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फ़रवरी, 2012 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

...ताकि किसानों को न पड़े कीटनाशकों की जरुरत

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अल व चेपे से चिंतित न हों किसान सरसों की फसल में लगा अल नरेंद्र कुंडू जींद। खेतों में सरसों व गेहूं की फसल तैयार हो रही है, लेकिन फसल में आए अल व चेपे से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें बढ़ रही हैं। क्योंकि ये शकाहारी कीट फसल की टहनियों, कलियों व पत्तियों से रस चुसकर अपना वंश चलाते हैं। जिससे फसल की पैदावार पर काफी प्रभाव पड़ता है। गेहूं की फसल में होने वाली पेंटिडबग व सरसों की फसल में होने वाली एफिड (अल या चेपे) के कीट से फसल का बचाव करने के लिए कृषि वैज्ञानिक किसानों को कीटनाशक स्प्रे की सलाह दे रहे हैं। लेकिन इसके विपरित कीट प्रबंधन के प्रति जागरूक किसान पिछले 6-7 सालों से इसका उपचार कीट प्रबंधन से ही कर रहे हैं तथा इसे चिंता का विषय न बताकर अन्य किसानों को भी फसल में किसी प्रकार के कीटनाशकों का प्रयोग न करने की सलाह दे रहे हैं। निडाना खेत पाठशाला के किसान फसल में पाई जाने वाली मासाहारी सिरपट मक्खी व लेडी बिटल को अल व चेपे के कीड़ों का वैद्य बता रहे हैं। धान व कपास की फसलों के भावों में हुई भारी गिरावट के बाद अब किसानों को गेहूं व सरसों की फसल में आए पेंटिडबग व एफिड (अल व चे

दूसरे राज्यों को कीट प्रबंधन के गुर सिखाएंगी म्हारी महिलाएं

निडाना महिला किसान खेत पाठशाला की 20 प्रशिक्षित महिलाओं ने शुरू की 5 दिवसीय अंतर्राज्यीय यात्रा नरेंद्र कुंडू जींद। मित्र व दुश्मन कीटों की पहचान में महारत हासिल करने वाली निडाना की महिला किसान अब दूसरे राज्यों में भी इस अभियान की अलख जगाने निकल पडी हैं। वीरवार से शुरू हुई इस 5 दिवसीय अंतर्राज्य अनावरण यात्रा के दौरान ये महिला किसान पतंजलि योगपीठ, देहरादुन व हिमाचल में स्थित आॅर्गेनिक रिसर्च सेंटरों का दौरा करेंगी। यहां पर ये महिलाएं प्रशिक्षकों को जैविक खेती के जरूरी टिप्स देंगी। कृषि विभाग द्वारा शुरू की गई इस अनावरण यात्रा में निडाना महिला किसान खेत पाठशाला की 20 प्रशिक्षित महिलाओं को चुना गया है। महिलाओं के इस 5 दिवसीय टूर पर कृषि विभाग द्वारा 60 हजार रुपए खर्च किए जाएंगे। महिलाओं की टीम का नेतृत्व कृषि विभाग के एडीओ डा. सुरेंद्र दलाल व डा. कमल सैनी करेंगे।    फसलों में बढ़ते कीटनाशकों के इस्तेमाल को रोकने तथा मित्र कीटों की पहचान कर जैविक खेती को बढ़ावा देने की मुहिम अब रफ्तार पकड़ रही है। निडाना महिला किसान खेत पाठशाला की महिला किसान कीट प्रबंधन के क्षेत्र में प्रदेश में धाक जमा

‘शरीर की तलाश में भटकती आत्मा’

