करूंगी सीधा  नरेंद्र कुंडू  जींद।  केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के बाद अब उनकी पत्नी एवं उचाना कलां से विधायक प्रेमलता ने भी लोगों के काम नहीं करने वाले अधिकाररियों को खुली चेतावनी दी है। वहीं उन्होंने एक बार फिर सरकार की मैरिट लिस्ट के आधार पर नौकरी देने की प्रक्रिया पर फिर सवाल उठाए हैं। प्रेमलता का कहना है कि मैरिट के आधार पर नौकरियां मिली तो जींद के युवा पिछड़ जाएंगे। विधायक प्रेमलता का कहना है कि जींद शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ा हुआ है। यहां पर शिक्षा के प्रर्याप्त संसाधन व अच्छे शिक्षण संस्थान नहीं है। इसलिए मैरिट सूची के आधार पर नौकरी देने से जींद के युवा नौकरी से वंचित रह जाएंगे। प्रेमलता शनिवार को विश्व मृदा दिवस पर जाट धर्मशाला में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि शिरकत करने पहुंची थी।    कार्यक्रम के दौरान मंच पर मौजूद विधायक प्रेमलता। प्रेमलता ने कहा कि मैरिट के आधार पर तो जींद के युवाओं को नौकरी नहीं मिल पाएगी। इसलिए जींद के युवाओं को नौकरी की उम्मीद

किसानों के साथ बीज व दवाइयों के नाम पर हो रहे धोखे के लिए विभाग जिम्मेदार : प्रेमलता

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अंग्रेजी भाषा में जारी किए गए सॉयल हैल्थ कार्ड पर भी उठाए सवाल किसानों से किया प्राकृतिक पद्धति से खेती करने का आह्वान अनाज मंडी में धान की बिक्री के दौरान किसानों के साथ हुई लूट का मुद्दा भी उठाया कृषि विभाग द्वारा जाट धर्मशाला में विश्व मृदा दिवस पर किया गया जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन नरेंद्र कुंडू  जींद। विधायक प्रेमलता ने कहा कि फसलों में साल दर साल बढ़ रही बीमारियों व कीटों के प्रकोप का मुख्य कारण बाजार में बिक रहे निम्र श्रेणी के बीज व घटिया क्वालिटी की दवाइयां हैं। बीज व दवाइयों के नाम पर किसानों के साथ जो धोखा हो रहा है उसके लिए विभाग जिम्मेदार है। जींद के बिल्कुल साथ लगते हिसार जिले में एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी है। विभाग के अधिकारियों व कृषि विशेषज्ञों को चाहिए कि वह इस यूनिवर्सिटी से किसानों को अच्छी क्वालिटी के बीज व दवाइयां मुहैया करवाएं। ताकि किसानों को फसल की अच्छी पैदावार मिल सके और फसलों में आने वाली बीमारियों व कीटों को नियंत्रित किया जा सके। विधायक प्रेमलता शनिवार को कृषि विभाग द्वारा जाट धर्मशाला में विश्व मृदा दिवस पर आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथ

विश्व मृदा दिवस के लिए विशेष

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न मशीन, न स्टाफ कैसे होगी सैंपलों की जांच कृषि विभाग की मिट्टी-पानी की जांच के जागरूकता अभियान को झटका 16 हजार में से महज 400  सैंपलों की ही हो पाएगी जांच  नरेंद्र कुंडू  जींद। कृषि विभाग आज विश्व मृदा दिवस मना रहा है और किसानों को मिट्टी-पानी की जांच करवाने के लिए जागरूक करने का काम कर रहा है लेकिन हकीकत यह है कि कृषि विभाग की प्रयोगशाला में मिट्टी-पानी की जांच के लिए न तो पर्याप्त संसाधन हैं और न ही पूरा स्टाफ है। ऐसे में विभाग के इस जागरूकता अभियान को करारा झटका लग रहा है। क्योंकि विभाग की लैब में किसान जांच के लिए अपने खेत से मिट्टी-पानी तो लेकर आ रहे हैं लेकिन यहां पर किसानों के सैंपलों की जांच नहीं हो पा रही है। क्योंकि जिला कृषि विभाग की कृषि विभाग की प्रयोगशाला में जांच के लिए आए मिट्टी के सैंपल।    प्रयोगशाला में मिट्टी-पानी के सूक्ष्म तत्व की जांच के लिए रखी गई मशीन पिछले काफी लंबे अर्से से खराब पड़ी है। ऐसे में यहां जांच के लिए आने वाले सैंपलों की सूक्ष्म तत्वों की जांच नहीं हो पा रही है। वहीं प्रयोगशाला को संभालने के लिए विभाग के पास पर्याप्त स्टाफ भी नहीं है। लैब

