शनिवार, 3 मार्च 2012

..अ मेरे वतन के लोगो जरा याद करो कुर्बानी

शहीदी स्मार्क से यात्रा की शुरुआत करते युवा।
नरेंद्र कुंडू
जींद।
‘इतना वादा करो जब आजादी मिले, याद करना हमें भूल जाना नहीं’ शहीदों की इस आवाज को बुलंद करने का बीड़ा उठाया है जींद जिले के कुछ देशभक्त युवाओं ने। आजादी से पहले लोगों के दिलों में देश भक्ति का जो जजबा शहीद भगत सिंह व उनके साथियों ने पैदा किया था, उस जजबे को कायम रखने तथा पथ भ्ररष्ट हो रहे नौजवानों को रास्ता दिखाकर देश की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए इन युवाओं ने कमर कस ली है। इन युवाओं ने सरकार से 23 मार्च (शहीद भगत सिंह) के बलिदान दिवस को नेशनल होली डे के रूप में मनाने तथा हर प्रदेश में जिला स्तर पर शहीदी म्यूजियम खोलने की मांग की है। अपनी इस मांग को सरकार तक पहुंचाने व अधिक से अधिक लोगों को इस आंदोलन के साथ जोड़ने के लिए 27 फरवरी (चंद्रशेखर आजाद के शहीदी दिवस) से ‘कुछ पल शहीदों के नाम’ से पैदल यात्रा शुरू की है। यह यात्रा जींद से चलकर गांव व कस्बों से होते हुए पंजाब के नवा शहर स्थित भगत सिंह के गांव खटकड़ कलां पहुंचेगी। देश की पहली हाईटेक पंचायत बीबीपुर भी इन युवाओं के सहयोग में खड़ी हो गई और पंचायत द्वारा इन युवाओं को विशेष सहयोग दिया गया है। सोमवार से शुरू हुई इस यात्रा को बीडीपीओ नीलम अरोड़ा ने शहर के शहीद स्मार्क से हरी झंडी दिखाकर रवाया किया तथा जींद के विधायक हरिचंद मिढ़ा ने भी इन युवाओं का जोरदार स्वागत किया।
जिन शहीदों ने हमारी खुशियों व देश की आजादी के लिए अपने प्राण तक न्यौछावर कर दिए आज हम उन्हीं महान शहीदों को भुलाए बैठे हैं। जिन शहीदों ने हमारे हक के लिए लड़ाई लड़ी आज हम उनके हक पर ही डाका डाल रहे हैं। हमारी युवा पीढ़ी पथभ्रष्ट होकर बुराइयों के दलदल में धंसती जा रही है। शहीदों को उनका हक दिलाने तथा युवा पीढ़ी को सही रास्ता दिखाने की एक उम्मीद की किरण जगाई है जिले के कुछ नौजवानों ने। इन नौजवानों ने इस लड़ाई के लिए भगत सिंह को अपना आदर्श माना है और भगत सिंह की जीवनी से ही इन्हें यह प्रेरणा मिली है। इन युवाओं ने अब शहीद भगत सिंह के शहीदी दिवस 23 मार्च को नेशनल होली डे मनाने, देश में जिला स्तर पर शहीदी म्यूजियम बनाने, स्कूलों के पाठ्यक्रम में शहीदों की जीवनी लागू करवाने, शहीदों के नाम से सरकारी योजनाएं शुरू करने, पुंजीवाद को समाप्त कर समाजवाद को बढ़ावा देने के लिए आवाज उठाई है। ये नौजवान शहीदों को क्षेत्रवाद की सीमा में न बांटकर पूरे देश के युवाओं के लिए उन्हें प्रेरणास्त्रोत बनाना चाहते हैं। इनका कहना है कि आज हमारे शहीद क्षेत्रवाद तक ही सीमित रह गए हैं। खुदीराम बोस को सिर्फ पंश्चिम बंगाल, चंद्रशेखर को इलाहबाद तथा भगत सिंह व ऊधम सिंह जैसे शहीदों को सिर्फ पंजाब व हरियाणा के लोग ही जानते हैं। आज देश को फिर से भगत सिंह जैसे नौजवानों की जरुरत है और देश में ऐसे ही नौजवान तैयार करने के लिए इन युवाओं ने अपनी लड़ाई शुरू कर दी है। इसके लिए इन्होंने शहीद चंद्रशेखर आजाद के शहीदी दिवस यानि 27 फरवरी से एक पैदल यात्रा शुरू की है। इस यात्रा में शहर व गांवों से 30 के लग•ाग युवा शामिल हैं। यह यात्रा गांव व कस्बों से होते हुए पंजाब के नवा शहर स्थित भगत सिंह के गांव खटकड़ कलां पहुंचेगी और यहां पहुंचकर एक बड़े समारोह का आयोजन किया जाएगा। यात्रा के दौरान रास्ते में आने वाले शहीदी स्थलों पर ये नौजवान श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। वहां से वापिस लौटने के बाद भी ये अपना संघर्ष जारी रखेंगे।
भगत सिंह के नाम से तैयार की वेबसाइट
आज कंप्यूटर का युग होने के कारण युवाओं में इंटरनेट का चलन काफी बढ़ गया है। इसलिए इन युवाओं ने अपने आंदोलन को सफल बनाने तथा अधिक से अधिक युवाओं को अपने साथ जोड़ने के लिए इन्होंने डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डाट भगत सिंह एनएस डाट इन के नाम से वेबसाइट तैयार की है और इस साइट पर भगत सिंह के जीवन से संबंधित सभी दस्तावेज डाले गए हैं।
 युवाओं ने की एक अनुठी पहल
युवाओं की यह एक अनुठी पहल है। इस यात्रा से देश के युवाओं को काफी प्रेरणा मिलेगी। यात्रा से लौटने के बाद जिला प्रशासन से भी इन युवाओं के सहयोग के लिए अपील की जाएगी। ताकि हमारी युवा पीढ़ी शहीदों से प्रेरणा ले सके।
नीलम अरोड़ा
बीडीपीओ, जींद

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