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आईटी विलेज बीबीपुर ने ऊर्जा संरक्षण की तरफ बढ़ाए कदम

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संगोष्ठी में विजेता छात्रा को सौलर लालटेन0 वितरित करते सरपंच व मुख्यातिथि। नरेंद्र कुंडू जींद। आईटी विलेज बीबीपुर ने सूचना एवं प्रौद्योगिक (इंटरनेट) पर धूम मचाने के बाद अब ऊर्जा संरक्षण की तरफ अपने कदम बढ़ाए हैं। इसके लिए पंचायत ने गांव को पूर्ण रूप से सीएफएल ट्यूब युक्त बनाने की मुहिम शुरू कर दी है। 6 हजार की आबादी वाले इस गांव में 2700 सीएफएल ट्यूब लाइट लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। फिलहाल इस मुहिम के तहत 1700 बिजली के बल्बों को हटाकर सीएफएल ट्यूब लाइट लगाने का कार्य पूरा कर लिया गया है। जिस पर पंचायत द्वारा साढ़े तीन लाख रुपए खर्च किए गए हैं। अगर फिडर के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो गांव में ऊर्जा संरक्षण की मुहिम शुरू करने से पहले एक माह में बिजली की खपत 2 लाख 5 हजार यूनिट थी, लेकिन 1700 सीएफएल लगने के बाद बिजली की खपत में 5 से 6 हजार यूनिट की कमी हुई है। जबकि पूरा गांव सीएफएल ट्यूब युक्त होने के बाद यह खपत घटकर डेढ़ लाख तक सीमित हो जाएगी। पंचायत ने इस मुहिम को सफल बनाने के लिए गांव का सर्वे शुरू करवा दिया है। 70 विद्यार्थियों की चार सर्वे टीमों को यह कार्यभार सौंपा गया

ऊर्जा संरक्षण में प्रदेश का नंबर वन जिला बना जींद

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नरेंद्र कुंडू जींद। प्रदेश में जींद जिले को बेशक पिछड़े जिलों में शुमार किया जाता हो, लेकिन ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में जिले ने दबंगई दिखाई है। ब्लड डोनेशन के बाद अब जींद जिले ने ऊर्जा संरक्षण में भी प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त कर लिया है। ऊर्जा संरक्षण में जींद जिला प्रदेश के अन्य जिलों के लिए रोल मॉडल के रूप में उभरा है। भारत सरकार के नवीनीकरण उर्जा स्त्रोत मंत्रालय द्वारा जवाहर लाल नेहरू नेशनल सोलर मिशन के तहत जींद जिले के सातों खंड विकास अधिकारी के कार्यालयों में सौलर प्लांट लगाए गए हैं। इन प्लांटों पर मंत्रालय द्वारा 6 लाख 30 हजार रुपए से भी अधिक की राशि खर्च की गई है। जिले के सभी खंडों में सौलर प्लांट लगाने वाला जींद जिला प्रदेश में पहला जिला बन गया है। अब जिले में बिजली कटों की वजह से सरकारी कार्यालयों में कामकाज प्रभावित नहीं होगा, क्योंकि भारत सरकार के नवीनीकरण उर्जा स्त्रोत मंत्रालय द्वारा जवाहर लाल नेहरू नेशनल सौलर मिशन के तहत जिले के सभी सातों खंड विकास अधिकारी कार्यालयों में सौलर प्लांट लगा दिए गए हैं। ये प्लांट लगाने के मामले में जींद जिला प्रदेश में पहला जिला बन गया

यहां सरकारी बाबू ही तय करते हैं नियम.....

परिचालक लाइसेंस के लिए आवेदन करने वालों से जमा करवाए जाते हैं मूल प्रमाण पत्र नरेंद्र कुंडू जींद। सरकारी कार्यालयों में कायदे-कानून तोड़ना तो अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए स्टेट्स सिम्बल हो गया है। आम आदमी भले ही कायदे-कानूनों को तोड़ने से हिचकिचा जाए, लेकिन सरकारी बाबू इसकी कतई परवाह नहीं करते हैं। फिलहाल इसकी बानगी एसडीएम कार्यालय में देखने को मिल रही है। यहां कर्मचारियों द्वारा परिचालक लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले आवेदकों से फर्स्ट एड के मूल प्रमाण पत्र जमा करवाए जा रहे हैं, जबकि नियम के अनुसार इसके लिए फोटो कॉपी ही तय की गई है। एसडीएम कार्यालय में फर्स्ट एड के मूल प्रमाण पत्र जमा होने के कारण युवा सही रूप में इसका इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं, जिससे उनका फर्स्ट एड के लेक्चरार बनने के सपने पर भी ग्रहण लग गया है।    एक तरफ तो सरकारी बाबुओं का रौब, दूसरी तरफ कामकाज की लंबी प्रक्रिया खुद-बे-खुद ही कामकाज के लिए सरकारी कार्यालय में आने वाले लोगों को तोड़ देती है। यहां के सरकारी कार्यालयों में तो कर्मचारियों पर •ोड चाल की नीति लागू होती है। एक बार जो प्रक्रिया शुरू कर दी जाए बस फिर