विभाग द्वारा किसानों से नहीं मांगे गए आवेदन नरेंद्र कुंडू जींद। सरकार द्वारा कृषि प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की गई आत्मा योजना अभी तक फाइलों से बाहर नहीं निकल पाई है। सरकार की बेरुखी केचलते इस वर्ष ‘आत्मा’ शरीर के लिए भटक रही है। योजना फाइलों में दफन होने के कारण  किसी भी प्रगतिशिल किसानों को इसका लाभ नहीं मिल सका है। पिछले वर्ष जहां जिले से 35 प्रगतिशिल किसानों ने इस योजना का लाभ उठाया था, वहीं इस बार विभाग ने इसके लिए आवेदन तक मांगने की जहमत नहीं उठाई है। जिसके चलते जिलेभर के दो दर्जन से ज्यादा किसान पुरस्कार की बाट जोह रहे हैं। लेकिन विभाग इस पर चुप्पी साधे बैठा है। प्रौद्योगिक खेती के लिए किसानों को प्रेरित करने के उद्देश्य से सरकार ने आत्मा योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत हर वर्ष प्रगतिशिल किसानों को एक पुरस्कार राशि दी जाती है ताकि अधिक से अधिक किसान प्रौद्योगिक खेती को अपना कर अधिक से अधिक मुनाफा प्राप्त कर सकें। लेकिन इस वर्ष सरकार की आत्मा योजना फाइलों में धूल फांक रही है। योजना सिरे न चढ़ पाने के कारण इस वर्ष प्रगतिशिल किसानों को इसका लाभ नहीं मिला है।

जिला खेल अधिकारी की कुर्सी बनी खेल

नरेंद्र कुंडू जींद। जिला खेल अधिकारी की कुर्सी दो अधिकारियों की आपसी खिंचतान के चलते खेल बनकर रह गई है। जींद खेल अधिकारी फूलकुमार दहिया का तबादला 2 फरवरी को सोनीपत में हो गया था और सोनीपत के खेल अधिकारी प्रकाश सिंह दहिया को जींद खेल अधिकारी की जिम्मेवारी सौंपी गई थी। विभाग द्वारा जारी आदेशों के बाद जींद के खेल अधिकारी फूलकुमार दहिया ने तो जींद से रिलीव होकर सोनीपत ड्यूटी ज्वाइंन कर ली, लेकिन प्रकाश सिंह दहिया जींद में ड्यूटी ज्वाइंन करने को तैयार नहीं हैं और सोनीपत में ही खेल अधिकारी की कुर्सी पर जम बैठे हैं। ऐसे में सोनीपत जिले के पास तो दो खेल अधिकारी हो गए, लेकिन जींद के खेल अधिकारी की कुर्सी पर बैठने के लिए कोई तैयार नहीं है। जिला खेल अधिकारी की कुर्सी खाली होने से यहां की खेल गतिविधियां पूरी तरह से प्रभावित हो गई हैं। सोनीपत की जिला खेल अधिकारी की कुर्सी में आखिर ऐसा क्या है कि विभाग के आदेशों के बावजूद भी खेल अधिकारियों का मोह उस कुर्सी से नहीं छुट रहा है। दोनों खेल अधिकारियों में चल रही खींचतान नई नहीं बल्कि काफी पुरानी है। यह मामला उस समय से चल रहा है, जब मेवात में ड्यूटीरत जि

.....और पढ़ाई करते-करते 20 साल कम हो गई उम्र

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आईटीआई द्वारा जारी प्रमाण पत्र दर्शा रहे हैं अलग-अलग जन्मतिथि  आईटीआई द्वारा स्नेहलता को जारी किए गए प्रमाण पत्र। नरेंद्र कुंडू जींद। जिस संस्थान के कंधो पर विद्यार्थियों को प्रशिक्षण देकर रोजगार उपलब्ध करवाने का जिम्मा होता है, उसी संस्थान के कुछ कर्मचारियों की थोड़ी सी गलती ने एक छात्रा की झोली में रोजगार की जगह परेशानियां व धक्के डाल दिए हैं। जींद की सरकारी आईटीआई में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। आईटीआई की तरफ से छात्रा को जारी किए गए प्रमाण पत्रों में एक छात्रा की उम्र देखते ही देखते 20 साल घट गई है। छात्रा को जारी किए गए प्रमाण पत्रों से छेड़छाड़ कर उसकी जन्मतिथि 1974 से बदलकर 1994 कर दी गई है। प्रमाण पत्रों में जन्मतिथि सही न होने के कारण छात्रा के भविष्य पर तलवार लटक रही है। छात्रा अपनी जन्मतिथि ठीक करवाने के लिए पिछले दो साल से आईटीआई के चक्कर काट रही है, लेकिन अब तक छात्रा को आईटीआई प्रबंधन की ओर से कोई संतुष्ट जवाब नहीं मिला है। आईटीआई प्रबंधन की तरफ से कोई उम्मीद नजर न आती देख छात्रा ने उपायुक्त का दरवाजा खटखटाया है। उपायुक्त को दी शिकायत में छात्रा ने आईटीआई प्रब