जींद-पानीपत रेलवे लाइन पर अंडर पास बनने का रास्ता साफ

12 करोड़ ३९ लाख से बनेगा अंडर पास अंडर पास बनाने के लिए रेलवे ने जिला प्रशासन को भेजा एस्टीमेट अंडर पास की प्रथम प्रक्रिया के लिए जिला प्रशासन को जमा करवाने होंगे 19 लाख अंडर पास बनने से शहरवासियों को जाम से मिलेगी निजात नरेंद्र कुंडू  जींद। शहर के मिनी बाईपास पर जींद-पानीपत रेलवे लाइन पर अंडर पास बनने का रास्ता साफ हो गया है। रेलवे ने अंडर पास बनाने का एस्टीमेट तैयार कर जिला प्रशासन को सौंप दिया है। अंडर पास के निर्माण पर लगभग 12 करोड़ 39 लाख रुपये का खर्च आएगा। अंडर पास के निर्माण की प्रक्रिया शुरू करवाने के लिए जिला प्रशासन को रेलवे को 19 लाख रुपये जमा करवाने होंगे। इसके बाद रेलवे द्वारा अंडर पास के निर्माण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। अंडर पास का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद शहर के लोगों को जाम से निजात मिलेगी और पिछले दो वर्षों से अंडर पास का निर्माण नहीं होने के कारण रद्द पड़े मिनी बाईपास पर वाहनों का आवागमन शुरू हो पाएगा। यह है पूरा मामला  जींद शहर के लोगों को जाम से निजात दिलवाने के लिए तीन जून 2012 को जींद की नई अनाज मंडी में हुई कांग्रेस की विकास रैली में तत्कालीन मु

उम्र 19 और 50 से ज्यादा प्रतियोगिताओं में मनवा चुकी है लोहा

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हाऊसिंग बोर्ड कॉलोनी की कनिष्का ने पेंटिंग में हासिल किया गवर्नर अवार्ड कन्या भ्रूण हत्या व नशाखोरी है मुख्य विषय  माता-पिता को भी है अपनी बेटियों पर नाज नरेंद्र कुंडू जींद। कहते हैं कि पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं। इस कहावत को सिद्ध कर रही है शहर की हाऊङ्क्षसग बोर्ड कॉलोनी निवासी कनिष्का। कनिष्का बहुमुखी प्रतिभा की धनी है और पेटिंग के क्षेत्र में काफी महारत हासिल कर चुकी है। राजकीय प्रियदर्शनी इंदिरा गांधी महिला महाविद्यालय की बीएससी अंतिम वर्ष की छात्रा कनिष्का महज 19 वर्ष की उम्र में 50 के करीब प्रतियोगिताओं में प्रतिभागिता कर चुकी है। तीसरी कक्षा से ही कनिष्का ने प्रतियोगिताओं में प्रतिभागिता शुरू कर दी थी। अपनी प्रतिभा के दम पर कनिष्का ने वर्ष 2014 में राज्य स्तर पर आयोजित हुई पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर गवर्नर अवार्ड भी हासिल किया था। पेंटिंग के साथ-साथ पढ़ाई के क्षेत्र में भी कनिष्का काफी रुचि है। कनिष्का की एक खास बात यह भी है कि पेंटिंग प्रतियोगिताओं में उसका सबसे खास विषय कन्या भ्रूण हत्या तथा नशाखोरी रही है। कनिष्का अपनी पेंटिंग के