अब सीधे किसानों तक पहुंचेंगी कृषि विभाग की योजनाएं

वेबसाइट से फसलों के भावों की भी जानकारी लेंगे किसान नरेंद्र कुंडू जींद। कृषि विभाग के अधिकारी अब विभाग द्वारा शुरू की गई किसान हितेषी योजनाओं से किसानों को विमुख नहीं रख सकेंगे। कृषि विभाग द्वारा किसानों के लिए जो योजनाएं शुरू की जाएंगी, उस योजना की सारी जानकारी कृषि विभाग के मुख्यालय द्वारा सीधे चौ. छोटू राम किसान क्लब घिमाना को भी भेजी जाएगी। इसके बाद किसान क्लब के सदस्य विभाग की उस योजना को सीधे किसानों तक पहुंचाने का काम करेंगे। कृषि मंत्री सरदार परमवीर सिंह ने इसके लिए कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं। इस प्रकार अब किसान क्लब के सदस्य किसानों व कृषि विभाग के बीच एक मजबूत कड़ी का काम करेंगे। इतना ही नहीं अब क्लब के सदस्यों द्वारा किसानों को अपडेट रखने के लिए एक वेबसाइट भी तैयार की जा रही है। इस वेबसाइट पर किसान हितेषी सभी योजनाओं का ब्योरा डाला जाएगा। इसके अलावा क्लब के सदस्यों द्वारा वेबसाइट के माध्यम से किसानों की सभी समस्याओं का समाधान भी  किया जाएगा। वेबसाइट पर सभी मंडियों के भाव भी डाले जाएंगे, ताकि किसान घर बैठे प्रदेश की सभी मंडियों के भावों की जानकारी

‘विज्ञान दर्पण’ पर लापरवाही की धूल

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 तीन माह बाद भी स्कूलों में नहीं पहुंच पाई पत्रिकाएं नरेंद्र कुंडू जींद। सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों में साइंस और टेक्नोलॉजी के प्रति उत्सुकता बढ़ाने के मकसद से शुरू की गई ‘विज्ञान दर्पण’ पत्रिकाएं इन दिनों शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में ही धूल फांक रही हैं। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा इन पत्रिकाओं का वितरण जनवरी माह तक सभी स्कूलों में करवाया जाना था, लेकिन तीन माह से ये पत्रिकाएं शिक्षा अधिकारी के कार्यालय की रद्दी की टोकरी में ही दफन हैं। विद्यार्थियों के अलावा इन पत्रिकाओं में अध्यापकों के लिए भी  विभाग से जुड़ी नवीनतम जानकारियां उपलब्ध करवाई जाती हैं, ताकि अध्यापकों को स्कूल में बैठे-बिठाए ही विभागीय नियमों व बदलावों की जानकारियां मिल सकें। लेकिन यहां सरकार की इस योजना पर पूरी तरह से विभागीय अधिकारियों की लापरवाही का ग्रहण लग चुका है और ये पत्रिकाएं केवल रद्दी बनकर रह गई हैं।      शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में रखी पत्रिकाएं जिन्हें स्कूलों में बांटा जाना था। सरकार प्रदेश में शिक्षा स्तर को ऊंचा उठाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। सरकारी स्क

किसानों को कीट प्रबंधन का पाठ पढ़ा रहे हैं खेत पाठशाला के किसान

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 कीट साक्षरता केंद्र में किसानों को कीटों की पहचान करवाते मास्टर ट्रेनर किसान। नरेंद्र कुंडू जींद। रोहतक रोड स्थित नई अनाज मंडी में सैन्चरी इवेंट पलेनर ग्रुप के तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय किसान मेले में भी किसान खेत पाठशाला के किसान छाए हुए हैं। मेले में किसान खेत पाठशाला के किसानों द्वारा किसानों के लिए कीट साक्षरता केंद्र लगाया गया है। किसान खेत पाठशाला के कीट कमांडो किसान अपने स्तर पर मेले में आने वाले किसानों को फसल में पाए जाने वाले मासाहारी व शाकाहारी कीटों तथा बिना कीटनाशक का प्रयोग किए अच्छी पैदावार लेने की सारी जानकारी उपलब्ध करवा रहे हैं। मेले में आने वाले किसान भी कीट साक्षरता केंद्र पर पहुंचकर अपना ज्ञान बढ़ा रहे हैं। किसान खेत पाठशाला की लोकप्रियता को देखते हुए मेले के आयोजनकों ने कीट साक्षरता केंद्र के किसानों को मेले में मुफ्त में जगह उपलब्ध करवाई है। कीट प्रबंधन में माहरत हासिल करने वाले किसान खेत पाठशाला निडाना के किसान अब नई अनाज मंडी में आयोजित किसान मेले में आने वाले जिले के अन्य किसानों को भी कीट प्रबंधन का पाठ पढ़ा रहे हैं। खेत पाठशाला के कीट कमांडो क