सरकारी टीचर सेमिनार में कैसे होगा बच्चों का सिलेबस पूरा

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परीक्षा की तैयारियों में लगे बच्चे। नरेंद्र कुंडू जींद। शिक्षा विभाग के नए नियम कानून छात्रों के भविष्य पर भारी पड़ रहे हैं। टीचर कभी सेमिनार में तो कभी  अन्य गैर शिक्षण कार्यों में लगे हुए हैं। परीक्षा की डेटशीट भी आ गई। मगर अभी तक बच्चों का कोर्स पूरा नहीं हुआ है, रिवीजन तो दूर की बात है। कोर्स पूरा नहीं होने पर बच्चों को रिजल्ट की चिंता सता रही है। मगर शिक्षा विभाग के अधिकारियों व सरकार को इसकी जरा भी परवाह नहीं है। कक्षा एक से 10 तक के बच्चों का कोर्स पूरा नहीं हुआ है। इन क्लासों में एक लाख 17 हजार 944 विद्यार्थी पढ़ते हैं। कोर्स पूरा न होने पर जिले के एक लाख 17 हजार 944 बच्चों के भविष्य पर तलवार लटी हुई है। शिक्षकों का कहना है कि पहला सेमेस्टर स्टेट टेस्ट व अन्य कारणों से लंबा चला। इसका असर यह रहा कि दूसरे सेमेस्टर के लिए बहुत कम समय मिला। इस कारण कोर्स पूरा होना असंभव है। नियम के मुताबिक एक सेमेस्टर के लिए 120 दिन होने चाहिए। आधा नंवबर शिक्षकों का परीक्षा व र्माकिंग में चला गया। उसके बाद जनगणना में ड्यूटी लगा दी गई। केवल दिसंबर में क्लास लगी। पांच से 16 जनवरी तक शीतकालीन छुट

पायलेट प्रोजेक्ट से कंट्रोल किया जाएगा गिरता भूजल स्तर

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गांव में रेन कंजर्वेशन एवं हारवेस्टिंग सिस्टम के लिए खुदाई करते मजूदर। बीबीपुर गांव में लगा प्रदेश का पहला रेन कंजर्वेशन एवं हारवेस्टिंग सिस्टम नरेंद्र कुंडू जींद। पायलेट प्रोजेक्ट से अब गिरते भूजल स्तर पर काबू पाया जाएगा। केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई पायलेट प्रोजेक्ट योजना के तहत ग्राम पंचायत बीबीपुर से भूजल संरक्षण मुहिम की शुरूआत की गई है। इसलिए प्रयोग के तौर पर बीबीपुर गांव में रेन कंजर्वेशन एवं हारवेस्टिंग सिस्टम लगाया गया है। बरसात के पानी को सिस्टम में फिल्टर कर जमीन में छोड़ा जाएगा। इससे गांव के भूजल में सुधार होगा और बसरात का पानी बेकार होने से बचेगा। यहां पर अगर सिस्टम सफल होता है तो प्रदेश में इस योजना को प्रमुख्ता से लागू किया जाएगा। लगातार हो रहे पानी के दोहन से भूजल स्तर काफी नीचे गिर रहा है और शुद्ध पानी के स्त्रोतों भी कम हो रहे हैं। गिरते भूजल स्तर को रोकने के लिए केंद्र सरकार द्वारा पायलेट प्रोजेक्ट योजना शुरू की गई है। प्रदेश में इस योजना की शुरूआत जिले के बीबीपुर गांव से की गई है। प्रदेश का यह सबसे पहला ऐसा गांव है जहां पर रेन कंजर्वेशन एवं हारवेस्टिंग सिस