ममता सोधा ने जिद्द से फतेह किया एवरेस्ट

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लोगों के ताने सुन कर किया एवरेस्ट फतेह करने का इरादा चिकित्सकों की सलाह की परवाह किए बिना लहराया एवरेस्ट पर तिरंगा नरेंद्र कुंडू  डीएसपी ममता सौदा का फोटो। जींद। 'सपने उनके ही पूरे होते हैं, जिनके सपनों में जान होती है, अकेले पंखों से कुछ नहीं होता हौंसलों से ही उडान होती है।" इन पंक्तियों को सच कर दिखाया है एवरेस्ट विजेता डीएसपी ममता सोधा ने। समाज से मिल रहे ताने व परिवार की आर्थिक कमजोरी भी उसकी राह का रोड़ा नहीं बन पाई। 2003 में पर्वतारोहण के दौरान हुए हादसे में बुरी तरह से घायल होने के बाद भी ममता ने अपनी जिद्द नहीं छोड़ी और चिकित्सकों की सलाह को नजरअंदाज कर जान पर खेलते हुए एवरेस्ट फतेह करने का काम किया। एवरेस्ट पर तिरंगा लहरा कर पर्वतारोही ममता सोधा ने यह साबित कर दिया है कि नारी अबला नहीं सबला है। इतना ही नहीं ममता सोधा ने पिता की मौत के बाद अपना लक्ष्य पूरा करने के साथ-साथ परिवार के मुखिया का भी फर्ज अदा किया। परिवार में सभी भाई-बहनों में बड़ी होने के कारण पिता की मौत के बाद परिवार की पूरी जिम्मेदारी ममता के कंधों पर आ गई थी। परिवार के पास आय का कोई दूसरा स

हॉकी के दम पर राजरानी ने देश में बनाई पहचान

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परिस्थितियों से हार मानने वाली लड़कियों के लिए मिशाल बनी राजरानी रियालटी शो की विजेता बन चुकी है राजरानी  नरेंद्र कुंडू  जींद। संसाधनों के अभाव में जो लड़कियां अपना लक्ष्य छोड़कर परिस्थितियों से समझौता कर लेती हैं राजरानी उन लड़कियों के लिए एक मिशाल है। हॉकी खिलाड़ी राजरानी ने ग्रामीण क्षेत्र से निकल कर देश के मानचित्र पर अपने जिले व प्रदेश का नाम रोशन करने का काम किया है। राजरानी ने खेल ही नहीं  बल्कि छोटे पर्द पर भी अपनी सफलता की पहचान छोड़ी है। उचाना क्षेत्र के खेड़ीसफा गांव में किसान बारूराम के घर में जन्मी राजरानी ने वर्ष 2012 में स्टार प्लस चैनल पर आयोजित रियालटी शो 'सरवाइवर इंडिया' की विजेता बनकर शो में शामिल बड़े-बड़े स्टार को हरियाणा के दूध-दही की ताकत का ऐहसास करवाया था। टीवी चैनल व राष्ट्रीय स्तर पर खेलों के क्षेत्र में अपना नाम रोशन करने वाली राजरानी अब चंडीगढ़ में एक फिटनेश सेंटर पर लोगों को फिटनेश का प्रशिक्षण देती है। फिटनेश सेंटर से फ्री होने के बाद राजरानी शाम के समय स्टेडियम में जाकर खिलाडिय़ों को हॉकी के टिप्स भी सिखाती है। रियालटी शो की विजेता राजरानी

जिंदगी के गुणा-भाग ने बना दिया गणित टीचर

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अमरेहड़ी की रितू ने विपरीत परिस्थितियों से जूझ पाया मुकाम पिता की मौत के बाद संघर्ष कर पूरी की पढ़ाई नरेंद्र कुंडू जींद। आंखें खोलते ही जिंदगी में आई मुसीबतों ने ऐसा उलझाया कि मुसीबतों के गुणा-भाग से प्रेरणा लेकर वह गणित की टीचर बन गई। यह कहानी है अमरेहड़ी निवासी 23 वर्षीय रितू की। रितू ने विपरित रिस्थितियों से जूझ कर मैथ से एमएससी की अपनी पढ़ाई पूरी की। अब रितू हिंदू कन्या महाविद्यालय में मैथ की प्राध्यापिका के तौर पर अपनी सेवाएं दे कर परिवार का पालन-पोषण करने के साथ-साथ दूसरी छात्राओं का जीवन संवार रही है। मैथ प्राध्यापिका रितू अब दूसरी छात्राओं के लिए पे्ररणा स्त्रोत बन चुकी है। रितू का अगला लक्ष्य अब नेट की परीक्षा पास करना है। रितू अपने इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए दिन-रात मेहनत कर रही है। इसके लिए वह कॉलेज से घर जाने के बाद गांव में बच्चों को ट्यूशन भी पढ़ाती है। रितू की मां कृष्णा देवी तथा उसकी बड़ी बहन संगीता भी उसके सपने को पूरा करने के लिए उसका पूरा सहयोग कर रही है। अमरेहड़ी निवासी रितू ने बताया कि वह डेढ़ वर्ष की थी जब उसके पिता राजकपूर की मौत हो गई थी। पिता की म