दूसरी पंचायतों को स्वच्छता का पाठ पढ़ाएगा आईटी विलेज

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नरेंद्र कुंडू जींद। देश की पहली हाईटेक पंचायत बीबीपुर अब गंदगी के खिलाफ विशेष मुहिम छेड़ेगी। पंचायत ने गंदगी को ठिकाने लगाने के लिए ठोस कचरा प्रबंधन का प्रोजेक्ट तैयार किया है। पंचायत द्वारा ठोस कचरा प्रबंधन प्रोजेक्ट पर दो लाख से भी ज्यादा रुपए खर्च किए जाएंगे। पंचायत द्वारा 1 लाख 30 हजार रुपए की लागत से गांव में एक शैड तैयार किया गया है तथा गांव की गंदगी को शैड में डालने के लिए 20 हजार रुपए से रिक्शा खरीदी गई हैं। पंचायत द्वारा प्रोजेक्ट को शत प्रतिशत कारगर बनाने के लिए प्रत्येक घर में एक-एक कूड़ादान रखा जाएगा। प्रत्येक कूड़ादान में दो पार्ट होगे, एक भाग में ज्वलनशील तथा दूसरे भाग में अज्वलनशील कूड़ा एकत्रित किया जाएगा और इसी तरह कूड़े को शैड में डाला जाएगा। शैड में भी ज्वलनशील व अज्वलनशील कूड़े के लिए दो अलग-अलग भाग तैयार किए गए हैं। शैड में एकत्रित इस कूड़े से जो जैविक खाद तैयार होगा उस जैविक खाद को पंचायत अपनी आमदनी का जरिया बनाएगी। पंचातय द्वारा उठाए गए इस कदम से प्रशासन अन्य पंचातयों को भी स्वच्छता का पाठ पढ़ाएगा। आईटी विलेज बीबीपुर ने इंटरनेट पर धूम मचाने के बाद अब गंदगी के खिलाफ व

सावधान! कहीं आस्था पर भारी ना पड़ जाए लालच की मार

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पिछले वर्ष कुट्टू के आटे से हुई घटनाओं के बाद भी नींद से नहीं जागा प्रशासन दुकान में स्टोक में रखा कुट्टू का आटा। नरेंद्र कुंडू जींद। पिछले वर्ष नवरात्रों में कुट्टू के आटे ने जमकर तांडव मचाया था। स्वास्थ्य विभाग तथा खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की सुस्ती का खामियाजा हजारों श्रद्धालुओं को भुगतना पड़ा था। पिछले वर्ष कुट्टू का आटा खाने से हुई घटनाओं से इस बार भी जिला प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया है। माता के नवरात्रे शुरू हो चुके हैं, लेकिन जिला प्रशासन गहरी नींद में है। गत वर्ष हजारों को दर्द देने वाला यह आटा इस वर्ष भी बाजार में बिकने के लिए बेताब है, लेकिन जिला प्रशासन लकीर का फकीर बना हुआ है। अभी तक प्रशासन ने आटे के सैंपल लेने तक की जहमत नहीं उठाई है। जिला प्रशासन की इस लापरवाही के कारण इस वर्ष भी व्यापारी करोड़ों की चांदी कूटकर हजारों को जख्म देकर साफ निकल जाएंगे और बाद में जिला प्रशासन के पास सिर्फ लकीर पिटने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा। माता के नवरात्रे 23 मार्च से शुरू हो चुके हैं और जिले में नवरात्रों की तैयारियां जोरों पर हैं। कट्टू के आटे का बाजार सज चुका है और श्रद्धाल

सरकारी योजनाओं के नाम पर उद्यान विभाग में चल रहा फर्जीवाड़ा!

जांच की मांग को लेकर उपायुक्त से मिले किसान क्लब के सदस्य आज समाज नेटवर्क जींद। जिला उद्यान विभाग प्रगतिशील किसानों के लिए आई योजनाओं में जमकर फर्जीवाड़ा कर रहे है। सरकार की तरफ से प्रगतिशील किसानों को प्रोत्साहन करने के लिए मिनी कीट भेजी गई थी, लेकिन इन कीटों को उद्यान विभाग के अधिकारियों ने गलत तरीके से बांट दिया है। मिनी कीट पात्र किसानों को न देकर अपने चेहेतों में वितरित कर दी। उद्यान विभाग में दूसरा फर्जीवाड़ा तब सामाने आया जब विभाग द्वारा किसानों को तकनीकी ज्ञान देने के लिए भेजे गए टूर पर अधिकतर ऐसे लोगों को ले जाया गया जिनका खेतीबाड़ी से कोई संबंध ही नहीं हैं। इस प्रकार अधिकारियों ने तकनीक टूर पर भी किसानों की बजाए अपने चहेतों को ही प्राथमिकता दी। मामले का खुलासा चौधरी छोटू राम किसान क्लब घिमाना के सदस्यों ने किया। किसान क्लब के सदस्यों ने बुधवार को उपायुक्त से मिलकर मामले की जांच करने की मांग की। उपायुक्त ने मामले को गंभीरता से लेते हुए क्लब के सदस्यों को निष्पक्ष मामले की जांच का आश्वासन दिया। एक तरफ सरकार किसानों को आर्थिक रुप से सुदृढ़ करने के उद्देश्य से तकनीकी खेती को बढ़ाव