आपदाओं से निपटने के लिए लोगों को किया जाएगा ट्रेंड

जिले में विकसित किया जाएगा सिविल डिफेंस टाउन नरेंद्र कुंडू जींद। प्राकृतिक आपदाओं से निपटने तथा ऐसे समय में दूसरे लोगों की मदद करने में अब जिले के लोग सक्षम होंगे। गृह रक्षी एवं सिविल डिफेंस विभाग अब लोगों को नागरिक सुरक्षा के गुर सिखाएगा। जींद जिले को जल्द ही सिविल डिफेंस टाउन की सौगात मिलने जा रही है। विभाग द्वारा जिले में सिविल डिफेंस टाउन विकसित करने की रूपरेखा तैयार की जा रही है। मुख्यालय की तरफ से योजना को हरी झंडी मिलते ही योजना को मूर्त रूप दिया जाएगा। जींद के साथ-साथ 5 अन्य जिलों को भी सिविल डिफेंस टाउन का तोहफा मिलेगा।  अब जिले के लोगों को प्राकृतिक आपदाओं के समय नागरिक सुरक्षा के लिए विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी। प्रदेश के 10 जिलों की तर्ज पर अब जींद जिले में भी सिविल डिफेंस टाउन विकसित किया जाएगा। जिसका कंट्रोलर उपायुक्त को बनाया जाएगा। आपदा के समय स्वयं व अन्य लोगों की जान की रक्षा के लिए लोगों को ट्रेंड करने के लिए विभाग विशेष ट्रेनर नियुक्त करेगा। विभाग द्वारा नियुक्त किए गए ट्रेनर स्कूलों, कॉलेजों व सेमीनारों का आयोजन कर लोगों को ट्रेनिंग देंगे। गृह रक्षी एवं सिविल डिफें

पंचायतों में गड़बड़झाला

नरेंद्र कुंडू जींद। प्रदेश में ग्राम पंचायतें नियमों व कायदों पर खरी नहीं उतर रही हैं। पंचायत को अपने कार्यकाल के दौरान कम से कम तीन बार ग्राम सभा की बैठक अवश्य करनी होती है और इसकी विडियोग्राफी करवाकर इसकी रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेजनी होती है, लेकिन प्रदेश की ग्राम पंचायतें इसकी जहमत नहीं उठाती हैं। सरपंच ग्राम सभा के नाम पर खानापूर्ति कर उच्च अधिकारियों के सामने झूठी रिपोर्ट पेश कर देते हैं। सरपंचों के इस भ्रष्टाचार में उच्च अधिकारियों भी संलिप्त होते हैं। सरकारी अधिकारी भी चुपचाप अपना कमिशन ऐंठकर बिना किसी जांच पड़ताल के सरपंचों के प्रस्ताव पर अपनी मोहर लगा देते हैं। अधिकारियों व सरपंचों की लापरवाही के कारण ग्राम पंचायतें आज भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा अड्डा बनी हुई हैं। कहने को तो गांवों में पंचायती राज लागू है। सरकार पंचायती राज के आंकड़े गिनाते-गिनाते नहीं थकती। लेकिन अधिकारी अपने निजी स्वार्थ के चक्कर में सरकार की सारी योजनाओं को पलिता लगा रहे हैं। कानून के मुताबिक पंचायत के पांच साल के कार्यकाल में तीन ग्राम सभा की बैठकें होनी अनिवार्य हैं और इन ग्राम सभा की वीडियोग्राफी करवा उच्

