गुरुवार, 19 अप्रैल 2012

कम्प्यूटर अध्यापकों व लैब सहायकों के भविष्य पर लटकी तलवार

117 रुपए प्रतिदिन मेहनताने से कर रहे हैं गुजारा

नरेंद्र कुंडू
जींद।
सरकार एक तरफ तो सरकारी स्कूलों में कम्प्यूटर शिक्षा लागू कर शिक्षा स्तर को ऊंचा उठाने तथा बच्चों के भविष्य को उज्जवल बनाने के दावे कर रही है, लेकिन दूसरी तरफ बच्चों को कम्प्यूटर शिक्षा उपलब्ध करवाने वाले अध्यापकों तथा लैब सहायकों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। सरकारी स्कूलों में आऊटर्सोसिंग कंपनी द्वारा सरेआम श्रम कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं तथा कम्प्यूटर अध्यापकों व लैब सहायकों का शोषण किया जा रहा है। कंपनी कम्प्यूटर अध्यापकों व लैब सहायकों के साथ नियुक्ती के समय किए गए 5 साल के अनुबंध को बीच में ही तोड़ कर उसमें फेर बदल कर इनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। कंपनी के तानाशाही रवैये के कारण कम्प्यूटर अध्यापक व लैब सहायक असमंजस में हैं। कंपनी द्वारा उठाए गए इस कदम से प्रदेश भर के लगभग 6 हजार कम्प्यूटर अध्यापक व लैब सहायकों के भविष्य पर तलवार लटक रही है। हरियाणा कम्प्यूटर अध्यापक संघ व लैब सहायक संघ अब अपने रोजगार को बचाने के लिए आंदोलन की रणनीति तैयार कर रहा है।
प्रदेश सरकार ने सरकारी स्कूलों में कम्प्यूटर शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2009 में पांच साल के अनुबंध पर कम्प्यूटर शिक्षक व लैब सहायकों की भर्ती के लिए एचसीएल कंपनी  से कॉन्ट्रेक्ट दिया था। एचसीएल कंपनी ने यह कॉन्ट्रेक्ट एनआईसीटी कंपनी को दे दिया। एनआईसीटी कंपनी  ने आऊटर्सोसिंग नीति के प्रदेश भर में लगभग 6 हजार कम्प्यूटर अध्यापक व लैब सहायकों की भर्त्ती की थी। कंपनी ने ज्वार्इंनिग के समय अध्यापकों के साथ 5 साल का अनुबंध किया था। एनआईसीटी कंपनी ने कम्प्यूटर अध्यापकों व लैब सहायकों को प्रतिदिन 117 रुपए मेहनताना देने का अनुबंध किया था। लेकिन अब कंपनी  ने इस कॉन्ट्रेक्ट को रद्द कर नए सिरे से कॉन्ट्रेक्ट तैयार किया है। कम्प्यूटर अध्यापकों व लैब सहायकों ने कंपनी पर आरोप लगाया है कि कंपनी उनसे जिस नए कॉन्ट्रेक्ट पर साईन करवा रही है उसमें काफी खामिया हैं। नए कॉन्ट्रेक्ट पर कम्प्यूटर अध्यापक व लैब सहायक के पद पर नियुक्ती का जिक्र करने की बजाए स्वयं सेवक के तौर पर नियुक्ती का जिक्र किया गया है। उन्होंने कहा कि कंपनी उनकी नियुक्ती कम्प्यूटर अध्यापक व लैब सहायक के स्थान पर स्वयं सेवक के रूप में दिखाना चाहती है। अगर वे कंपनी द्वारा तैयार किए गए नए कॉन्ट्रेक्ट पर साईन करते हैं तो वे भविष्य में अपने हक के लिए आवाज नहीं उठा सकेंगे। कंपनी ने जानबुझ कर उनका शोषण करने के उद्देश्य से यह कदम उठाया है। उन्होंने आरोप लगाए के कंपनी के अधिकारी पुराने अध्यापकों व लैब सहायकों को हटाकर उनकी जगह पैसे लेकर चोर दरवाजे से नई भर्ती कर रही है। कम्प्यूटर अध्यापकों का कहना है कि उनसे स्कूल में बच्चों को कम्प्यूटर शिक्षा देने के अलावा अध्यापकों की ई-सैलरी व एससी, बीसी के बच्चों के खाते तैयार करने का कार्य भी लिया जाता है। कंपनी मात्र 117 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से मेहनताना देकर उनका शोषण कर रही है। कंपनी के तानाशाही रवैये के चलते ही हरियाणा अध्यापक संघ व लैब सहायक संघ आंदोलन की रणनीति तैयार कर रहा है।
मात्र 117 रुपए से गुजारा चलाना मुश्किल
मात्र 117 रुपए प्रतिदिन के मेहनताने से आज की महंगाई में गुजारा होना मुश्किल है। इसलिए वे अपने मेहनताने में वृद्धि करवाने के लिए कंपनी से मांग कर रहे थे। इसके लिए वे सभी प्रशासनिक अधिकारियों व सरकारी नुमाइंदों से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन उन्हें कहीं से भी न्याय की उम्मीद नजर नहीं आ रही है। अब कंपनी ने उनकी आवाज को दबाने के उद्देश्य से नया कॉन्ट्रेक्ट तैयार किया है। उनसे जबरदस्ती नए कॉन्ट्रेक्ट पर हस्ताक्षर करए जा रहे हैं। कंपनी उनकी नियुक्ती कम्प्यूटर अध्यापक व लैब सहायक के पद की बजाए स्वयं सेवक के पद पर दिखाना चाहित है, ताकि वे भविष्य में अपने हक के लिए आवाज न उठा सकें। कंपनी पुराने कर्मचारियों को हटा कर पैसे लेकर चोर दरवाजे से नई भर्ती कर रही है।
देवेंद्र सिंह, जिला प्रधान
हरियाणा कम्प्यूटर अध्यापक
संघ, जींद
सरकार हर साल मांगती है नया एग्रीमेंट
कम्प्यूटर अध्यापकों व लैब सहायकों के साथ जो कॉन्ट्रेक्ट किया गया है, वह 5 साल के लिए ही है। सरकार हर साल नया एग्रीमेंट मांगती है। इसलिए सभी कम्प्यूटर अध्यापकों व लैब सहायकों से नए एग्रीमेंट पर साईन करवाए जा रहे हैं। कंपनी ने जो कॉन्ट्रेक्ट पहले तैयार किया था, वही कॉन्ट्रेक्ट इस बार भी है। पैसे लेकर चोर दरवाजे से भर्ती के इलजाम बेबुनिया हैं।
अशोक शर्मा, जिला कोर्डिनेटर
एनआईसीटी, जींद


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