विद्यार्थियों के शैक्षणिक भ्रमण के सपने पर बजट का ग्रहण

जिले से 23935 विद्यार्थियों को भेजा जाना था टूर पर    नरेंद्र कुंडू जींद। जिले के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की शैक्षणिक भ्रमण पर जाने की तमन्ना अधूरी ही रह गई। सर्व शिक्षा अभियान द्वारा विद्यार्थियों को किताबी ज्ञान के साथ-साथ बौद्धिक ज्ञान अर्जित करवाने की यह योजना फाइलों में ही दफन होकर रह गई है। इस योजना के तहत जिले से 23935 स्कूली बच्चों को शैक्षणिक भ्रमण पर भेजा जाना था। इसके लिए प्रत्येक स्कूल को एसएसए की तरफ से 10 हजार रुपए का बजट उपलब्ध करवाया गया था। एसएसए द्वारा सभी स्कूली मुखियाओं को विद्यार्थियों को भ्रमण पर ले जाने के लिए केवल रोडवेज की बस के प्रयोग के निर्देश दिए गए थे। लेकिन स्कूल मुखियाओं के लिए 10 हजार रुपए के बजट से टूर का खर्च तो दूर रोडवेज का किराया निकालना भी मुश्किल था। इस प्रकार बजट की मार ने स्कूली बच्चों के शैक्षणिक भ्रमण पर जाने की इस योजना पर ग्रहण लगा दिया। सर्व शिक्षा अभियान के तहत स्कूली बच्चों को सैर करवाने का वायदा फिलहाल वायदा ही नजर आ रहा है। स्कूली बच्चों ने जो सर्व शिक्षा अभियान के तहत सैर पर जाने का सपना देखा था वो बजट की कमी ने

निडाना के किसान ने खोजा नया परजीवी खरपतवार

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 सरसों की फसल में मौजूद खरपतवार को दिखाता किसान व मौजूद कृषि अधिकारी। नरेंद्र कुंडू जींद। खेतीबाड़ी की समझ के मामले में निडाना के किसान अच्छे-अच्छे वैज्ञानिकों को मात दे रहे हैं। कीटनाशक रहित खेती को बढ़ावा देने तथा फसल में मौजूद कीटों के जीवनचक्र के बारे में अधिक से अधिक जानकारी जुटाने की इनकी यह जिज्ञासा हर रोज किसी न किसी नई खोज को जन्म दे रही है। अब निडाना गांव के एक जागरुक किसान ने सरसों की फसल को नुकसान पहुंचाने वाले एक ऐसे परजीवी ख्ररपतवार को ढूंढा है, जिसके बारे में कृषि वैज्ञानिक भी ज्यादा जानकारी नहीं रखते हैं। इतना ही नहीं अब इस किसान ने रुखड़ी (ओरबंकी) नामक इस खरपतवार का तोड़ भी खुद ही ढूंढ़ लिया है। निडाना गांव के रणबीर मलिक द्वारा खोजे गए इस नए परजीवी खरपतवार पर सर्च करने के लिए उनके साथ खेत में मौजूद उपमंडल कृषि अधिकारी ने इसका सेंपल भी लिया है। ताकि इस खरपतवार के बारे में पूरी जानकारी जुटाकर किसानों को इसके बारे में जागरुक किया जा सके। खेतीबाड़ी के क्षेत्र में निडाना गांव के किसान आज देश में अपनी एक अलग पहचान बना चुके हैं। इन किसानों की सफलता के चर्चेआज दूर-दूर तक फैल च

तेरी याद ‘जा’ रही है.....

नरेंद्र कुंडू जींद। परीक्षा का भूत विद्यार्थियों पर इस कदर हावी हो चुका है कि वे अच्छे अंक प्राप्त करने, याददाशत बढ़ाने और एनर्जी लेवल मेनटेन रखकर तनाव कम करने के लिए दवाओं कार निर्भर हो चुके हैं। कंपीटीशन का दौर है, लिहाजा वे पिछे नहीं रहना चाहते। आगे निकलने की होड़ में वे अपने ही स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। उन्हें नहीं पता कि एनर्जी बढ़ाने के लिए जिन दवाओं का सहारा लेने की वे नादानी कर रहे हैं, वही उनके •ाविष्य को गहन अंधकार में डुबो देगी। ऐसी दवाओं का सर्वाधिक प्रतिकूल प्रभाव दिमाग व लिवर पर पड़ता है। तनाव से मुक्ति दिलाने वाला यह धीमा जहर धीरे-धीरे उनकी रगों में फैलकर खोखला कर रहा है। दवा निर्माता कंपनियां अवसर को भुनाने से नहीं चूक रही हैं। तनाव कम करने तथा याददाशत बढ़ाने के भ्रामक प्रचार कर रही हैं और भावी पीढ़ी लुट रही है। समय की मांग है कि लिहाजा अभिभावकों का दबाव भी कम नहीं है। उज्जवल भविष्य के लिए परीक्षा में अच्छे अंक लाने की अनिवार्यता जाहिर है। यह महत्वाकांक्षा और प्रतिस्पर्धा छात्रों के रास्ते का कांटा बन गई है। वे गहरे अवसाद में जा रहे हैं। तनाव के चलते याद किया टॉपि