आपदाओं से निपटने के लिए किया जाएगा ट्रेंड

जिले में विकसित किया जाएगा सिविल डिफेंस टाउन नरेंद्र कुंडू जींद। प्राकृतिक आपदाओं से निपटने तथा ऐसे समय में दूसरे लोगों की मदद करने में अब जिले के लोग सक्षम होंगे। गृह रक्षी एवं सिविल डिफेंस विभाग अब लोगों को नागरिक सुरक्षा के गुर सिखाएगा। जींद जिले को जल्द ही सिविल डिफेंस टाउन की सौगात मिलने जा रही है। विभाग द्वारा जिले में सिविल डिफेंस टाउन विकसित करने की रूपरेखा तैयार की जा रही है। मुख्यालय की तरफ से योजना को हरी झंडी मिलते ही योजना को मूर्त रूप दिया जाएगा। जींद सहित 5 अन्य जिलों को भी सिविल डिफेंस टाउन का तोहफा मिलेगा।  अब जिले के लोगों को प्राकृतिक आपदाओं के समय नागरिक सुरक्षा के लिए विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी। प्रदेश के 10 जिलों की तर्ज पर अब जींद जिले में भी सिविल डिफेंस टाउन विकसित किया जाएगा। जिसका कंट्रोलर उपायुक्त को बनाया जाएगा। आपदा के समय स्वयं व अन्य लोगों की जान की रक्षा के लिए लोगों को ट्रेंड करने के लिए विभाग विशेष ट्रेनर नियुक्त करेगा। विभाग द्वारा नियुक्त किए गए ट्रेनर स्कूलों, कॉलेजों व सेमीनारों का आयोजन कर लोगों को ट्रेनिंग देंगे। गृह रक्षी एवं सिविल डिफेंस वि

प्रदेश में होमगार्ड्स को भत्तों में बढ़ोतरी की सौगात

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नरेंद्र कुंडू  जींद। प्रदेश के होमगार्ड जवानों की किस्मत अब जल्द ही बदलने वाली है। होमगार्ड के जवानों को जल्द ही वेतन भत्तों में बढ़ोतरी की सौगात मिलने जा रही है। होमगार्ड के जवानों को अब प्रतिदिन ड्यूटी भत्ता 150 रुपए की बजाय 250 रुपए के हिसाब से मिलेगा। इसके अलावा टेÑनिंग भत्ता भी 100 से 250 तथा मासिक भत्ता 40 से 60 रुपए दिया जाएगा। होमगार्ड एवं सिविल डिफेंस विभाग ने जवानों की समस्याओं को देखते हुए उनके पक्ष में यह हितकारी निर्णय लिया है। विभाग के इस फैसले से प्रदेश के 14025 जवानों को फायदा मिलेगा। आगामी एक अप्रैल 2012 से जवानों को बढ़े हुए भत्तों का लाभ मिलेगा। इसके लिए विभाग के उच्चाधिकारियों ने सभी जिला अनुदेशकों को पत्र जारी कर निर्देश दे दिए हैं। पत्र जारी होने के बाद जवानों में काफी खुशी है। काफी लंबे समय से आर्थिक तंगी से जुझ रहे होमगार्ड के जवानों के लिए अच्छी खबर है। लंबे समय से वेतन व भत्तों में बढ़ोतरी का इंतजार कर रहे होमगार्ड के जवानों को अब जल्द ही वेतन व भत्तों में बढ़ोतरी की सौगात मिलने जा रही है। होमगार्ड एवं सिविल डिफेंस विभाग के वित्तायुक्त द्वारा जिला अनुदेशकों

बदला मौसम का मिज़ाज, धरती पुत्रों के माथे पर बनी चिंता की लकीरें

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पाले से फसलों के उत्पादन पर पड़ेगा भारी असर चारे की फसल पर जमा पाला। नरेंद्र कुंडू  जींद। क्षेत्र में पाला रिकार्ड तोड़ रहा है। रबी की फसलों पर पाला बर्फ की तरह जम मिलता है। पाले के प्रकोप से फसलों पर संकट मंडरा रहा है। फसलें नष्ट होने लगी हैं। खासकर सरसों व सब्जियों की फसल के लिए पाला भष्मासुर साबित होता है। फसलों को बचाने के लिए कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को तुरंत हल्की सिंचाई की सलाह दी है। जिस तरह से पाला रिकार्ड तोड़ रहा है, उससे उत्पादन पर असर पड़ना लाजिमी है।   एक सप्ताह से मौसम में आ रहे बदलाव के साथ ही किसानों के माथे पर चिंता की लकीर दिखाई देने लगी हैं। किसानों को पाला की चिंता सताने लगी है। वीरवार सुबह क्षेत्र के कई गांवों में फसलों पर पाला जमा नजर आया है। मंगलवार रात को हुई बारिश के बाद तापमान में लगातार गिरवाट जारी है। किसानों का कहना है कि रात के तापमान में गिरावट से फसलों पर पाले का खतरा मंडराने लगा है। पाले के प्रकोप के कारण सरसों, जौं, सब्जियों व चारे की फसल नष्ट हो रही हैं। सप्ताह के पहले दिन से मौसम में आए बदलाव के बाद तापमान में उतार-चढ़ाव आता रहा है। बीते तीन

स्कूलों में नहीं पार्कों में ले रहे हैं तालीम!