'व्हाइटफ्लाई की रफ्तार पर ड्रेगनफ्लाई ने लगाये ब्रेक'

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मांसाहारी कीट खुद ही कर लेते हैं शाकाहारी कीटों को नियंत्रित जींद जिले में एक हजार एकड़ कपास की फसल में नहीं सफेद मक्खी का प्रकोप  नरेंद्र कुंडू जींद। इस बार हरियाणा तथा पंजाब में व्हाइट फ्लाई (सफेद मक्खी) का प्रकोप बहुत ज्यादा देखने को मिला। सफेद मक्खी के प्रकोप के कारण पंजाब तथा हरियाणा में लाखों हैक्टेयर कपास की फसल पूरी तरह से तबाह हो गई। महंगे से महंगे कीटनाशक भी सफेद मक्खी को नियंत्रित करने में बेअसर साबित हुए। किसानों द्वारा अंधाधुंध कीटनाशकों का प्रयोग करने के बावजूद भी सफेद मक्खी की संख्या कम होने की बजाए उलटा बढ़ती चली गई। कई जगह तो ऐसे हालात पैदा हो गए की किसानों को अपनी खराब हुई कपास की फसलों को मजबूरन ट्रैक्टर से जोतना पड़ा। इस वर्ष कपास की फसलों पर बड़ी तेजी के साथ सफेद मक्खी का प्रकोप बढ़ा लेकिन जींद जिले के कीट ज्ञान की मुहिम से जुड़े कीटाचार्य किसानों ने ड्रेगनफ्लाई (तुलसामक्खी) व अन्य मांसाहारी कीटों की मदद से सफेद मक्खी की इस रफ्तार पर ब्रेक लगा दिए और परिणाम यह रहे कि इन किसानों की फसलों को सफेद मक्खी से किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं हुआ। जींद जिले में लगभग एक

'देश के किसानों को कीट ज्ञान का पाठ पढ़ाएंगे म्हारे किसान'

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डीडी किसान चैनल की टीम ने कीटाचार्य किसानों के अनुभव किए कैमरे में कैद कृषि अधिकारियों व कीटाचार्य किसानों के बीच हुए सीधे सवाल-जवाब  नरेंद्र कुंडू  जींद। जिले में चल रही कीट ज्ञान की मुहिम से अब पूरे देश के किसान सीख लेंगे। डीडी किसान चैनल के माध्यम से कीटाचार्य किसान देश के दूसरे किसानों को बिना कीटनाशकों व रासायनिक उर्वरकों के खेती कैसे संभव है इसके बारे में बारिकी से जानकारी देंगे। डीडी किसान चैनल द्वारा प्रश्र मंच कार्यक्रम के तहत थाली को जहरमुक्त बनाने के विषय पर जींद जिले के कीटाचार्य पुरुष व महिला किसानों के दो घंटे का प्रोग्राम तैयार किया है। इस कार्यक्रम में किसानों के साथ-साथ कृषि अधिकारियों से भी कीट ज्ञान के बारे में उनकी राय ली गई है। कार्यक्रम के दौरान कीटनाशकों के बिना खेती संभव है या नहीं, सफेद मक्खी तथा अन्य कीटों की रोकथाम के क्या उपाय हैं। इन विषयों पर पूरा फोक्स रहा। कीटाचार्य किसानों ने बताया कि किस तरह वह पिछले सात-आठ वर्षों से बिना पेस्टीसाइड के अच्छा उत्पादन ले रहे हैं और इस बार भी उनकी फसल सफेद मक्खी से सुरक्षित है जबकि प्रदेश में सफेद मक्खी का प्रकोप ब