....अब पप्पू नहीं होगा फेल

प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में नए सत्र से लागू होगी सतत समग्र मूल्यांकन प्रणाली नरेंद्र कुंडू जींद। अब पप्पू कभी फेल नहीं होगा। देश में शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 लागू होने के बाद प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में भी सत्त एवं समग्र मूल्यांकन प्रणाली लागू कर दी गई है। इसके तहत अब अध्यापकों को कक्षा में पढ़ाते समय ही बच्चे का समग्र मूल्यांकन करना होगा। अध्यापक द्वारा बच्चे की मासिक अर्द्धवार्षिक व वार्षिक परीक्षाफल का विश्लेषण कर बच्चों की कमजोरियां पता की जाएंगी और उनका निदान करने हेतु उपचारात्मक शिक्षण किया जाएगा। यदि किसी बच्चे की कमी में कोई सुधार नहीं हो रहा तो अध्यापक को उस बच्चे पर अतिरिक्त समय लगाना होगा। इसी तरह बच्चे की लिखित एवं मौखिक अभिव्यक्ति जांचने के उद्देश्य से लिखित एवं मौखिक दोनों तरह के आकलन की व्यवस्था लागू की जा रही है। शिक्षा सत्र 2011-12 से पायलट आधार पर इसे लागू किया जाएगा। शिक्षा विभाग ने एसएसए के जिला मुख्यालय पर नोट बुक भेज दी हैं। अब सभी स्कूलों को नोट बुक उपलब्ध करवाने की व्यवस्था सर्वशिक्षा अभियान (एसएसए)को स्वयं करनी है। आठवीं कक्षा तक का कोई

हाईटेक पंचायत बीबीपुर ने फेसबुक पर दी दस्तक

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ग्राम पंचायत बीबीपुर का लोगो। नरेंद्र कुंडू जींद। देश की पहली हाईटेक पंचायत ने अब सोसल साइट्स फेसबुक के माध्यम से दूसरी पंचायतों के लिए जागरूकता अभियान शुरू किया है। पंचायत द्वारा गांव में होने वाली सभी गतिविधियों को फेसबुक पर डाला जाता है, ताकि प्रदेश के अन्य पंचायतों के सरपंच व पंचों को पंचायतों के अधिकारों के बारे में जागरुक किया जा सके। ग्राम पंचायत का फेसबुक से जुड़ने का मुख्य उद्देश्य शहरी क्षेत्र के लोगों को गांव में होने वाली गतिविधियों से परिचित करवाना तथा गांव को शहरों की तर्ज पर विकसित करना है। इसके अलावा पंचायत द्वारा फेसबुक पर देश की दूसरी पंचायतों को स्वच्छता कार्यक्रम, मनरेगा स्कीम को कारगर ढंग से लागू करने के टिप्स भी  दिए जा रहे हैं। पंचायत द्वारा फेसबुक पर कन्या भ्रूण हत्या जैसी सामाजिक कुरीतियों को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए सेव गर्ल्ज चाइल्ड नाम से एक अलग ग्रुप बनाया गया है। जिस पर इंसान की अंतरात्मा को झकझोर कर रख देने वाले कन्या भ्रूण हत्या विरोधी चित्र व मार्मिक स्लोगन डाले गए हैं। देश में पहली हाईटेक का दर्ज प्राप्त कर चुकी बीबीपुर पंचायत ने अब फेसबुक पर भी

शैक्षणिक भ्रमण पर जाएंगे विद्यार्थी

भ्रमण के लिए एसएसए द्वारा प्रत्येक स्कूल को दिए जाएंगे 25 हजार नरेंद्र कुंडू जींद। सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले एससी विद्यार्थियों के लिए एक अच्छी खबर है। एसएसए (सर्व शिक्षा अभियान) सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले एससी विद्यार्थियों को टूर का तोहफा देने जा रहा है। विद्यार्थियों को शैक्षणिक  भ्रमण पर भेजने के पीछे विभाग का उद्देश्य बच्चो को किताबी ज्ञान के साथ-साथ बौद्धिक ज्ञान अर्जित करवाना है। इसके लिए जिले से चार स्कूलों का चयन किया गया है। एसएसए द्वारा चयनित किए गए प्रत्येक स्कूल से 50 विद्यार्थियों को भ्रमण पर भेजा जाएगा। भ्रमण पर विद्यार्थियों के साथ जाने वाले तीन अध्यापकों में एक साईंस अध्यापक होना अनिवार्य है, ताकि भ्रमण के दौरान विद्यार्थियों में विज्ञान के प्रति रुचि पैदा की जा सके। एसएसए द्वारा भ्रमण के लिए प्रत्येक स्कूल पर 25 हजार रुपए खर्च किए जाएंगे। नरवाना व अलेवा ब्लॉक के दोनों स्कूलों को 17 तथा जींद व जुलाना के दोनों स्कूलों को 18 मार्च को भ्रमण के लिए भेजा जाएगा। एसएसए ने सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले एससी विद्यार्थियों को किताबी ज्ञान के साथ-साथ बौद्धिक ज्ञान अर्जित करवाने