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अंधकार में देश के कर्णधारों का भविष्य  स्कूल टाइम में अर्जुन स्टेडियम में आराम फरमाते स्कूली बच्चे। अर्जुन स्टेडियम में बैठकर ताश खेलते स्कूली बच्चे। नरेंद्र कुंडू जींद। विद्यार्थी देश के कर्णधार होते हैं, देश का भविष्य विद्यार्थियों के कंधों पर टिका होता है। अगर देश के ये भावी कर्णधार ही अपने पथ से भ्रष्ट हो जाएं तो, यह साफ है कि देश का भविष्य अंधकार में है। देश के इन कर्णधारों की करतूतों से समाज का सिर शर्म से झुक जाता है। शहर में पढ़ाई के लिए आने वाले विद्यार्थियों की कक्षाएं स्कूलों या कॉलेजों में नहीं, बल्कि शहर के पार्कों में लगती हैं। इनकी करतूतों से शहरवासी ही नहीं, पुलिस प्रशासन भी परेशान है। लेकिन पुलिस प्रशासन इन पर नकेल कसने में नाकामयाब है। पार्कों में पूरा दिन इनके नशे व ताशबाजी के दौरे चलते रहते हैं। स्कूल टाइम में कॉलोनियों के सभी पार्कों में छात्रों का जमावड़ा लगा रहता है। यहां से गुजरने वाली छात्राओं से छेड़छाड़ इनका प्रिय शौक है। इनको सबक सिखाने के लिए पुलिस भी खानापूर्ति के सिवाए कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रही है।   पार्क में सिगरेट के कश लगते स्कूली

आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा किसान प्रशिक्षण केंद्र

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कांफ्रेस हाल व लाइब्रेरी के निर्माण पर खर्च किए जाएंगे एक करोड़ रोहतक रोड स्थित किसान प्रशिक्षण केंद्र जहां कांफ्रेस हाल का निर्माण किया जाना है। नरेंद्र कुंडू जींद। रोहतक रोड स्थित किसान प्रशिक्षण केंद्र (हमेटी) जल्द ही आधुनिक सुविधाओं से लैस होने जा रहा है। विभाग द्वारा यहां प्रशिक्षण के लिए आने वाले किसानों को सभी आधुनिक सुविधाएं मुहैया करवाई जाएंगी। हमेटी में दो कांफ्रेंस हाल बनाए जाएंगे। दोनों कांफ्रेंस हालों में सभी हाईटेक सुविधाएं मौजूद होंगी। कांफ्रेस हाल के साथ-साथ एक आधुनिक लाइब्रेरी भी बनाई जाएगी। ताकि किसान व्यावहारिक ज्ञान के साथ-साथ किताबी ज्ञान भी प्राप्त कर सकें। लाइब्रेरी में किसान किताबों के माध्यम से अपना मनोरंजन कर सकेंगे। इससे किसान प्रशिक्षण के दौरान उबन महशूस नहीं करेंगे। विभाग द्वारा हमेटी की कायाकल्प के लिए लगभग एक करोड़ रुपए का बजट तैयार किया गया है। आधुनिक खेती को बढ़ावा देने के साथ-साथ कृषि विभाग किसानों को भी हाईटेक करने में जुटा हुआ है। यहां प्रशिक्षण के लिए आने वाले किसानों को आधुनिक खेती के साथ-साथ तकनीकी गुर भी सीखाए जाएंगे। किसानों के स्तर को ऊंचा उ

