...ताकि किसानों को न पड़े कीटनाशकों की जरुरत
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अल व चेपे से चिंतित न हों किसान सरसों की फसल में लगा अल नरेंद्र कुंडू जींद। खेतों में सरसों व गेहूं की फसल तैयार हो रही है, लेकिन फसल में आए अल व चेपे से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें बढ़ रही हैं। क्योंकि ये शकाहारी कीट फसल की टहनियों, कलियों व पत्तियों से रस चुसकर अपना वंश चलाते हैं। जिससे फसल की पैदावार पर काफी प्रभाव पड़ता है। गेहूं की फसल में होने वाली पेंटिडबग व सरसों की फसल में होने वाली एफिड (अल या चेपे) के कीट से फसल का बचाव करने के लिए कृषि वैज्ञानिक किसानों को कीटनाशक स्प्रे की सलाह दे रहे हैं। लेकिन इसके विपरित कीट प्रबंधन के प्रति जागरूक किसान पिछले 6-7 सालों से इसका उपचार कीट प्रबंधन से ही कर रहे हैं तथा इसे चिंता का विषय न बताकर अन्य किसानों को भी फसल में किसी प्रकार के कीटनाशकों का प्रयोग न करने की सलाह दे रहे हैं। निडाना खेत पाठशाला के किसान फसल में पाई जाने वाली मासाहारी सिरपट मक्खी व लेडी बिटल को अल व चेपे के कीड़ों का वैद्य बता रहे हैं। धान व कपास की फसलों के भावों में हुई भारी गिरावट के बाद अब किसानों को गेहूं व सरसों की फसल में आए पेंटिडबग व एफिड (अल व चे