शैक्षणिक भ्रमण पर जाएंगे विद्यार्थी

भ्रमण के लिए एसएसए द्वारा प्रत्येक स्कूल को दिए जाएंगे 25 हजार नरेंद्र कुंडू जींद। सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले एससी विद्यार्थियों के लिए एक अच्छी खबर है। एसएसए (सर्व शिक्षा अभियान) सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले एससी विद्यार्थियों को टूर का तोहफा देने जा रहा है। विद्यार्थियों को शैक्षणिक  भ्ररमण पर भेजने के पीछे विभाग का उद्देश्य बच्चो को किताबी ज्ञान के साथ-साथ बौद्धिक ज्ञान अर्जित करवाना है। इसके लिए जिले से चार स्कूलों का चयन किया गया है। एसएसए द्वारा चयनित किए गए प्रत्येक स्कूल से 50 विद्यार्थियों को भ्ररमण पर भेजा जाएगा। भ्ररमण पर विद्यार्थियों के साथ जाने वाले तीन अध्यापकों में एक साईंस अध्यापक होना अनिवार्य है, ताकि भ्ररमण के दौरान विद्यार्थियों में विज्ञान के प्रति रुचि पैदा की जा सके। एसएसए द्वारा भ्ररमण के लिए प्रत्येक स्कूल पर 25 हजार रुपए खर्च किए जाएंगे। नरवाना व अलेवा ब्लॉक के दोनों स्कूलों को 17 तथा जींद व जुलाना के दोनों स्कूलों को 18 मार्च को  भ्ररमण के लिए भेजा जाएगा। एसएसए ने सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले एससी विद्यार्थियों को किताबी ज्ञान के साथ-साथ बौद्धिक ज्ञान

कानून इनके ठेंगे पर

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नरेंद्र कुंडू जींद। सैंया भए कोतवाल तो डर काहे का। यह बात यहां के प्रशासनिक अधिकारियों पर बिल्कुल फिट बैठ रही है। प्रशासनिक अधिकारियों के ठीक नाक के नीचे लघु सचिवालय के पास स्थित डीसी कॉलोनी में कायदे-कानूनों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी चुप्पी साधे बैठे हैं। डीसी कॉलोनी में अधिकारियों के आवासों व आसपास खाली पड़े प्लाटों में सब्जियों की फसलें उगाई जा रही हैं। इतना ही नहीं कुछ अधिकारियों के सेवादार तो कॉलोनी में मवेशियां पालकर अपना व्यवसाय चलाते हैं और खाली पड़ी जमीन में खेती भी करते हैं। पशुओं को नेहलाने व खेती में सिंचाई के लिए ये हर्बल पार्क व जनस्वास्थ्य विभाग के पानी की चोरी कर विभाग को मोटा चूना लगाते हैं। ऐसा करने से अगर इन्हें कोई रोकता है तो ये साहब का रोब दिखाकर उसकी बोलती बंद कर देते हैं। प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा आज तक इनके खिलाफ कोई कार्रवाई न करना प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशाल खड़ा करता है। सरकारी कर्मचारियों ने वीआईपी कॉलोनी को ही पशुओं के तबेले में तबदील कर दिया है। शहर की आफिसर कॉलोनी में नियमों को ताक पर रख

मायके में भी कीट प्रबंधन की अलख जगाएंगी निडाना की महिलाएं

धान व कपास के सीजन से शुरू करेंगी अभियान नरेंद्र कुंडू जींद। जब बेटी ब्याह कर घर से बिदा होती है तो मायके वाले उसे सास-ससुर की सेवा करने तथा ससुराल में अपने मायके की साख बनाए रखने की सीख देते हैं, लेकिन अब निडाना महिला किसान खेत पाठशाला की महिलाएं अपने पिहरियों को कीट प्रबंधन की सीख देंगी। कीट प्रबंधन में दक्ष ये महिलाएं अपने मायके में जाकर कीटनाशक रहित खेती की अलख जगाएंगी, ताकि हमारी थाली में बढ़ते इस जहर को कम किया जा सके। धान व कपास के सीजन से ये महिलाएं हर सप्ताह इकट्ठी होकर क्रमवार अपने-अपने मायके में कीट प्रबंधन पाठशाला चलाएंगी। मायके में लगने वाली इस पाठशाला का सारा खर्च मायके वाले उठाएंगे। कीट प्रबंधन में माहरत हासिल करने के बाद निडाना महिला किसान खेत पाठशाला की महिलाओं ने थाली में बढ़ते जहर को कम करने का बीड़ा उठाया है। अब जल्द ही ये महिलाएं टीचर की भूमिका में नजर आएंगी। चूल्हे-चौके के साथ-साथ ये महिलाएं अब किसानों को कीट प्रबंधन के गुर सीखाएंगी। इस अभियान की शुरुआत ये अपने अपने मायके से करेंगी। डॉ. सुरेन्द्र दलाल ने बताया की इस अभियान को सफल बनाने के लिए इन महिलाओं ने एक समूह