नौकरी के साथ-साथ जिंदगी भी खतरे में

अधिकारियों द्वारा सेंक्शन खत्म होने के बाद भी दबाव बना कर लिया जाता है काम नरेंद्र कुंडू जींद। बिजली निगम में डीसी रेट पर कार्यरत एएलएम इन दिनों अनाथ हो गए हैं। प्रदेशभर में कार्यरत लगभग 6 हजार एएलएम की सेंक्शन एक फरवरी से खत्म हो गई है और बिजली निगम मुख्यालय द्वारा अब तक कोई नई सेंक्शन नहीं भेजी गई है। सेंक्शन खत्म होने के बाद भी बिजली निगम डीसी रेट के कर्मचारियों से पहले की तरह काम ले रहा है। नौकरी खोने के भय से ये कर्मचारी दबाव में काम करने के लिए मजबूर हैं। यदि इस दौरान डीसी रेट के किसी कर्मचारी के साथ कोई हादसा हो जाता है तो उसका जिम्मेदार तो भगवान ही होगा, क्योंकि निगम को इस हादसे से पल्ला झाड़ने में कोई परेशानी नहीं होगी। हरियाणा बिजली वितरण निगम ने कर्मचारियों की तंगी से राहत पाने के लिए 2008 में 6 हजार असिस्टेंट लाइनमैन (एएलएम)6 माह के लिए डीसी रेट पर भर्ती किए थे। 2008 के बाद बिजली निगम मुख्यालय द्वारा हर 6 माह बाद डीसी रेट के कर्मचारियों के लिए नई सेंक्शन तैयार की जाती थी। मुख्यालय से नई सेंक्शन मिलने के बाद इन कर्मचारियों को दोबारा से काम सौंपा जाता था। लेकिन इस बार बिजल

पेंशन की टेंशन को कम करने के लिए विभाग ने तोड़ी चुप्पी

नरेंद्र कुंडू जींद। पेंशन की टेंशन को कम करने के लिए समाज कल्याण विभाग ने पेंशन वितरण प्रणाली में कुछ फेर बदल किए हैं। विभाग ने अब इस समस्या से निजात पाने के लिए अपनी चुप्पी तोड़ दोबारा से पुराना पेटनर अपनाया है। इस पेटनर में सिर्फ थोड़ा बदलाव किया गया है। विभाग द्वारा नियमों में किए गए फेरबदल के अनुसार अब निजी कंपनियों से ग्रामीण क्षेत्रों की पेंशन वितरण का काम छिन कर सिर्फ शहरी क्षेत्रों की पेंशन वितरण का जिम्मा सौंपा गया है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र में पेंशन वितरण का काम दोबारा से पंचायतों को सौंपा गया है। अब देखना यह है कि फीनों कंपनी विभाग द्वारा सौंपी गई इस नई जिम्मेदारी को निभाने में कहां तक सफल हो पाएगी। प्रदेश में लगभग एक साल पहले सरकार ने पेंशन वितरण प्रणाली को सुगम बनाने के लिए पेंशन वितरण का काम बैंकों के सुपुर्द किया था। जिसके बाद बैंकों ने अपने सिर से बोझ कम करने के लिए यह काम विभिन्न निजी कंपनियों को सौंप दिया था। निजी कंपनियों को प्रदेश में पेंशन वितरण की जिम्मेदारी देने के साथ-साथ साफ निर्देश जारी किए थे कि कंपनियों को पात्र पेंशन धारकों के कार्ड बनाने होंगे तथा समय

जिले में खूब चमक रहा है मिलावटखोरों का कारोबार

खाली पड़ा है ड्रग इंस्पेक्टर का पद नरेंद्र कुंडू जींद। आप जो दवा खा रहे हैं, वह असली है या नकली इसकी कोई गारंटी नहीं है। क्योंकि जिस विभाग के कंधों पर यह जिम्मेदारी है, वह विभाग खुद ही बेसहारा है। जिले में गत चार सालों से ड्रग इंस्पेक्टर का पद खाली पड़ा है। कुछ समय तक तो स्वास्थ्य विभाग ने दूसरे जिलों से आयातित ड्रग इंस्पेक्टर के सहारे काम चलाया, लेकिन अब यह व्यवस्था भी दम तोड़ चुकी है। क्योंकि स्वास्थ्य विभाग के पास अब यह जिम्मेदारी नहीं है। सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को इससे अलग करते हुए इसकी जिम्मेदारीफूड एंड ड्रग सेफ्टी विभाग को सौंप दी है। जिस कारण स्वास्थ्य विभाग भी अब इस ओर से अपना मुहं मोड़ चुका है। जिस कारण अब एक साल से यहां किसी भी अधिकारी को इसका अतिरिक्त चार्ज नहीं सौंपा गया है। इस पद के खाली होने से मिलावटखोर व नकली दवा विक्रेता बेलगाम हैं। जिले में पिछले काफी समय से न तो मैडीकल स्टोरों की चेकिंग हुई है और न ही सैंपल भरे जा रहे हैं। इसके अलावा नकली मिठाई व दूध का कारोबार करने वालों का गोरखधंधा भी चमक रहा है। विभाग की इस लापरवाही से लोगों का स्वास्थ्य दांव पर है। जिले में पिछल