'कीट ज्ञान पर कृषि वैज्ञानिकों के साथ सीधे सवाल-जवाब करेंगी कीटों की मास्टरनी'

दूरदर्शन में किसान प्रश्र मंच कार्यक्रम में होगी कीट ज्ञान पर चर्चा आठ सितंबर को निडाना पहुंचेगी दिल्ली दूरदर्शन की टीम नरेंद्र कुंडू जींद। कीट ज्ञान की मुहिम से जुड़ी कीटों की मास्टरनी अब कीट ज्ञान पर कृषि वैज्ञानिकों के साथ सीधे सवाल-जवाब करेंगी। दिल्ली दूरदर्शन पर प्रशारित होने वाले किसान प्रश्र मंच कार्यक्रम में कीटाचार्य महिला एवं पुरुष किसान कृषि वैज्ञानिकों के साथ विशेष रूप से चर्चा करेंगे। आगामी आठ सितंबर को कार्यक्रम की रिकॉर्डिंग के लिए दिल्ली दूरदर्शन की टीम निडाना पहुंचेगी। कार्यक्रम के दौरान कीटाचार्य महिला तथा पुरुष किसान कृषि विशेषज्ञों के बीच सीधे सवाल-जवाब होंगे। लगातार दो घंटे तक कृषि विशेषज्ञों तथा कीटाचार्य किसानों के बीच कीट ज्ञान पर बहस चलेगी। कार्यक्रम में एनसीआईपीएम दिल्ली के कृषि विशेषज्ञ तथा जिले के कृषि अधिकारी भाग लेंगे। फसलों में लगातार बढ़ते कीटनाशकों के प्रयोग के कारण किसान की जेब पर बढ़ रहे आर्थिक बोझ तथा दूषित हो रहे खान-पान को देखते हुए कीट साक्षरता के अग्रदूत डॉ. सुरेंद्र दलाल द्वारा जींद जिले के निडाना गांव से वर्ष 2008 में खेती को जहरमुक्त

बीटी कपास के जर्रे-जर्रे में होता है जहर

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कीटों के मामले में बीटी से ज्यादा सुरक्षित है अमेरिकन व देशी कपास नरेंद्र कुंडू बरवाला/जींद। कीटाचार्य महिला किसान अंग्रेजो, राजवंती, बीरमती, गीता तथा केलो ने कहा कि शाकाहारी कीटों के मामले में बीटी की बजाए अमेरिकन कपास काफी सुरक्षित है। इस बार अमेरिकन कपास की बजाए बीटी कपास में कीटों का प्रकोप काफी ज्यादा है। जहां-जहां पेस्टीसाइड का प्रयोग नहीं हुआ है, वहां-वहां कपास की फसल कीटों के मामले में सुरक्षित है। कीटाचार्य महिला किसान शनिवार को बरवाला के जेवरा गांव में आयोजित किसान खेत पाठशाला में मौजूद किसानों को संबोधित कर रही थी। इस अवसर पर हिसार के जिला बागवानी अधिकारी डॉ. बलजीत भ्याण भी मौजूद रहे। इस मौके पर अमर उजाला फाउंडेशन की तरफ से कीटाचार्य महिला किसानों को 500-500 रुपये आर्थिक सहायता मुहैया भी करवाई गई। कपास की फसल में कीटों का अवलोकन करती महिला किसान। कीटाचार्य महिला किसानों ने कहा कि प्राकृतिक द्वारा पैदा किए गए प्रत्येक जीव का अपना महत्व है लेकिन आए दिन प्राकृतिक के साथ हो रही छेड़छाड़ के कारण प्राकृतिक का तालमेल गड़बड़ा रहा है। उन्होंने बताया कि बीटी को कीड़ों के मामले