....अब गुरु जी भी सीखेंगे तकनीकी गुर

14 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर 10 से नरवाना में नरेंद्र कुंडू जींद। शिक्षा विभाग ने सर्व शिक्षा अभियान के तहत स्कूलों में कार्यरत पीटीआई अध्यापकों को आधुनिक गुरों से लैस करने की योजना तैयार की है। इस योजना के तहत प्रदेशभर के पीटीआई अध्यापकों के लिए डिविजन के अनुसार कैंप लगाए जाएंगे। इन कैंपों में मास्टर ट्रेनरों द्वारा पीटीआई अध्यापकों को खेलों की नई तकनीकों के बारे में ट्रेंड किया जाएगा। इसी कड़ी के तहत नरवाना के नवदीप स्टेडियम में 10 मार्च से 23 मार्च तक 14 दिवसीय कैंप का आयोजन किया जाएगा। इस कैंप में 12 जिलों के पीटीआई अध्यापक भाग लेंगे। 14 दिवसीय कैंप में मास्टर ट्रेनरों द्वारा पीटीआई अध्यापकों को बारिकी से एथलेटिक्स के गुर सिखाए जाएंगे। ट्रेनिंग के दौरान पीटीआई अध्यापकों को अपने साथ सिर्फ बिस्तर लेकर आने होंगे, बाकि की सारी व्यवस्था एसएसए द्वारा की जाएगी। खेलों के क्षेत्र में प्रदेश के स्तर को ओर ऊंचा उठने तथा खिलाड़ियों को समय-समय पर खेलों की नई तकनीकी जानकारियां उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से शिक्षा विभाग ने एक खास योजना तैयार की है। सर्व शिक्षा अभियान के तहत इस योजना को अमल में लाया

भविष्य के कर्णधारों ने चुनी किताबें

नरेंद्र कुंडू जींद। जिले के सरकारी स्कूलों की लाइब्रेरियां अब अध्यापकों की मर्जी से नहीं, बल्कि विद्यार्थियों की मर्जी से सजेंगी। सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए) द्वारा जींद में आयोजित दो दिवसीय पुस्तक मेले में जिले से 207 स्कूलों से 1035 विद्यार्थियों ने भाग लिया। स्टेट प्रोजेक्ट डायरेक्टर (एसपीडी) ने जिस उम्मीद से इस बार पुस्तकों के चयन की कमान शिक्षकों के हाथ से छीनकर देश के इन भावी कर्णधारों के हाथों में सौंपी थी, तो इन कर्णधारों ने भी एसपीडी की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए अपनी सुझबुझ का परिचय दिया। एसपीडी द्वारा उठाए गए इस कदम से जहां इस बार बच्चे अपनी मनपसंद की पुस्तकें खरीद सके, वहीं पुस्तक पब्लिसरों व अध्यापकों के बीच होने वाली सांठगांठ पर भी अंकुश लगा। इस बार पुस्तक मेले में एसएसए द्वारा अध्यापकों व अभिवकों के प्रवेश पर पूरी तरह से बैन लगाया गया था। इस दौरान पुस्तक मेले से प्रत्येक हाई स्कूल की लाइब्रेरी के लिए 150 से 200 व सीनियर सेकेंडरी स्कूल की लाइब्रेरी के लिए 200 से 250 पुस्तकें खरीदी गई। क्या थे पुस्तक मेले के नियम इस बार पुस्तक मेले में पुस्तकों के चयन की जिम्मेदारी अध्य

डीएड व बीएड कॉलेजों पर छाए संकट के बादल

एनसीटीई की दो टीमों ने दी कॉलेजों में दस्तक नरेंद्र कुंडू जींद। जिले के डीएड व बीएड कॉलेजों पर संकट के बादल छाए हुए हैं। पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा ( रास्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिसद ) एनसीटीई के क्षेत्रीय निदेशक को फटकार लगाने के बाद एनसीटीई ने एनसीटीई एक्ट की धारा 17 के तहत निजी डीएड व बीएड कॉलेजों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इसके लिए एनसीटीई की दो टीमें 24 फरवरी से जींद जिले के कॉलेजों का निरीक्षण कर वहां व्याप्त खामियों का लेखा-जोखा तैयार कर रही हैं। निरीक्षण के दौरान कॉलेज में चल रहे गड़बड़झालों के उजागर होने के डर से निजी कॉलेज संचालकों के पैरों तले से जमीन खिसक गई है। क्योंकि अधिकतर कॉलेज एनसीटीई द्वारा निर्धारित मापदंड व मानकों पर खरे नहीं उतर पाने के कारण उन पर गाज गिरना तय है। हाईकोर्ट ने बिना प्रदेश सरकार के अनापत्ति प्रमाण पत्र के अंधाधुंध बीएड व डीएड कॉलेजों को मान्यता देने पर एनसीटीई की खिंचाई की है। हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए एनसीटीई को 6 माह पहले यह निर्देश दिए थे कि वह सभी डीएड व बीएड कॉलेजों का निरीक्षण कर हाईकोर्ट में स्टेट्स रिपोर्ट दाख