डिजीटल पंचायत ने साक्षरता की ओर बढ़ाए कदम

.....ताकि मजबूत हो सके देश की नीव शिक्षा समिति उठा रही गरीब व असहाय बच्चों की पढ़ाई का बीड़ा नरेंद्र कुंडू जींद। देश की पहली डिजीटल पंचायत का दर्जा हासिल करने वाली बीबीपुर की पंचायत अब शिक्षा के क्षेत्र में भी अपनी धाक जमाने की कवायद में लगी हुई है। पंचायत द्वारा गांव के भावी कर्णधारों को अच्छी शिक्षा उपलब्ध करवा, एक अच्छे समाज के निर्माण में अपनी भागीदारी दर्ज करवाने के उद्देश्य से गांव में शिक्षा समिति का गठन किया गया है। यह समिति समय-समय पर गांव के स्कूलों का निरीक्षण करती है और जरूरतमंद बच्चों की मदद करती है। पंचायत ने समिति में रिटायर्ड टीचरों को नियुक्त किया है, ताकि इनकी सेवाएं लेकर बच्चों को शिक्षा में पारंगत किया जा सके। जो बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं, उनको कक्षाओं तक ले जाने की कवायद भी समिति कर रही है। शिक्षा के साथ-साथ समिति गांव में आपसी भाईचारे को कायम रखने के लिए भी प्रयासरत है। समिति द्वारा हर त्यौहार को स्कूलों में पूरे परंपरागत ढंग से मनाया जाता है। ताकि बच्चे हमारी संस्कृति व रीति-रिवाजों का अनुसरण कर आपसी प्यार-प्रेम व भाईचारे को कायम रख सकें। पंचायत द्वारा उठाए गए

नौकरी सरकारी, बने व्यापारी

सैंपल के लिए आई दवाइयों के बदले पशु पालकों से ऐंठे जाते हैं पैसे नरेंद्र कुंडू जींद। नौकरी सरकार की हो रही है, लेकिन खुद का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। जिले में वेटरनरी सर्जन व सहायक वेटरनरी चिकित्सक सरकारी ड्यूटी बजाने की बजाय प्राइवेट प्रेक्टिस को ज्यादा तव्वजो दे रहे हैं। पशु चिकित्सक निजी स्वार्थ के लिए पशु पालकों की जेबों पर डाका डाल रहे हैं। सारा दिन सरकारी अस्पताल सूने पड़े रहते हैं, जबकि इनमें ड्यूटीरत चिकित्सक गांवों में प्राइवेट प्रेक्टिस में लीन रहते हैं। इनता ही नहीं दवा कंपनियों की ओर से पशु चिकित्सकों को मिलने वाले सैंपलों को भी ये धड़ल्ले से बेच रहे हैं। इस तरह वेटरनरी सर्जन व सहायक वेटरनरी चिकित्सक खुलेआम पशु पालकों की जेबें कट कर मोटी चांदी कूट रहे हैं। प्रदेश में पशु व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। लेकिन सरकारी अस्पताल में मौजूद वेटरनरी सर्जन (वीएस) व सहायक वेटरनरी चिकित्सक (वीएलडीए) सरकार की इस मेहनत पर पानी फेर रहे हैं। यहां तो बाड़ ही खेत को खा रही है। ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों में मौजूद पशु चिकित्सक सरकार की ड्यूटी कम, अपना बिजनश