राष्ट्रीय कृषि विकास परियोजना के साथ जोड़ेंगे कीट ज्ञान की मुहिम : डॉ. बराड़

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  कहा, कीटों पर हुए शोध पर बनाई जाए डाक्यूमेंटरी  कपास की फसलों के नुकसान का अवलोकन करने के लिए कृषि विभाग के अतिरिक्त निदेशक ने किया जींद का दौरा  नरेंद्र कुंडू जींद। जिले में सफेद मक्खी के प्रकोप के कारण खराब हो रही किसानों की कपास की फसलों का अवलोकन करने के लिए कृषि विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ. जगदीप बराड़ मंगलवार को जींद पहुंचे। इस दौरान डॉ. बराड़ ने कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ जिले के रधाना, शादीपुर, किनाना, ईंटल कलां, ईंटल खुर्द, राजपुरा सहित दर्जनभर गांवों का दौरा कर किसानों की फसलों का अवलोकन किया। रधाना गांव में किसानों की फसलों का अवलोकन करने के साथ ही डॉ. बराड़ कीटाचार्य किसानों से भी रूबरू हुए। इस दौरान कीटाचार्य किसानों ने अतिरिक्त निदेशक के साथ अपने अनुभव सांझा करते हुए बताया कि किस तरह वह पिछले सात-आठ वर्षों से बिना कीटनाशकों का प्रयोग किए अच्छा उत्पादन ले रहे हैं। किसानों द्वारा कीटों पर किए गए शोध की बारिकी से जानकारी लेने के बाद अतिरिक्त निदेशक ने कीटाचार्य किसानों को राष्ट्रीय कृषि विकास परियोजना के तहत जोड़कर कीट ज्ञान की मुहिम को प्रदेश में फैलाने का आश्व

'व्हाइट फ्लाई के प्रकोप से काला पडऩे लगा किसानों का सफेद सोना'

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पिछले वर्ष हुई प्राकृतिक आपदा के बाद अब सफेद मक्खी ने मचाई तबाही खराब हो रही कपास की फसलों पर किसान चला रहे ट्रेक्टर  नरेंद्र कुंडू  जींद। पिछले वर्ष प्राकृतिक आपदा के कारण खराब हुई खरीफ व रबी की फसलों से हुए आर्थिक नुकसान से किसान अभी तक ठीक से उभर भी नहीं पाए थे कि इस बार फिर से किसानों की कपास की फसल सफेद मक्खी (व्हाइट फ्लाई) की भेंट चढ़ गई है। महज तीन मिलीमीटर का यह कीट किसानों के सफेद सोने का भस्मासुर साबित हो रहा है। दिन-प्रतिदिन कपास की फसल पर सफेद मक्खी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। सफेद मक्खी ने किसानों के साथ-साथ कृषि विभाग के अधिकारियों की भी नींद उड़ा रखी है। कृषि विभाग के अधिकारी भी इस कीट का तोड़ नहीं ढूंढ़ पा रहे हैं। जिले में लगभग 15 हजार हैक्टेयर कपास की फसल सफेद मक्खी की भेंट चढ़कर खराब हो चुकी है। सफेद मक्खी के प्रकोप से अपनी कपास की फसल को बचाने के लिए किसान महंगे से महंगे कीटनाशकों का प्रयोग कर रहे हैं लेकिन महंगे-महंगे कीटनाशक भी इस पर बेअसर साबित हो रहे हैं। सफेद मक्खी के बढ़ते प्रकोप के कारण किसान अपनी खड़ी कपास की फसल को ट्रैक्टर से नष्ट करने पर मजबूर है

कीटनाशकों के प्रयोग से ही फसल में बढ़ती है कीटों की संख्या

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नरेंद्र कुंडू बरवाला/जींद। कीटों की मास्टरनी सीता देवी, शांति, धनवंति व नारों ने बताया कि जहां-जहां कपास की फसल में कीटों को नियंत्रित करने के लिए कीटनाशकों का प्रयोग कर छेडख़ानी की गई है, उन-उन खेतों में कीटों की संख्या निरंतर बढ़ रही है लेकिन जहां पर कीटों के साथ कोई छेडख़ानी नहीं की गई है, वहां कीटों की संख्या नुकसान पहुंचाने के आर्थिक स्तर (ईटीएल लेवल) से काफी नीचे है। कीटों की मास्टरनियां शनिवार को अमर उजाला फाउंडेशन द्वारा जेवरा गांव में आयोजित महिला किसान खेत पाठशाला में मौजूद महिला तथा पुरुष किसानों को फसल में मौजूद मांसाहारी तथा शाकाहारी कीटों के बारे में अवगत करवा रही थी। इस अवसर पर पाठशाला में आकाशवाणी केंद्र रोहतक से कार्यक्रम अधिकारी नरेश गोगिया, वरिष्ठ उद्घोषक संपूर्ण सिंह, हिसार के जिला बागवानी अधिकारी डॉ. बलजीत भ्याण, डॉ. महाबीर शर्मा भी विशेष रूप से मौजूद रहे। पाठशाला के आरंभ में महिला किसानों ने कपास तथा सब्जियों की फसल में कीटों का निरक्षण किया और उसके बाद फसल में मौजूद कीटों के आंकड़े को चार्ट पर उतारा।  फसल में मौजूद कीटों का अवलोकन करती महिलाएं। उन्होंने बत