कर्मचारियों को रास नहीं आ रहा ई-सेलरी सिस्टम

नरेंद्र कुंडू जींद। सरकार की आधुनिकरण की नीति ई-सेलरी सिस्टम कर्मचारियों को रास नहीं आ रही है। यह सिस्टम लागू तो कर दिया गया, लेकिन इसके बारे में कर्मचारियों को कोई तकनीकी जानकारी न होने के कारण यह सुविधा उनके लिए आफत बन गई है। तकनीकी जानकारी के अभाव के कारण कर्मचारी ई-सेलरी का साफ्टवेयर आॅपरेट नहीं कर पा रहे हैं। इसके अलावा ज्यादातर कार्यालयों में कंप्यूटर व ब्राडबैंड इंटरनेट की सुविधा नहीं है और जहां पर ये सुविधा है, वहां दक्ष कंप्यूटर आप्रेटर नहीं है। कंप्यूटर व नेट र्वकिंग का तकनीकी प्रशिक्षण नहीं होने की वजह से कर्मचारियों को साइबर कैफे के चक्कर लगाने पड़ रहा हैं। सरकार की इस आधुनिकरण की नीति के कारण कर्मचारियों को अपने वेतन की चिंता सताने लगी हैं। सरकार की आधुनिकरण की नीति के तहत विभिन्न विभागों में काम करने वाले कर्मचारियों को जल्द वेतन मुहैया करवाने के लिए प्रदेश में जनवरी माह से ई-सैलरी सिस्टम लागू किया गया है। जिसमें कर्मचारियों का वेतन हरियाणा ट्रेजरी एंड खजाना विभाग द्वारा ई-सैलरी के माध्यम से निकाला जाना है। इसके तहत सबसे पहले शिक्षक व कर्मचारियों को नेट वर्किग के माध्यम

...हाय राम ये दुखड़ा मैं किस-किस से कहूं

जिला कष्ट निवारण समिति ने आठ माह से नहीं सुनी जन समस्याएं नरेंद्र कुंडू जींद। सरकार में प्रतिनिधित्व के मामले में जिला पूरी तरह से अनाथ होकर रह गया है। पहले कष्ट निवारण समिति की बैठक में ही लोग अपना दुखड़ा रो लेते थे, लेकिन अब तो उसका सहारा भी नहीं रहा। पिछले 8 माह से जिला कष्ट निवारण समिति की चेयरपर्सन द्वारा एक बार भी जिले में बैठक नहीं ली गई है। अगर पिछले 10 साल के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो जिले में ऐसा पहली बार हुआ है कि जिला कष्ट निवारण समिति के मुखिया द्वारा लगातार आठ माह से एक बार भी लोगों की शिकायतएं नहीं सुनी गई हों। जबकि पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला व बंसीलाल जैसे दिग्गज नेता मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए भी हर माह जिले के लोगों के बीच पहुंचकर उनकी शिकायतें सुनते थे। इस बारे में जिला प्रशासन के आला अधिकारी चुपी साधे हुए हैं। कोई भी अधिकारी बात करने को तैयार नहीं हैं। जिस कारण जिले में जन समस्याएं दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं और उनके दर्द पर मरहम लगाने वाला कोई नहीं है। जन समस्याओं के निदान के लिए बनाई गई जिला कष्ट निवारण समिति जिले के लोगों के लिए बेमानी साबित हो रही है।

निजी अस्पतालों में लुट रहे मरीज

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सामान्य अस्पताल में अल्ट्रासाऊंड कक्ष के बाहर लटकता ताला। सामान्य अस्पताल में कई माह से बंद पड़ी है अल्ट्रासाऊंड मशीन नरेंद्र कुंडू जींद। सामान्य अस्पताल में अल्ट्रासाऊंड मशीन व मरीजों को डॉ. का इंतजार है। अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट का पद खाली होने के कारण लाखों रुपए की अल्ट्रासाऊंड मशीन पिछले लगभग 6 माह से धूल फांक रही है। अल्ट्रासाऊंड मशीन बंद होने के कारण मरीज निजी अस्पतालों में लुटने को मजबूर हैं। इसमें सबसे ज्यादा परेशानी तो बीपीएल परिवारों व गर्भवती महिलाओं को हो रही है। सरकारी अस्पतालों में लचर स्वास्थ्य सेवाओं और विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण निजी अस्पताल संचालकों की पौ-बारह हो रही है। शहर के सामान्य अस्पताल में मरीजों को अल्ट्रासाऊंड की सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए जिला रेडक्रॉस सोसाइटी द्वारा 2003 में ब्लैक एंड व्हाइट मशीन रखी गई थी। रेडक्रॉस द्वारा अस्पताल में अल्ट्रासऊंड के लिए आने वाले मरीजों से जो फीस ली जाती थी, उसका कुछ हिस्सा सोसाइटी अस्पताल प्रबंधन को देती थी। अस्पताल में सामान्य चार्ज पर अल्ट्रासाऊंड की सुविधा मिलने के कारण सोसाइटी को मरीजों का अच्छा र