शाकाहारी कीटों के साथ भी होता है पौधे का गहरा रिश्ता

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कीटों को मारने की नहीं उनको पहचानने तथा उनके क्रियाकलापों को समझने की जरूरत  नरेंद्र कुंडू  बरवाला/जींद। शाकाहारी कीटों के साथ भी पौधों का गहरा रिश्ता है। पौधे अपनी जरूरत के अनुसार समय-समय पर भिन्न-भिन्न प्रकार की गंध छोड़कर शाकाहारी कीटों को अपनी सुरक्षा के लिए बुलाते हैं। इसलिए हमें कीटों को मारने की नहीं बल्कि कीटों को पहचानने की जरूरत है। यह बात कीटाचार्या किसान विजय, प्रमिला, कमल, आशीम, शकुंतला ने शनिवार को बरवाला के जेवरा गांव में अमर उजाला फाउंडेशन द्वारा सब्जियों की फसल पर आयोजित की जा रही महिला किसान खेत पाठशाला को संबोधित करते हुए कही। पाठशाला में हिसार के जिला बागवानी अधिकारी डॉ. बलजीत भ्यान भी मौजूद रहे। पाठशाला के आरंभ में महिला किसानों द्वारा ग्रुप बनाकर करेला, मिर्च, बैंगन, भिंडी, घीया की बेल पर मौजूद मांसाहारी तथा शाकाहारी कीटों की पहचान कर उनके क्रियाकलापों के बारे में किसानों को बारिकी से जानकारी दी गई।  मास्टर ट्रेनर महिला किसानों ने बताया कि किसानों को भय व भ्रम के जाल में फंसाया जा रहा है। इसी के चलते शाकाहारी कीटों के डर से किसान फसलों पर अंधाधुंध पेस्टीसा

कीटनाशकों से शाकाहारी कीटों के साथ मर जाते हैं कुदरती कीटनाशी

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कपास के साथ-साथ सब्जियों पर भी शुरू हुआ प्रयोग  कीट ज्ञान हासिल करने के लिए पंजाब से भी पहुंचे किसान  नरेंद्र कुंडू  बरवाला/जींद। आज कपास की फसल में रस चूसक कीट सफेद मक्खी का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। सफेद मक्खी के बढ़ते प्रकोप से किसान बुरी तरह से भयभीत हैं। क्योंकि सफेद मक्खी को काबू करने में कीटनाशक भी बेअसर साबित हो रहे हैं। यह बात कीटों की मास्टरनी राजवंती, कमलेश, बिमला, रोशनी व सुमन ने शनिवार को जेवरा गांव में आयोजित महिला किसान खेत पाठशाला में किसानों को संबोधित करते हुए कही। पाठशाला में कीटों के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए बरवाला व आस-पास के सैंकडों किसानों के अलावा नूरमहल जालंधर से गुरप्रीत, चैनलाल, सरपंच लखविंद्र ने भी शिरकत की। पाठशाला में मौजूद किसानों ने सब्जियों व कपास की फसल में मौजूद मांसाहारी तथा शाकाहारी कीटों का अवलोकन किया। किसानों को कीटों के जीवन चक्र व क्रियाकलापों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।  मास्टर ट्रेनर महिला किसानों ने बताया कि फसल में अंधाधुंध कीटनाशकों के प्रयोग के कारण शाकाहारी कीट सफेद का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। इसका कारण यह